मेरा लंड सिकंदर बड़ी साली की चूत के अन्दर-3
(Mera Lund Sikandar Badi Sali Ki Chut Ke Andar- Part 3)
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हैलो फ्रेंड्स.. अन्तर्वासना ने मेरी हिंदी सेक्स कहानी को अपनी पेज पर जगह दी.. जिसका मैं बहुत आभारी हूँ।
मैं धीरज कुमार फिर से आपके सामने अपनी सेक्स कहानी लेकर प्रस्तुत हुआ हूँ।
मेरी कथा
‘मेरा लौड़ा सिकंदर.. बड़ी साली की चूत के अन्दर’
को आप सबने काफी पसंद किया और काफी अच्छा रिस्पॉन्स दिया.. जिसके लिए मैं आपका शुक्रगुजार हूँ।
इस कहानी का अगला का भाह आप सबके पेशे नजर है।
उस रात मैंने अपनी बड़ी साली अंजलि के साथ बहुत चोदम-चुदाई की..
फिर सुबह मेरे सास-ससुर मेरे साले की ससुराल से लौट आए थे।
उस समय तनु बाथरूम में थी और अंजलि किचन में थी, सास भी ऊपर के बाथरूम में चली गई थीं और ससुर जी मेरे पास आकर बैठ गए।
वे साले साहब की ससुराल में हुई घटना का विस्तार से बखान करने लगे और मेरा दिमाग चाटने लगे।
मेरा ध्यान तो बस पिछली रात को हुए सेक्स में ही घूम रहा था। जैसे-तैसे वो चुप हुए और कहा- रवि (मेरा साला) अपनी ससुराल में ही रुक गया है.. वो 3-4 दिन बाद आएगा.. इसलिए आपको यहीं रहना पड़ेगा।
तनु की डिलीवरी का पूरा टाइम हो गया था उसका ध्यान रखने के लिए मैंने हालात को समझते हुए ‘हाँ’ कर दी।
ससुर जी ने अंजलि को आवाज लगा कर चाय के लिए बोला।
कुछ देर बाद सासू जी चाय लेकर आईं, तो उन्होंने बताया कि अंजलि को रसोई के काम में हाथ नहीं लगाना है।
मैं समझ गया कि ये यह कहना चाह रही हैं कि उसके पीरियड स्टार्ट हो गए हैं।
मैंने सोचा कि लो गई भैंस पानी में.. अब 4 दिनों तक कुछ नहीं होगा।
मैं तैयार होकर आस-पास के पड़ोसियों की दुकानों पर टाइम पास करने लगा।
जैसे तैसे 4 दिन गुजरे.. अंजलि से बात करने का कोई मौका नहीं मिल रहा था क्योंकि उनके यहाँ रिवाज़ था कि कोई माहवारी वाली स्त्री गर्भवती स्त्री के पास भी नहीं आती थी इसलिए अंजलि ऊपर के कमरे में ही रहती थी।
मैं कहीं दूर जाकर उससे मोबाइल पर बात करने की कोशिश करता.. पर वो इशारों से मुझे कॉल नहीं करने के लिए मना करती थी।
चौथी रात को अचानक तनु को दर्द हुआ.. तो उसे मैं और मेरे सास-ससुर सरकारी हॉस्पिटल लेकर गए, साथ में तनु के अंकल का लड़का कमल भी आया था।
जनाना वार्ड में पुरुषों का प्रवेश वर्जित था.. तो सिर्फ मेरी सासू ही तनु को लेकर डिलीवरी रूम में गईं।
डॉक्टर ने कहा- अगले 3-4 घण्टे में डिलीवरी हो जाएगी।
तो ससुर जी ने मुझसे कहा- आप दोनों घर चले जाओ।
उनके काफी जोर देने के बाद मैं और कमल घर की ओर आ गए।
रास्ते में ससुर जी का कॉल आया कि 2 चादर चाहिए होंगी.. तो किसी से भिजवा दीजिएगा।
कमल चादर लेकर वापस चला गया।
मैंने मौका देखकर अंजलि को अपनी बांहों में जकड़ लिया.. वो भी कुछ देर तक मुझसे लिपटी रही।
फिर उसने कहा- आप फिर से पापा बनने वाले हो.. कुछ पार्टी-वार्टी हो जाए।
मैंने कहा- ठीक है बोलो क्या चाहिए?
तो उसने कहा- मुझे तो बियर पीनी है।
ये सुन कर मैं एकदम से चौंक गया।
‘अरे आप कब से..’
उसने कहा- मोहित और मैं हर संडे को पीते हैं।
मैंने ‘हाँ’ भर दी.. फिर मैं तुरंत बाजार चला गया और 3 बियर के केन लेकर आया।
मैंने एक केन अंजलि को दी और वो तुरंत ही पूरी की पूरी बियर गटक गई, फिर दूसरी पीते हुए कहा- आज बहुत दिनों बाद बियर मिली है।
मैंने कहा- किसी को पता चल गया तो वाट लग जाएगी।
उसने कहा- कुछ नहीं होगा.. आज तक कोई नहीं जान पाया.. मेरी तो आदत है आज पहली बार थोड़ी पी रही हूँ।
मैं हँस दिया।
फिर उसने कहा- अगर सेक्स करना है तो कमल को कैसे भी करके यहाँ मत सोने देना।
मैंने एक प्लान बनाया और कमल को कॉल किया ‘साले साहब.. कुछ पार्टी हो जाए.’
वो झट से मान गया।
फिर मैंने कहा- मैं एक बियर तो ले आया हूँ.. आप एक और ले आओ। मैंने सोचा कि अकेले-अकेले मजा नहीं आएगा.. तो आपको कॉल कर दिया।
उसने कहा- मुझे एक घण्टा लगेगा.. तब तक आप पीयो.. मैं और ले आऊँगा।
तो मैंने कहा- ठीक है.. जब आप लेने जाओ.. तो मुझे कॉल करना मैं आपको बताऊँगा कि मुझे कौन सी चाहिए।
उसने ‘हाँ’ कर दी।
अब मेरे पास एक घंटा था, मैंने घर को लॉक किया और सीधा अंजलि के पास चला गया।
मैंने उससे कहा- कमल एक घण्टे के बाद आएगा।
वो खुश हो गई।
मैंने तुरंत अपने कपड़े उतारे और उसके कपड़े भी उतारने लगा।
उसने कहा- आज कोई भी आ सकता है.. तो हम पूरे कपड़े नहीं खोलते हैं।
मैं हामी भरते हुए उसके ऊपर लेट गया।
उसने कहा- तुम्हारे चोदने से मेरे पीरियड शुरू हो गए थे.. आज जरा धीरे-धीरे करना।
मैंने कहा- मेरी जान चिंता मत करो.. आज बड़े प्यार से प्यार करूँगा।
फिर मैंने बहुत चूमा.. वो भी हल्के नशे के शुरूर में थी। मैं भी मजे वाले नशे में था।
हम दोनों ने एक-दूसरे को बहुत चूमा.. बहुत चाटा। फिर मैंने उसके बोबों को निकाल कर बहुत दबाया और दोनों मम्मों को खूब चूसा।
फिर मैं उसकी छाती पर बैठ गया और अपना लौड़ा उसके मुँह में घुसा दिया।
साथ ही मैं अपनी उंगली को उसकी चूत में डालकर आगे-पीछे करने लगा.. जिससे वो बहुत गर्म हो गई।
एक तो नशा और ऊपर से लौड़ा.. नीचे से उंगली.. तीनों का कॉम्बिनेशन ऐसा मिला कि उसकी आँखें लाल हो गईं।
अब वो बड़े मजे से ऊपर-नीचे झटके लगा रही थी, मेरे लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी।
वो जितना मजा ले रही थी.. उससे मुझे लगा कि ये अभी झड़ जाएगी।
फिर मैं क्या करूँगा.. तो मैंने अपना लौड़ा उसके मुँह से निकाला और अपनी उंगलियां उसकी चूत से निकालीं। फिर मैंने अपने लौड़े पर कंडोम लगा दिया। उसकी दोनों टांगों को फैलाकर उसकी चूत में अपना लौड़ा एक झटके में घुसा दिया।
फिर एक लंबी सांस भरके मैंने शॉट लगाने शुरू कर दिए।
नशे में मदहोश वो जोरदार झटके लगा रही थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी।
न मैं रुक रहा था और न वो रुक रही थी।
मैंने उनके बोबों को पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया और रुक-रुक कर शॉट लगाने लगा।
अब वो मेरे हाथों को पकड़ कर मेरी जाँघों पर बैठ गई और मुझे पकड़ कर खुद कूदने लग गई।
थोड़ी देर बाद जब वो चरम सीमा पर पहुँची.. तो उसने मेरा मुँह चूमना शुरू कर दिया।
फिर वो कामुकता भरी आवाज के साथ झड़ गई और मुझसे लिपट गई।
ऐसा लग रहा था कि जैसे वो नशे के मारे बेहोश हो गई।
मैंने उसे हिलाया..
तो वो बोली- मजा आ गया.. अब तुम फटाफट मेरे चूत में अपना सारा पानी छोड़ दो।
ऐसा कहकर वो बिस्तर पर गिर गई.. मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत में से निकाला और कंडोम हटाकर अपना लौड़ा उसकी चूत में घुसेड़ दिया और जोर-जोर से झटके लगा कर अपना सारा माल उसकी चूत में भर दिया।
फिर 15-20 शॉट लगाकर उसके ऊपर गिर गया।
वो बोली- आज मेरा बदला पूरा हुआ।
मैंने कहा- कैसा बदला?
तो उसने मुझे किसी को नहीं बताने और तनु को ना कहने का वादा लेकर बताया।
‘जब तनु कुंवारी थी.. तो वो गर्मी की छुट्टियों में मेरे यहाँ आई थी.. तो मोहित ने कैसे नशीला शरबत पिला कर तनु को चोदा था। उस दिन तनु बहुत रोई थी। तो मैंने मन ही मन उसको इंसाफ दिलाने के लिए ये ठान लिया था कि मैं भी खुद को तनु के पति से चुदवा कर अपनी बहन को इंसाफ दिलाऊँगी।’
इतना सुनकर मेरा खून खौल गया।
उसने मुझे समझाया कि उसमें तनु का कोई कसूर नहीं था, उसके बदले में तुमने मुझे चोद लिया.. अब इस बात को यहीं भूल जाओ क्योंकि एक बात निकलेगी.. तो सारे राज खुल जाएंगे।
मैं चुप था।
फिर उसने कहा- ये सब बातें छोड़ो और मेरी चूत में पानी एक बार और निकालो क्योंकि अब कमल आता ही होगा।
मैं फिर से वैसे ही अपने लौड़े को झटके देने लगा और कुछ ही देर में पानी उसकी चूत में छोड़ दिया।
उसने कहा- अब तुम अपने कपड़े पहनो और नीचे जाओ.. कमल आता ही होगा।
मैंने पूछा- फिर कब करेंगे।
‘जब मौका मिलेगा.. तब करेंगे।’
अब मैं कपड़े पहनकर नीचे आ गया।
उतने में ही कमल का कॉल आया- जीजाजी कौन सी लोगे?
मैंने अपना ब्रांड बताया और कहा- दो लाना।
कुछ देर बाद वो आया और हम दोनों ने जम के बियर पी।
फिर मैं अंजलि को कब मिला.. यह आपको अगली कहानी में बताऊँगा।
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