होली में चुदाई का दंगल-4

(Holi Me Chudai Ka Dangal- Part 4)

राजा रानी 2019-04-16 Comments

This story is part of a series:

ग्रुप सेक्स की इस हॉट इन्सेस्ट स्टोरी में आपने पढ़ा कि मेरे सामने मेरी बीवी, बहन और मदमस्त साली तीनों नंगी थीं. उनके एक खेल के अनुसार मुझे आंख पर पट्टी बाँध कर तीनों के बारी बारी से मम्मे मसल कर ये तय करना था कि पहले दूसरे तीसरे क्रम के अनुसार मैंने किस किस के मम्मे दबाए थे. सही बताने पर ही मेरा टास्क पूरा माना जाना था.

अब आगे:

मैंने तीनों के मम्मों को मसल मसल कर जानने की पूरी कोशिश कर ली थी. अब बारी थी, उन तीनों के नाम बताने की. इसलिए मैंने सबसे पहले राधिका का, फिर दिशा का और आखिर में सोनल का नाम लिया.
राधिका ने कहा- सबसे पहले दिशा थी, फिर मैं आई थी और आखिर में सोनल थी.

यानि मेरा अनुमान गलत निकला, लेकिन सोनल को दो पॉइंट्स मिल चुके थे. मुझे सबसे पहले दिशा को चोदना था, इसलिए अगली बार मुझे सावधानी रखनी थी

अब मुझे तीनों की पीठ सहलानी थी. मैं बारी बारी से तीनों के पास गया और हरेक की पीठ को सहलाया. फिर तीनों के नाम बताए. सबसे पहले सोनल, फिर दिशा और आखिर में राधिका का नाम लिया. इस बार मेरा अनुमान सही निकला.

इस जीत के बाद मेरे पास एक माल आ गई और मैं उसकी गांड सहलाने लगा. ये राधिका थी, उसके बाद सोनल और आखिर में दिशा की गांड मेरे हाथों ने मसली थी. लेकिन मैंने सबसे पहले सोनल का नाम लिया, फिर राधिका और आखिर में दिशा का नाम लिया. लेकिन मेरे ये अनुमान गलत निकले.

इस बार राधिका को दो पॉइंट्स, दिशा के तीन और सोनल के पास भी तीन पॉइंट्स थे. यानि मेरे पास सबसे पहले दिशा को चोदने का ये आखिरी मौका था.

अब मैं खड़ा हो गया था. वो तीनों एक के बाद एक मेरे लंड को चूसने आईं. सबसे अच्छा लंड चूसना मुझे पहले लगा और इससे मुझे समझ आया कि यह राधिका होगी, लेकिन मैंने सोनल का नाम ले लिया. फिर दिशा का और आखिर मैं राधिका नाम लिया.

राधिका- राज तुम अब पट्टी निकाल सकते हो.

मैंने पट्टी निकाल दी और सोचने लगा कि शायद मुझे सबसे पहले दिशा चोदने को मिलेगी. लेकिन पॉइंट्स के हिसाब से ये तय हुआ कि मुझे सबसे पहले अपनी बहन सोनल की सील तोड़ने पड़ेगी, फिर ही मैं दिशा को चोद पाऊंगा. अन्दर से मैं थोड़ा मायूस था, लेकिन खुश भी दिख था कि अब मुझे चोदने के लिए एक सील पैक चूत मिलने वाली है. सील तोड़ने मौका मिलने की सोच से ही मेरा लंड खूंखार हो उठा. जिसके लिए मेरा लंड कब से तड़प रहा था.

सोनल थोड़ी निराश थी क्योंकि वो सबसे पहले नहीं चुदना चाहती थी. क्योंकि उसे पता था कि पहले चुदना मतलब अपनी शामत बुलाना थी. लेकिन अब उसका पहले चुदना पक्का था.

राधिका ने कहा- क्यों ना चुदाई से पहले हम सब थोड़ा थोड़ा कुछ खा लें, फिर बाद में हम चुदाई का दंगल शुरू करेंगे.
मैं- ठीक है, इससे हम सब थोड़ा रेस्ट भी कर लेंगे.

इसके बाद हम सब दूसरे कमरे में आ गए और डाइनिंग टेबल पर बैठ गए. हम सब पूरे नंगी अवस्था में थे. मेरे एक बाजू सोनल थी, तो दूसरी ओर दिशा थी. मैं दोनों की जांघ को सहला रहा था. तभी राधिका खाना लेकर आई. फिर हमने ब्लैक डॉग के पैग के साथ बात करते हुए खाना शुरू कर दिया.

राधिका ने दारू का एक घूँट भरते हुए कहा- सोनल, सबसे पहले आज तुम राज से चुदने वाली हो, क्या तुम राज के झटके सहन कर पाओगी?
दिशा ने सिप लेते और मुस्कराते हुए कहा- वो तो जब इसकी चुत में लंड घुसेगा, तब पता चलेगा.
सोनल राधिका से बोली- भाभी, आपको को पता ही होगा कि मेरा भाई आपको कैसा चोदता है तो आप ही बताओ न?
राधिका- अपने भाई से ही पूछ लो.
मैं- एक बात तो पक्की है सोनल और दिशा … आज तुम दोनों की आवाजें पूरे कमरे में गूंजने वाली हैं.
यह कह कर मैं राधिका की तरफ देखकर मुस्कुरा दिया.
दिशा- वो तो देखेंगे कि आप कितनी देर तक हम तीनों को चोद पाते हैं.

ऐसे खाते समय हम चुदाई की बात कर रहे थे. फिर हम चारों का खाना खत्म हुआ और हम सभी मुँह हाथ धोकर चुदाई के लिए रेडी हो गए.

मैंने सिगरेट सुलगा कर कश खींचा, तो मेरे हाथ से सोनल ने सिगरेट ले ली.
मैं उससे कहा- चलो बहना … अब अपनी चुत फटवाने के लिए तैयार हो जाओ.
सोनल ने धुंआ उड़ाते हुए कहा- मैं तो न जाने कब से आपके लौड़े के लिए प्यासी हूँ राजा भैया.

उसके इतना कहते ही मैं सोनल को अपनी गोद में उठा लिया और उसे कमरे में ले जाकर डबलबेड पर पटक दिया. मेरे पीछे वो दोनों बहनें भी आकर बेड पर बैठ गईं.
मैंने सोनल को चित लिटाया और उसके ऊपर चढ़ने लगा.

तभी वो मुझे प्रोटेक्शन पहनने को बोली.
मैं कुछ बोलूँ, उससे पहले राधिका ने कहा.- सोनल तुम्हारे भाई से बिना प्रोटेक्शन के ही चुदने में मजा आता है, तुम टेंशन मत लो, तुम्हें कुछ भी नहीं होगा.

सोनल बिना कंडोम के चुदने को राजी हो गई. मैं सोनल के ऊपर चढ़ गया और उसको किस करने लगा. मैं सोनल को गरम कर रहा था. सोनल भी उत्तेजित होकर सिसकारियाँ भर रही थी- आह अह ओह भाई आह आह … यू आर सो हॉट!

उधर दिशा और राधिका दोनों बहनें हम भाई-बहन को चुदाई करते देख रही थी. मैं सोनल के पूरे जिस्म पर चूम रहा था और बीच बीच में उसके मम्मों को भी मसल रहा था, जिससे वो ओर मदहोश रही थी.
मैंने देखा कि दिशा अपनी चुत में उंगली कर रही थी, तो राधिका अपने मम्मे पर हाथ घुमा रही थी.

मैं अब सोनल की गीली चुत चाटने लगा था जिससे सोनल की सिसकारियां बढ़ रही थीं, वो जोरों से ‘आह आह अह ओह भैया … चूस लो … अह आह..’ कर रही थी. सोनल अपने हाथ से मेरे बाल पकड़ कर सीत्कार कर रही थी- भाई. … अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज अब चोद डाल अपनी बहन को.

मैंने सोचा अब ये सही मौका है, इसलिए मैंने बिना देर किए अपना लंड सोनल की चुत पर रख दिया.
सोनल- भाई धीरे डालना.
मैंने एक जोर का धक्का दे मारा, जिससे वो चिल्ला उठी. उसकी चीख इतनी तेज निकली थी … मानो किसी ने उसकी चुत में गरम सरिया डाल दिया हो. एक ही झटके में मेरा आधा लंड मेरी बहन सोनल की चुत में घुस गया था.

सोनल- भाई निकाल लो … उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने अपना लंड निकाल लिया और उसके मम्मे दबाने लगा. साथ ही मैंने दिशा की तरफ देखा, वो पूरी तरह से उत्तेजित थी.

फिर मैंने इशारे दिशा को अपने पास बुलाया, वो आ गई. उसके पास आते ही मैं उसे किस करने लगा और साथ में सोनल के मम्मे भी मसलते जा रहा था.

फिर पांच मिनट बाद जब सोनल थोड़ी सामान्य हुई, तब मैंने फिर से अपना लंड सोनल की चूत पर सैट कर दिया.
सोनल- भाई धीरे से डालना, बहुत ज्यादा दर्द होता है.

मैंने उसकी बात को अनसुना करते हुए एक जोर का झटका दे मारा और फिर से मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. सोनल ने फिर से चिल्लाते हुए दिशा का हाथ पकड़ लिया.
सोनल- ओह माँ … मर गई.

इस बार मैंने बिना रुके सोनल को चोदना जारी रखा. सोनल के चिल्लाने से राधिका उसके पास आ गई और वो दिशा को साइड में करके सोनल को किस करने लगी. इधर मैं सोनल की कुंवारी बुर में लंड के लगातार झटके मारे जा रहा था.

तभी दिशा और राधिका दोनों एक दूसरे से लेस्बियन किस करने लगीं और मम्मे सहलाने लगीं. इधर राधिका के हट जाने से सोनल ने मेरी पीठ पकड़ ली. वो डर के कारण कभी बेड पकड़ रही थी. मैं ऐसी मजेदार चुत चोदकर एकदम से पागल हो गया था. मैं अपनी बहन को बेरहमी से चोदने में लगा रहा. तभी मेरी नजर उन दोनों बहनों की तरफ गई, जो हम दोनों भाई-बहन की चुदाई देखते हुए लेस्बियन सेक्स कर रही थीं.

तभी मुझे पता नहीं क्या हुआ, मैं दिशा के पास को हुआ और उसे भी सोनल के पास खींच कर लिटा लिया. दिशा अभी कुछ समझ पाती कि मैं सोनल को छोड़ कर दिशा के ऊपर चढ़ गया. मैंने एक ही झटके में अपना खड़ा लंड उसकी चुत में घुसेड़ दिया.

दिशा की माँ चुद गई, वो ऐसे झटके से एकदम से चिल्ला उठी और मुझे अपना लंड बाहर निकालने को कहने लगी. लेकिन मैंने उसकी बात माने बिना और दो तीन बमपिलाट झटके मार दिए.

राधिका को ऐसा सीन देखकर अजीब सा अहसास हो रहा था और वो सोच रही थी कि अभी मैं सोनल की बैंड बजा रहा था, फिर इतनी जल्दी से दिशा को पकड़कर चोदने में लग गया. उसको वियाग्रा पर रश्क होने लगा. शायद इसी मजे के लिए उसने ये खेल रचा था.

दिशा- ओह आह प्लीज जीजाजी … रहने दो यार … बहुत दर्द हो रहा है … अपना लंड बाहर निकालो … जल्दी..आह अह आ ओह अह … मैं मर गई.

इधर सोनल की चूत खुल गई थी, तो वो भी अपनी चुत में उंगली डालकर बोल रही थी- आह … किधर चले गए मेरे राजा भैया … अह ओह अ आह जल्दी से मेरी में डालो न.

मैंने एक हाथ से दिशा के मुँह पर हाथ रखकर उसकी आवाज दबाने की कोशिश करने में लगा था, लेकिन दिशा फिर भी तड़प रही थी.

उधर राधिका सोनल की चुत को सहलाने लगी थी. इधर मेरे मोटे लंड को सहन न कर पाने के कारण दिशा की आंख से आंसू निकल आए थे.

मैं बिना रहम किये दिशा की चूत को फाड़ने में लगा रहा. करीबन 15 मिनट लगातार दिशा की हचक कर चुदाई की तो वो शांत हो गई … मैं भी उसकी चूत से लंड निकाल कर उसके पेट पर झड़ गया.
झड़ जाने के बाद मैं उन दोनों लौंडियों के बीच लेट गया.

राधिका भी दिशा के पास आ गई. उसने देखा कि दिशा की चूत से खून निकल रहा था- दिशा तुम्हारी सील टूट चुकी है, अब तुम एक औरत बन चुकी हो.
यह कह कर राधिका उसकी चुत को साफ करने लगी.

राधिका ने सोनल से मजा लेते हुए कहा- अब पता चला कि राज कैसे चोदता है?
सोनल अधचुदी मस्त लेटी थी.

दिशा- दीदी, चूत में दर्द हो रहा है.
राधिका- पहली बार दर्द ही होता है पगली … फिर बाद में सिर्फ मजा आएगा.

मैं अपनी बाजू में लेटी सोनल के मम्मे मसलते हुए उसे किस कर रहा था और वो भी मेरा साथ देती हुई अपनी चुत में उंगली घुमा रही थी.

मेरा लंड फिर से चुदाई के लिए रेडी था. सबसे पहले मैंने राधिका को लंड चुसने के लिए कहा. राधिका मेरे लंड को साफ करके चूसने लगी. लंड खड़ा होते ही मैं अपनी बहन सोनल के ऊपर चढ़ गया. दिशा भी अब धीमे धीमे से अपनी चुत में उंगली करने लगी थी.

इधर मैंने एक ही झटके में सोनल की गीली चुत में लंड घुसा दिया, जिससे सोनल एक बार फिर से चिल्ला उठी. लेकिन इस बार मैंने झटके मारना जारी रखे.
सोनल- आह ओह भाई धीमे चोदो, प्लीज धीमे चोदिए … अह आह आ ओ ओह …

राधिका अपनी बहन दिशा के मम्मे मसलते हुए मुझे जोश दिला रही थी- राज फाड़ दे अपनी बहन की चुत … साली की चूत बहत लंड लंड कर रही थी.

अपनी बीवी की बात सुनकर मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. इस बार मेरा पूरा लंड मेरी बहन सोनल की चूत में जा रहा था, जिससे सोनल की आंख में आंसू आ गए थे. दिशा हमें देखकर धीमे धीमे से सीत्कार कर रही थी.

सोनल का चिल्लाना बढ़ते ही, मैंने उसका मुँह अपने हाथ से बंद कर दिया. मैं सोनल को लगातार चोद रहा था और वो भी बदस्तूर चिल्ला रही थी. करीब दस मिनट बाद मैंने अपने झटकों की स्पीड कम कर ली और कुछ पल बाद रुक गया. अब सोनल की चूत से भी खून निकल रहा था. मेरे लंड पर मेरी बहन की कुंवारी बुर की सील टूटने का खून लग गया था. कुछ देर बाद मैंने सोनल को फिर से चोदना शुरू कर दिया और कुछ ही देर में उसका शरीर ढीला पड़ गया. मैं भी उसकी चूत से बाहर झड़ गया.

इसके बाद मैं राधिका को साथ लेकर बाथरूम गया और पेशाब करने लगा.

पेशाब करने के बाद मैंने राधिका को अपना लंड थमा दिया. उसने घुटने के बल बैठकर मेरा लंड चूस कर साफ कर दिया और फिर लॉलीपॉप की तरह लंड चूसने में लग गई.

फिर पांच मिनट बाद हम दोनों वापस कमरे में आ गए. वहां दिशा और सोनल दोनों एक-दूसरे को किस करके लेस्बियन का मजा ले रही थीं. वे एक दूसरे की चुत को भी सहला रही थीं.

मैंने कहा- मजा आया न मेरी प्यारी बहना और साली साहिबा?
दिशा- मजा कम आया, दर्द ज्यादा हुआ.
राधिका- पहली बार ऐसा ही होता है दिशा.

सोनल- मजा तो भाई आपको हम दोनों की चुत की धज्जियां उड़ाने में आया होगा.
मैं हंसकर बोला- तो हो जाए ओर एक राउन्ड.
दिशा- आप अब दीदी के साथ चुदाई का दंगल खेलो, हमें थोड़ा आराम करना है.
मैं- पहले मेरे लंड को खड़ा तो कर दो.

फिर दिशा और सोनल ने बारी-बारी से मेरा लंड चूसा और मैं राधिका को घोड़ी बनाकर उसकी गांड मारने लगा.
राधिका मस्ती में मोन करने लगी- आह ओह अह मेरी गांड मारो … और चोदो मेरे राजा … अह अ ओह आह!

हम दोनों को देखकर वो दोनों भी उत्तेजित होने लगी थीं. फिर कुछ मिनट बाद मैं राधिका की गांड में ही झड़ गया. झड़ने के बाद मैं दोनों कमसिन लौंडियों के बीच में लेट गया. मैंने दिशा को लंड चूसने का इशारा किया तो वो मेरा लंड चूसने लगी.

मैं- राधिका, एनर्जी की गोली लाना.
राधिका गोली लाने चली गई और मैं सोनल के मम्मे मसलते हुए उसे किस करने लगा.

इतने में राधिका दवा लेकर आ गई. मैं दवा पानी से लेकर फिर से सोनल की चुदाई के लिए तैयार हो गया था.

सोनल- भाई प्लीज़ इस बार धीमे चोदना … अभी भी दर्द हो रहा है.
मैं- जो हुकुम मेरी प्यारी बहना.

फिर मैंने अपना लंड एक ही झटके में सोनल की चुत में घुसा दिया, जिससे सोनल फिर चिल्ला उठी. इस बार मैं लंड पेलने के बाद उसे धीमे धीमे चोद रहा था, जिससे वो मजा ले ले कर सीत्कार करने लगी- आह आह अह ओह भाई चोद आह चोद डाल … अपनी बहन की चुत … आई लव यू भाई!

उसकी मीठी कराहें सुनकर मैंने भी अपनी रफ्तार बढ़ा दी और सोनल भी मेरे साथ गांड उठा कर चुदाई का मजा लेने लगी. मेरी बीवी और साली वो दोनों नंगी बहनें हमें चुदाई का मजा लेते हुए देख रही थीं.

करीब दस मिनट बाद मैं सोनल के ऊपर से उतरकर दिशा के ऊपर चढ़ गया. मैं दिशा की चूत में लंड पेल कर उसकी घमासान चुदाई करने लगा.
दिशा भी अब मेरे साथ चुदाई का मजा ले रही थी और मोन कर रही थी- आह आह ओह अआ अह आह ओह फक मी ओह जीजू!

राधिका अपनी चूत में उंगली डाल कर बोली- वाह मेरे राजा … दो नई चूतें क्या दिला दीं, तुम तो अपनी बीवी को ही भूल गए.

तभी मैंने राधिका को लेटाकर उसे भी चोदने लगा. राधिका की खेली खाई चूत में लंड पेलते ही मैंने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी, जिससे राधिका भी गरम आहें भरने लगी- अह आह राज फक मी हार्ड आह ओह!
राधिका को पंद्रह मिनट तक चोदने के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए. उसके बाद मैं सोनल और दिशा के बीच में लेट गया.

हम चारों घमासान चुदाई के दंगल से थक गए थे, इसलिए दो दो पैग ब्लैक डॉग और एक सिगरेट का मजा लेकर हम सभी आराम करने लगे.

मैं आज खुश था कि अब मेरे पास तीन मजेदार चुत हैं.
जल्द ही आपसे फिर से मिलूंगा. आपके मेल मुझे प्रोत्साहित करते हैं.

आपका अपना राजा
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top