एक लौड़े से दो चूतों की चुदाई -1
(Ek Lund Se Do Chuton Ki Chudai-1)
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हिन्दी सेक्स स्टोरी की सबसे अच्छी साईट अन्तर्वासना डॉट कॉम के पाठक पाठिकाओं को चूतेश का नमस्कार! मेरी पिछली कहानी में रीना रानी की 19 साल की कुंवारी चूत की सील तोड़ी थी और खूब चूस चूस के उस कली के मदमाते रस का स्वाद लिया था, अब आगे क्या हुआ आपकी सेवा में प्रस्तुत है।
मैंने यह भी बताया था कि मैंने रीना रानी के पापा से कहा था कि इसको छुट्टियों में हमारे साथ रहने के लिए भेज दीजिये। मेरे साले ने यह बात मान ली थी और रीना रानी का भाई ऋषि उसको अप्रैल के पहले हफ्ते में गुड़गाँव हमारे घर छोड़ कर चला गया।
उसके हमारे घर आने के बाद यह सिलसिला रोज़ का बन गया कि रात को पहले मैं जूसी रानी की चुदाई करता। जूसी रानी में एक विशेषता है कि मस्त चुदने के बाद वो बहुत गहरी नींद में सो जाती है। उसके सोने के बाद मैं दस पंद्रह मिनट प्रतीक्षा करता और फिर रीना रानी को चोदने के लिए उसके कमरे में चला जाता।
तीन दिन के बाद मेरी साली रेखा रानी भी आ गई, हरामज़ादी को चुदे तीन या शायद चार महीने हो चुके थे तो कमीनी बहुत अधिक बेचैन हो गई थी। मेरी साली रेखा से मेरे चूत चुदाई सम्बन्ध बहुत पुराने हैं। हमारी शादी के लगभग तीन माह में ही मैंने उसको पटा लिया था और हमारी चुदाई का सिलसिला आरम्भ हो गया था।
रेखा जूसी रानी से एक वर्ष बड़ी है, परन्तु उसकी शादी तीन वर्ष पहले हो गई थी, हमारी शादी के समय उसके दो बच्चे भी थे।
उसका पति एक निहायत ही घोंचू किस्म का मरगिल्ला सा था। उसको देख के यूँ लगता था कि कोई मरदाना छिपकली हो।
ज़ाहिर सी बात है कि रेखा रानी जैसी लण्ड की प्यासी, महा चुदक्कड़ हसीना उसके साथ संतुष्ट नहीं हो सकती थी। इसलिए खट से पट भी गई और पट जाने के फ़ौरन बाद चुदने को भी तैयार हो गई।
अब वो विधवा है क्यूंकि वो छिपकला मादरचोद 12 साल पहले स्वर्ग (या शायद नरक, पता नहीं) सिधार गया और रेखा रानी को मेरी रखैल बन के चुदने के लिए खुला छोड़ गया।
वो फरीदाबाद में रहती है, स्कूल में टीचर है और महीने में चार पांच दिन अपनी बहन से मिलने के बहाने हमारे घर चुदाई करने आ जाती है लेकिन बीच में मुझे तीन महीने के लिए विदेश जाना पड़ा तो इस कार्यक्रम में रुकावट आ गई और रेखा रानी काफी दिन चुदाई से वंचित रही। इसके कारण उसको चुदास की भीषण आग लगना तो स्वाभाविक ही था।
अब रेखा रानी के आने के बाद क्या क्या हुआ वही मैं आगे वर्णन करूँगा।
जब रीना रानी को इसका पता चला तो वो बहुत नाराज़ हुई, कहने लगी कि अब बुआ भी आ गई तो मैं कैसे चुदूँगी।
मैंने कहा- तू चिंता क्यों करती है मेरी चुदासी जान, तेरी बुआ को भी तो मैं गत बाईस वर्षों से चोद रहा हूँ, आने दे ना उसको… तुम दोनों को एक साथ नंगी करके आज अपन थ्री सम का लुत्फ़ लेंगे।
सुन कर रीना रानी बहुत खुश हुई और इतराते हुए बोली- सच कह रहा है राजे? तू बहनचोद रिश्तेदारी में कितनों को चोद चुका है?
मैंने झट से उसका सुन्दर मुखड़ा चूम कर कहा- रानी रिश्तेदारी में बहुत सी चूतें चखी हैं। कुछ का तो तुझे पता ही है। बाकियों का भी समय के साथ साथ पता चलता जायगा। और कमीनी तू भी तो है मेरी जान-ए-बहार!
रीना रानी ने मस्ता के लेरे लौड़े को पैंट के ऊपर से दबाते हुए हाथ फिराया। कमबख्त अकड़ के पैंट में फंसा हुआ था और बाहर निकलने को बिलबिला रहा था।
रीना रानी ने लंड को ज़ोर से दबाते हुए कहा- राजे, जूही का तो मुझे मालूम है। क्योंकि तेरे बारे में मुझको उसने ही बताया था कि वो भी तेरी रानी है।
इस पर रीना रानी ने पूछा- क्या रेखा बुआ को पता है कि मैं तुझसे चुदवाती हूँ?
मैं बोला- मालूम नहीं, अगर जूही रानी ने बता दिया हो तो कह नहीं सकता, लेकिन क्या फर्क पड़ता है आज तो साली के साथ तू चुदेगी ही। सब मालूम चल जायगा उसको और तुझे भी।
इतना कह के मैंने उसको जकड़ कर एक लम्बा सा गीला सा चुम्मा लिया और ज़ोर से उसके मम्मे निचोड़ दिए।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
पढ़ने वालों को बता दूँ कि जूही रानी भी मेरी पत्नी की भतीजी है रीना रानी की तरह, रीना रानी उसके सगे भाई की बेटी है जबकि जूही रानी उसके चचेरे भाई की।
जूही रानी रेखा रानी के साथ और रीना रानी के साथ लड़की से लड़की वाली लेस्बीयन चुदाई भी करती है। इन सबकी गाथा फिर किसी और कहानी में बयान करूँगा।
खैर रोज़ की तरह पहले मैंने जूसी रानी की जम के चुदाई की और थोड़ी देर में जब वो गहरी नींद में खो गई तो मैं धीरे से उठ के मेहमानों के कमरे में आ गया।
दोनों रानियाँ बिस्तर के एक एक कोने में बैठी हुई थीं। यूँही कुछ बेमतलब की बातचीत में समय गुज़ार रही थीं, दोनों को पता था कि दूसरी मुझसे चुदवाती है, लेकिन यह नहीं जानती थीं कि एक दूसरी को आपस में चुदने के विषय में पता है।
मैं पहले रेखा रानी की तरफ गया और उसको बाँहों में जकड़ कर बिस्तर से उठा दिया, फिर उसको दबोच के उसके मस्त होंठों से अपने होंठ सटा दिए।
अपनी सगी भतीजी रीना रानी की मौजूदगी में मेरे आलिंगन से रेखा रानी सटपटा गई और खुद को छुड़ाने की असफल चेष्टा करने लगी।
उसे मैंने बड़े ज़ोर से लिपटाया हुआ था और उसके होंठ भी अपने होंठों से जाम कर दिए थे।
तभी बदमाश रीना रानी ने बात संभाली, वो हँसते हुए बोली- घबरा मत बुआ… आज यह मादरचोद फ़ूफ़ा हम दोनों को चोदेगा… जब दोनों को नंगी होना ही है तो तू बहनचोद क्यों शर्मा रही है… खुल के मस्ती लूट माँ की लौड़ी रांड… सुन ले कमीनी, आज से न तो तू बुआ और न मैं भतीजी… बस दोनों की दोनों राजे की रखैलें… हा हा हा और जूसी की सौतनें..
मैंने रेखा रानी के मुंह से होंठ हटाकर कहा- रीना रानी, सुन, तू इस हरामज़ादी को नंगा कर दे। तब तक मैं इसके मस्त होंठ चूस चूस के मज़ा लेता हूँ। तू घबरा मत रेखा रानी, यह तेरी भतीजी बहुत चुदक्कड़ है। कुतिया ने दो महीने पहले ही मेरे से सील तुड़वाई है। आज तुम दोनों मस्त होकर थ्रीसम का लुत्फ़ उठाओ!
इस से पहले की रेखा रानी कुछ कह पाती मैंने फिर से उसका सिर भींच के उसके गुलाब की पंखड़ियों जैसे हसीन होंठों से अपने होंठ चिपका दिए और उसके मुंह में जीभ घुसा दी जिसे रेखा रानी ने तुरंत ही चूसना शुरू कर दिया।
रीना ने तुरंत ही सबसे पहले रेखा की नाइटी के भीतर सिर घुसाकर उसकी कच्छी को घसीट के उतार डाला, नाइटी के सभी बटन खोल दिए, ब्रा के भी हुक खोल दिए और कहा- राजे, थोड़ी देर के लिए इस कुतिया को चूमना बंद कर तो इसकी नाइटी उतार दूँ!
जैसे ही मैंने अपना मुंह हटा लिया तो रेखा बोली- राजे लाइट तो बंद कर दे!
रीना बोली- नहीं बहनचोद बुआ, फुल लाइट में ही नंगे होंगे। मैं भी तो देखूं अपनी बुआ के मदमस्त बदन को।
कहते कहते रीना रानी ने नाइटी को एक ही झटके में उतार फेंका और उसकी ब्रा भी खींच के एक तरफ को फेंक दी।
रेखा रानी अब मादरजात पूरी नंगी खड़ी थी, शर्म से अपने चूचियाँ बाँहों से ढक कर छुपाने की असफल कोशिश कर रही थी।
मादरचोद रेखा का 46 साल की आयु में भी कसा हुआ बदन था। किसी भी मर्द को पागल कर देने वाले बड़े बड़े साइज 40D के मम्मे, जिन पर खूब बड़ी बड़ी काली निप्पल और निप्पल का अच्छा बड़ा हल्के काले रंग का दायरा।
बहन की लौड़ी कितनी गर्म थी इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता था कि उसके निप्पल एकदम अकड़े हुए थे और दो आलिशान तोपों की भांति सामने को निशाना साधे थे।
मक्खन सी चिकनी त्वचा, टाँगें ऐसी कि आदमी 24 घंटे उनको चाटता ही रहे तो भी दिल न भरे। बेहद हसीन पैर… चिकने मुलायम और खूबसूरत।
नाख़ून थोड़े थोड़े बढ़े हुए जिन पर रेखा रानी ने नेचुरल शेड की नेल पोलिश लगा रखी थी।
गहरे काले रंग की झांटों का भरा पूरा जंगल उसके कटि प्रदेश की शोभा बढ़ा रहा था।
सुन्दर तो खैर रेखा रानी थी ही लेकिन उसका शरीर भी कुछ कम न था।
कहानी जारी रहेगी।
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