दीदी की चुत में मेरे पति का लंड-2

(Didi Ki Chut Me Mere Pati Ka Lund- Part 2)

अब तक आपने मेरी जीजा साली सेक्स कहानी के पहले भाग
दीदी की चुत में मेरे पति का लंड-1
में पढ़ा कि मेरी दीदी के साथ किचन में मेरे पति ने हरकत करना शुरू कर दी थी और दीदी के नाराज होने पर वो उनसे विनती करने लगा था.

अब आगे:

मैंने दीदी से पूछा- क्या बोला था उसने?
दीदी बोली- अमित बोला कि दीदी आप बहुत हॉट माल हो. आपका ये तराशा हुआ बदन, ये गदराई जवानी का मैं कायल हो गया हूं. ऐसी गदराई जवानी मैंने आज तक नहीं देखी है. मैं उससे थोड़ी गुस्से में बोली कि क्या अंटशंट बोले जा रहे हो? इतने में अमित बिना हिचकिचाए मेरे गालों पर उंगली फेरते हुए बोला कि मैं आपके कातिल हुस्न का दीवाना हो गया हूँ … और अगर आप अनुमति दो, तो मैं आपकी इस जवानी का रसपान करना चाहता हूँ.

यह सुनकर मेरे मन में अजीब से अनुभूति हुई. और मानो जैसे मेरे तोते उड़ गए थे. मैं कुछ बोलती इससे पहले वो फिर मुझसे गले लगकर किस करने लगा और बोला कि मैं आपको चोदना चाहता हूं. शायद आप भी मेरे लंड का स्वाद लेना चाहती हो. इतने में तेरे आने की आवाज़ आयी. तब अमित ने मेरे होंठों पर जोरदार चुम्मी ली और मेरी गांड को दबा कर वहां से भाग कर बाहर जाकर टीवी देखने लगा.

दीदी की आंखों में ये सब बताते हुए वासना के लाल डोरे तैरने लगे थे. मुझे भी उनके मुँह से ये सब सुनकर अपनी चुत में सनसनी होने लगी थी. मुझे जीजू की वो बात याद आने लगी थी, जिसमें उन्होंने मेरे पति के साथ मेरी दीदी के चुदने पर अपनी अनापत्ति जता दी थी.

फिर मैं हंसते हुए बोली- दीदी ये गलत है … आप मेरे पति के साथ चुदोगी, तो मैं कहां जाऊंगी.
इतना सुनकर दीदी थोड़ी सी इठलाती हुई बोली- मैं कहां चुदना चाहती हूँ. वो तो खुद मेरी जवानी देखकर पागलों की तरह मेरे पीछे पीछे आया और मन्नतें करने लगा.

मैं हंसने लगी.

फिर दीदी भी हंसते हुए बोली- वैसे भी मेरी इस गदराई जवानी को देखकर ना जाने कितनों की नींद खराब हो जाती है … तो तेरे पति किस खेत की मूली है. तुम्हें तो पता ही है कि मैं तेरे जीजू के अलावा और किसी को घास तक नहीं डालती हूँ. वैसे भी हम जैसे सुंदर लड़कियों के ना जाने कितने दीवाने होते हैं. ये तो तुम्हें पता ही होगा. तुम्हारे आगे-पीछे भी तो कितने भंवरे मंडराते होंगे … और तुमने तो न जाने कितनों को मौका भी दे चुकी हो. च … च … च … बेचारा अमित!

मैं दीदी की इस बात से बड़ी चुदासी हो उठी थी कि अब तक मैंने अपनी चुत में न जाने कितने लंड लिए हैं.

दीदी मेरी विचारमग्न आंखों को देख कर हंसते हुए बोली- वो तो तेरा पति था … इसलिए सोची कि थोड़ी सा टेस्ट बदल लूं.
इस पर मैं स्माइल देते हुए दीदी से बोली- अच्छा … तो मैं अपनी इस गर्म जवानी को लेकर कहां जाऊं?

तो दीदी मस्ती से बोली- तू भी मेरे पति से चुद ले न. वैसे भी तेरे जीजू कब से तुझे चोदना चाहते हैं.
मैं अनजान बनते हुए बोली- अच्छा आपको कैसे पता?
दीदी बोली- मेरी रानी … वो तो तुम्हें शादी से पहले से ही चोदना चाहता था … लेकिन उसे मौका ही नहीं मिला. या शायद तुमने उसे घास ही नहीं डाली.

ये सुनकर मैंने मन ही मन सोचा कि मौका मिलने पर सब चौका मारते ही हैं. तो आज मैं भी क्यों पीछे रहूँ. जब मेरे पति मेरी बहन को चोदेंगे, तो मैं भी जीजू से चुद लूंगी.
वैसे भी जब से शादी हुई थी, मैंने अमित के अलावा किसी और का लंड नहीं लिया था. वैसे भी मेरी चूत कब से टेस्ट बदलना चाह रही थी.

फिर मैंने दीदी के गाल को उमेठते हुए कहा- अरे वाह … दीदी मौका मिलते ही आपने तो चौका लगा दिया.
इतने में दीदी बोली- अरे सुन तो, अभी कहां चौका लगाया है. ये तो सिर्फ स्टार्टर था. मेनकोर्स तो अभी बाकी ही है.

मैं बोली- जब मन बना ही लिया है, तो चुद लो न. मैं कहां मना कर रही हूँ.
इतने में दीदी मेरे गाल को ऐंठते हुए बोली- चुद लो से मतलब क्या है. मैं इसमें पीछे रहने वाली हूं क्या?
मैं चौंकते हुए बोली- मतलब!
दीदी बोली- मेरी छुटकी, मैं तेरे पति को टेस्ट कर चुकी हूँ.
अब मैं हैरान होकर बोली- अरे कब?
दीदी बोली- कल शाम में ही … जब तू सोई थी.
मैं बोली- झूठ मत बोलो दीदी!

फिर दीदी ने पूरी गर्म कहानी सुनाई. जो मैं आज आप लोगों से शेयर कर रही हूँ.

दीदी बोली- तेरा पति बहुत बड़ा चोदू है. तेरी नज़रों से छुप छुपकर वो मुझे पूरे दिन मसलता रहा. मैं भी उसको पूरा प्रोत्साहित करती रही थी. हम लोगों ने मिड नाईट में चुदाई का प्लान बनाया था. जब तू और मेरे पति सो जाएंगे, तब छुपकर दूसरे कमरे में जाकर चुद लेंगे.
मैं बोली- अरे वाह … मुझे भनक तक नहीं पड़ी.

दीदी मेरे गाल को ऐंठते हुए बोली- और तूने तो गहरी नींद में सोकर हम लोगों का काम आसान कर दिया. जब तू सोई थी, तब तेरे पति और मेरे बीच रासलीला शुरू हो गयी थी. जैसे ही तू सोई, तेरे पति ने चुपके से मुझे गोद में उठाया और मेरे बेडरूम में ले गया. उसके बाद तो मज़ा ही आ गया यार.

मैंने बड़ी उत्सुकता से पूछा- फिर क्या हुआ दीदी?
दीदी बोली- हम्म … अपने पति का के कारनामे बड़े मजे लेकर सुन रही है.
मैं बोली- टेंशन मत लो दीदी … मैं बहुत जल्द तुम्हारे पति से चुदूंगी और फिर तुम्हें सुनाऊंगी.
इतने में दीदी मेरी चूत पर हाथ मारते हुए कहा- साली इसकी गर्मी जो न करवाए … कम है.

इतना कहकर हम दोनों बहनें हंसने लगीं. फिर दीदी अपनी चुदाई की कहानी बताने लगी.

(आगे दीदी की ज़ुबानी)

अमित ने मुझे मेरे कमरे में लाते ही मुझे बेड पर धड़ाम से पटक दिया और मेरे ऊपर सवार हो गया. उसने मेरे चेहरे पर चुम्बनों की बौछार कर दी. मैं भी सब कुछ भूलकर उसका साथ देने लगी.

फिर मैं अमित से बोली- यार जो करना है … जल्दी कर लो. अगर मधु आ गयी तो प्रॉब्लम हो जाएगी.

अमित मेरे ऊपर से उठा और मेरी कुर्ती हड़बड़ा कर उतारने लगा.
मैं बोली- यार ऐसे फट जाएगी, तुम रहने दो. तुम अपने कपड़े उतारो, मैं यह उतार लेती हूं.

लेकिन वो नहीं माना, उसने मुझे बिठा कर जैसे-तैसे मेरी कुर्ती को निकाल ही दिया. फिर एक ही झटके में ब्रा भी उतार फेंकी. मेरी ब्रा उतरते ही मेरी हरी-भरी चूचियां खुली हवा में मानो नाचने लगी थीं.

अमित ने मेरी पहाड़नुमा चूचियों को एक पल ललचाई आंखों से देखा. तो मैंने अपनी छाती उठा कर उसके सामने कर दी. इससे मेरी एक चूची उसके मुँह के सामने आ गयी.

अमित ने आव देखा न ताव … वो पागलों की तरह मेरी दोनों चुचियों को बारी-बारी से पीने और मसलने लगा. वो इतने जोश में था कि मेरी चूचियों को दांत भी काट देता था.

मैं दर्द से कराहते हुए उससे बोली- उन्ह … दांत से मत काटो यार … नहीं तो मेरे पति को पता चल जाएगा.

फिर उसने मेरे मम्मों को काटना बन्द किया … लेकिन अब भी वो बुरी तरह से मेरे दूध चूस रहा था. दूसरे मम्मे को तो वो ऐसे मसल रहा था, जैसे मेरी चूची नहीं कोई बॉल हो. मैं भी उसके दर्द को एन्जॉय कर रही थी. आज तक इतनी मस्ती और बेदर्दी से मेरे पति ने कभी नहीं मसला था. अमित के लिए तो मैं सिर्फ एक मस्त माल थी … इसलिए वो ऐसे मसल रहा था.

उसकी चुदास से मुझे ऐसा लगने लगा था कि आज मेरी बुरी हालत होने वाली है. कुछ देर बाद मैंने अमित को अपने से अलग किया, तब जाकर वो हटा.

मैं बोली- सिर्फ यही करते रहोगे क्या?
अमित वासना से आंखें भर कर बोला- लगता है तेरा पति तुझे बराबर नहीं चोदता है.
मैं बोली- साले, कभी मधु को मेरे पति के साथ सुला कर देख, फिर पता चल जाएगा.
इस पर अमित बोला- फिर इतनी जल्दी क्यों कर रही है.
मैं बोली- साले अगर तेरी बीवी आ गयी और उसने ये सब देख लिया, तो सोच ले, वो तेरा क्या हाल करेगी.

इतना सुनते ही अमित ने मेरी पजामी पेंटी समेत खींच कर अलग कर दी और मेरी चूत निहारने लगा. फिर मुझे पलटकर मेरी गांड को सहलाने लगा.

मेरे चूतड़ों को मसलते हुए अमित बोलने लगा- आह … क्या संगमरमरी हुस्न है. दिल तो कर रहा कि यूं ही मसलता रहूं.
मैं हंस दी और उसने मेरी गांड को चाटना शुरू कर दिया.

मैं तो पहले ही मदहोश थी. उसकी इस हरकत से मैं और भी गर्म हो गयी. वो मुझे पलटकर पागलों की तरह मेरी चूत चाटने लगा. मैंने भी टांगें खोल कर उसके मुँह के सामने चुत खोल दी.

वो मेरी पूरी चूत को अपने मुँह में लेकर अच्छे से चूस रहा था … जिससे से मैं एक अलग ही दुनिया में खो गयी थी. ऐसा मेरे पति कभी भी नहीं किया था.
तब मुझे इस बात की अहसास हुआ कि कभी कभी दूसरे मर्द का भी टेस्ट ले ही लेना चाहिए. अपना पति तो सिर्फ चूत या गांड मार कर छोड़ देता है. लेकिन दूसरे मर्द शरीर के हर पार्ट की अच्छे से इस्तेमाल करता है … जो चरम सुख का आनन्द देता है.

अमित करीब पांच मिनट तक इसी तरीके से मेरी चुत को कभी चाटता, तो कभी चूसता. मैं इतनी गर्मी बर्दाश्त ना कर सकी और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. मधु का पति मेरा सारा रस पी गया. फिर वो मेरी चूत को जीभ से चोदने लगा … जो मेरे लिए ऐसे परम आनन्द की अनुभूति थी … जिसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती.
चुत को जीभ से चोदते समय बीच बीच में उसका दांतों से चुत की फांकों को काटना, मेरी गर्मी मेरी बेकरारी को और बढ़ा रही थी.

मैं अब तक एकदम गर्म हो गयी थी. मैं उसकी जीभ को अपनी चुत में बहुत ज्यादा एन्जॉय भी कर रही थी. मैं तो मानो इस वक्त वासना के दरिया में गोते लगा रही थी. मैं बिल्कुल खो चुकी थी. लेकिन समय की कमी के कारण मुझे अपने आप पर कंट्रोल करना पड़ा.

मैंने अमित को जबरदस्ती हटाया और मादक आवाज़ में उससे बोली- मेरे से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. जल्दी से मेरी चूत फाड़ दे.

अमित बोला- रानी, तेरी चुत तो पहले ही तेरे पति ने फाड़ रखी है. मैं तो तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा. लेकिन शुरुआत तेरी गांड मारने से करूंगा.
मैं थोड़ी गुस्से से बोली- पागल मत बनो … इस समय आग मेरी चूत में लगी है … और साले तू पानी गांड पर डालेगा. तुम अभी यही हो न … फिर कभी गांड भी मार लेना.

ना चाहते हुए उसे मेरी बात मानना पड़ी.

फिर उसने अपने अंडरवियर को उतारा. उसका लंड एकदम तना हुआ था.

मैं उसके मोटे लंड को देख कर मस्त हो गई. मुझे उसके लंड से लगने लगा था कि बिना चिकनाई के इसका लंड लेना मेरे लिए कष्टकारी हो जाएगा. मैं क्रीम की डिब्बी की तरफ हाथ बढ़ाने लगी. तभी वो मेरे ऊपर सवार हो गया. तब तक मैंने बेड की दराज से क्रीम निकाल ली थी.

उसने क्रीम की डिब्बी देखी तो मेरी तरफ देखने लगा. मैं उसे क्रीम दे दी … और लंड पर लगाने के लिए कहा.

वो अपने लंड पर क्रीम लगाने लगा. उसका लंड मेरे पति के जैसा ही था … मगर मोटा ज्यादा था. उसने लंड पर क्रीम को लगाया और बिना पूछे मेरी चूत में जबरदस्ती पेलने लगा.

मैं दर्द से चिहुंक गयी और बोली- आह … साले आराम से पेल ना.

लेकिन उसने मेरी एक नहीं सुनी. अगले ही पल उसने एक जोर का झटका मार दिया और इस बार उसका आधा लंड मेरी चूत की गुफा में प्रवेश कर गया.

मैं उसके मोटे लंड के दर्द से छटपटाने लगी. इस वक़्त मैं चिल्ला भी नहीं सकती थी. इतने में उस कमीने ने दूसरा झटका दे मारा और पूरा लंड चुत के अन्दर घुसेड़ दिया. इस बार मैं दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकी और मैं जोर से चिल्लाने लगी. इतने में अमित मेरे होंठों को अपने होंठों से लॉक करके स्मूच करने लगा. मैं दर्द से कराह रही थी … उसे ऊपर को धकेल रही थी … लेकिन वो टस से मस नहीं हो रहा था.

वो मेरी चुत में झटके पर झटके दिए जा रहा था और अपने हाथों से मेरी चुचियों को मसल रहा था.

कुछ देर की पीड़ा के बाद अब मुझे भी मज़ा आने लगा था और मैं भी उसका साथ देने लगी थी. अब वो मेरे रसभरे होंठों को छोड़कर मेरी मदमस्त चुचियों को पीने लगा. उसने मेरी एक चूची के निप्पल को मुँह में दबाया और मेरी चुत की धज्जियां उड़ाने में लग गया.

तकरीबन 15-20 मिनट तक वो मुझे ऐसे ही तेज गति से चोदता रहा. मेरे मुँह से भी मादक सिसकारियां निकलने लगी थीं. अब तो मैं खुद अपनी गांड उठा कर उसके हर झटके का का साथ दे रही थी. कुछ ही देर में मेरी चूत लंड की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाई.

मेरे मुँह से अपने आप निकलने लगा- आह साले फाड़ दे मेरी चूत को … उफ्फ भोसड़ा बना दे मेरी चुत का … आह अपनी रंडी बना ले मुझे साले … चोद … आह मेरी चुत के छितरे छितरे उड़ा दे.

ये सब बोलने के साथ ही मेरी चुत ने गर्मागर्म पानी छोड़ दिया. लेकिन अमित अभी भी झटके मार रहा था.

तकरीबन 10 मिनट बाद वो भी झड़ने को आया. वो अति उत्तेजना में बड़बड़ाने लगा- आह साली ले कुतिया … ले रांड … तेरी तो आज चूत ऐसी की आज चटनी बना दूंगा … आह साली छिनाल कहीं की … आज तेरी सारी गर्मी निकाल दूंगा. तुझे तो मैं अपनी रखैल बनाऊंगा..

मैं भी उसका साथ देने लगी और इसी के साथ अमित ने मेरी चुत में मानो बम विस्फोट कर दिया. उसने मेरी चुत को लंड के बारूद से भर दिया और मेरे ऊपर निढाल होकर गिर गया.

हम दोनों वैसे ही तकरीबन 5 मिनट तक लेटे रहे. फिर हम अलग हुए. अभी भी मेरी चूत से लंड की मलाई निकल रही थी. पूरे चादर पर वीर्य फैल चुका था. फिर हम दोनों उठे और कपड़े पहने. मैंने झट से बेड ठीक करके चादर को वाशिंग मशीन में डाल दिया. अमित बाहर चला गया और मैं अपने अपनी बहन मधु के सामने सोफे पर जाकर सो गई.

आप लोगों को मेरे पति के लंड से मेरी दीदी की चुदाई की जीजा साली सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताइएगा.

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