भाभी की जम कर चूत चुदाई
(Bhabhi ki Jam kar Choot Chudai)
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ।
मेरा नाम सुमित है, मैं आगरा से 20 साल का जवान लड़का हूँ, मेरा लंड 5.5” लंबा और 2.5” मोटा है।
आज मैं आपको अपनी जिन्दगी में हुई एक सच्ची कहानी के बारे में बताता हूँ.. जो मेरे और मेरी भाभी के साथ हुआ।
मेरी भाभी का नाम रोमा है.. वो और उनकी फिगर तो क्या कहना है… उनकी फिगर का साइज़ 36-30-36 था।
वो बहुत ही सेक्सी और कामुक महिला हैं.. जो भी उनको एक बार देख ले तो बस मूठ मार ले।
मैं भी भाभी को चोदने का मौका ढूँढता रहता था।
वास्तव में मैं भाभी को पाने के लिए बेताब सा हो गया था।
मेरा 5.5 इंच का लण्ड उसको देखते ही कड़क हो जाता था.. उसके मम्मे भी क्या गजब के तने हुए थे।
और फिर एक दिन मेरी किस्मत खुल गई..
मैं कॉलेज से घर आया तो मैंने मम्मी के बारे में भाभी से पूछा इस पर भाभी ने बताया कि सासू माँ जी.. तुम्हारे मामा के यहाँ गई हैं।
मुझे थोड़ी सी ख़ुशी हुई और मैं फ्रेश होकर टीवी चालू करके बैठ गया।
तभी भैया का दोस्त आया और उसने मुझे बताया कि भैया को एक ज़रूरी काम से मुंबई के लिए अर्जेंट भेज दिया है वो कल आएँगे।
यह बात सुनकर मेरे तो बिल्कुल अकेले होने के अहसास से होश ही उड़ गए..
मेरे मन में भाभी को चोदने का ख्याल आने लगा।
रात ठीक 8 बजे हम दोनों खाना खा रहे थे.. तो भाभी काफ़ी उदास लग रही थीं।
तो मैंने पूछा- क्या हुआ है?
तो उन्होंने कुछ नहीं कहा.. मैंने फिर भाभी से दोबारा पूछा- क्या प्राब्लम है?
तो उन्होंने कहा- रहने दो.. तुम्हारे बस का नहीं है।
मेरे ज़्यादा पूछने पर उन्होंने बताया- तुम्हारे भैया मुझसे खुश नहीं रहते हैं बता मैं क्या करूँ..
मैंने भी मज़ाक में कह दिया- भैया आप से खुश नहीं है… सच एक बात कहूँ कि आप को देख कर तो अच्छे-अच्छों का दिमाग़ खराब हो जाता है… आप तो देखने में ही priyanka chopda लगती हो.. सच में भाभी आप बहुत ही सेक्सी और सुंदर हो.. अगर मैं भैया की जगह होता तो आपको बहुत खुश रखता।
वो सुन कर चौंक गईं.. फिर बोलीं- क्या सच में.. मैं इतनी सुंदर और सेक्सी हूँ?
तो मैंने कहा- हाँ.. बिल्कुल…
तो वो हँस पड़ीं।
मैं भी ऐसी ही ताक में था.. मैं जाकर उनके पास बैठ गया और मैंने धीरे से उनके कन्धों पर हाथ रख दिया।
जब उन्होंने कुछ नहीं कहा.. तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने उनके मम्मों पर हाथ रख दिया।
फिर वो मुस्करा कर अपने कमरे में चली गईं।
मैं समझ गया कि भाभी की चूत भी चुदने को बेचैन है।
मैं भी यहाँ बेचैन होने लगा और रात को 11 बजे मैं भाभी के कमरे में चला गया।
उफ्फ.. वो सोते समय बहुत ही खूबसूरत लग रही थी.. मैं उसके पैरों के पास बैठ गया।
मैंने अपनी पैन्ट उतार डाली और एक हाथ धीरे से भाभी की साड़ी में डाल दिया और दूसरे हाथ से भाभी के ब्लाउज के बटनों को खोलने लगा।
मैंने अपनी एक उंगली भाभी की पैन्टी के किनारे से अन्दर डाल कर भाभी की चूत में घुसा दी और मैं चूत में उंगली घुमाने लगा..
मुझे पैन्टी की वजह से थोड़ी परेशानी हो रही थी सो मैंने पहले दोनों हाथ से उनके ब्लाउज के सारे बटनों को खोल दिए और पागल होकर मैं भाभी के मम्मे देखने लगा।
इसके बाद मैं साड़ी को ऊपर करने लगा..
फिर मैंने पहले दोनों हाथों से भाभी की पैन्टी नीचे निकाल दी और जब भाभी की चूत के दर्शन हुए तो मैं पागलों की तरह चूत देखने लगा कि इतनी गोरी चूत बिल्कुल नंगी.. मेरे सामने.. मुझे लगा कि जैसे मैं कोई सपना ही देख रहा हूँ।
फिर मैंने एक हाथ से भाभी की चूत को सहलाया और भाभी के दोनों पैरों में अपना सिर डाल कर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत से लगा दी और एक हाथ से उसके मम्मे सहलाने लगा।
मुझे चूत को चाटने में बहुत मज़ा आने लगा.. मेरा लण्ड मेरी चड्डी से बाहर आ गया।
मैंने मम्मों को छोड़ कर एक हाथ से अपने लण्ड को रगड़ने लगा और तभी भाभी ने एक हाथ ने मेरे बाल पकड़ लिए और वो मेरा सर नीचे चूत पर दबाने लगी।
तभी मुझे अहसास हुआ कि भाभी की चूत से कुछ चिपचिपा सा निकलने लगा था।
मुझे वो बहुत ही अच्छा लगा।
मैं और ज़ोर-ज़ोर से उस ताकतवर पदार्थ को चाटने लगा.. उसके चाटने से जैसे मुझे नशा सा हो गया हो।
तभी भाभी ने अपनी पकड़ ढीली कर दी.. और चित्त हो कर निढाल लेट गईं।
फिर मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और उनकी चूचियाँ चूसने लगा।
भाभी मस्ती में आ गई थीं।
मेरा लण्ड भाभी की चूत से टकरा रहा था।
तभी भाभी ने मेरे होंठों को चूसना चालू कर दिया।
थोड़ी ही देर में भाभी फिर से गरम हो गईं और उसने कहा- चलो अब चोदो..
तो मैंने अपनी चड्डी उतार दी।
तभी भाभी ने भी अपनी साड़ी और ब्लाउज पूरी तरह से उतार कर फेंक दिए।
भाभी को पूरा नंगा देख कर मैं उनकी तरफ देखते ही रह गया।
भाभी मादक आवाज में बोली- क्या देख रहे हो.. कभी किसी औरत को नंगा नहीं देखा क्या..
मैंने कहा- भाभी सिर्फ़ फिल्मों में नंगा माल देखा था.. आज पहली बार सामने देख रहा हूँ।
भाभी हँसती हुई पीठ के बल लेट गईं और बोलीं- मेरी चूत में गुदगुदी हो रही है.. चल आ.. मैं तो चुदने को तैयार ही हूँ।
मैंने कहा- और मैं चोदने को तैयार हूँ।
मैं भाभी के पैरों में बैठ गया.. भाभी ने अपने हाथों से चूत का मुँह पकड़ लिया और कहा- ले खुल गया गेट.. अब डाल दे।
मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत पर सैट किया और एक धक्का मारा तो मेरे लण्ड थोड़ा अन्दर घुस गया।
भाभी ने कराहते हुए कहा- यह तो बहुत ही मोटा है.. मेरी चूत की आज खैर नहीं..
तभी मैंने दूसरा धक्का लगा दिया और भाभी ने अपने नाख़ून मेरे पीठ में गाड़ दिए।
मैंने और एक धक्का लगा दिया और मेरा पूरा लण्ड भाभी की चूत में समा गया.. और मुझे बहुत मज़ा आने लगा।
मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा।
भाभी मस्त होकर मुझे बुरी तरह से चाट रही थीं.. काट रही थीं।
मैं भी भाभी की चूचियों को काट रहा था।
भाभी ‘आहह उउउन्न्ह आअहह’ कर रही थीं..
करीब 20 मिनट बाद भाभी ने मुझे ज़ोर से काटा और अपने ऊपर इतनी ज़ोर से खींचा कि जैसे मैं कहीं भागा जा रहा हूँ और तभी मेरे लण्ड को गीला होने का अहसास हुआ..
मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने बहुत ही ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाना शुरू किए और थोड़ी ही देर में मैं भी झड़ गया।
भाभी ने फिर से मुझे ज़ोर से खींच लिया।
मुझे उस वक़्त ऐसा मस्त लगा कि क्या बताऊँ..
करीब 10 मिनट मैं भाभी के ऊपर ही पड़ा रहा.. बाद में मैंने अपना लण्ड चूत से बाहर निकाला तो वो दोनों के वीर्य से तर हो गया था।
भाभी उठीं और उन्होंने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगीं।
मैं फिर से मस्ती में आने लगा.. भाभी ने लण्ड को चूस कर साफ़ कर दिया।
तभी मेरी नज़र भाभी की चूत पर गई तो चूत से वही तरल और चिपचिपा सा वीर्य बिस्तर पर टपक रहा था।
मैंने भाभी से कहा- चलो अब मैं आपकी चूत चाट कर साफ़ कर देता हूँ।
मैं पीठ के बल भाभी की चूत के नीचे घुस गया और भाभी ने अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी और मैं उसे चाटने लगा।
भाभी फिर से मस्त होने लगीं.. तभी मैं उठ गया और भाभी से कहा- मैं बाथरूम से होकर अभी आया.. बाथरूम से आने के बाद मेरा लण्ड फिर से लड़ने के लिए तन कर तैयार हो गया था।
भाभी ने कहा- अब तुम नीचे आ जाओ..
मैंने कहा- चलेगा…
फिर भाभी मेरे लण्ड के ऊपर बैठ गईं और चोदने लगीं।
उस रात मैंने भाभी को सोने नहीं दिया और भाभी ने मुझे सोने नहीं दिया.. पूरी रात हम चुदाई करते रहे जैसे कि बरसों से प्यासे हों।
सुबह जब हम साथ में नहा-धोकर तैयार होने लगे.. तब देखा कि किसने किसको कितना काटा है…
नाश्ता करने के बाद 8-30 बजे भैया का फ़ोन आया कि वो और दो दिन नहीं आएँगे और फिर दो दिन भाभी ने अपनी चूत का बाजा मेरे लवड़े से बजवाया।
इसके बाद भी जब भी मौका मिला हमारी चुदाई चालू हो जाती.. अब भाभी को एक बेटा है फिर भी भाभी भैया से कम और मुझसे ही ज्यादा चुदती हैं।
आपको मेरी ये सच्ची कहानी कैसी लगी.. ईमेल से अपने विचार जरूर भेजिएगा।
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