मासूम यौवना-13
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जीजाजी के जाने के बाद मैं मोबाईल पर सेक्सी वीडियो देखने लगी। इन वीडियो को देख कर मैं हैरान रह गई !
उनमें एक लड़की के साथ कई लडकों की, दैहिक शोषण की फिल्में, गुदा मैथुन, लड़कियों द्वारा आपस में सेक्स और मैं यहाँ जिस चीज का जिक्र नहीं कर सकती उनका सेक्स ! मैं तो अचंभित रह गई कि मैं कुएँ का मेंढक रह गई !
इस दुनिया में ऐसा ही होता है क्या?
जीजाजी का मोबाईल इन फिल्मों से भरा था, मुझे उनको देखने में ज्यादा मज़ा आया जिसमें किसी लड़की को नींद की गोली खिला कर कोई सेक्स करता था !
जीजाजी कोई 6 बजे तक आये तब तक मैं वे फिल्में ही देखती रही और पिछली 45 मिनट की चुदाई का दर्द भूल कर मैं फिर से गर्म हो गई। अब मुझे उस होटल में ठहरने का कोई डर नहीं लग रहा था क्यूंकि किसी के सामने से तो मैं कमरे में आई नहीं थी और अब मुझे यहाँ मस्ती से चुदाई कराने का आनन्द भी मिलना था इसलिए जब जीजाजी ने दरवाज़े की बेल बजाई तो मुझे बड़ी ख़ुशी हुई पर सावधानी वश मैंने पूछा- कौन है?
जीजाजी की आवाज़ आई- मैं ही हूँ !
तो मैंने फटाफट दरवाज़ा खोल दिया और जीजाजी ने अन्दर आकर दरवाज़े को कुण्डी लगा कर बन्द कर दिया।
जीजाजी ने मुझे वीडियो देखते देखा तो मुस्कुरा दिए और पूछा- कैसे लगी?
मैं काफी गर्म हो चुकी थी, मेरा चेहरा लाल-भभूका हो रहा था और मैं उन्हें देख कर मुस्कुरा रही थी, मैंने कहा- देखो, ये वीडियो मुझे तो बनावटी लग रहे हैं, इतनी छोटी लड़की इतने बड़े आदमी से कैसे चुदवा सकती है?
उन्होंने हंस कर कहा- जैसे तुम मुझसे चुदवाती हो ! पता है तुम मुझसे 16-17 साल छोटी हो। वैसे भी यह लड़की 18 की है और 34 साल वाले से चुदवा रही है।
मैंने कहा- आप देखो तो सही, इसे कितना दर्द हो रहा होगा !
और मैं उनको अपने पलंग पर वीडियो दिखने के बहाने बुला रही थी ताकि वे भी उसको देख कर मुझे मसल दें। मुझे पता था कि उनके तो ये सारे वीडियो देखे हुए होंगे ही पर मेरी चूत पनिया गई थी और वो लण्ड मांग रही थी !
मैंने कभी अंगुली आदि नहीं की थी, वो मुझे पसंद भी नहीं था, मैं चाहती थी कि जीजाजी मुझे चोद कर ठंडा कर दें !
आज होटल के कमरे में मेरी वासना पूरे उफान पर थी ! जीजाजी शायद मेरी प्यास समझ गए थे उन्होंने फटाफट कपड़े खोल कर लुंगी लगाई और पलंग पर आकर मुझे बांहों में भींच लिया।
मैंने वीडियो बंद नहीं किया था, उसमें से सेक्सी आवाज़ें आ…ह्ह्ह्हह्ह उ… ह्ह्ह्ह ह्हह्ह्ह या… फक… मी… आदि आ रही थी और उसमें वो आदमी उस लड़की को बुरी तरह चोद रहा था।
मैंने जीजाजी की तरफ मोबाईल किया तो वो बोले- इसे तुम्हीं देखो, मैं तो असली देखूँगा !
और वो मेरी चूत के पास सरक गए, मैं मोबाईल में वीडियो देखती रही और उनके हाथ मेरी टांगों के पास लगते ही टांगे खुदबखुद चौड़ी हो गई ! जीजाजी के होंट सीधे मेरी चूत की फांकों पर पहुँच गए, आनन्द के अतिरेक से कुछ क्षण के लिए मेरी आँखे बंद हो गई और मेरे मुँह से सिसकारी निकल गई ! मुझे पता था कि मैं इतनी गर्म हो गई हूँ कि उनके चाटने से जल्द ही मेरा पानी छुट जायेगा !
उनकी अनुभवी जीभ और होंट मेरी चूत में चल रहे थे, उन्होंने कई बार साँस के साथ मेरी पूरी चूत को अपने मुँह में भर लिया था तथा बार बार अपनी जीभ मेरे चूत के दाने पर रगड़ रहे थे और तभी अचानक मेरी पनियाई चूत से पानी का बांध टूट गया और मैं झटके खा कर शांत हो गई। पिछले दो घंटों से जो सेक्सी वीडियो देखने से मेरे दिमाग में तनाव था वो शांत हो गया, मैं अभी झटके खाती रुकी ही थी की कपड़ों की सरसराहट सुनकर देखा कि जीजाजी लुंगी हटा रहे हैं और अपनी चड्डी नीचे कर रहे हैं।
मैंने कहा- अब आप क्या कर रहे हो? अभी मत करो, सारी रात पड़ी है। पहले नीचे खाना खाने चलेंगे !
जीजाजी ने कहा- मैं सिर्फ सूखी चुनाई करूँगा !
मैंने कहा- यह क्या होती है?
तो उन्होंने बताया कि तुम्हें चाटते चाटते मेरे खड़े लण्ड में दर्द होने लगा है इसलिए इसे भी तुम्हारी चूत में डालूँगा और अपना पानी नहीं निकालूँगा, बिना पानी निकाले ही 8-10 मिनट तुम्हारी चुदाई करूँगा ! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मेरे लिए यह नया अनुभव था कि कोई आदमी चोद कर बिना पानी निकाले कैसे रह पायेगा ! मैंने कहा ऐसा करो- कंडोम लगा लो ! क्या पता पानी छुट गया तो मुझे परेशानी हो जाएगी कि इसका पति यहाँ नहीं है और बच्चा कहाँ से आ गया !
वो हंस कर बोले- चिंता मत करो, पानी निकलने का कंट्रोल मेरे दिमाग में है। मुझे पता है कि 5 मिनट में पानी निकालना है या आधे घंटे में या निकालना ही नहीं, ऐसे ही सूखी चुनाई करनी है।
मैं निरुत्तर हो गई ! मुझे अपने जीजाजी के स्टेमिना के बारे तो पता था ही, मैंने अपनी टांगें ऊँची कर दी और फिर से वो चुदाई का वीडियो देखने लगी। जीजाजी ने मेरी टांगें अपने कंधे पर रखी और अपने लण्ड पर थूक लगा कर मेरी चिकनी और सूजी हुई चूत में पेल दिया।
जब लण्ड सूजी फाड़ों से लगा तो थोड़ा दर्द हुआ और लण्ड जब उस बाधा को पार कर लिया फिर जड़ तक पहुंच हो गया मैं आनन्द और दर्द से कराह उठी !
और आपको तो पता ही है औरत की चुदते हुए कराहने की आवाज़ से आदमी को चोदने का हौसला बढ़ जाता है, वो ज्यादा जोश में धक्के लगता है।
जीजाजी ज्यादा जोर से धक्के लगते जा रहे थे और मुझे पुचकारते भी जा रहे थे, कह रहे थे- दुखता है? धीरे डालूँ?
मेरे गाल पर लाड से हाथ भी फेर रहे थे, मुझे तो मज़ा आ रहा था, मैंने कहा- नहीं, जोर जोर से ही चोदो ! मेरे फिर से पानी निकलने को है।
वे बोले- मुझे पता है, चाटने से ज्यादा पानी चोदने से निकलता है इसी लिए तेरी चुदाई कर रहा हूँ, चाटने से तो ओवर फ्लो का पानी ही निकलता है और चोदने से ही असली पानी निकलता है।
मैं हैरान थी उन्हें इतना गूढ़ ज्ञान कहाँ से मिला !
5-7 मिनट में ही मेरी किलकारियाँ निकलने लगी थी, मैंने मोबाईल पास में डाल दिया था, उसे कोई देख भी नहीं रहा था पर फिर भी बेचारा आ…ह्ह्ह्ह ओ…ह की आवाज़ें दे रहा था। मेरी आँखें बंद थी, मेरा दिमाग बस मज़े की तरफ था, जीजाजी मेरी गाण्ड को कस कर पकड़ कर दबादब धक्के मार रहे थे, मैं भी नीचे से उछल-उछल कर उनका लण्ड अपनी चूत में पूरा ले रही थी, मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं शांत हो गई।
मुझ शांत देख कर जीजाजी ने अपना लण्ड बाहर निकाल कर लुंगी लपेट ली हालाँकि लुंगी तम्बू की तरह हो रही थी।
वे बोले- अभी बाथरूम जाऊँगा तो धीरे धीरे यह बैठ जायेगा।
और वे बाथरूम में चले गए। मैंने मोबाईल देखा, उसमें वो आदमी अपने वीर्य से उस लड़की को नहला रहा था, मुझे बड़ी घिन आई और मैंने मोबाईल बंद कर दिया !
मुझे वीर्य देखना कभी अच्छा नहीं लगता था और आज जीजाजी ने अपना वीर्य निकाले बिना मुझे चोदा तो मैं बहुत खुश हुई !
थोड़ी देर में वे बाहर आये, अब वे शांत लग रहे थे, उन्होंने कहा- अब फ्रेश होकर कपड़े पहन लो, खाना खाने चलते हैं।
कहानी तो चलती ही रहेगी !
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