मौज मस्ती में दो से बेहतर चार- 1
(Young Couple Sex Kahani)
यंग कपल सेक्स कहानी में एक शरारती जोड़ा अपने दूसरे हनीमून के लिए केरल गया. वहां उन्हें उनके जैसा ही एक और जोड़ा मिल गया. चारों ने एक साथ घूमने फिरने का तय किया.
दोस्तो, आज की कहानी संजीव और सारिका की है.
दोनों की शादी हुए 10 साल हो गए हैं.
अब दोनों ही 38/36 के पड़ाव पर हैं, जिन्दगी को जिन्दादिली से जीते हैं.
सेक्स का असीम आनंद लेने वाले, बेबाक और सेक्स के प्रति स्पष्ट और एकमत का रुख रखने वाले.
राम मिलाई जोड़ी है जो खुराफात एक के दिमाग में आ जाए तो समझो दूसरा बिना किसी नानुकुर के उसे मान ही लेगा.
न सिर्फ मानेगा बल्कि पार्टनर को पूरा साथ देगा.
संजीव को सेक्स में थ्रिल पसंद है, सारिका इसमें उसका पूरा साथ देती है.
उसकी सोच यह है कि जब उसके पति को कोई ऐतराज नहीं, तो और दुनिया में कोई होता कौन है किसी बात पर ऐतराज करने वाला.
सारिका का बदन सांचे में ढला है; छरहरी और गोरी. सुडौल मम्मे, दमकती काया.
ऐसे ही संजीव का कसरती बदन था.
वह रोज सुबह घर के जिम में एक घंटा अपने को देता.
दोनों आईटी इंजीनियर हैं तो अच्छी खासी तनख्वाह पाते हैं.
एक ही बेटा है.
मां-बाप साथ रहते हैं तो बेटा उन्हीं से ज्यादा हिला हुआ है, अधिकतर वक्त उन्हीं के साथ रहता है, उन्हीं के साथ खाता-पीता और सोता है.
संजीव सारिका की लव मैरिज है.
दोनों शादी से पहले ही हम-बिस्तर होने लगे थे तो घर वालों ने बिना नानुकुर के दोनों की शादी करवा दी.
वैसे सारिका बहुत अच्छी बहु साबित हुई.
वह संजीव के माता पिता का बहुत ख्याल और लिहाज करती है.
कमरे के अंदर उसने कभी कपड़े पहने नहीं और कमरे के बाहर कभी किसी को शिकायत का मौक़ा नहीं दिया.
अब जॉब प्रोफाइल के हिसाब से वेस्टर्न कपड़ों की उसको और परिवार को आदत हो गयी थी.
दोनों को अपने काम की वजह से लेट नाईट जागना पड़ता था तो उन्होंने अपना रूम कोठी के फर्स्ट फ्लोर पर रखा था.
संजीव सारिका दोनों ही ड्रिंक्स के शौक़ीन थे.
उन्हें सिगरेट से भी परहेज नहीं था.
पर ये सब पार्टियों या बाहर घूमने तक या कमरे के अंदर तक सीमित था.
कभी घर में खुलेआम नहीं, न ही घर पर होने वाली पार्टियों में!
संजीव का एक प्रोजेक्ट पूरा हुआ तो उसकी कम्पनी ने उसे एक वीक की पेड लीव दी.
सारिका की लीव पहले ही बकाया थी.
तो दोनों ने पांच दिन केरल का ट्रिप प्लान किया. यहीं से यह यंग कपल सेक्स कहानी शुरू हुई.
जनवरी का महीना, यहाँ पर तो ठंडा रहता है पर केरल में मौसम खुशगवार रहता है.
हल्की सी गर्मी ही रहती है.
संजीव ने केवल मुन्नार में दो दिन के लिए और आखिरी एक दिन पूवर में ठहरने के लिए तो रिसोर्ट बुक कर लिया.
बीच का एक उसने खाली रखा कि हाउसबोट या किसी रिसोर्ट में ठहरेंगे.
पूवर में तो उसे एक रॉयल कॉटेज लेनी पड़ी जिसमें दो बेडरूम थे क्योंकि और कुछ खाली ही नहीं था.
खर्चे की उन्हें परवाह नहीं थी.
तो बस अब फ्लाइट पकड़ी और दोनों कोच्ची पहुँच गए.
गजब का टूरिस्ट था इस सीजन में वहां!
संजीव को पूरे टूर के लिए टैक्सी ढूंढनी भारी पड़ गयी.
उसे इन्नोवा क्रिस्टा चाहिए थी, वो केवल एक ही गाड़ी थी और किसी हर्ष के नाम से बुक थी.
हालाँकि हर्ष अभी आया नहीं था.
संजीव ने ट्रेवल कंपनी से हर्ष का नम्बर लेकर उसे कांटेक्ट किया कि वह आ भी रहा है या नहीं.
हर्ष की फ्लाइट अभी अभी बेंगलौर से आई थी.
वह भी उसी की उम्र का इंजीनियर था.
उसके साथ उसकी वाइफ तनु भी थी.
हर्ष की परेशानी यह थी कि उसे कहीं भी ठहरने की बुकिंग कन्फर्म नहीं मिली थी.
तो वह तय नहीं कर पा रहा था कि अपना टूर कैसे प्लान करे.
संजीव ने उससे रिक्वेस्ट की कि अगर उसके प्रोग्राम में कोई भी चेंज हो तो प्लीज़ वह टैक्सी उसे दे दे.
हर्ष ने उससे कहा- अब आ गए हैं तो जायेंगे जरूर. बस लोंज में बैठकर बुकिंग ही देख रहा हूँ.
संजीव ने उसे बाहर ट्रेवल एजेंट के पास बुलाया. संजीव चाह रहा था कि अगर हर्ष कुछ पैसे लेकर भी उसे टैक्सी दे दे तो वह ले लेगा.
हर्ष और तनु जब इन लोगों से मिले तो दो मिनट में है इनके बीच तालमेल बन गया क्योंकि हर्ष और तनु भी उनकी तरह मस्त और बेफिक्र और रोमांटिक लगे.
जल्दी ही इनके बीच ये अंडरस्टैंडिंग हो गयी कि चारों एक ही टैक्सी से टूर शुरू करते हैं.
रहने की दिक्कत केवल मुन्नार में ही तो होगी.
पूवर में तो संजीव के पास एक बेड रूम खाली था ही और हाउस बोट पर तो जगह मिल ही जायेगी.
सामान दोनों ही जोड़ों पर ज्यादा नहीं था तो गाड़ी की डिक्की में आ गया.
गाड़ी में केप्टन सीट्स थीं. मतलब चारों में से दो को बीच में और बाकी दो को या तो पीछे या फिर एक को आगे ड्राईवर के साथ और एक को पीछे अकेले बैठना पड़ता.
यहाँ संजीव ने ऑफर किया- मैं अकेला आगे बैठ जाता हूँ और सारिका सबसे पीछे अकेली बैठ जायेगी. हर्ष और तनु बीच में बैठ जाएँ.
हर्ष ने हँसते हुए संजीव को लिपटाते हुए कहा- यार ऐसे दिल तोड़ने वाली बात मत करो. हम दोनों सबसे पीछे बैठ कर बियर पियेंगे और दोनों गर्ल्स बीच की केप्टन सीट्स पर बैठ जायेंगी.
खैर हंसी मजाक में ये तय हुआ कि जिसकी जहां मर्जी हो वो वहां बैठ जाए.
फिलहाल दोनों लड़के पीछे बैठ गए और लड़कियां बीच में.
सफ़र शुरू हो गया.
सारिका ने अपना पर्स खोल कर सिगरेट निकाली और बाकियों को ऑफर की.
लड़के तो अपनी अपनी बियर खोल चुके थे पर तनु ने सिगरेट ली और बोली- यार मैं सोच रही थी कि पता नहीं तुम सबसे कैसे कहूँ कि मुझे सिगरेट की तलब हो रही है.
सारिका बोली- पर इसका मतलब यह नहीं है कि हम बियर नहीं पियेंगी. हमें बीच बीच में सिप देते रहो.
यहाँ मौसम गर्म था हालाँकि गाड़ी का ऐसी अच्छा काम कर रहा था.
पीछे बैठे लड़कों ने अपनी अपनी टीशर्ट उतार दी.
उनकी देखा देखी तनु ने भी अपनी शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल लिए.
उसे देख सारिका बोली- अब मैं क्या अपनी टी शर्ट उतार दूं?
सब हंस दिए.
सारिका ने अपनी टी शर्ट नीचे से ब्रा तक फोल्ड कर ली.
पीछे से बार-बार बियर की बोतल आगे आ रही थीं लड़कियों के सिप करने के लिए.
अब सारिका और तनु को ये भी परवाह नहीं थी कि पीछे आ रही बोतल कौन दे रहा है.
इतनी जल्दी चारों एक ही रस में रम गए थे.
रास्ते में स्पाइस गार्डन देखते हुए चारों मुन्नार पहुंचे.
हर्ष ने संजीव से कहा- रास्ते में किसी रिसोर्ट वगेरा में रूम देखते हैं.
तो संजीव ने कहा- मैंने अपने रिसोर्ट में बात की हैं. उनके पास एक कोटेज शाम तक खाली हो जायेगी. तब तक हम चारों एक ही कोटेज में आराम कर लेंगे. वैसे भी शाम होने को है. अभी हाई टी लेकर फिर पूल में चले चलेंगे. तब तक तुम्हारी कोटेज भी मिल जायेगी. और अगर नहीं भी मिली तो एक ही कोटेज में सो लेंगे, एक ही बेड पर.
तनु बोली- मैं तो रात भर हर्ष को ऊपर लेकर नहीं सोऊंगी.
सारिका बोली- हम दोनों ऊपर बेड पर सोएंगी और ये दोनों लड़के अपने अपने सामान के साथ नीचे सोयेंगे और आपस में काम चला लेंगे.
सब हंस दिए.
रिसोर्ट बहुत खूबसूरत था और बिलकुल ऊपरी पहाड़ी पर था.
उनको जाते ही दो कोटेज मिल ही गयीं.
दोनों कोटेज रिसोर्ट के बिलकुल ऊपरी सिरे पर थीं.
आगे छोटी सी बालकनी थी.
दोनों बालकोनी के बीच केवल एक तीन फीट की दीवार थी.
कोटेज के बाहर पहाड़ी की और एक एक पूल चेयर पड़ीं थीं.
उनकी समझ में नहीं आया कि इतनी बड़ी पूल साइड चेयर यहाँ क्यों, पर इसका इस्तेमाल उन्हें रात को समझ में आया.
चारों ने रेस्तरां में जाकर फटाफट चाय पी.
भूख जोर से लगी थी तो नाश्ता अच्छा सा किया.
दोनों जोड़े अपने-अपने रूम में चले गए यह कहकर कि फ्रेश होकर अभी आधा घंटे में स्विमिंग पूल पर मिलेंगे.
संजीव तो रूम में घुसते ही सारिका पर झपट पडा.
दोनों के कपड़े पलक झपकते ही उतर गए.
संजीव ने सारिका को बेड पर धकेला और लिपट गया उससे
वह तो सारिका के मम्मों का दीवाना था.
उसने लपक लिए और लगा बदल बदल कर चूसने!
वह तो उन्हें काट खाने के मूड में था.
सारिका चिल्लाई- अभी लाल कर दोगे, फिर स्विमिंग पूल पर सब तुम्हें ही छेड़ेंगे.
संजीव ने उसकी टांगें चौड़ायीं और रगड़ने लगा अपने लंड को सारिका की चूत के ऊपर!
सारिका ने कहा- थोड़ी देर रेस्ट कर लो, फिर पूल पर चलेंगे. रात हमारी है, खूब मस्ती करेंगे.
दोनों चिपट कर सोने की कोशिश करने लगे.
दूसरी कोटेज में हर्ष और तनु को गर्मी ज्यादा ही लग रही थी तो वे दोनों शावर के नीचे खड़े हो गए.
तनु को मालूम था कि शावर के नीचे हर्ष को चुसवाने में बड़ा मज़ा आता है.
वह नीचे बैठकर हर्ष का लंड लोलीपोप बना कर चूसने लगी.
हर्ष ने उसे घोड़ी बना कर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और लगा धक्के देने!
तनु को मजा नहीं आ रहा था पर उसकी चूत भी कुलबुला रही थी.
वह बोली- चलो बेड पर!
तनु स्लिम थी तो हर्ष ने उसे गोद में उठा लिया और नीचे से लंड उसकी चूत में घुसा दिया और दोनों खड़े हो गए शावर के नीचे.
अब चुदाई की चुल ख़त्म हो गयी थी.
हर्ष बोला- चलो स्विम सूट पहन लो, बाहर चलते हैं.
तनु मूड में थी, मुस्करा कर बोली- ऐसे ही बिना कपड़ों के चलते हैं मेरे आका!
हर्ष और तनु हाथों में हाथ डाले पूरे रिसोर्ट में घूमते हुए थोड़ी देर से पूल पर पहुंचे.
पूल पर ज्यादा जोड़े नहीं थे पर संजीव और सारिका थे.
सारिका का स्विम सूट टू पीस का था, मतलब ब्रा-पेंटी अलग-अलग, जबकि तनु का वन पीस था.
सारिका को देख तनु ने सीटी बजाई और उतर गयी पूल में!
पूल में सभी जोड़े आपस में मस्त थे.
सभी लगभग एक ही सी उम्र के थे.
हाँ, बच्चे नहीं थे वहां पर.
एक विदेशी जोड़ा भी था, वे थोड़े उम्र में ज्यादा थे पर वो महिला इन सबसे अधिक जिस्म दिखाऊ सूट पहने थी.
उसके मम्मे तो बाहर निकले पड़ रहे थे.
तनु और सारिका आपस में मस्ती कर रही थीं.
हर्ष और संजीव तो पूल के किनारे पर होकर आपस में हंसी मजाक कर रहे थे.
सारिका और तनु बार बार पानी में डूबकी मारती, कुछ देर रूकती फिर बाहर निकल आतीं.
अब अन्धेरा होने लगा था तो लगभग सभी जोड़े पूल से बाहर होकर अपने अपने रूम में चले गए.
पूल का समय भी पूरा होने को थी.
संजीव ने पूल गार्ड को बोल दिया- हमें अभी थोड़ी देर डिस्टर्ब मत करना, हम खुद ही थोड़ी देर बाद निकल जायेंगे.
गार्ड उन्हें सलाम करके चला गया.
अब ये चारों ही पूल में थे.
तभी सारिका ने एक डुबकी लगाई तो तनु ने पीछे से उसकी पेंटी पकड़ कर नीचे खींच दी.
सारिका हंसती हुई खड़ी हुई और अपनी पेंटी ठीक करते हुए बोली- देख मैं तो बेशर्म हूँ. अगर मुझे छेड़ा तो सबको नंगा कर दूँगी.
सब हंस पड़े.
पर हर्ष बोला- सारिका, चलो मैं तुझे छेड़ता हूँ … फिर तुम मुझे छेड़ लेना. ये दोनों देखेंगे.
तनु चिहुंक कर बोली- बड़े आये छेड़ने वाले! इधर आये तो तुम्हारा लोवर उतार कर ऊपर झाड़ियों में फेंक देंगे, फिर जाना रूम में नंगे!
हंसी मजाक के बीच संजीव ने सारिका को अपने से चिपटा लिया.
उनकी देखा देखी हर्ष और तनु भी चिपट गए.
उनके होंठ आपस में भी हुए थे और उनके हाथ नीचे पानी में कहीं खजाना खोदने में व्यस्त हो गए थे.
अब मामला गर्मा गया था.
लड़कियों ने तो लड़कों के लंड को रगड़ रगड़ कर तान दिया था.
शायद यही माहौल एक दो मिनट और रहता तो चुदाई शुरू हो ही जाती.
उन्हें दूर से आती गार्ड की सीटी सुनाई दी जो इस बात की चेतावनी थी कि वे पूल खाली कर दें.
चारों ने अपने को संभाला और बाहर आकर टॉवेल लपेट कर अपनी अपनी कोटेज की ओर चल दिए.
तनु और सारिका पता नहीं किस बात पर बड़ी खिलखिला रही थीं और आपस में चिपटी जा रही थीं.
कोटेज के पास आकर संजीव ने हर्ष से पूछा- क्या प्रोग्राम है?
उसका मतलब ये था कि डिनर लेने नीचे कितने बजे चलना है.
पर हर्ष ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया- अपनी-अपनी की लेनी है दबा के पूरी रात!
उसका जवाब सुन कर तनु ने एक धौल लगाया उसके और बोली- हर समय लेनी है … लेनी है. आज एक काम करो, तुम दोनों लड़के आपस में ले लो एक दूसरे की!
सारिका बोली- अब काम की बात सुनो. शावर लेकर और ड्रेसअप होकर नीचे आना. डिनर के साथ बॉनफायर है, मस्त डांस होगा.
संजीव ने सारिका को चिपटाया और कोटेज में ले चला ये हँसते हुए कहते हुए कि जल्दी चल यहाँ से … वरना ये तुम दोनों को ले जाएगा अपनी कोटेज में!
यह कहानी 3-4 भागों में चलेगी.
अभी तक की यंग कपल सेक्स कहानी पर आप मुझे अपने विचार भेज सकते हैं.
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यंग कपल सेक्स कहानी का अगला भाग: मौज मस्ती में दो से बेहतर चार- 2
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