सेक्स है कुदरत का वरदान- 7

(Xxx Couple Chat)

Xxx कपल चैट कहानी में पति ने अपनी पत्नी को पराये लंड से चुदने के लिए मना लिया तो वे दोनों पार्टनर बदल कर सेक्स करने की बातें करने लगे.

कहानी के पिछले भाग
दुल्हन को गांड मरवाने में मजा आया
में आपने पढ़ा कि पम्मी हर्ष को कोई गुड न्यूज़ सुनने वाली होती है। उसके पहले हर्ष उसकी गांड मारना शुरू कर देता है, बाद में पूछने पर पम्मी उसको छेड़ती है कि या तो वह गांड मार ले या गुड न्यूज़ जान ले। हर्ष गांड मारना जारी रखता है।

अब आगे Xxx कपल चैट:

लगातार रगड़े के कारण लंड में सरसराहट होने लगी थी।
उसके धक्कों में तेजी आने लगी।

पम्मी भी रगड़े का पूरा आनंद ले रही थी।
हर्ष जोश में गालियों के साथ पम्मी की गांड की प्रशंसा कर रहा था- कितनी मस्त गांड है यार पम्मी तेरी और कितने मजे से तू मरवाती है? मेरा लौड़ा चाहता है कि तेरी गांड में ही घुसा रहे।

पम्मी ने कहा- फिर मेरी चूत का क्या होगा मेरे राजा? लंड का असली मजा तो चूत में है। नौ बार चोदोगे तब एक बार गांड दूंगी।

गांड में घर्षण अपने चरम पर पहुंचा और हर्ष ने पम्मी की कमर को कस के पकड़ा, हर्ष का बदन अकड़ा, लंड जड़ तक घुसा वीर्य का स्टॉक गांड में खाली कर रहा था।

थोड़ी देर बाद दोनों अलसाये हुए लिपटे पड़े थे।
पम्मी का चेहरा हर्ष के सीने से लगा हुआ था।
हर्ष बड़े प्यार से पम्मी की नंगी पीठ सहलाता हुआ उस के चूतड़ों को दबा रहा था।

जब दोनों की स्थिति सामान्य हो गई, तब हर्ष ने पम्मी का चेहरा ऊपर किया और पूछा- जानू, अब बता तेरी गुड न्यूज?
पम्मी ने कहा- यार हर्ष, गुड न्यूज यह है कि मैंने तुम्हारे प्रस्ताव पर बहुत विचार किया, मुझे लगता है कि मुझे तुम्हारी बात मान लेनी चाहिए।

हर्ष के चेहरे पर रौनक आ गई, उसने पूछा- तू मज़ाक तो नहीं कर रही? देख पम्मी कोई ज़ोर जबरदस्ती नहीं है, कहीं बाद में बिदक मत जाना?
पम्मी ने कहा- नहीं यार, मैंने बहुत अपने मन को टटोला, तब मैंने यह निर्णय लिया है।

हर्ष पम्मी का हाथ पकड़ के अपने लंड पे ले गया जो पम्मी की बातें सुनकर अकड़ने लगा था।
पम्मी ने हर्ष का लंड सहलाते हुए उससे पूछा- तुमने कभी इस बात पे गौर किया है कि हमें पोर्न वीडियो में मजे क्यों आते हैं?
हर्ष ने जवाब दिया- सनसनी होती है इसलिए।

पम्मी ने कहा- हां, यह तो तुम सही कह रहे हो लेकिन मज़ा इसलिए आता है क्यों कि मर्द उस के हीरो में अपने आप को देखता है और औरत अपने आप को। एक तरह से यह नए स्वाद की सुप्त इच्छा ही तो है। कल सुहागरात को मैं एक पोर्न वीडियो देख रही थी, जिस की हीरोइन सामंथा अपने हस्बैंड के सामने 5 नीग्रो लौड़ों के साथ खेलती है। मैं उस समय अपने आप को सामंथा ही समझ रही थी। मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी, फिर जब तुमने मेरी चूत के चीथड़े उड़ाए तो मुझे लगा जैसे मैं 5 नीग्रो के सामने तुम से चुदवा रही हूं। मुझे बहुत मज़ा मिल रहा था।

वह आगे बोली- इस का मतलब यह हुआ कि मेरे अवचेतन में तो नए लंड लेने की इच्छा दबी हुई थी, जो उपयुक्त अवसर पा के उभरनी थी।

अब पम्मी ने मुस्कुराते हुए कहा- बुआ जी ने तो मुझको सावधानी रखते हुए इस जवानी का मजा लेने का ज्ञान दिया था। यहां तो मामला बिल्कुल ही अलग मिला। तू तो साला मरे जा रहा है, मुझको नये लंड से चुदवाने के लिए। इसलिए अब मेरे लिए तो चिंता की कोई बात ही नहीं है। मेरी बुआ तो नये नये लंड से चुदने की शौकीन रही है और तू भी यही चाहता है तो फिर क्यों न मैं भी अपनी चूत को नए-नए स्वाद दिलवाऊं? और फिर जब तू मेरे हर सुख का इतना ध्यान रख रहा है तो बदले में मुझे भी तो तेरा ध्यान रखना ही पड़ेगा।

हर्ष पम्मी की थ्योरी पर विचार करते हुए बाथरूम जा कर वापस लौटा।

पम्मी की अपनी सहमति के बारे में इतनी कामुक और विस्तृत व्याख्या के कारण, हर्ष का ध्यान अपने लंड पर से हट चुका था इसलिए हर्ष का लंड कुछ नरम पड़ गया।

पम्मी ने जब उसे देखा तो वह हंस पड़ी, बोली- क्या बात है हर्षु? यह तो बिना चोदे ही लटक रहा है?
हर्ष ने कहा- अरे यार, इसकी तो खासियत यही है कि जरा सा भी ध्यान भटका तो यह लटका।

पम्मी अभी भी पलंग पर लेटी हुई थी और हर्ष खड़ा हुआ था, पम्मी ने करवट लेकर उसका लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी।

कुछ ही पलों में पम्मी का तर दुलार पा के लंड में फिर से तनाव भर गया, पम्मी की चूत भी चुदाई के लिए तैयार थी।

इतने में हर्ष मुड़ा तो पम्मी ने सोचा वह कुछ चिकनाई लेने गया है.
लेकिन उसे आश्चर्य हुआ जब हर्ष, रस मलाई का डिब्बा लेकर आ गया।
वह समझ गई कि हर्ष फिर कोई नया खेल खेलने वाला है।

उसने रस मलाई का रस अपने लंड पर लगाया और पम्मी को चुसवाने लगा.
पम्मी ने पहली बार इतना स्वादिष्ट लंड चूसा था।
उसके बाद उसने मलाई का जो टुकड़ा था वह पम्मी की चूत में घुसेड़ दिया।

उसके बाद हर्ष ने अपने लंड पर थूक लगाया, पम्मी के घुटने मोड़े और पम्मी की चूत के साथ साथ मलाई के टुकड़े की भी कुटाई करने लगा।
रसमलाई का वह टुकड़ा चूर चूर होकर पम्मी की चूत में बिखर गया।

करीब 10 मिनट तक पम्मी की चूत रगड़ने के बाद में हर्ष ने अपना लंड पम्मी की चूत में से निकाला और चित लेट गया.
उसने पम्मी को इशारा कर जिससे कि वह उसके ऊपर जाकर लंड को अच्छे से चूस सके।

हर्ष अपनी जुबान से पम्मी की चूत में से रसमलाई के टुकड़े निकाल निकाल के खाने लगा।
पम्मी रसमलाई में सना हुआ हर्ष का लंड चूस रही थी।

उसे फिर एक बार यही ख्याल आया कि चुदाई के खेल में किसी भी प्रकार के नियम, सिद्धांत निर्धारित नहीं किये जा सकते।
जिसको जैसी खुराफात सूझे, वैसे इस के मजे ले … किसी की कुछ भी नया प्रयोग करने की इच्छा हो, वह अवश्य उस का आनंद उठाये।

कुछ देर तक एक दूसरे की चूत, लंड से रसमलाई का स्वाद लेने के बाद में उन दोनों का चुदाई का मूड बनने लगा।

इस बार जब हर्ष ने एक करारे झटके में अपना लंड पम्मी की चूत में जड़ तक घुसा दिया तो पम्मी की आंखों के आगे जैसे तारे नाचने लगे।

उसने हर्ष के कड़क लंड के मजे लेते हुए कहा- शुरुआत में तो धीरे चोद न मादरचोद, इस तरह का जोश बाद में दिखाना।
हर्ष ने पम्मी की चूत में लंड के रगड़े लगाते हुए कहा- अरे यार पम्मी, तू और तेरी चूत दोनों बहुत मस्त हैं, मेरा जोश कम होने का नाम नहीं ले रहा, मैं क्या करूं?

पम्मी ने भी रगड़ों का मजा लेते हुए कहा- हर्षु, मैं तो तेरे जैसा रसिक जीवनसाथी पाकर धन्य हो गई, मुझे वास्तव में किस्मत ने उम्मीद से ज्यादा दे दिया है। अब जिस तरह तू मेरे लिए नए लौड़ों के साथ मस्ती की सोच रहा है, मैं भी तुझे नई चूतों का मजा दिलवाऊंगी।

हर्ष धक्के लगाते लगाते चौंक कर रुक गया, बोला- यह काम तेरे बस का नहीं है पम्मी, यह सब तू मुझ पर छोड़!

उसने फिर पम्मी की चूत को पेलते हुए कहा- तू तो नए लंड लेने के लिए तैयार हो गई, मेरे लिए यही बहुत है। अब मुझे नई नई औरतों के साथ मजे करने के बाद अपराध बोध नहीं रहेगा।

पम्मी ने हर्ष के धक्कों के जवाब में उछलते हुए कहा- अरे मेरी बात तो सुन मेरे चोदू राजा, अब मैं पूरी तरह तेरे रंग में रंगने वाली हूं, तू देखता जा! अभी हम बंटू और मोंटी की शादी में जाने वाले हैं न?
हर्ष ने कहा- हां, तो?
पम्मी बोली- मैं तुझे वहीं कम से कम एक चूत दिलवा दूं तो?

हर्ष के धक्कों में पम्मी की बातों के कारण मस्ती और जोश बढ़ता जा रहा था।
हर्ष की जिज्ञासा एकदम बढ़ चुकी थी, उस ने पूछा- तू? मुझे एक नई चूत दिलवाएगी? जरा बता तो सही यार, मुझे तो इस बात के कारण अधिक उत्तेजना हो रही है कि मुझे तेरी मार्फत किसी नई चूत को चोदने का मौका मिलेगा।

उसके बाद पम्मी उछल उछल के चुदवाती भी रही और धीरे-धीरे अंजू बुआ के बारे में बताती भी रही.
पर उसने यह सावधानी रखी कि बंटू और मोंटी के साथ उस ने जो कुछ भी किया था, उन सारी बातों को वह पूरी तरह से छुपा गई।

हर्ष की चुदाई का आनंद लगातार बढ़ता जा रहा था।
उसे उम्मीद नहीं थी कि पम्मी की ओर से उसे इतनी उत्साह वर्धक जानकारी सुनने को मिलेगी, जिससे ससुराल पक्ष में उसके जाने का उद्देश्य ही बदल जाएगा।

अब हर्ष के लिए अंजू बुआ की चूत, बंटू और मोंटी की शादी से अधिक महत्वपूर्ण हो चुकी थीं।

पम्मी भी अब वासना के ज्वार में अधिक वाचाल हो गई थी।
उसने कहा- कमीने, तू तो मेरी चूत को नया लंड जब दिलवायेगा तब दिलवायेगा पर उसके पहले मैंने तेरे लिए एक नई चूत का प्रबंध कर दिया है, जा ऐश कर तू भी क्या याद करेगा।

हर्ष का जोश एकदम अपने शिखर पर पहुंच गया और उसने जबरदस्त धक्के लगाने शुरू कर दिए।

पम्मी की कमर भी उछल-उछल के अब दुखने लग गई थी।

दोनों का चरम बिल्कुल नजदीक था, पम्मी ने कहा- रगड़ मादरचोद मैं झड़ने वाली हूं … मैं झड़ने वाली हूं।

हर्ष पम्मी के एक स्तन को मुंह में लेकर जोर-जोर से उसकी निप्पल को चूसने लगा.
पम्मी ने कहा- अब दूसरी वाली निप्पल को ले मुंह में।

हर्ष ने पम्मी की दूसरी निप्पल को चूसने के बाद में, उस को चोदते हुए उस के दोनों स्तनों को मथना शुरू कर दिया।
पम्मी जोर-जोर से सिसकारियां लेने लगी.

कुछ ही देर में उसकी चूत ऑर्गेज्म के कारण जोर-जोर से स्पंदित हो रही थी।
हर्ष ने भी आखिरी धक्का लगाते हुए पम्मी की चूत में लंड को दबा दिया और उसकी चूत की गहराइयों में वीर्य का छिड़काव करने लगा।

दोनों का दम फूला हुआ था फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी महसूस हो रही थी।
दोनों निस्तेज पड़े हुए लंबी-लंबी सांसें ले रहे थे दोनों के बदन पसीने में भीग के चिपचिपा रहे थे।

जब वासना का तूफान पूरी तरह शांत हो गया तो अब हर्ष ने फिर से पम्मी की बात का सिरा पकड़ा और पूछा- पम्मी, अब तू जरा खुल के बता कि तू कैसे कह सकती है कि तूने अंजू बुआ की चूत का प्रबंध मेरे लिए कर रखा है? और तू कैसे इतने विश्वास के साथ कह सकती है कि जब हम बंटू और मोंटी की शादी में जाएंगे तो वहां अंजू बुआ मुझ से चुदाने के लिए तैयार मिलेगी?

पम्मी ने कहा- चल आज तुझे अंजू बुआ की पूरी कहानी सुनाती हूं।
Xxx कपल चैट का मजा लें.

अरे यार … इस बार जब मैं कुछ दिन के लिए अंजू बुआ के यहां गई तो मैंने उनके कमरे से एक रात बुआ की नाराजी भरी आवाज़ें सुनी।

बुआ, फूफा को छोटा लंड होने और ठीक से नहीं चोद पाने के ताने मार रही थी।

उसके बाद एक दिन सुबह सुबह क्या हुआ कि बुआ ने मेरे फूफा को कहा- कम से कम 10 किलोमीटर घूम के आओ।

उसके कुछ देर बाद बुआ के कमरे से सिसकारियां सुनने को मिलीं और साथ में ऐसे शब्द कान में पड़े जैसे कि चोदने वाला बुआ को जम के रगड़ रहा है और बुआ खूब आनंद उठा रही है।

मैं आश्चर्यचकित थी कि फूफा को ये एकदम से क्या हो गया लेकिन मुझे शक हुआ कि कहीं मेरी अंजू बुआ किसी गैर मर्द से तो नहीं चुदवा रही है?

मैंने पता लगाने के लिए बुआ को सुबह शरारत भरी नज़रों से देखा तो बुआ को भी मेरी नजरों में कुछ अजीब सा महसूस हुआ।
उसने पूछा क्या हुआ- पम्मी मेरे को ऐसे क्यों देख रही है?
मैंने कहा- बुआ तुम लगती तो कितनी शांत स्वभाव की हो फिर हर रात तो फूफा से लड़ती हो लेकिन आज सुबह तो तुमको फूफा पर बहुत लाड़ आ रहा था? यह बात मेरे समझ में नहीं आई बुआ।

बुआ ने पूछा- यह तू क्या कह रही है? मेरे भी समझ में नहीं आ रही।
मैंने कहा- मैं खुल के पूछती हूं, सच-सच बताना।
बुआ ने कहा- पूछ न यार, मेरे को तू अपनी बुआ मत समझ, एक सहेली समझ के जो पूछना है पूछ, मैं बिल्कुल सच-सच कहूंगी, तू निश्चिंत रह!

मैंने पूछा- मैंने रात को तुम्हारे कमरे से फूफा पर नाराज होने की आवाज़ें सुनीं लेकिन आज सुबह तो तुम बहुत मस्ती के मूड में थी, इसका क्या कारण है? बताओ।
बुआ ने कहा- पहले यह प्रॉमिस कर कि तू किसी को नहीं बतायेगी?
मैंने कहा- वादा करती हूं किसी को नहीं कहूंगी।

बुआ ने कहा- देख पम्मी, तेरे फूफा जी चुदाई के मामले में ढीले हैं, मेरी कामेच्छा शांत नहीं कर पाते.
मैंने उनकी ओर देखा और पूछा- तो फिर? आज सुबह क्या हो गया था? आज तो तुम बहुत सिसकारियां भर रही थीं? बहुत कामुक आवाज़ें निकाल रही थीं?
बुआ ने कहा- ऐसा इसलिए क्योंकि आज सुबह मुझे चोदने वाला तेरा फूफा नहीं था बल्कि मेरी सहेली का हसबैंड सरताज था।

तब मुझे ध्यान आया कि सुबह बुआ, मजा आ गया मेरे सरताज, कह रही थी, तब मैं समझी थी कि बुआ, लाड़ में फूफा जी को, मेरे सरताज कह के संबोधित कर रही है।

मैं एकदम हैरान हो गई, मुझे लगा कि क्या ऐसा भी हो सकता है कि कोई औरत शादीशुदा होने के बाद भी किसी गैर मर्द को अपने घर बुलाकर चुदवा सकती है?

मैंने बुआ से पूछा- क्या कह रही हो बुआ? तुम्हारी सहेली को पता है यह सब?
बुआ ने मुझे फिर से आश्चर्य में डालते हुए कहा- हां, उसे पता है। उसी ने मेरी प्यास बुझाने के लिए उसे मेरे भेजा था।

मेरी और जिज्ञासा बढ़ गई, मैंने कहा- कौन सी सहेली और कौन है उसका पति?
बुआ ने कहा- मेरी सहेली सिमरन और उसका पति है सरताज। मुझे और मेरी चूत को मस्त और तृप्त करने वाला सरताज।

मैंने देखा कि बुआ की आंखों में सरताज का नाम लेते हुए एक सम्मोहन सा था।

उन दोनों को मैं अच्छे से जानती थी क्योंकि वे बुआ के यहां आते रहते थे और हम भी उनके यहां चाय नाश्ता करने, खाना खाने जाते थे।

मैंने बुआ से फिर पूछा- लेकिन इतना सब कुछ कैसे संभव हुआ बुआ?

तो बुआ बताने लगी:

यार, चुदाई में तृप्ति नहीं मिलने के कारण, मैं बहुत चिड़चिड़ी रहती थी.
एक दिन सिमरन आई हुई थी।
उसने मुझसे पूछा- तू देवर जी पर इतना गुस्सा क्यों करती है?
तो मैंने कहा- यार, वह मुझे ठीक से चोद नहीं पाता, कभी तृप्त नहीं करता, हमेशा अधूरा छोड़ देता है।
फिर मैंने सिमरन से पूछा- तेरे क्या हाल है? प्रा जी तेरे को अच्छे से चोद पाते हैं या नहीं?

मेरी इस बात के जवाब में सिमरन ने जो कहा उसको सुनकर मेरे तो होश उड़ गए।
उसने कहा- अरे साला, वो तो हड्डियां चटका देता है मेरी, जब देखो तब उसका लंड खड़ा ही रहता है। शादी को 20 साल होने वाले हैं लेकिन उसको मेरी चूत मिले या किसी और की, लेकिन रोज चूत चाहिए चोदने को।

इस पर मैंने सिमरन से पूछा- यानि कि सरताज प्रा जी ने कई चूतें चोद रखी हैं?
सिमरन ने कहा- हां।
उसकी बात सुनकर मेरी चूत में भी खलबली होने लगी।

अगले अंक में आप पढ़ेंगे कि पम्मी से सिमरन और अंजू की कहानी सुनने के बाद हर्ष पर उसकी क्या प्रतिक्रिया होती है?
कहानी में अभी बहुत सी रोचक घटनाएं आनी बाकी हैं।
कृपया प्रत्येक अंक पढ़ते रहें।

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Xxx कपल चैट का अगला भाग: सेक्स है कुदरत का वरदान- 8

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