अपनी अपनी जरूरत- 1
(Wife Swap For Orgasm )
सेक्स में ओर्गैस्म का मजा लेने के लिए तीन दोस्तों ने आपस में विचारविमर्श करके बीवियों की अदला बदली करने की सोची. पर समस्या थी कि बीवियां इसके लिए मानेंगी?
प्रिय मित्रो, आपने मेरी पिछली कहानी
गांड के शौकीनों ने मुझे मेल प्रोस्टीटयूट बना दिया
पढ़कर मजा लिया. धन्यवाद.
आज की यह कहानी तीन दोस्तों अमित, वरुण, हिमांशु और उनकी पत्नियों की सच्ची कहानी है।
उन्होंने यह कहानी लिखने की अनुमति इस आशा से दी कि इसको पढ़कर कुछ पाठक पाठिकाओं के जीवन में ऐसी ही ओर्गैस्म की समस्या हो तो, इस कहानी से शायद मदद मिले।
कहानी में सभी पात्रों के नाम बदल दिए हैं.
हम तीन दोस्त हैं अमित, वरुण, हिमांशु!
हमारी सालों से दोस्ती है। हम तीनों एक ही शहर में नौकरी करते हैं.
हम तीनों मूवी साथ में जाते, साथ में दारू पीते, खाना खाते, लड़की पटाने की कोशिश करते हैं, सेक्स की बातें करते हैं।
सेक्स वीडियो कंप्यूटर पर देखकर साथ में हस्तमैथुन करते हैं.
हम तीनों का लंड 5-6 इंच के बीच का है.
एक बार हम तीनों दोस्त वेश्या के अड्डे पर गए, तीन लड़कियां चुनी, कंडोम लगाकर चुदाई की।
हम तीनों का एक ही अनुभव था- वेश्या आराम से पैर फैलाकर लेटी रही.
यह वेश्या चुदाई का खेल हमको बिल्कुल आंनद नहीं आया, हमने फैसला किया अब सेक्स शादी के बाद ही करेंगे।
करीब 25- 26 साल की उम्र में हम तीनों की शादी हो गयी.
अमित की मोना के साथ, हिमांशु की कल्पना के साथ, वरुण की रति के साथ शादी हुई।
मोना और कल्पना के स्तन 32 बी आकार के थे, वे दुबली और आकर्षक थी।
पर रति के चूचे बहुत बड़े थे 38डी के … उसका चेहरा आकर्षक था.
रति वरुण से लम्बी भी थी, उनका प्रेम विवाह था।
जो भी रति को देखता, पहले उसकी नज़र रति के चूचों पर जाती।
ब्रा साइज हम दोस्तों ने अपनी अपनी अपनी पत्नियों के ब्रा लेबल से देखी थी और जानकारी एक दूसरे को दी थी.
शादी के बाद हम तीनों दोस्त और हमारी पत्नियां एक साथ घूमने जाते, पिकनिक करते।
हमने अपनी पत्नियों को वोडका लिम्का में मिलाकर पीना सिखा दिया।
हमारी पत्नियों की भी आपस में अच्छी दोस्ती हो गयी।
जब हम तीनों जोड़े एक साथ पार्टी करते तो एडल्ट जोक भी चलते, सेक्स वीडियो कंप्यूटर पर साथ बैठकर देखते.
एक साल ऐसे ही बीत गया नयी शादी और सेक्स के जोश में!
दो साल के अंदर तीनों के घर नए मेहमान आ गए, हम बच्चों में व्यस्त हो गए।
जब बच्चे थोड़े बड़े हुए तो वे भी एक दूसरे के मित्र हो गए।
हम लोगों ने फैसला किया, सिर्फ एक ही बच्चा!
तीनों की पत्नियों का परिवार नियोजन का ऑपरेशन हो गया.
गर्मियों की छुट्टियों में तीनों की पत्नियां अपने मायके चली जाती।
तब हम तीनों दोस्त साथ में खाना बनाते, दारू पीते।
एक बार पीने के बाद हम अपने शादी के बाद सेक्स अनुभव बताने लगे.
अमित- मैं और मोना खूब मजा कर रहे हैं, अब तो मोना का ऑपरेशन हो गया है, गर्भ ठहरने का भी खतरा नहीं। मैं हथेली को मोड़ता हूँ, जैसा हथेली में पानी लेने के लिए करते हैं, मैं मोना के कूल्हे पर हथेली से हल्के हल्के मारता हूँ, हम इसको कूल्हा बजाना कहते हैं। इसमें बजाने वाले को और बजने वाली दोनों को मजा आता है। हमारे हिसाब से यह दुनिया का सबसे अच्छा बाजा है.
अमित आगे बोला- मैं और मोना सेक्स में काफी देर बिना झड़े टिकते हैं. मोना के झड़ने के बाद ही मैं झड़ता हूँ। यदि लगे कि मैं पहले झड़ने वाला हूँ, मैं चुदाई रोककर लंड थोड़ा बाहर निकल लेता हूँ, लंड को जड़ के पास उंगलियों से कस कर पकड़ लेता हूँ, सांस रोक देता हूँ, मोना का सुन्दर चेहरे पर ध्यान देता हूँ, इससे मेरा झड़ना टल जाता है। हम अलग अलग आसनों में चुदाई करते हैं। मोना को मुख मैथुन ज्यादा पसन्द नहीं है। मोना भी चुदाई के समय कमर उछाल कर साथ देती है, खूब सिसकारी लेती है। हम चुदाई से पहले फोरप्ले काफी देर करते हैं.
हिमांशु- मैं और कल्पना भी खूब मजे करते हैं। मैं कल्पना को बकरी की तरह चार हाथ पांव पर पलंग पर खड़ा करता हूँ, उसके गले में पट्टा लगाकर पट्टे की रस्सी पलंग पर बांध देता हूँ। मैं धोती बनियान पगड़ी पहनकर ग्वाला बनता हूँ.
उसने आगे बताया- कल्पना के चूचे, निप्पल ऐसे खींचता हूँ, जैसे दूध निकाल रहा हूँ। बच्चा होने के बाद तो थोड़ा दूध भी निकलता है, मैं कटोरे में लेकर पी लेता हूँ। कल्पना मस्ती में बकरी की तरह मिमयाती है। मुझे आशा है इससे कल्पना के चूचे बड़े होंगे, मुझे बड़े चूचे पसन्द हैं.
हिमांशु बताता रहा- कल्पना मुझे पेट के बल लिटाकर मेरे सर के नीचे 3 तकिये लगा देती है। मेरा लंड चूत में लेकर उछलती है. उस समय मैं उसके चूचे दबाता, निप्पल चूसता हूँ। कल्पना थोड़ी ही देर में झड़ जाती है और उसकी चूत से ढेर सा कामरस निकलता है.
वो बोलता रहा- कल्पना निढाल होकर, पैर फैलाकर लेट जाती है, मैं उसके ऊपर चढ़कर चुदाई शुरू करता हूँ। कल्पना कहने लगती है कि जल्दी ख़त्म करो, मैं और नहीं ले सकती। मैं जल्दी झड़ जाऊं, इस कोशिश में कल्पना मुझे रोककर मेरे निप्पल चूसती है। कल्पना द्वारा मेरे निप्पल चूसने से मुझे और जोश आता है, मेरे चोदने की गति बढ़ जाती है. हमारी एक ही मुश्किल है कि कल्पना बहुत जल्दी झड़ जाती है, मुझे झड़ने में बहुत समय लगता है। कल्पना को मुखमैथुन बिल्कुल पसंद नहीं है, ना यह लंड चूसती है, ना मुझे चूत चूसने देती है। बाकी सभी मामलों में हमारा अच्छा तालमेल है, हम एक दूसरे को प्यार करते हैं.
वरुण- मैं नंगा होकर पलंग पर घोड़े की तरह खड़ा होता हूँ, रति भी नंगी होकर मेरे पीठ की सवारी करती है, हम खूब हंसते हैं. मैं फोरप्ले में रति के बड़े चूचे चूसता हूँ, उसकी चूत गीली हो जाती है। हम 69 पोजीशन में लेटते है, रति मेरा लंड चूसती है, मैं उसकी चूत। मैं बहुत उत्तेजित हो जाता हूँ। रति को मिशनरी पोजीशन में उसके ऊपर चढ़कर, या उसे घोड़ी बनाकर पीछे से चूत चोदता हूँ.
उसने आगे बताया- रति मुझसे लम्बी है, एक बार मैं पीठ के बल लेटा, रति मेरा लंड चूत में लेकर उछलने लगी। रति के बड़े बड़े लटकते चूचों ने मेरा चेहरा ढक लिया, मुझे सांस लेने में मुश्किल हो रही थी, उसके बाद हमने यह आसन में चुदाई नहीं की.
वरुण- हमारी एक ही समस्या है, मैं जल्दी झड़ जाता हूँ, रति नहीं झड़ती। मेरे झड़ने के बाद मैं रति की चूत काफी देर तक उंगली से चोदता हूँ, तब जाकर रति झड़ती है। मुझे रति की चूत का पानी पीना अच्छा लगता है, रति को वीर्य पीना अच्छा लगता है। उंगली से चोदने से रति का पानी तो निकल जाता है, पर वह कहती है, यदि तुम ज्यादा देर तक चोदते तो ज्यादा मजा आता। ओर्गैस्म के अलावा बाकी सभी मामलो में हमारा अच्छा तालमेल है, हम एक दूसरे को प्यार करते हैं.
अमित को यौन क्रीड़ा के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का शौक है। वह इंटरनेट पर और लोगों से चर्चा कर जानकारी इकट्ठी करता है। बहुत कुछ उसने आजमा कर भी देखा है। उसने वरुण और हिमांशु की यौन समस्या और उनके निवारण के बारे में सोचा जिससे उनका यौन जीवन और आनंदमय हो।
दूसरी रात जब तीनों दोस्त मिले तो एक पेग पीने के बाद अमित बोला- वरुण, मैंने तुम्हारे जल्दी झड़ जाने के बारे में सोचा। तुम ज्यादा देर चुदाई में टिक सको, इसके लिए मेरे दो सुझाव हैं, तुम आजमा कर देख सकते हो!
अमित- एक तो तुम यौन क्रीड़ा के पहले यदि हस्तमैथुन करके जाओ। दूसरा कि चुदाई के दौरान जब लगता है कि थोड़ी देर में झड़ने वाले हो तो अपना लंड बाहर निकालकर, लंड की जड़ के पास उंगलियों से जकड़ लो, जितना हो सके सांस रोको, ध्यान चुदाई से हटाकर, रति के सुंदर चेहरे को देखो। जब लगे झड़ने की प्रवृति टल गयी तो फिर चुदाई शरू करो.
वरुण- कोशिश करके देखता हूँ.
अमित- हिमांशु, तुम्हारी समस्या थोड़ी टेढ़ी है, मैं कुछ सुझाव देता हूँ, वरुण तुम भी अपना सुझाव देना। तुम्हारे अनुसार,कल्पना झड़ने के बाद भी जब तुम चोदना चालू रखते हो तो कल्पना कहती है मैं और नहीं ले सकती, उसका मतलब है चूत में और नहीं ले सकती?
हिमांशु बोला- हाँ, कल्पना की चूत दर्द करती है.
अमित- मेरा सुझाव है कि जब कल्पना की चूत थक जाये तब कल्पना गांड में लंड लेने को राजी हो जाये तो दोनों का काम हो जायेगा, मजा भी आएगा। हम तीनों ने कॉलेज हॉस्टल में गांड मारी / मरवाई है, उसमें मजा आता है. उसके लिए हिमांशु … तुम्हें कल्पना को तैयार करना होगा. पहले गांड में छोटी पिचकारी से पानी भरकर पानी निकाल दो-तीन बार! उसके बाद कल्पना को गांड ढीली रखना सिखाओ, उंगली में तेल लगाकर गांड में डालो, पहले एक फिर दो, ऐस प्लग लगाकर कल्पना को चलने कहो, उसे मजा आएगा। फिर गांड मार सकते हो.
वरुण- हिमांशु, तुम सेक्स टॉय का इस्तेमाल भी कर सकते हो। जब कल्पना थक जाये तब तुम नकली चूत, वाइब्रेटर के साथ का इस्तेमाल कर सकते हो.
हिमांशु और वरुण ने सभी सलाह को ध्यान से सुना, कहने लगे- तीन दिन बाद हमारी पत्नियां मायके से वापस आ रही हैं। हम कोशिश करते हैं। दस दिन बाद सिर्फ हम तीनों फिर मिलेंगे, पत्नियों के बिना। तब बातएंगे क्या सफलता मिली।
10 दिन बाद अमित, वरुण, हिमांशु फिर मिले.
वरुण- मैंने अपना झड़ना रोकने के लिए चुदाई रोककर लंड को जड़ से पकड़ा, सांस रोकी, झड़ना टल गया। मैंने फिर चुदाई शुरू की, थोड़ा टिकने का टाइम बढ़ा, पर रति को झड़ने में बहुत समय लगा, मुझे उसे ज्यादा देर चोदने के बाद भी, उंगली के चोदना ही पड़ा.
हिमांशु- मैंने कल्पना को गांड में लंड लेने के लिए पटाने की कोशिश की, गांड मरवाने का वीडियो भी दिखाया, पर वह राजी नहीं हुई। मैंने उसे चोदने के बाद सेक्स टॉय (नकली चूत वाइब्रेटर वाला ) का इस्तेमाल किया, मजा नहीं आया.
अमित ने सब सुनकर, बीवी की अदला बदली का वीडियो लगाया।
वरुण, हिमांशु इसका मतलब समझ गए।
चर्चा होने लगी पत्नियों को कैसे राजी किया जाये।
तीनों दोस्तों को मालूम था कि उनकी पत्नियां भी अपने सेक्स जीवन की बात आपस में करती हैं।
पत्नियों का ऑपरेशन हो गया था, गर्भवती होने का खतरा नहीं था, बीमारी का भी नहीं।
अदला बदली के बाद भी दोनों अपनी पत्नियों से सम्बन्ध अच्छा रखना चाहते हैं.
सारांश यह निकला:
यदि हिमांशु अपने दोस्त वरुण कि पत्नी रति के साथ यौन क्रीड़ा करें तो- हिमांशु रति से काफी लम्बा था, यदि रति हिमांशु के ऊपर चढ़कर, उसका लंड चूत में लेकर उछले तो हिमांशु का चेहरा रति के बड़े स्तन से ढक नहीं जायेगा (वरुण का चेहरा ढक जाता था, क्योंकि वरुण की लम्बाई रति से कम है)। हिमांशु और रति सम्भोग के दौरान बहुत देर टिकते हैं.
यदि वरुण कल्पना (हिमांशु की पत्नी) के साथ यौन क्रीड़ा करे- तो दोनों को आसानी होगी, दोनों जल्दी झड़ जाते हैं। वरुण, रति आपस में मुख मैथुन चालू रखेंगे.
तीनों दोस्तों ने योजना बनायीं कि कैसे वरुण, हिमांशु अपनी पत्नियों को राजी करेंगे।
अमित बीवी की अदला बदली में भाग नहीं ले सकता। अमित, मोना के यौन जीवन में कोई समस्या नहीं थी। यह तीनों की पत्नियां जानती थी.
एक रात, हिमाँशु और कल्पना ने शराब की पार्टी की, फोरप्ले के दौरान हिमांशु बोला- मैं सेक्स के दौरान बहुत देर में झड़ता हूँ, तुम्हारे झड़ने के बाद भी मैं देर तक चुदाई जारी रखता हूँ, तुम्हें तकलीफ होती है। तुम तीन सहेलियां आपस में अपने सेक्स जीवन की चर्चा करती हो, मुझे मालूम है। काश तुम्हारा सेक्स पार्टनर वरुण जैसा होता … वो भी जल्दी झड़ जाता है.
कल्पना- छी … तुम कैसी बात करते हो, अपनी बीबी को पराये मर्द से चुदने की बात करते हो?
हिमांशु- कल्पना, मैं तुम्हें प्यार करता हूँ, सेक्स भूख की तरह एक शारीरिक जरूरत है, मन माफिक मिले तो ही सन्तुष्टि होती है। यदि तुम वरुण के साथ सेक्स करके संतुष्ट होती हो तो मुझे ख़ुशी मिलेगी, हमारा आपस का प्यार काम नहीं होगा.
हिमांशु कल्पना को चूमने लगा, फोरप्ले के बाद उनकी यौन क्रीड़ा शुरू हुई।
हर बार की तरह कल्पना जल्दी झड़ गयी, हिमांशु ने चुदाई जारी रखी।
कल्पना की चूत दुःख रही थी पर हिमांशु बहुत देर बाद झड़ा।
उसने फिर कल्पना को कहा- मेरी बात पर सोचना!
एक रात वरुण ने रति को थोड़ी ज्यादा शराब पिला दी, फोरप्ले के बाद उन्होंने चुदाई शुरू की।
थोड़ी देर में वरुण झड़ गया, उसने रति की चूत पौंछी और रति को उंगली से चोदते हुए बोला- मुझे बुरा लगता है जब मैं जल्दी झड़ जाता हूँ। तुमको तो अपनी सहलियों से मालूम ही है कि हिमांशु बहुत देर बाद झड़ता है। काश … तुम्हारा सेक्स पार्टनर हिमांशु होता!
रति- हिमांशु, क्या तुम्हारा दिल मुझसे भर गया है और कल्पना पर दिल आ गया है?
वरुण- मैं तुम्हें प्यार करता हूँ, पर सेक्स एक जरूरी शारीरिक जरूरत है, पूरी सन्तुष्टि न हो तो जीवन अधूरा लगता है। मैंने देखा है, सेक्स के बाद तुम बहुत देर तक जागती रहती हो। यदि हिमांशु तुम्हारी सेक्स की जरूरत पूरी करे तो मुझे तुम्हें संतुष्ट देखकर मुझे ख़ुशी होगी। हमारा प्यार इतना कमजोर नहीं कि इस बात से हमारे सम्बन्ध ख़राब हो जायें!
वरुण और हिमांशु अपनी पत्नियों को समझाते रहे।
अमित ने भी इस विषय में अपनी पत्नी मोना से बात की.
आपको यह ओर्गैस्म की कहानी कैसी लग रही है?
मुझे बतायें.
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ओर्गैस्म की कहानी का अगला भाग: अपनी अपनी जरूरत- 2
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