ये चूत मांगे मोर- 4
(Sexy Friend Wife Xxx Kahani)
सेक्सी फ्रेंड वाइफ Xxx कहानी में पढ़ें कि अक्षम पति ने अपनी बीवी को अपने दोस्त को पटाकर सेक्स का मजा लेने को कहा. तो बीवी ने पति के दोस्त से कैसे चूत चुदवाई?
कहानी के तीसरे भाग
जिगोलो से मिटी तन की प्यास
में आपने पढ़ा कि नपुंसक पति ने हनीमून पर अपनी कुंवारी बीवी को एक मसाज बॉय से चुदवा दिया. उसके बाद उसने अपनी बीवी को अपना ही बिजनेस पार्टनर पटाकर सेक्स करने को कहा.
अब आगे सेक्सी फ्रेंड वाइफ Xxx कहानी:
अगले दिन सुबह विजय के ऑफिस के लिए निकलते ही अनुज का फोन सारिका के पास आ गया।
फोन पर एक लंबी किस के बाद अनुज ने सारिका से कहा कि वह अचानक ही उससे बहुत प्यार करने लग गया है और रात को इतना नजदीक आने के बाद दूर हटना पड़ा, वह रात भर सो नहीं पाया है।
सारिका ने भी यही बात उससे कही.
पर साथ यह भी कहा कि विजय की मौजूदगी का ख्याल रखा करो। रात को उसे शक हो गया है क्योंकि वो पूछ रहा था कि अनुज अब तक क्या कर रहा था। अगर उसे शक हो गया तो वो कहीं की न रहेगी।
अनुज उससे मिलने की जिद करने लगा।
सारिका ने कहा कि बिना विजय के कहे वो उसे कैसे बुला सकती है।
अनुज ने बहुत ज़ोर दिया- हम किसी होटल के रूम में मिलते हैं!
तो सारिका ने उसे समझाया- हर होटल का स्टाफ तुम दोनों को जानता है, बात खुल गयी तो बवाल हो जाएगा।
अनुज पगला रहा था तो सारिका ने उसे ये कह कर फोन रखा कि विजय का फोन आ रहा है।
तभी सारिका ने तुरंत विजय को फोन करके सब बताया।
विजय ने कहा कि वो सब सोच चुका है और वो कल एक दिन के लिए अपने माँ पिताजी के पास जाएगा, पीछे सारिका अनुज को बुला ले।
यह सुनकर सारिका की चूत तो अभी से गीली होने लगी।
थोड़ी देर बाद ही विजय का फोन आया- आज अनुज ने हम दोनों को होटल ली मेरेडियन में डिनर पर बुलाया है। मैंने मना भी किया तो वो बहुत जिद करने लगा और आज तो उसने यह भी कहा कि उसे हिसाब में कोई दिक्कत नहीं है और उसे मुझ पर पूरा विश्वास है।
सारिका ने कल की तैयारी शुरू कर दी।
तब सबसे पहले सारिका ब्यूटी पार्लर में दो तीन घंटे लगा कर अपने को चिकनी और चमकवा कर आई।
घर आकर उसने अपनी चूत चिकनी कर ली।
वो दोपहर को फोन बंद करके एक घंटा सोयी ताकि शाम को फ्रेश उठे।
रात के लिए उसने ब्लैक ड्रेस निकाली। नाखूनों पर रेड नेल पैंट लगाया।
कुल मिला कर डिनर पर जाते समय वो एक अल्हड़ पंजाबी लड़की का खूबसूरत लुक दे रही थी।
उसने अपने पर्स में कुछ सोचकर लिपिस्टिक भी रख ली।
होटल में वो तीनों साथ ही गए।
अनुज ने विजय की नजर बचाकर उसे एक गुलाब दिया तो सारिका ने बड़े बेखौफ होकर उसी से कहा कि इसे वो उसके बालों में खुद ही लगा दे।
विजय यह देख मुस्कुरा दिया।
वे लोग लिफ्ट की ओर बढ़े तो विजय बोला- मैं अपना मोबाइल गाड़ी में भूल आया हूँ, तुम दोनों चलो, मैं आता हूँ।
अनुज और सारिका लिफ्ट से ऊपर डाइनिंग हाल में पहुंचे। अनुज सारिका से चिपटा जा रहा था पर इतने लोगों की मौजूदगी में इससे ज्यादा मौका उसे नहीं मिल रहा था।
सारिका उसकी बेकरारी समझ रही थी तो डाइनिंग हाल में पहुँचते ही उसने अनुज से कहा- मैं वाशरूम होकर आती हूँ, गले में कुछ अटक रहा है।
अनुज उसके साथ ही लेडिज वाशरूम तक आया।
सारिका अंदर गयी और अंदर किसी अन्य महिला को वहां न पाकर बाहर उसने आकर अनुज को अंदर आने का इशारा किया।
अनुज ने अंदर आते ही उसे ताबड़तोड़ चूमना शुरू किया और चिपटा लिया अपने से!
सारिका ने उसे बाहर धकेलते हुए कहा- बस इससे ज्यादा नहीं, कोई आ जाएगा।
फिर सारिका ने अपना मेकअप ठीक किया और दोनों डाइनिंग हाल में आ गए।
उनके पीछे पीछे ही विजय भी आ गया।
उसने आते ही इशारे से सारिका को आँख मारकर पूछा तो सारिका भी आँख मार कर मुस्कुरा दी।
डिनर के दौरान अनुज अपने पैरों से सारिका के पैरों को छेड़ता ही रहा।
उसने विजय की नजर बचाकर अपने प्लेट की चम्मच सारिका की चम्मच से बदल ली।
वहीं खाना खाते समय विजय ने अनुज को बताया कि वो कल एक दिन के लिए अपने माँ पिताजी के पास जाएगा; परसों आ जाएगा।
अनुज यह सुनकर सारिका को देखकर मुस्कुराया।
अगले दिन विजय दोपहर तक चला गया।
उसके निकलते ही अनुज का फोन सारिका के पास आ गया और वो अभी आने की जिद करने लगा।
सारिका ने उसे बता दिया कि आज उसकी किटी पार्टी है, वो देर शाम तक ही घर आ पाएगी।
दोनों ने यह तय किया कि अनुज रात को 9 बजे करीब सारिका के पास आयेगा।
सारिका एक घंटा सोने के बाद उठी और किटी पार्टी में चली गयी।
वहाँ से शाम को 7 बजे आई तो थकी हुई थी; वह कपड़े उतार कर बाथटब में आँख बंद कर के लेट गयी।
अनुज के कई फोन आ चुके थे, उसने बस एक ही उठाया और कहा- बेकरार मत होओ ज्यादा, पहली बार डेट पर आ रहे हो, तैयारी से आना!
उसने बियर फ्रिज में रख दी थी।
पौने नौ तक वो तैयार हो गयी।
उसने एक बहुत सेक्सी ब्रा पेंटी सेट पहन ऊपर से एक फ्रॉक डाली।
वो खुद बहुत चुदासी हो रही थी और बेचैन हो रही थी।
दो बार विजय के फोन आ चुके थे, वह जानना चाह रहा था कि क्या अनुज आ रहा है।
सारिका ने उससे कह दिया कि हाँ रात को आयेगा, पर वो तय नहीं कर पा रही है की उसे आगे बढ़ने दे या न दे।
तभी सारिका ने उससे प्यार से कहा कि उसे सोचने दे और अब रात को फोन न करे। सुबह वो खुद उसे फोन करेगी।
सारिका भी समझ रही थी कि विजय उसकी खुशी के साथ साथ अनुज को भी बांधना चाहता है ताकि उसका व्यापार सुरक्षित रह सके।
विजय ने उससे बस इतना ही कहा कि वो चाहे जो कर ले पर बस गर्भ का ध्यान रखे, वो गड़बड़ न हो।
असल में विजय के डॉक्टर ने इस बार की टेस्ट रिपोर्ट में बहुत उम्मीद दिखाईं थीं उसे कि आईवी सिस्टम से सारिका उसके बच्चे की माँ बन सकती है।
इसलिए सारिका ने कल ही गर्भ निरोध की दवाई खरीद ली थी।
थोड़ी देर में ही अनुज का फोन आ गया कि वो गेट पर है।
सारिका ने बाहर की लाइट बंद कर रखी थी, उसने धीरे से गेट खोल कर अनुज को अंदर किया।
गेट लॉक करते ही अनुज ने उसे चिपटा लिया और ताबड़ तोड़ चुंबनों की बरसात कर दी।
सारिका ने उससे लिपटते हुए कहा- थोड़ा सब्र करो, आज पूरी तुम्हारी हूँ।
अनुज ने उसे एक हीरे का नेकलेस गिफ्ट किया।
गिफ्ट महंगा था पर जो अनुज को मिलने वाला था, उसके सामने कुछ नहीं था।
अनुज ने सारिका को गोदी में उठा लिया और घुमाते हुए उसे सोफ़े पर बैठा कर अपने हाथों से नेकलेस उसे पहनाया।
नेकलेस बहुत खूबसूरत था, सारिका ने खुशी में अनुज को चूम लिया।
अनुज उसे दोबारा चिपटना चाह रहा था तो सारिका ने पूछा- क्या पियोगे?
सारिका ने बियर की केन खोल दीं और अनुज की गोदी में जा बैठी।
दोनों के होंठ बार बार मिल रहे थे।
चुदास गहराती जा रही थी, बांध टूटने कों बेताब था।
सारिका ने डिनर तैयार कर रखा था पर अनुज का मन पहले बेड पर जाने को था।
तब सारिका ने उसे समझाया- जल्दी तो कोई है नहीं, तुम आज रात यहीं रुकना। पहले डिनर कर लेते हैं, फिर पूरी रात हमारी है।
हालांकि भूख दोनों को कुछ खास नहीं थी तो हल्का फुल्का कुछ खाकर उन्होंने डिनर निबटाया।
अब अनुज बेकाबू हो रहा था।
उसने सारिका को गोदी में उठाया और चूमता हुआ बेड पर ले गया और धीरे से लिटा दिया।
सारिका ने बेड पर से ही लाइट काफी डिम करी और हल्का सा म्यूजिक चला दिया।
अनुज ने दबोच लिया सारिका को, दोनों पागलों की तरह चिपट गए।
सारिका ने अनुज की टी शर्ट और जींस उतार फेंकी और उसकी छाती चूमने लगी।
अनुज ने भी सारिका की फ्रॉक उतार दी।
अब कपड़ों की परवाह किसे थी।
सारिका के मदमस्त मम्मे बाहर निकालने को तैयार थे।
अनुज सारिका के मखमली जिस्म को बेतहाशा चूम रहा था।
सारिका भी अनुज की छाती को नोचे खसोटे जा रही थी।
अनुज ने सारिका के मम्मे ब्रा से बाहर निकाल कर उन्हें आज़ाद कर दिया।
दोनों कबूतर फुदक कर बाहर आ गए।
अनुज ने बारी बारी से उन्हें चूमा और सारिका को पलटते हुए उसकी ब्रा खोल दी।
नीचे की पेंटी सारिका ने अपने पैरों से उतार दी और साथ ही अनुज का अंडरवियर भी।
अब अनुज का लपलपाता लंड सारिका की गिरफ्त में था।
सारिका निहाल हो गयी उसके लंड की मजबूती और मोटाई देख कर!
दूसरे की बीवी चोदने को मिले तो लंड तो वैसे ही तन जाता है।
सारिका ने उस मूसल को अपने मुंह में ले लिया और निगलने की कोशिश में लपर लपर चूसने लगी।
जल्दी ही सारिका ने अनुज को बेहाल कर दिया।
उसकी चूत खुद पानी बहा रही थी तो अनुज के इसरार करने पर उसने अनुज के लंड को छोड़ दिया ताकि अनुज अब उसकी चूत चूम सके।
अनुज ने सारिका की मखमली रेशमी फाँकों में अपनी जीभ घुसा दी।
सारिका ने कसमसाकर अपनी टांगें चौड़ा दीं।
अनुज ने और गहराई नापी और अपना एक हाथ सारिका की गोलाइयों तक पहुंचाया।
सारिका ने अपने हाथों से अपनी फाँकों को और चौड़ाया।
वो अनुज की जीभ को पूरे गहराई तक अपने में सामना चाहती थी।
दोनों अब 69 हो गए।
सारिका ऊपर थी।
चुदास की अगन दोनों ओर बराबर से लगी थी।
अनुज ने बीवी के जाने के बाद एक दो बार जर्मनी में सेक्स किया था और सारिका की ज़िंदगी में तो सही मानों का सेक्स आज दूसरी बार होने को था।
हाँ पर ये वाला पार्टनर लंबे टाइम तक चल सकता था, ऐसा वादा विजय ने उससे किया था।
सारिका अब अनुज को अपने अंदर चाहती थी तो वह ऊपर से उतरी और अनुज के ऊपर चढ़ कर उसका लंड अपनी चूत की फाँकों पर सेट किया।
अनुज को उसकी ये अदा भा गयी और उसने भी बिना देरी किए नीचे से लंड को जन्नत की गुफा में ठेल दिया।
सारिका सिहर गयी।
अनुज का लंड विशाल जितना सख्त तो नहीं था पर खासा मोटा था।
विशाल से चुदाई में कोई भावना नहीं थीं, पर अनुज की चुदाई में एक डर सा तो था ही सारिका के मन में!
अब सब कुछ भूलकर सारिका उछलने लगी और अनुज को और गहराई तक समाने लगी अपने अंदर!
कामसूत्र के जानकार कहते हैं कि स्त्री को चुदाई का सबसे ज्यादा मजा इसी आसन में आता है जब वो अपनी इच्छा से मर्द के लंड को अपनी गहराई तक ले जाती है।
अब अनुज ने बिना उससे पूछे उसे नीचे किया और उसकी टांगें चौड़ा कर एक ही झटके में पूरी गहराई तक लंड पेल दिया।
सारिका की चीख निकाल गयी, बोली- फाड़ डालोगे क्या?
पर अनुज के धक्के बढ़ते गए और उसी अनुपात में सारिका की कामाग्नि भड़कती दहकती रही।
उसे सारिका उकसा रही थी कि वो और तेज चोदे।
सारिका कह रही थी- अनुज, आज तुमने मुझे पूरी औरत बना दिया। मैं इस रात को कभी नहीं भूलेगी।
अनुज ने भी सारिका के मम्मे मसल मसल कर लाल कर दिये थे।
ऊपर से अनुज धक्के लगा रहा था, नीचे से सारिका उछल रही थी।
अब दोनों का होने ही वाला था।
अनुज ने सारिका से हाँफते हुए कहा- मेरा होने वाला है, कहाँ निकालूँ?
सारिका ने उसे कस कर भींच लिया और फुसफुसाते हुए कहा- मेरे अंदर ही आ जाओ जान!
अनुज ने सारा माल सारिका की चूत में भर दिया और दोनों निढाल होकर पड़ गए।
कुछ मिनट बाद सारिका ने करवट बदली और अनुज को चूमते हुए थैंक्स बोली।
अनुज ने उसे अपने से फिर चिपटा लिया।
थोड़ी देर बाद सारिका वाशरूम में गयी और शावर लेने लगी।
पीछे पीछे अनुज भी आ गया और उससे चिपट कर शावर के नीचे खड़ा हो गया।
जल्दी ही उसका लंड फिर तन गया था।
सारिका ने ऊपर से बहती धार के नीचे बैठ कर उसका लंड मुंह में ले लिया।
दोनों चुदाई के लिए फिर तैयार थे।
अनुज ने सारिका को अपने से चिपटाते हुए उसकी टांगें चौड़ाईं और लंड घुसाने की कोशिश की।
एक दो बार की कोशिश में जब वो कामयाब नहीं हुआ तो सारिका ने अपनी एक टांग उठा कर बाथटब के ऊपर रखी और अब अपने हाथ से अनुज का लंड अपने अंदर कर लिया।
ऊपर से झरने की फुहार पड़ रही थी, नीचे धक्कों की स्पीड बढ़ती जा रही थी।
चुदाई हो तो रही थी पर मजा नहीं आ रहा था।
अनुज ने सारिका को आगे झुकाया।
सारिका ने अपने दोनों हाथों को बाथटब से टिकाया और घोड़ी बन कर खड़ी हो गयी।
अब अनुज ने पीछे से उसकी गांड को टटोला तो सारिका चिहुँक गयी- पीछे नहीं करना!
खैर अनुज अब पीछे से उसकी चूत में घुस गया और लगा धक्के देने!
लंड तना हुआ था, धक्के दमदार थे; जल्दी ही मामला पूरा हो गया।
दोनों नहाकर बाहर निकले।
अब रात का 1 बज रहा था।
हालांकि सारिका ने अनुज को रुकने को कह रखा था पर दोनों को ही एक अनजान डर था कि कहीं कोई सुबह देख न ले।
सारिका ने कॉफी बनाई; पीकर अनुज चूमा चाटी करके वापिस चला गया।
अनुज के जाते ही सारिका ने विजय को फोन मिलाया।
विजय ने एक घंटी में ही फोन उठा लिया।
सारिका ने विजय को फोन पर चूमते हुए कहा- विजय तुम बहुत अच्छे हसबेंड हो जो अपनी बीवी को खुश करने के लिए इतनी बड़ी कुर्बानी देने को तैयार हो गए।
विजय ने उससे पूछा- तुम खुश तो हो ना?
सारिका बोली- बहुत खुश हूँ, कब आ रहे हो?
विजय बोला- रास्ते में हूँ, सुबह जल्दी ही आ जाऊंगा।
सारिका सिहर गयी कि अच्छा हुआ अनुज चला गया।
वो ठीक है कि विजय को अंदाज़ सब है पर आँखों कि शर्म तो बाकी थी अभी!
सारिका ने तुरंत अनुज को फोन करके एक आपस का स्टेटमेंट बनाया ताकि विजय के सामने दोनों के एक से जवाब निकालें।
विजय सुबह 5 बजे तक आ गया था।
सारिका ने उससे चिपटते हुए कुछ बताने की कोशिश की तो विजय ने जवाब दिया कि उसे सब मालूम है।
सारिका चौंकी … पर पूछने कि गुंजाइश नहीं थी।
विजय शांत था; वो कुछ देर सोना चाहता था।
सारिका के मन में चोर था; उसने विजय को चिपटाते हुए खूब प्यार से चूमते हुए सुलाया।
दिन में विजय ऑफिस चला गया।
अनुज उससे दिन भर आँख चुराता सा रहा।
उसने दिन में सारिका से कई बार बात करी तो सारिका ने उससे बस यही कहा कि विजय को शक हो गया है, उससे कोई बहस मत करना।
शाम को वापिस आते में अनुज से रहा नहीं गया तो उसने चाय पीने के बहाने विजय से एकांत में कुछ बात करनी चाही।
विजय ने मुसकुराते हुए कहा- मुझसे कुछ छिपा नहीं है; इससे ज्यादा कुछ बात नहीं करो।
और विजय ने अनुज से कहा कि उसे अनुज और सारिका की दोस्ती में कोई ऐतराज नहीं है, बस इससे ज्यादा कुछ नहीं। और इसमें भी आपस की शर्म खत्म नहीं होनी चाहिए। दोनों की दोस्ती और व्यापार प्रभावित नहीं होने चाहिए। आपस का विश्वास बना रहना चाहिए।
अनुज सिहर गया।
उसने विजय के गले लगते हुए कहा कि वो उससे दोस्ती कभी नहीं छोड़ेगा और उसे सारिका के दोस्त की तरह स्वीकार करने के लिए वो इस ऐहसान को कभी नहीं भूलेगा।
अनुज ने यह भी कहा कि उसे व्यापार में विजय के लिए हर निर्णय पर कभी कोई ऐतराज नहीं होगा।
दोनों खुश थे।
अनुज यही समझ रहा था कि विजय को कल रात हुए सेक्स के बारे में कुछ नहीं मालूम, उसे तो बस यही मालूम है कि वो बिना विजय को बताए उसकी अनुपस्थिति में कल रात उसके घर गया था और अब वो और सारिका विजय की निगाह में दोस्त बने रह सकते हैं।
अनुज सारिका से प्यार की पींगें बढ़ता रहा यह सोच कर कि अब तो उसे लाइसेन्स मिल गया है।
वे दोनों अब अक्सर मार्केट में या इधर उधर मिलते।
एक दोपहर को अचानक अनुज विजय के घर आ गया सारिका से मिलने!
उसने बहाना बनाया कि आम की पेटी ली थी तो उसे देने आ गया।
सारिका ने उससे पानी पूछा तो अंदर ले आई।
अनुज ने जबरदस्ती सारिका के कपड़े उतरवाकर फटाफट सेक्स का एक सेशन कर लिया।
रोमांच सारिका को भी अब अच्छा लाग्ने लगा था।
अब वो अनुज से सेक्स को बेताब रहने लगी।
अनुज जब भी फोन करता या मिलता, बात सिर्फ सेक्स की होती।
सारिका को अटपटा भी लगता पर वो भी तो चुदाई की दीवानी हो रही थी।
उन दोनों ने एक होटल में मिलने का प्रोग्राम बनाया।
छिपते छिपाते दोनों शहर से बाहर एक मोटल में मिले।
धड़कते दिल से सारिका कमरे में पहुँच तो गयी पर उसकी हवा खराब थी।
कमरे में पहुँच कर वासना का जो सैलाब उठा, वो दो घंटे जम कर सेक्स करने के बाद ही थमा।
शाम को जब सारिका घर पहुंची तो उसे आश्चर्य हुआ कि विजय घर पर ही था।
उसने बड़े प्यार से सारिका को बैठा कर उसकी और अनुज की उस रात की घर पर हुए सेक्स की वीडियो दिखाई और आज मोटल में घुसते और बाहर निकलते हुए की फोटो दिखाईं।
सारिका फफक कर रो पड़ी और माफी मांगने लगी।
क्योंकि उन दोनों के बीच समझौता हुआ था कि सारिका बिना बताये अनुज के साथ सेक्स नहीं करेगी.
विजय सख्त बना रहा।
उसने कहा- एक बार आज़ादी देने के बाद तुम्हारी आज की हरकत माफ करने लायक नहीं है।
विजय ने तलाक की बात भी कर दी।
उसने कहा कि सारिका चाहे तो अनुज से शादी करके घर बसा ले।
सारिका को दिन में तारे नजर आ गए।
एक तो अनुज का तलाक नहीं हुआ था अभी … दूसरे वो अच्छे से समझ गयी थी कि अनुज को तो केवल उसका जिस्म चाहिए था। क्योंकि कल ही उसकी फोन पर बात अनुज की बीवी से हुई थी। उसने सारिका को अपनी अनबन की वजह अनुज का अनेक औरतों से शारीरिक संबंध बनाने की आदत थी।
सारिका समझ तो रही थी पर अपनी जिस्म की भूख में वो ये समझ बैठी थी कि वह विजय को बेवकूफ़ बना कर अपनी हवस मिटाती रहेगी।
पर अब सब कुछ उल्टा हो गया; उसे अपने पैरों से जमीन खिसकती मालूम पड़ी।
वह विजय के पैरों पर गिर पड़ी, रो रोकर यह वादा करने लगी कि अब वह ज़िंदगी भर वफ़ादार रहेगी। विजय के सच्चे प्यार के सामने उसकी शारीरिक कमजोरी बहुत छोटी है, अब वो इसे समझ गयी है।
विजय ने भी सब कुछ भूलकर एक नए सिरे से ज़िंदगी जीने की एक और कोशिश करने की सोचते हुए सारिका को गले लगा लिया।
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी सेक्सी फ्रेंड वाइफ Xxx कहानी!
लिखिएगा मुझे मेरे मेल आई डी [email protected] पर!
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