बेवफाई की भी हद होती है- 1

(Sexy Biwi Ki Chudai Kahani)

सनी वर्मा 2024-12-15 Comments

सेक्सी बीवी की चुदाई कहानी में नई शादी के बाद दोनों को सेक्स के अलावा कुछ नहीं सूझता था. पर कुछ अरसे बाद कुछ नया करने की चाह में पति ने बीवी को गैर मर्द के लिए कहा.

दोस्तो, आज की कहानी दीपक और रिंकी की है.

दीपक मारवाड़ी व्यापारी परिवार से है.
वह पिता योगेश बाबू और बड़े भाई सुनीत के साथ व्यापार में बैठता है.

योगेश बाबू ने कुछ ऐसी सेटिंग की दोनों भाइयों की जिम्मेदारियों की कि दीपक तो सुबह पिताजी के साथ 10 बजे ऑफिस आ जाता था, लंच भी वहीं लेता; पर घड़ी देख कर 6 बजे वो ऑफिस छोड़ देता.

उसका भाई सुनीत देर रात सारे काम पूरे करके घर जाता.

पिताजी बड़े भाई के साथ रहते और दीपक एक अलग सोसाइटी में अलग फ्लैट में.
दीपक और रिंकी का एक ही बेटा है, वह देहरादून में अपनी नानी के पास रह कर पढ़ता है.

तो अब दीपक और रिंकी के पास सेक्स के अलावा कोई और काम नहीं है.
दोनों का ही ये शगल है.
सेक्सी बीवी की चुदाई खून होने लगी.

हालांकि दीपक की शादी एक अरेंज मैरिज है, पर दोनों ही कमसिन उम्र के थे शादी के समय.
मतलब दीपक 22 के और रिंकी 20 की.
दोनों शादी से पहले खूब मिलते, साथ घूमते और सिवाय सेक्स के अलावा सब कुछ कर चुके थे.

क्योंकि शादी तय होने के तुरंत बाद योगेश बाबू ने दीपक के लिए एक अलग सोसाइटी में फ्लैट ले लिया था, जिसका फर्निशिंग का काम जोरों पर चालू था.
रिंकी लोकल ही अपनी मौसी के पास रहती थी. तो कई बार वह दीपक के कहने पर फ्लैट में काम देखने के बहाने आ जाती.

आती वह अक्सर दोपहर 1 बजे के करीब थी जब सारी लेबर खाना खाने एक कमरे में होते.
तो उस समय दीपक और रिंकी को प्यार करने का पूरा मौक़ा मिल जाता.

रिंकी दिल्ली यूनिवर्सिटी की पढ़ी थी तो बेबाक और ज्यादा ही फॉरवर्ड थी.

दीपक तो मारवाड़ी लल्लू था, पर रिंकी ने लटके झटके दिखाकर उसे पूरे बस में कर रखा था.

इससे पहले दीपक बाबू तो किसी लड़की के नजदीक गए नहीं थे. या यूं कहें कि उनको इससे पहले तो किसी लड़की ने घास डाली नहीं थी.

पर रिंकी बहुत तेज लड़की थी. वह समझ गयी थी कि दीपक को ताड़ पर चढ़ाकर जिंदगी के मजे लूटे जा सकते हैं.

रिंकी ने जब पहली बार दीपक को होठों पर चुम्बन दिया था तो उसका अहसान दीपक ने एक बहुत महँगी ड्रेस देकर चुकाया.
और इसके बाद तो रिंकी उस पर प्यार लुटाती गयी और दीपक उसे महंगे गिफ्ट्स से नवाजते गया.

रिंकी दीपक को बहुत उकसाती थी.
वो तो दीपक की हिम्मत नहीं पड़ी.
जबकि एक शाम जब दोनों फ्लैट में अकेले थे तो रिंकी तो उसे बेड पर खींच ले गयी थी.

सच तो यह था कि रिंकी अपने जिस्म का दीवाना बना देना चाहती थी दीपक को … और वह इसमें कामयाब भी हो चुकी थी.
अब दीपक शादी की कोई भी खरीददारी बिना रिंकी के नहीं करना चाहते थे.

एक बार तो दीपक की माताजी नाराज भी हो गयी कि क्या तेरे कच्छे-बनियान भी बहू ही दिलवाएगी.
रिंकी ने अपने आपको मेन्टेन बहुत कर रखा था.
खाने पीने में परहेज़ के अलावा बॉडी टोनिंग के लिए जिम वो रेगुलर जाती थी.

दोनों की शादी धूमधाम से हुई.

सुहागरात के लिए योगेश बाबू ने एक पांच सितारा होटल में रूम बुक किया था.
दीपक को कुछ करना ही नहीं था, सुहागरात में उनका जमकर बल।त्कार रिंकी ने किया.

वह तो वो सब कुछ करता चला गया जो रिंकी उसे बता रही थी.
दीपक ने किसी लड़की को बिना कपड़ों के पहली बार देखा था.
वह तो अपनी किस्मत पर निहाल था

रिंकी भी पहले कभी नहीं चुदी थी.
उसने अपनी कुंवारी चूत की सील सुहागरात पर ही दीपक से तुड़वाई.
वह चाहती थी कि दीपक यह खबर अपनी मां को दे.

पुराने परिवारों में खासतौर पर पुराने मारवाड़ी परिवारों में इसका बहुत महत्त्व होता था.

पर हाँ दीपक ने चुदाई के कई राउंड लगा कर रिंकी को संतुष्ट कर दिया.
पूरी रात चुदाई चलने के बाद बमुश्किल दीपक ने रिंकी को सुबह छोड़ा.

अब यह बात अलग है कि दीपक के लंड को बार बार चूम चूस कर खड़ा करने में रिंकी ने बड़ी मेहनत की थी.
सच तो यह था कि दीपक के लंड का साइज़ रिंकी के पोर्न मूवीज को देखने के बाद संजोये सपनों से बहुत छोटा था.

एक बार तो रिंकी ने अफ़सोस किया कि अगर उस शाम फ्लैट पर वह दीपक का लंड देख लेती तो शायद वो शादी के बार में दोबारा सोचती.
पर अब क्या हो सकता था.

फिर रिंकी ने दीपक से पूरे होते अपने शौकों के बारे में सोचा तो उसे लगा कि कोई बात नहीं, काम चल जाएगा.

बाद में रिंकी ने बड़े फख्र से यह बात अपनी सहेलियों और भाभियों को बतायी कि पूरी रात पलंगतोड़ चुदाई की है दीपक ने!
पता नहीं क्या खाकर आया था दीपक.

सब कुंवारी सहेलियों ने यह मन्नत मांगी की कि भगवान् ऐसा चोदू पति उन्हें भी मिले और भाभियों ने तो अपने अपने पतियों को उलाहना दिया कि कुछ सीखो दीपक से.

मारीशस में हनीमून के बाद दीपक और रिंकी एक हफ्ते पुरानी कोठी में रहने के बाद अपने फ्लैट में आ गए.

रिंकी का जादू दीपक के सर ऐसा चढ़ कर बोलता था कि सब उसे जोरू का गुलाम कहने लगे.
दीपक का कोई दोस्ती का सर्कल नहीं था क्योंकि वह बिना रिंकी के कहीं निकलता नहीं था.

जबरदस्त सेक्स का परिणाम यह रहा कि रिंकी पहले महीने में ही गर्भवती हो गयी.
उन दोनों ने परिवार की बहुत खुशामद की कि उनसे लापरवाही हुई है, वे बच्चा नहीं चाहते.
पर दीपक और रिंकी दोनों के परिवार वालों ने बच्चा गिराने को साफ़ मना कर दिया.

अब अगले चार साल दीपक और रिंकी के साथ कभी दीपक की मां रहीं, कभी रिंकी की मां; तो उनकी सेक्स लाइफ तो मानो झंड हो गयी.

आखिरकार जब रिंकी की मां जबरदस्ती उनके बेटे लक्ष्य को अपने साथ देहरादून ले गयी तो शुरू शुरू में तो दीपक और रिंकी दोनों का मन नहीं लगा.
पर जल्दी ही उनकी सेक्स एक्सप्रेस लाइन पर आ गयी और फुल स्पीड से दौड़ने लगी.

दीपक को सेक्स में नए नए तजुर्बे करने का शौक था.
उसके पास लगभग हर तरह का सेक्स टॉय जो बाज़ार में उपलब्ध होता, था.

असल में रिंकी की सेक्स की भूख बुझाना दीपक के बस की बात नहीं थी.
पर दोनों एक दूसरे से ज़ी जान से प्यार करते तो फिर बाकी बातें बेमानी हो जातीं.

रिंकी जानती थी और महसूस करती थी कि दीपक उसकी हर सही और गलत बात को मान लेता है, कभी उसे गलत नहीं कहता है. उसके लिए सबकी सुनता है और उसके अनाप शंनाप के खर्चों पर कोई रोक टोक नहीं है तो जो जितना मिलता था, रिंकी उसमें खुश थी.

ऑफिस से शाम को 7 बजे तक आने के बाद सुबह 9 बजे तक दीपक खुद भी कमरे में रहता, रिंकी को भी बाहर नहीं जाने देता.
खाना, चाय, नाश्ता सब मेड कमरे में ही लाती.

कमरा जब बंद होता तो सबको कह रखा था कि खटखटायें भी नहीं.

असल में दीपक कमरे में न तो खुद कुछ पहनता था, न रिंकी को कुछ पहनने देता था.
वो तो जब मेड कुछ सामान लाती, तब रिंकी गाउन डाल लेती.

अब पार्टियों में जाने का शौक भी लग गया था दीपक को … तो रिंकी भी साथ होती.
रईसों की पार्टियों में दारु एक अहम् हिस्सा बन गयी है, जिसमें घरवालियाँ पूरा पूरा साथ देती हैं अपने पतियों का.

असल में इन पार्टियों में दारूबाजी स्टेटस सिम्बल बन गया है.
तो दीपक और रिंकी भी पीने लग गए थे.
पर पीते बहुत थोड़ा थे.

अधिकतर तो दीपक रिंकी को लेकर या तो बाथटब में घुसा होता जाम लेकर या जाड़े के दोनों में रजाई के अंदर.
उसे रिंकी के मम्मे बहुत अच्छे लगते थे तो अक्सर वो रिंकी को अपने पेट पर लिटाकर उसके मम्मे सहलाता रहता.

ऐसे में रिंकी के हाथ में उसका लंड मचल रहा होता.
एक और शौक था दीपक को … रिंकी की चूत में उंगली से मसाज करने का.
वह इसे फोरप्ले की तरह इस्तेमाल करता.

बेड पर सेक्स से पहले दीपक पूरे दम लगाकर रिंकी की चूत में उंगली से मसाज करके उसका पानी जरूर निकाल देता.
कई बार तो रिंकी की चूत में उसका नाख़ून भी लगने से चोट लग चुकी है, पर अब रिंकी को भी आदत पड़ गयी है अपना दाना मसलवाने की.

जैसे ही चूत से फच-फच की आवाजें आनी शुरू होतीं, रिंकी सर घुमाकर दीपक के होठों से अपने होठ भिड़ा लेती.
रिंकी अपनी चूत हमेशा चिकनी रखती.

अब तो शायद बाल भी आने से डरने लगे होंगे उसकी चूत पर.
घुड़दौड़ के रास्ते पर कभी घास नहीं उगती.
रिंकी की चूत पर तो रोज़ ही घोड़ा सरपट दौड़ता था.

दीपक को पोर्न मूवीज देखने का बहुत शौक था.
उनके बेड रूम में रात 9 बजे पोर्न मूवी लग ही जानी थी.
असल में काम कोई और था नहीं … 7 बजे आने के बाद नहाकर और डिनर लेकर उन दोनों को बेड में घुस ही जाना है.

इसके बाद तो कोई उन्हें डिस्टर्ब कर ही नहीं सकता था.
दोनों कपड़े उतार कर बेड में रजाई में घुसे होते.
पेग एक ही बनाते.

धीरे धीरे एक दूसरे के जिस्म से खेलते हुए और पोर्न मूवी का मजा लेते हुए पेग ख़त्म करते और फिर उसके बाद एक या दो राउंड चुदाई का लगाकर लिपट कर सो जाते.

अब एक नया शौक लग गया था रिंकी को.
खाली वक्त में वो दिन में इधर उधर खुराफातों में दिमाग लगाती.

उसकी किसी किटी पार्टी में गॉसिप के दौरान किसी लड़की ने अन्तर्वासना की सेक्स कहानियों का जिक्र किया.
बस घर आकर रिंकी ने ढूंढा तो उसे पढ़ कर मजा आ गया, उसकी चूत में चीटियाँ रेंगने लगीं.

अब तो रिंकी इस साईट पर कहानियों की शौक़ीन हो गयी.
उसने यह शौक दीपक को भी डाल दिया.

दीपक एक हाथ और आगे बढ़ा.
वह इन कहानियों को अपने लैपटॉप में डाउनलोड करता और कहानी के नायक नायिका का नाम बदलकर अपना और रिंकी का नाम डाल देता, फिर रिंकी से कहता कि पढ़कर सुनाये.

कहानी सुनाते-सुनाते और सुनते-सुनते दोनों इतने गर्म हो जाते की चुदाई शुरू हो जाती.
अब उन्हें इन कहानियों में मूवीज से ज्यादा मजा आने लगा.

अब सेक्स के दौरान दोनों ही अक्सर किसी तीसरे का नाम लेकर मजे लेते.

दीपक रिंकी को अक्सर कहता कि फलानी कहानी की नायिका को जैसे नायक का दोस्त चोद रहा था, वैसे ही तुम्हें भी मेरा कोई दोस्त चोद रहा होगा.

फिर रिंकी उससे पूछती- तुम क्या कर रहे होगे?
तो दीपक कहता- या तो मैं उसकी बीबी को चोद रहा होता या हम दोनों ही तुम्हें चोद रहे होते.

सेक्सी बीवी की चुदाई की बात सुनकर रिंकी और गर्म हो जाती और दीपक को बेड पर ज्यादा मज़ा देती.
रिंकी ने दीपक की इस सोच को तो कभी बल नहीं दिया कि दीपक किसी और की बीवी को चोदे.
इसीलिए अब वह मूवी भी वही लगाती जिसमें दो आदमी एक लड़की को चोद रहे हों.

कभी दीपक ने बात दूसरी ओर ले जानी चाही तो रिंकी ने बड़ी अदा से दीपक को कह दिया- नहीं, जब तक तुम मुझे नहीं चोदते, मेरा मन नहीं भरता.
अब दोनों की थ्रीसम चुदाई की चुल्ल इतनी बढ़ गयी कि अब हर रात दीपक उसकी चोदते समय यह जरूर कहता कि आज तेरी चूत में बता किसका लंड है.

रिंकी भी किसी कहानी के नायक का नाम रख देती और ये सुनकर दीपक के धक्के और बढ़ जाते.

दीपक का एक बचपन का दोस्त था प्रिंस … जो अब उन्हीं की सोसाइटी में अपने परिवार के साथ आकर रहने लगा था.
उसका और दीपक का कुछ व्यापार भी था.

प्रिंस बहुत मिलनसार और आकर्षक व्यक्तित्व का लड़का था और दीपक से उम्र में एक साल छोटा, रिंकी के बराबर था.
उसका और रिंकी का हंसी मजाक चलता रहता था.

प्रिंस की पत्नी रेखा बहुत सुंदर और स्मार्ट थी पर उसे ज्यादा बोलना अच्छा नहीं लगता था.

सेक्स में वह प्रिंस का भरपूर साथ देती. पर रेखा रिंकी को अच्छा नहीं मानती थी तो थोड़ा दूर ही रहती.
मतलब उन लोगों का मय बीबियों के एक दूसरे के घर ज्यादा आना जाना नहीं था.

रिंकी के मुकाबले रेखा की सेक्स अपील अच्छी थी.
प्रिंस को भी सेक्स का बहुत शौक था.

ये बात तबकी है जब हर घर में वी सी आर और सी डी होती थीं.
प्रिंस के साथ उसके माताजी पिताजी भी रहते थे तो उसे ज्यादा स्वतंत्रता नहीं थी.

दीपक अक्सर उसे पोर्न मूवीज की सी डी देखने को दे देता.
महीने में एक दो बार प्रिंस दीपक से साथ एक दो पेग भी मार लेता.

एक रात बेड पर दीपक और रिंकी चिपटा चिपटी कर रहे थे तो दीपक ने रिंकी को छेड़ने के उद्देश्य से कहा- प्रिंस का लंड आजकल बड़ा उफान मारता है, रोज़ ही वो सीडी मांगता है. आज उसकी केएलपीडी हो गयी होगी.
रिंकी ने पूछा- क्यों?
तो दीपक बोला कि उसके पिताजी ने कोई कथा देखने के लिए दो चार दिनों के लिए उसका वीसीआर मांग लिया है.

रिंकी मूड में थी तो बोल उठी- ज्यादा दया आ रही है तो उसे यहीं बुला कर दिखा लेते, साथ में पेग भी लगा लेते.
दीपक बोला- तुम्हारे सामने?
रिंकी बोली- नहीं, मैं किचन में चली जाती.

अब दीपक ने रिंकी के मम्मों को मसलते हुए उससे कहा- तुम क्यों चली जातीं, तुम भी साथ में देखती.
रिंकी भड़क गयी- हाँ … अभी देखती मैं उसके साथ.

दीपक को तो चुल्ल चढ़ गयी थी, उसने रिंकी को चूमते हुए कहा- क्या हो जाता अगर हम तीनों देख लेते साथ-साथ. आखिर वह मेरा बचपन का साथी है. वह भी तुम्हारे जलवे देख लेता. वैसे भी जब भी आता है तुम्हारे मम्मे ही घूरता है.
कहकर दीपक ने रिंकी की चूत में उंगली कर दी.
दीपक ने महसूस किया कि रिंकी की चूत गीली है. तो दीपक ने उंगली की स्पीड बढ़ा दी और कहने लगा- स्कूल में जब हम लोग स्विमिंग पूल में नहाते थे तो कपड़े बदलते समय एक दूसरे के लंड देखते थे. प्रिंस का लंड सबसे बड़ा होता था.

अब रिंकी भी गर्म हो चली थी.
वह घूमी और दीपक के ऊपर चढ़ कर बैठ गयी और उसे अपनी चूत में अंदर करके उछलने लगी.

अब वह भी बकवास के मूड में आ गयी और बोली- तुमने कभी पकड़ा है उसका लंड?
दीपक उसके मम्मे मसलते हुए बोला- मैंने तो कभी नहीं पकड़ा, अगर तू कहे तो तुझे पकड़ा सकता हूँ.

अब रिंकी जोर जोर से उछल रही थी और बोल रही थी- मजा आ गया आज तुम्हारे लंड में. आज कुछ ज्यादा ही अंदर पेल रखा है तुमने!
दीपक भी बोला- आज तेरी चूत में मेरा नहीं प्रिंस का लंड है.

अब रिंकी के जज्बात भी बेकाबू हो चुके थे; उसकी उछल कूद और बढ़ गयी.
वह कहने लगी- हाँ, आज निचोड़ दूँगी मैं उसका लंड. पूरे मजे ले कर ही छोड़ूंगी.

‘आह उह’ के बीच रिंकी का तो हो गया.
प्रिंस का लंड का ख्याल उसका पानी निकाल गया.
वह दीपक की छाती पर ही लुढ़क गयी.

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सेक्सी बीवी की चुदाई कहानी का अगला भाग: बेवफाई की भी हद होती है- 2

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