प्यासा सावन तड़पता यौवन उस पर मेरी बल्ले बल्ले-6
(Pyasa Sawan Tadapta Yauvan Us Per Meri Balle Balle- Part 6)
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मैंने सुहाना से आगे की कहानी बताने का आग्रह किया तो सुहाना ने बताना शुरू किया- दो दिन बीतने के बाद हम दोनों हनीमून मनाने गोवा की ओर चल दिये।
गोवा पहुंचने के बाद साहिल मुझे एक शानदार होटल में ले गये। होटल में पहुंचते ही साहिल ने पहली शर्त रख दी कि तुम मेरी नजरों से एक पल के लिये भी ओझल नहीं होगी. मैंने भी बिना सोचे समझे हाँ कर दी।
रूम में हम दोनों कुछ देर चिपक कर लेटे रहे, उसके बाद साहिल ने चाय के आर्डर दिया, चाय पीने के बाद मैं नहाने धोने और फ्रेश होने के लिये अपने कपड़े निकालकर बाथरूम के अन्दर गई और जैसे ही मैंने दरवाजा बन्द करना चाहा तो साहिल ने दरवाजा बन्द करने से मना किया.
मैंने विरोध किया और बोली- मैं फ्रेश होने जा रही हूँ, 10 मिनट में मैं नहा कर निकलती हूँ।
साहिल बोले- ना… अभी तुमने वादा किया था कि तुम मेरी नजरों से एक पल के लिये भी ओझल नहीं होगी!
मैंने उनके गालों को प्यार से थपथपाते हुए और चुम्बन लेते हुए कहा- जानू, मैं केवल 10 मिनट में बाहर आ जाऊंगी.
उन्होंने मेरी बात को काटते हुए कहा- ना का मतलब ना… एक पल के लिये भी नहीं!
‘मैं शौच करने जा रही हूँ!’ मैंने थोड़ा गुस्से में कहा.
तब भी वो बेशर्मी से बोले- अरे टट्टी ही तो करने जा रही हो, दरवाजा खोलने में क्या हर्ज है? इस कमरे में तो केवल मैं ही हूँ ना, फिर किससे शर्माना?
मैं उनसे हार गई और कमोड पर जाकर बैठ गई और वहीं से उन्हें मुंह चिढ़ाते हुए बोली- अब खुश?
वो बोले- जब से तुम मेरे जीवन में आई हो, तब से तो मैं इस दुनिया का सबसे खुश इंसान हूँ।
मेरे मन में उनके लिये बहुत सा प्यार उमड़ आया और मैं आगे उनसे लड़ने की हिम्मत न कर सकी, साथ ही साथ मन में सोच लिया कि साहिल मुझसे जो भी करने के लिये कहेंगे मैं उनकी खुशी के लिये सब करूंगी।
हालांकि साहिल ने दो रात और एक दिन में मेरी बुर को चोद-चोद कर उसकी हालत खराब कर दी थी। मैं फ़्लश चला कर उठी ही थी कि साहिल आकर बैठ गये और बोले जब तक मैं फ्रेश हो रहा हूँ, तुम अभी मत नहाना, हम दोनों साथ नहायेंगे।
उनके बोलने के साथ ही मैं बाहर बेड पर बैठ गई। फ्रेश होने के बाद उन्होंने पेस्ट लगाकर मुझे ब्रश दिया, मैं बाथरूम के अन्दर आ गई और वॉशबेसिन के पास खड़े होकर ब्रश करने लगी कि पीछे से साहिल ने मुझे पकड़ लिया और मुझे पकड़े ही पकड़े ब्रश करने लगे.
फिर हम दोनों साथ-साथ नहाये, फिर तैयार होकर हम लोग गोवा के समुद्रतट पर घूमने चल दिये.
वहाँ बीच पर कई देशों के पर्यटक थे। खास बात यह थी कि किसी से किसी का कोई परदा नहीं था, सभी मर्द केवल कैपरी में थे और लड़कियाँ पैन्टी-ब्रा में थी।
हालाँकि मैं भी काफी छोटी स्कर्ट पहने हुए थी, फिर भी मैंने साहिल से कहा- इनको देखकर मुझे भी पैन्टी ब्रा पहनने को मन कर रहा है।
साहिल बोले- इन कपड़ों में तुम और सेक्सी लग रही हो, देखो जितने मर्द हैं, सब तुम्हारी ही तरफ देख रहे हैं, उनकी नजरों से तो ऐसा लग रहा है कि वो तुमको पाने की नीयत लिये हुए हैं।
उसके बाद मैंने और साहिल ने समुद्र में खूब मजा लिया, मेरा टॉप भी काफी छोटा था, जिसकी वजह से पानी के अन्दर डुबकी लगाने और बाहर आने पर मेरे मम्मे टॉप के बाहर आ जाते और लोगों की नजर उन पर पड़ ही जाती और मैं झेंप जाती जबकि साहिल बस मेरे साथ अपनी ही दुनिया में खोये हुए थे।
वहीं पर हम दोनों ने कपड़े चेंज किये, अब मैंने कुर्ती और सलवार पहन रखा था. उसके बाद हम दोनों पब गये, वहाँ के माहौल का भी मजा लिया, हम दोनों ने खूब डांस भी किया और बियर का भी मजा लिया।
जिन्दगी में पहली बार मैंने बीयर पी थी।
खाना वगैरह खाकर हम लोग फिर होटल पहुंचे तो साहिल बिस्तर पर एक किनारे लेट गये.
मैं सोचने लगी कि ये साहिल को क्या हो गया, अभी तक तो अच्छे भले थे, अब अचानक से क्या हो गया, मैं साहिल के सिर को सहलाते हुए बोली- साहिल, क्या हुआ?
तो बड़ी मासूमियत से बोले- यार, हर बार मैं ही तुम्हें प्यार करने का ऑफर कर रहा हूँ, तुम भी कुछ सेक्सी अंदाज में प्यार करने के लिये बोलो?
‘हम्म, बस इतनी सी बात के लिये मेरी जान तुम मुझसे गुस्से में हो?’ मैं अपनी कुर्ती को उतार कर और अपने मम्में को हाथों में लेकर उस पर अपनी जीभ चलाते हुए बोली- मेरी जान, मेरे मम्में तुम्हारे मुंह के लिये तरस गये है, मेरे मम्मों को चूसो, इसको खूब जोर से दबाओ!
मेरा इतना कहते ही, साहिल झट से उठे और मेरे मम्मों को पकड़ने के लिये लपके, लेकिन मैं उनसे छिटककर थोड़ा दूर हो गई और- अर्रर्रर्र रर्रर्रर्र अभी रूको साहिल, अभी और भी बहुत कुछ है जो तुम्हारा इंतजार कर रहा है।
कहकर मैंने अपनी सलवार को बंधन मुक्त किया और मेरी सलवार मेरे जिस्म से अलग हो गई, मैं अब बिल्कुल नंगी साहिल के सामने खड़ी थी। मैं अपने एक पैर को मेज के ऊपर रखकर और फिर चूत की फांकों को फैलाते हुई बोली- मेरी जान, मेरी चूत की ये फांक कह रही है कि आओ और मुझे काटकर खा जाओ, देखो मेरी चूत लपलपा रही है!
मेरे इस अंदाज से साहिल भौंचक्के रह गये और मुझे एकटक देखते रहे.
उसके बाद मैं घूमी और थोड़ा सा झुक गई और अपने कूल्हे को फैलाते हुए बोली- मेरी जान, अब मेरी गांड की दरार भी मुझसे शिकायत कर रही है कि मेरी सहेली मुझे भी मजा दिलवाओ! साहिल जब मुझ पर अपनी जीभ फेरता है तो सुरसुराहट बढ़ने के साथ मजा भी खूब आता है, मेरे होंठ मेरे जिस्म का एक-एक अंग इस समय तुम्हारे में समाने के लिये आतुर है।
इतनी कहानी सुनाने के साथ ही सुहाना ने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया उसके बाद नीचे बढ़ते हुए मेरे निप्पल को एक बार फिर अपने दांतों के बीच में लेकर उसको काटने लगी और फिर नीचे बढ़ते हुए मेरे लंड को अपने मुंह में भर ली और फिर 69 की पोजिशन में आकर अपनी चूत मेरे अधरों पर रख दी, मेरी जीभ लपलपाते हुए उसके चूत का रसपान करने लगा, अब वो मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उसकी चूत को चाट रहा था।
करीब पांच मिनट तक ऐसा ही चलता रहा, फिर वो उठी और मेरे मुंह पर बैठ गई और बोली- अब इस तरह सुनाने में और भी मजा आयेगा!
इतना कहने के साथ ही फिर एक बार उसने अपनी बात आगे बढ़ाई:
उसके बाद साहिल तेजी से मेरी तरफ लपके, मुझे गोद में उठाकर बेड पर पटक दिया और बोले- जान, मेरी जब तुम इतने सेक्सी और प्यार से मुझे ऑफर दोगी तो पागल थोड़े ही हूँ कि इस ऑफर को छोड़ूँ!
कहते हुए वो मेरे ऊपर टूट पड़े और मेरे अधरों पर अपने अधर टिकाकर चूसने लगे, साहिल अपनी पूरे रौ में आ चुके थे, वो मेरे मम्मों को पीते हुए नीचे मेरी चूत के पास पहुंच गये, उनके लब मेरी चूत से जैसे ही टकराये, मैं आसमान में उड़ने लगी, एक अजीब सी फिलिंग हो रही थी, मेरे मुंह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज आना शुरू हो गई थी, मैं अपने होंठ खुद ही काटे जा रही थी, अपने हाथ से अपने मम्मे खुद ही दबाये जा रही थी.
बड़ी मुश्किल से मेरे मुंह से निकला- साहिल, मेरे होंठ तुम्हारे लॉलीपॉप को चूसने के लिये बेकरार हो रहे हैं।
साहिल तुरन्त ही 69 की पोजिशन में आ गये, अब मेरे मुंह के अन्दर उनका लंड था और मेरी चूत उनके लबॉन का आनन्द ले रही थी। मैं अब बिना शर्म और झिझक कर अपने प्यारे पति का साथ देने लगी, मैं वो सब करने को बेताब हो रही थी जो मेरे पति मुझसे चाह रहे थे, मैं उनके लंड पर अपने दाँत गड़ा देती तो कभी उनके सुपारे को काट लेती, बदले में साहिल सिर्फ आह बोलकर रह जाते और फिर अपना काम शुरू कर देते!
साहिल की वजह से मेरी उत्तेजना अपने चरम पर पहुंच चुकी थी और अब मेरी चूत लंड अपने अन्दर लेना चाह रही थी।
सुहाना इधर अपनी कहानी सुना रही थी और दूसरी तरफ सुहाना की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया, अचानक उसके मुंह से आह… ओह… सीईई… ईईईई की आवाज निकलने लगी, दो मिनट के बाद सुहाना शांत पड़ गई उसकी उखड़ी हुई सांसें काबू में आने लगी थी, वो मेरे बगल में लेट गई, उसने अपने पैरो को सिकोड़ा हुआ था, मैंने उसके दोनों पैरो के बीच में आकर उसके चूत के अन्दर अपने लंड को पेल दिया और उसके ऊपर थोड़ा सा झुककर उसके निप्पल को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और धक्के मारने लगा.
सुहाना निढाल सी पड़ी हुई थी उसने अपने दोनों हाथों को ढीला छोड़ दिया था, मैं धक्के पे धक्का पेले पड़ा था और सुहाना अपनी आँखें बन्द किये हुये थी.
अब मेरे धक्कों की गति बढ़ती जा रही थी और सुहाना बीच-बीच में उंह-उंह की आवाज निकाले जा रही थी। फिर उसने अपने पैरों की कैंची बनाकर मेरी कमर में फंसा ली, मैं अभी तक जो खुलकर धक्के मार रहा था, अब उसमें कमी आ गई थी, फिर भी मैंने धक्के लगाना चालू रखा.
एक समय ऐसा भी आया कि मुझे लगा कि मैं छूटने वाला हूँ, मैंने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और उसके सीने पर इस प्रकार बैठ गया कि मेरा बोझ उसके ऊपर न पड़े और लंड को उसके मुंह के पास ले गया.
सुहाना को जब लंड का अहसास अपने मुंह के पास हुआ तो उसने अपना मुंह खोल दिया और लंड को अन्दर ले लिया, वो अपने हाथों में लंड को लेकर लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी, उसके इस तरह की चुसाई से मेरे लंड का धैर्य भी जवाब देने लगा और एक धार के साथ वीर्य निकलकर उसके मुंह के अन्दर गिरने लगा, उसने आखरी बूंद तक लंड को मुंह से बाहर नहीं निकाला.
एक बार फिर वो मुझसे चिपक गई और अपने पैरों को मेरी कमर में फंसा दिया, मेरे हाथ उसके कूल्हे को सहला रहे थे और उंगली उसकी गांड के अन्दर घुसने की कोशिश कर रही थी।
थोड़ी देर तक तो ऐसा ही चलता रहा, फिर सुहाना बोली- सक्षम मेरी गांड में उंगली मत करो, अगर तुम मेरी गांड चाटो तो मुझे बड़ा मजा आयेगा।
‘लेकिन मैं अब थक गया हूँ!’
‘यार, थक तो मैं भी गई हूँ लेकिन अगर तुम मेरी गांड चाटकर गीला कर दो तो मेरे गांड की खुजली शायद कम हो जाये, और मैं भी तुम्हारी गांड चाटकर गीला कर दूंगी। और बाकी की कहानी और मजे कल करेंगे।’
सुहाना जैसी खूबसूरत लड़की के लिये मैं कुछ भी करने को तैयार था, मैंने हामी भर दी.
वो तुरन्त पट लेट गई और अपने कूल्हे चौड़े कर दिए, मैं अपनी जीभ से गांड के आस-पास के हिस्से को गीला करने लगा कि सुहाना बोली- सक्षम, अन्दर छेद में भी अपनी जीभ चलाओ!
उसके हुकुम का पालन करते हुए मैं उसके छेद के अन्दर भी अपनी जीभ चलाने लगा, जब सुहाना मेरे कार्य से सन्तुष्ट हो गई तो उसने मुझे पट लेटने के लिये कहा और वो भी बिन्दास मेरी गांड चाटने लगी, उसके गांड चाटने की अदा से मुझे भी सुरसुराहट सी लगने लगी.
उसके बाद वो मेरी पीठ पर ही लेट गई, फिर बात करते-करते कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।
कहानी जारी रहेगी.
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