मेरी सुहागरात कैसे मनी

(Meri Suhagrat Kaise Mani)

मेरा नाम सरला है और मेरी उम्र 38 साल की है. मूल रूप से मैं राजस्थान के बीकानेर में एक छोटे से गाँव की रहने वाली हूँ. मेरे परिवार में मेरे माता-पिता के अलावा मेरा एक छोटा भाई भी है.
मेरी शादी को 18 वर्ष बीत चुके हैं. मैं अपने पति और दो बेटियों के साथ पुणे में रहती हूँ. मेरे पति का नाम राहुल है. मेरे और मेरे पति के माता पिता (मेरे सास-ससुर) राजस्थान के एक गांव में रहते हैं. मेरा फीगर 36-30-36 का है.
मैं अपने पति के बारे में बता देती हूँ. वह एक एम.एन.सी. कम्पनी में काम करते हैं. उनकी कमाई काफी अच्छी है. घर की सारी ज़़रूरतें पूरी हो जाती हैं और बेटियों की पढ़ाई का खर्च निकलने के बाद भी हमारे पास पैसों की कमी नहीं होती है.

यह कहानी मेरी शादी वाली रात की है. अगर देसी शब्दों में कहें तो मैं अपनी सुहागरात की कहानी को आप सब के साथ शेयर करने जा रही हूँ. जब मेरी शादी हुई थी तो उस वक्त मेरे पति का शरीर काफी दुबला-पतला था. वह मुझसे एक साल के अंतर से ही बड़े हैं. यानि कि अब उनकी उम्र 39 साल की हो चुकी है.
जब मेरी शादी हुई थी तो मेरे पति काफी शर्मीले थे. जब मैं शादी करके पहली बार अपने पति के घर गई थी तो वहाँ पर मुझे काफी बड़ी फैमिली मिली थी. वहाँ पर मेरे सास-ससुर के अलावा मेरे जेठ और जेठानी भी थे. उस घर में मेरी एक ननद भी थी. उसका नाम विमला है. उस वक्त विमला की उम्र 30 साल के करीब रही होगी.

उस समय उसकी शादी को पांच साल हो चुके थे. वह भी काफी पैसे वाली है. वह अपने पति के साथ मुंबई में रहती है. घर में उसी का राज चलता है. वह देखने में भी काफी सुंदर औरत थी. उसका फीगर करीबन 36-30-38 का रहा होगा. जबकि मेरा फीगर 32-28-34 का था.
मेरी ननद की गांड बहुत ही बड़ी थी. वह बहुत ही सेक्सी थी.

शादी से पहले मेरा तो किसी भी लड़के के साथ चक्कर नहीं था. जब मेरी शादी की पहली रात थी तो उस समय मैं काफी थक गई थी. जब मेरी ननद मुझे रूम में लेकर गई तो मेरे पति अपने दोस्तों के साथ दूसरे कमरे में बैठ कर गप्पें मार रहे थे.
मेरी ननद ने मेरे पति को देखते हुए कहा- भाभी, लगता है कि आज भैया ये भूल गए हैं कि उनकी सुहागरात है.
मैंने शरमाते हुए कहा- शायद वह अपने दोस्तों के साथ बातों में लगे होंगे.

विमला- अरे मेरी प्यारी भाभी, असली खेल तो उनको यहाँ पर खेलना है. वहाँ दोस्तों के साथ क्या टाइम पास करने में लगे हुए हैं वो.
विमला के मुंह से यह बात सुनकर मैं शर्म के मारे लाल हो गई.
मैंने कहा- दीदी, मैं आपके लिए चाय लेकर आती हूँ.
विमला- अरे मुझे चाय नहीं चाहिए. बल्कि आज तो तुम दोनों को दूध की जरूरत है. मैं तुम दोनों के लिए दूध लेकर आती हूँ. तब तक तुम कपड़े बदल लो. थोड़ा हल्का महसूस होगा. मैं तुम्हारे लिए मुंबई से एक अच्छी सी नाइटी भी लेकर आई हूँ. रुको, मैं अभी लेकर आती हूँ।

कहकर विमला कमरे से बाहर चली गई और कुछ ही देर बाद कमरे में वापस आकर विमला ने मेरे हाथों में वह नाइटी थमा दी. मैंने देखा कि नाइटी बिल्कुल पारदर्शी थी. मैं उसको भला कैसे पहन सकती थी. मुझे शर्म आने लगी. इतनी ही देर में विमला दूध लेकर फिर से कमरे में आ गई और मुझे हल्के से डांटने लगी.

विमला- अरे भाभी, आपने अभी तक कपड़े नहीं बदले?
मैंने कहा- नहीं, मुझे इन कपड़ों में शर्म आएगी. ये तो बहुत ही छोटे और पारदर्शी हैं.
विमला ने कहा- भाभी, फटाफट ये कपड़े बदल लो. ऐसे कपड़े देखकर ही मर्दों का लंड खड़ा होता है. ताकि वह जबरदस्त चुदाई कर सके.
यह कहकर विमला ने मेरी गांड पर एक हल्का सा थप्पड़ मार दिया.

मैं तो समझ ही नहीं पा रही थी कि ये विमला कैसी बातें कर रही है. उसके बहुत कहने पर मैंने बाथरूम में जाकर वह नाइटी पहन ली. जब मैंने खुद को आइने में देखा तो मेरी लाल रंग की ब्रा और पैंटी साफ दिखाई दे रही थी.
जब मैं बाहर निकली तो विमला बोल पड़ी- अरे वाह भाभी … आप तो मस्त माल हो एकदम. आज तो मेरे भाई राहुल को मजा आ जाएगा. उसको खूब मजे लेने दो आज. वह आज तुम्हारी चूत का उद्घाटन करेगा. वैसे तुझे देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है.

विमला के मुंह से इस तरह की कामुक गंदी बातें सुनकर मैं शर्म के मारे लाल हुई जा रही थी. तभी मैंने देखा कि मेरे पति हम दोनों के पास आ गए.
उसने मेरे पति से कहा- राहुल, ये ले, तेरा माल तो बिल्कुल तैयार है. अब मैं बाहर चली जाती हूँ।

विमला के बाहर जाते ही मेरे पति ने दरवाजा बंद कर दिया. मैंने शर्म के मारे अपने ऊपर एक कपड़ा (चादर) डाल लिया था. मैं पहली बार में ही किसी मर्द के सामने इस तरह से नहीं जाना चाह रही थी. हर लड़की के दिल में अपनी शादी वाली रात के लिए बहुत सारे अरमान होते हैं.
मैं भी राहुल के बारे में सोच कर अपने अरमान अपने दिल में ही लिए बैठी थी.

पति ने दरवाजा बंद कर दिया और वे बाथरूम की तरफ जाने लगे. कुछ देर बाद वह वापस बाहर निकले. मैं अपने बेड पर बैठी हुई थी. शर्म के कारण मैंने अपने मुंह को दूसरी तरफ घुमा लिया था. मैं सब कुछ धीरे-धीरे करना चाहती थी. मैंने बेड में लगे शीशे में देखा कि मेरे पति पीछे खड़े होकर अपने कपड़े उतार रहे हैं. पहले उन्होंने अपने कुर्ते को उतार और फिर अपना पजामा भी निकाल दिया. उसके बाद उन्होंने बनियान निकाल दिया. मुझे नीचे का भाग दिखाई नहीं दे रहा था.

मैंने ज्यादा देखने की कोशिश भी नहीं की. मेरे दिल की धड़कन तो वैसे ही काफी बढ़ गई थी. इससे पहले मैंने किसी मर्द को इस तरह अकेले में बिना कपड़ों के नहीं देखा था. मैंने अपनी नजरों को नीचे बेड पर झुका लिया और अपनी गर्दन को नीचे करके बैठी रही.

फिर मेरे पति मेरी बगल से चलते हुए आए और बेड पर रखा हुआ दूध का गिलास उठा लिया. उन्होंने 2 मिनट में ही गिलास खाली कर दिया. फिर उन्होंने दूध का दूसरा गिलास उठाया और मेरी तरफ बढ़ा दिया.
मैं अभी भी शरमा रही थी. मैंने धीरे से दूध का गिलास अपने हाथ में पकड़ लिया. मैं शरमाते हुए दूध के गिलास को होंठों से लगाकर दूध पीने लगी. मेरे पति मेरे सामने आकर बेड पर बैठ गए. जब मेरी नजर उन पर पड़ी तो मैंने देखा कि उन्होंने केवल एक अंडरवियर पहना हुआ था.

उनकी जांघें काफी गोरी थीं. काफी पतली भी थीं. जैसा कि मैंने पहले भी बताया कि शादी के समय पर मेरे पति शरीर के काफी दुबले-पतले व्यक्ति थे. इस वक्त तो उनकी तोंद निकल चुकी है. मगर उस वक्त वह काफी पतले और जवान लड़के थे.
फिर मैंने दूध को पीकर खत्म किया और खाली गिलास को उनकी तरफ बढ़ा दिया. उन्होंने मेरे हाथ से गिलास को लिया और मेरी बगल में आकर लेट गये.

मैं अभी भी बैठी हुई थी. मैं सोच रही थी कि मेरे पति कुछ प्यार भरी बातें करेंगे.
मैं उनकी तरफ से पहल करने का इंतजार कर रही थी. मैंने देखा कि उनके अंडरवियर में एक उभार सा था. यह देखकर मेरा दिल धड़क रहा था. मैंने पहली बार किसी मर्द को इस तरह केवल कच्छी में ही देखा था.

फिर उन्होंने मुझसे चादर उतारने के लिए कहा. मैंने अपने शरीर पर ओढ़ी हुई चादर को उतार दिया. अब मेरी पारदर्शी नाइटी में से मेरी ब्रा और पैंटी साफ दिखाई देने लगी थी.
यह देखकर मेरे पति ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और अपने साथ बेड पर लेटा लिया. जिस पल का मुझे इंतजार था वह आ गया था. पहली बार मैं किसी लड़के के साथ सेक्स मजा लेने वाली थी.

मगर उन्होंने मेरी नाइटी को उतार दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को दबाने लगे. 2 मिनट तक दबाने के बाद उन्होंने मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर हाथ फेरा और फिर मेरी पेंटी को उतार दिया. फिर मेरे पति ने मुझे उठाकर मेरी ब्रा को खोल दिया और मेरी चूची नंगी हो गई.

उन्होंने कुछ पलों के लिए मेरी चूचियों को अपने मुंह में लेकर चूसा जिससे मैं गर्म होने लगी थी. मगर जल्दी ही उन्होंने मेरी चूचियों को छोड़कर मेरी पैंटी को मेरी जांघों से भी उतार दिया. अब मैं पूरी नंगी हो गई थी. उसके बाद मेरे पति ने मेरी चूत में उंगली डाली और एक-दो बार अंदर बाहर की. मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं. लेकिन तुरंत ही उन्होंने अपनी उंगली को वापस से बाहर निकाल लिया. मैंने आंख खोलकर देखा तो वह अपने अंडरवियर को उतार रहे थे. जब उन्होंने अपने अंडरवियर को अपनी जांघों से नीचे किया तो मैं हैरान रह गई.

मैंने देखा कि उनका लंड केवल 4 इंच के करीब ही था साइज में. फिर उन्होंने जल्दी से मेरी टांगों को चौड़ी कर दिया और फिर अपने छोटे से लंड को मेरी चूत के मुंह पर रखकर मेरे ऊपर लेट गए. उन्होंने एक दो बार मेरे होंठों को चूसा और फिर नीचे आकर मेरे चूचों को दबाते हुए मेरी चूत में लंड को घुसाने की कोशिश करने लगे. लंड पूरी तरह से अंदर भी नहीं गया था.
फिर उन्होंने मेरी चूत में अपने लंड को आगे-पीछे करना शूरू कर दिया. 8-10 धक्के लगाने के बाद ही मेरे पति ने मेरी चूत में अपना वीर्य झाड़ दिया. जब उन्होंने लंड को बाहर निकाला तो कुछ वीर्य मेरे पेट पर भी लग गया.

अपने वीर्य को झाड़कर वो एक तरफ गिर गए. मैं अभी यही सोच रही थी कि वो शायद दोबारा प्रयास करेंगे लेकिन मेरा इंतजार तो इंतजार ही रह गया. कुछ पल के बाद उन्होंने साथ में पड़े अपने अंडरवियर को वापस पहन लिया.
मैं हैरान थी.
उन्होंने अपना अंडरवियर पहना और करवट बदल कर लेट गए.

मैंने शादी की पहली रात के लिए जो सपने देखे थे वह सब धरे के धरे रह गए. मेरे पति फिसड्डी निकले. मैं तो बहुत से सुनहरे ख्वाब सजाकर बैठी थी. देखने में राहुल काफी अच्छे थे. मगर शरीर के कमजोर थे. मैंने सोचा कि शादी की पहली रात के कारण उत्तेजना में यह सब इतनी जल्दी हो गया होगा.

क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मर्दों का कितनी देर में होता है लेकिन इतना जरूर पता था कि इतनी जल्दी तो नहीं होता है. फिर सोचा कि वह कुछ देर बाद शायद दोबारा मुझ पर चढ़ाई करेंगे. मैंने तो अभी कुछ किया ही नहीं था.
मैं तो शर्म के मारे उनके बदन को छू भी नहीं पाई थी. मैं गर्म हो रही थी लेकिन उससे पहले ही मेरे पति ठंडे पड़ गए. फिर भी मैंने धीरज रखा और उम्मीद लगाए रही. मगर बहुत इंतजार करने के बाद भी जब उन्होंने पलट कर नहीं देखा तो मुझे यकीन हो गया कि पहली रात के मेरे अरमान अब अधूरे ही रह जाएंगे.

मेरी चूत में आग लगी की लगी ही रह गई. मैं तो अभी अच्छी तरह से गर्म भी नहीं हो पाई थी और उनका खेल खत्म हो चुका था. उसके बाद मैंने भी अपनी ब्रा और पैन्टी को पहना और फिर नाइटी को पहन लिया. मैंने चद्दर ओढ़ ली और करवट बदल ली. मेरा मूड काफी खराब हो गया था.
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी सुहागरात इतनी नीरस रह जाएगी. मैं तो प्यासी की प्यासी ही रह गई. कुछ देर तक मैं यूं ही सोचती रही कि ये सब क्या हो रहा है. मैं शरीर से थकी हुई थी और दिमाग में टेंशन हो रही थी. फिर लगभग घंटे भर के बाद मुझे भी नींद आ गई.

यह थी मेरी पहली सुहागरात की कहानी.

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top