मालदीव में दो सहेलियों का डबल हनीमून-1
(Maldives Me Do Saheliyon Ka Double Honeymoon- Part 1)
प्यारे दोस्तो, एक लम्बे अंतराल के बाद आपसे मुखातिब हूँ… आपको मेरी कहानियाँ पढ़ कर मजा आता है, कोई मुझे कहता है कि कहानी पढ़ते वक़्त ऐसा लगता है कि सब कुछ सामने ही हो रहा है.
यहाँ मैं ये कहना चाहता हूँ कि मेरी कहानियों को अगर आप मन से पढ़ेंगे तो ये आपको वास्तविक और सामने घटित होती पिक्चर सी लगेंगी…
खैर, आपने सुना होगा कि पूत के पाँव पालने में ही नजर आ जाते हैं तो आज से यह मान लीजिये की चूत की खुजलाहट चूत के पालने यानि हॉस्टल में ही नजर आ जाती है.
कहानी रूबी और साराह की है जो बचपन की सहेलियाँ हैं और बचपन से शादी तक एक साथ एक ही स्कूल में पढ़ी हैं और कॉलेज में भी हॉस्टल में रूम मेट रहीं… दोनों आपस में खूब खुली रहीं पर कभी किसी लड़के को छूने नहीं दिया अपने को. दोनों लेस्बियन थीं… हॉस्टल के रूम का डोर बंद होने के बाद दोनों एक दूसरे से भरपूर मजे लेती थीं. पर इस सबसे हटकर दोनों पढ़ने में तेज थीं और कॉलेज के होनहार छात्राओं में उनका नाम था और बड़े घर की लड़कियाँ थीं, तो उनकी बदमाशियाँ किसी को नहीं दिखती थीं.
हॉस्टल की मस्त लाइफ ने उन दोनों को बहुत चुदासी बना दिया था. पोर्न मूवीज से लेकर वाइब्रेटर तक सब का वो खुल कर इस्तेमाल करती थीं और दोनों ने आपस में यह वादा किया था कि जिसकी भी शादी पहले हो जाएगी उसके पति से पहला सेक्स दूसरी करेगी… इंजीनियरिंग की पढ़ाई ख़त्म होते ही साराह की शादी विवेक से तय हो गई जो एक एमएनसी में जीएम था.
विवेक बहुत हैण्डसम और रंगीला था, उसकी पढ़ाई विदेशों में ही हुई थी तो उसकी सोच पर पाश्चात्य संस्कृति हावी थी. साराह और रूबी दोनों भोपाल रहती थी और विवेक दिल्ली में!
साराह की शादी तीन महीने बाद फ़रवरी में होनी थी, पर एक रस्म अगले महीने भोपाल में ही होनी थी. साराह और विवेक खूब फोन पर बात करते और साराह सारी बातें चटकारा लेकर रूबी को बताती.
साराह को किसी जॉब के इंटरव्यू क्व लिए दिल्ली जाना पड़ा तो वो रूबी को भी साथ ले गई और जैसा होना ही था, रात को विवेक ने उन्हें एक बड़े होटल में डिनर पर आमंत्रित किया. डिनर पर साराह तो इतना नहीं बोली पर रूबी ने चूमा चाटी और बात बनाने में विवेक को नहीं छोड़ा.
विवेक भी उन दोनों की मस्ती पर लट्टू हो गया था. रूबी का उन्मुक्त व्यवहार और कसमसाता यौवन उसको अंदर तक भिगो गया था. वहाँ एक बार तो साराह को यह लगा कि शादी उसकी तय हुई है या रूबी की विवेक के साथ, पर साराह और रूबी में इतना प्यार और समझ थी कि ग़लतफ़हमी का तो प्रश्न ही पैदा नहीं होता था.
रात को विवेक ने जब इन दोनों को वापस होटल अपनी गाड़ी में ड्राप किया तो गाड़ी में विवेक के साथ रूबी ही बैठी. रूबी वैसे समझदार थी, होटल पहुंचकर उसने विवेक को किस किया और गाड़ी से उतर कर गेट बंद करके लॉबी में साराह का इन्तजार किया.
उसने साराह को बहुत परेशान किया था तो अब साराह और विवेक को एकांत जरूरी था.
पांच मिनट के बाद साराह गाड़ी से उतरी, उसकी लिपस्टिक सब विवेक के चेहरे पर पुत चुकी थी. दोनों हंसती हुई विवेक को बाय बोल कर होटल में चली गईं.
रूम में पहुंचकर रूबी को ध्यान आया कि उसका मोबाइल गाड़ी में ही छूट गया है.
वो नीचे भागी और साराह ने विवेक को फोन कर दिया की वो वापस आकर रूबी को मोबाइल दे दे. सुबह की फ्लाइट थी उनकी!
किस्मत की बात, अगले महीने ही रूबी की शादी भी दिल्ली के एक ज्वेलर अजय के साथ तय हो गई. अजय एक खूबसूरत और छबीला नौजवान था. पैसे की इफरात थी… इनकी रोकने की रस्म भोपाल में ही हुई… वहाँ सब लोगों की मौजूदगी के बावजूद भी साराह ने अजय को साली बनकर खूब छकाया.
दोनों सहेलियों की शादी पंद्रह दिनों के अंतराल पर होनी थी. अब तो अजय और विवेक भी इनके ग्रुप में शामिल हो गए थे और अब चारों की आपस में खूब बातें होती थीं. चारों ने अपना हनीमून मालदीव्स में मनाने का तय किया.
शादी की धमाचौकड़ी के बाद दोनों कपल मालदीव्स के लिए रवाना हुए. सुबह की एयर इंडिया की फ्लाइट से दोनों जोड़े माले पहुंचे और वहाँ स्पीड बोट से एक बहुत खूबसूरत आईलेंड पर…
रिसोर्ट में उनकी विला साथ साथ थीं. विला क्या थीं खूबसूरती का मंजर था. विला में विलासिता का हर सामान मौजूद था. किंग साइज़ बेड… बाथरूम में बड़ा सा बाथ टब… बाहर एक प्राइवेट स्वीमिंग पूल… फ्रिज में बार से लेकर व्हिस्की… दसियों तरह की कॉफ़ी और चाय के फ्लेवर… उनके स्वागत में उनके नाम का एक केक और फ्रूट ट्रे टेबल पर रखी थी.
अजय और रूबी ने अपना सामान सेट किया और एक बार चिपट गए.
एक तो नई शादी हुई थी और ऊपर से रिसोर्ट का माहौल ही एसा था… रिसेप्शन से अपनी विला तक आते ही उन्हें कई जोड़े सिर्फ नाम के कपड़ों में चिपटे चिपटाते मिले… किसी को किसी की कोई परवाह नहीं थी.
ये चारों भी शॉर्ट्स में ही थे… अजय ने रूबी का टॉप और ब्रा निकाल फेंकी तो रूबी ने भी उसका शार्ट नीचे खींच दिया और नीचे बैठ कर उसका लंड अपने मुंह में ले लिया. अजय तो जैसे पागल हो गया… उसने रूबी को ऊपर गोद में उठा कर गुदगुदे बेड पर पटक दिया और उछल कर बेड पर ही कूद गया.
बेड स्प्रिंग के गद्दों का था तो उछल कूद के मतलब का था… रिसोर्ट वालों को अच्छे से मालूम था कि यहाँ इन बेड्स पर कैसी कैसी कुश्ती होती हैं.
अब दोनों नंगे ही चिपट गए. रूबी और अजय एक दूसरे को खा जाना चाहते थे. शायद दोनों की जीभों को आपस में कट जाने का डर भी लगा होगा. अजय ने रूबी की दोनों टाँगें ऊपर उठा कर चुदाई शुरू की, तभी विला की घंटी बज गई.
अजय रुकने लगा तो रूबी हंस कर बोली- वो कमीनी साराह होगी… उसने काम निबटा लिया होगा और आ गई हमारे बीच में!
बेल बजती रही पर अजय और रूबी चुदाई पूरी कर के ही माने.
रूबी ने अजय से कहा- तुम वाशरूम में जाकर कपड़े बदल लो, मैं गेट खोलती हूँ.
अजय ने कहा- ऐसे ही नंगी?
रूबी हंस पड़ी, बोली- मैं और साराह कब कपड़ों में रहीं हैं…
फिर भी रूबी ने टॉवल लपेट लिया.. गेट खोला तो साराह गुस्से में खड़ी थी… अंदर घुसते ही बोली- साली चुदने की इतनी बेताबी थी तो स्पीड बोट में ही चुद लेती… मैं आधा घंटे से खड़ी तेरी सीत्कारें सुन रही हूँ और तू चुदक्कड़ अपनी खुजली मिटा रही है.
इतना कहते कहते साराह ने रूबी का टॉवल खींच लिया.
अब तो रूबी भी उस पर टूट पड़ी और उसकी टीशर्ट को फाड़ दिया… साराह नीचे कुछ नहीं पहने थी.. उसके मम्मे चमक उठे.
अंदर से हँसता हुआ अजय बाहर आया. साराह ने शर्मा कर बेड शीट में अपने को छिपा लिया.
रूबी ने अजय को बाहर भेज दिया और अपनी एक टीशर्ट साराह को दी. अजय बाहर से विवेक को भी लिवा लाया और चारों ने बियर खोल ली.
अजय और विवेक तो केवल लोअर में थे उनके अंदर से उनके तम्बू से लंड झाँक रहे थे. इधर साराह और रूबी ने भी ब्रा नहीं पहनी थीं तो उनके भी निप्पल कड़ी होकर बाहर से अपने खड़े होने का अहसास करा रहे थे.
रूबी ने हंसते हुए अजय और विवेक से कहा- अभी अभी तो तुम्हारे बम्बू की हवा निकालीं है ये तो फिर खड़े हो गए?
विवेक बोला- साली जी, अब तो ये इंडिया पहुँच कर ही शांत होंगे, यहाँ तो अंदर बाहर चारों तरफ ही सेक्स के नजारे हैं.. यहाँ तो बम्बू का तम्बू तना ही रहेगा.
चारों हंस पड़े.
अजय बाहर बने पूल में उतर गया और उसने साराह और रूबी को भी बुलाया. रूबी तो गई नहीं पर साराह पूल में उतर गई. उतरते ही उसकी तो शामत आ गई, क्योंकि पानी के दबाव से उसका टॉप ऊपर तैर गया और उसके मोटे मोटे मम्मे अजय को फिर ललचा गए.
पर अजय ने हंसते ही उसे नीचे खींच लिया.
रूबी और विवेक रूम के अंदर ही थे… अब यह कोई कहने की बात नहीं कि विवेक ने रूबी को चूमना चाटना शुरू कर दिया था. बाहर अजय ने साराह को पानी में नीचे खींच कर उसके मम्मे दबा दिए तो साराह ने भी उसका लंड ऊपर से पकड़ लिया था. उम्म्ह… अहह… हय… याह… अजय ने उसके टॉप के अंदर हाथ डाल कर उसके मम्मे अच्छे से दबा दिए.
साराह समझ गई कि अब अगर अंदर से रूबी और विवेक बाहर नहीं आये तो इधर तो अजय उसके कपड़े उतार देगा और अंदर विवेक रूबी को चोदेगा.
साराह पूल से बाहर आ गई… उसका अंदाज सही था.. विवेक और रूबी के होंठ मिले हुए थे और दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे.
साराह ने ऐसा दिखाया कि उसने कुछ देखा नहीं है और जोर से विवेक को आवाज दी.
विवेक और रूबी दोनों शीशे का दरवाजा खोल कर बाहर आ गए. साराह की भीगी टीशर्ट से उसके मम्मे पूरे झाँक रहे थे. वो वाशरूम में बने बाथटब में चली गई, विवेक भी उसके पीछे पीछे चला गया.
रूबी पूल में उतरी तो अजय ने वहीं उसकी टी शर्ट उतार फेंकी. रूबी ने भी उसका लोअर और अपना लोअर उतार दिया अब दोनों नंगे होकर ही पूल में तैरते रहे. चूंकि विला के चारों ओर पर्दा था तो बाहर से कुछ अंदर का दिखाई नहीं देता था. हाँ एक ओर समुद्र था जहाँ कभी दूर से स्पीड बोट जाती दिखाई देती थी.
अब समस्या थी की बाहर कैसे जाएँ.. क्योंकि बाहर वाशरूम में तो विवेक और साराह थे… तभी साराह की आवाज आई कि वो दोनों जा रहे हैं और लंच पर रिसोर्ट के रेस्तराँ में एक घंटे बाद मिलेंगे.
असल में विवेक को रूबी ने गर्म कर दिया था और साराह को अजय ने, तो अब दोनों को चुदाई सूझ रही थी.
विला का दरवाजा बंद होने की आवाज आते ही अजय ने पूल में ही रूबी को घोड़ी बना कर चोदना शुरू किया और फिर यह चुदाई अंदर बेड पर आकर ही पूरी हुई. दोनों भीगे भागे से ही टॉवल बिछा कर बेड पर चिपट कर सो गए.
एक घंटे बाद रूम का फोन बजा… विवेक और साराह बाहर आ रहे थे, अजय ने फटाफट बरमूडा और टॉप और रूबी ने एक फ्रॉक डाली और दोनों बाहर आ गए. बाहर एक बैटरी रिक्शा जिसे वहाँ बग्गी बोलते थे, बैठे थे… साराह ने तो एक टॉप और स्कर्ट डाली थी और विवेक शॉर्ट्स और टॉप में था. साराह की स्कर्ट तो शार्ट थी जिससे स्कर्ट का पहनना या ना पहनना बराबर था पर उसने पैंटी पहन रखी थी.
ब्रा दोनों लड़कियों ने नहीं पहनी थी तो झुकते ही देव दर्शन हो जाते थे.
रेस्तरां में जो भी जोड़े थे कपड़े कुल मिला कर सभी के न के बराबर थे और जो उन लोगों ने खाना खाया उसका वजन पहने कपड़ों से ज्यादा था.
खाना खाकर चारों समुद्र तट पर रेत पर ही लेट गए… वहाँ रिसोर्ट के बंदे ने उन्हें नीचे बिछाने को टॉवल दे दिये.
बेशर्मी का माहौल था. साराह और रूबी विवेक और अजय के ऊपर ही लेट गईं. रूबी ने तो अजय को लंड भी बाहर निकाल लिया था पर अजय ने मना कर दिया. चूमा चाटी और नॉन वेज बातों की तो कोई कसर नहीं थी.
उन्होंने बीयर मंगा ली और चारों ने एक ही बोतल से मस्ती करी. रूबी को वाशरूम जाना था तो विवेक भी उसके साथ चल दिया.
साराह समझ गई कि वाशरूम में चुदाई होगी तो वो भी साथ चल दी.
इस पर रूबी हंस कर बोली- देखो कमीनी मुझे मजे भी नहीं लेने दे रही… अरे तेरे लिए एक जवान मर्द छोड़े तो जा रही हूँ…
उनके वाशरूम से लौटते ही चारों अपने अपने रूम की ओर चल दिए. रास्ते में उन्हें बग्गी मिल गई तो आगे तो अजय और साराह बैठे पीछे विवेक और रूबी. पहले विला रूबी की पड़ती थी तो रूबी उतरी और विवेक का हाथ पकड़ कर साराह को बाय बोल कर अपनी विला की ओर हंसते हुए चल दी.
विवेक भी हँसता हुआ रूबी का हाथ पकड़े उसके साथ चल दिया तो साराह चिल्ला कर बोली- ले जा तू… आज विवेक का बेंड बजा दे…
पर अजय साराह का हाथ पकड़ कर उनके पीछे पीछे विला में आ गया.
चारों चुदासे हो रहे थे… अजय ने विवेक से कहा- आज यहीं सो जाओ.
चारों बिस्तर में घुस गए. रूबी अजय से और साराह और विवेक चिपट कर लेट गए.
रूबी को तो बदमाशी सूझ रही थी वो पलटी और साराह की पैंटी में उंगली कर दी… साराह चीख कर बोली- हरामजादी सोने देगी या नहीं?
रूबी हंसती हुई बोली- जानू तेरी चूत तो बड़ी चिकनी हो रही है… क्या बग्गी में अजय ने उंगली कर दी थी?
साराह बोली- उंगली नहीं, पूरा बम्बू कर दिया था, बस अब तू सो जा!
विवेक ने साराह को अपने ऊपर कर लिया और शायद उसने बिना वक़्त गवाएं अपना लंड उसकी चूत में कर दिया क्योंकि इसके बाद साराह ने उछलना शुरू कर दिया था.
इनको देखा देखी अजय ने भी रूबी को ऊपर बिठा कर उछल कूद शुरू कर दी थी.
पांच सात मिनट तक बेड की हर स्प्रिंग को दहला कर उनका तूफान रुका और बिना किसी से कुछ कहे दोनों जोड़े अपने अपने पार्टनर के साथ चिपट कर सो गए.
7 बजे उनकी आँख खुली तो साराह और विवेक अपनी विला में चले गए.
रात तो वापस रेस्तराँ में जाकर डिनर करके आये. रेस्तराँ के रास्ते में माहोल बहुत सेक्सी था. एक तो रिसोर्ट बहुत सेफ था ऊपर से अँधेरा और एकांत… रास्ते में अनेक जोड़े एक दूसरे को चूमते चाटते मिले. एक दो तो शायद सेक्स भी कर रहे थे. अब पेड़ की ओट में अंधेरे में कौन क्या कर रहा है, किसी को किसी की परवाह नहीं थी.
उनकी विला के पास ही एक कॉमन बड़ा सा स्विमिंग पूल था. हालाँकि उसमें रात को स्विमिंग अलाउड नहीं थी, पर फिर भी कुछ विदेशी जोड़े उसमें उतरे हुए थे और खुल कर बेशर्मी कर रहे थे. उन्हें देख कर अजय को मस्ती आ गई, उसने रिसोर्ट की हेल्प डेस्क से चारों के लिए स्विमिंग कोस्ट्यूम इशू कराये और चारों कपड़े बदल कर स्विमिंग पूल में उतर गए.
अंदर छेड़ा छाड़ी पूरे जोरों पर थी, चारों ओर अँधेरा था, हल्का म्यूजिक चल रहा था. अजय ने रूबी के टू पीस का टॉप ऊपर कर दिया जिससे उसके मम्मे बाहर आ गए… पीछे से साराह ने अजय का लोअर खींच दिया.
पर कुछ शर्म और लोगों की भी थी तो उन लोगों ने अपने कपड़े ठीक किये और आधे घंटे मस्ती करने के बाद बिना कपड़े बदले ही अपने अपने विला की ओर चल दिए.
वहाँ पहुँच कर अजय ने ऑफर दिया- चलो पूल में ड्रिंक करेंगे.
रूबी और साराह को भी मस्ती सूझ रही थी तो उन्होंने भी हाँ कह दी.
कहानी जारी रहेगी.
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