मैं, मेरी बीवी और चचेरे भाई का सपना हुआ सच -9

(Mai, Meri biwi Aur Chachere Bhai Ka Sapna Hua Sach- 9)

राहुल मधु 2016-05-04 Comments

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नीलेश और मधु एक एक हाथ मेरे अंडकोष पर और मधु को दूसरा हाथ नीलेश के अंडकोष पर और नीलेश का एक हाथ मधु के बूब्स पर था।

मुझे अब बहुत तेज़ नींद आ रही थी।
यही आखरी बात याद है मुझे उस रात की!
मैं कब नींद की ख़ामोशी में सो गया, मुझे याद नहीं।

जब सुबह नींद खुली तो मैं बिस्तर पर अकेला ही था, पूरी चादर कल रात की हुई घमासान चुदाई की दास्ताँ बयां कर रही थी।
नींद खुलते ही मेरी आँखों के सामने से रात की पूरी कहानी एक पल में रिवाइंड हो गई, मैंने सोचा सबसे पहले तो देखा जाये कि कौन कहाँ है।

उठकर किचन की तरफ कूच किया तो देखा कि मधु नाश्ता बनाने में लगी है, नीलेश बाहर के कमरे में जांघिए में ही बिल्कुल धराशाई होकर सो रहा है।
मैंने पीछे से जाकर मधु को पकड़ लिया, उसने अभी भी अंदर कुछ नहीं पहना था।

मधु बोली- गुड मॉर्निंग जान, आप कब उठे?
मैंने कहा- अभी उठा हूँ।
वो बोली- आप जाकर बैडरूम मैं बैठो, मैं चाय लेकर आ रही हूँ।

मैं आकर बैडरूम में बैठ गया, मधु चाय लेकर आई, मैंने अपने ऊपर चादर डाल ली थी क्योंकि रात की बातें सोच सोच कर लंड में फिर से अकड़ आनी शुरू हो गई थी।
मैंने कहा- मुझे तो पता ही नहीं चला, मेरी कब नींद लग गई? तुम दोनों कब सोये?

मधु मुस्कुरा कर बोली- आप भी न बहुत शैतान हो! हम लोग भी तुरंत ही सो गए थे और सुबह तक यहाँ पर सारे लोग बिना कपड़ों के ही एक दूसरे से चिपक कर सो रहे थे। वो तो जब सुबह मेरी नींद खुली तब मैं वाशरूम गई और लौट कर आई तो भइया बाहर जाकर सो गए थे।

मैंने अपना सर पकड़ लिया, मैंने कहा- यार यह तो गलत हो गया। दारु का असर ज्यादा से ज्यादा 2 घंटे रहा होगा पर सुबह तक तो निश्चित रूप से नहीं रहा होगा। अब उस कमीने को यह बात याद रहेगी कि कल रात क्या हुआ था।
मधु थोड़ी टेंशन में आ गई, बोली- अब क्या करें?
मैंने कहा- करेंगे क्या, देखते हैं, उसे कुछ याद है या नहीं। वैसे यह बताओ कि कल मज़ा आया या नहीं?

मधु बोली- आप तो मेरे हीरो हो, मुझे बहुत मज़ा आया। और सबसे ज्यादा आपको उत्तेजित देखकर बार बार में उत्तेजित हो रही थी। मैं तो अभी तक आपको अपने अंदर महसूस कर रही हूँ। हम लोग नॉर्मली इतनी देर कहाँ सेक्स करते हैं, कभी कभार जब आप ड्रिंक करके वीकेंड्स में प्यार करते हो तो भले ही हम 2 घंटे कर लें, पर नॉर्मली तो वही 20-25 मिनट करके सो जाते हैं। कल रात हम लोगों ने 6 घंटे तक लगातार सेक्स किया है। मुझे तो बहुत मज़ा आया।

तो मैंने कहा- तो फिर अगर उसे याद भी रह जाता है तो कोई बहुत परेशानी की बात नहीं है। देखता हूँ जगा के… क्या हाल हैं भाई के! और मैं हंस दिया, मैंने कहा- तुम जल्दी से खाना बना लो, मुझे ऑफिस जाना है।
मधु बोली- मुझे पता था कि आप ऑफिस जाओगे, इसलिए खाना तो रेडी सा ही है, आप तैयार हो जाओ, मैं खाना पैक कर देती हूँ।

मैं चाय पीकर नीलेश को जगाने पंहुचा। नीलेश जो थोड़ा सा पहले ही जगा सा ही था, मेरी आवाज़ सुन कर बोला- राहुल यार, एक सिगरेट तो पिला दे।
मैंने कहा- लोड़ू उठ तो जा… पहले सिगरेट चाहिए।
तो नीलेश बोला- पिला न यार?
मैंने कहा- चल छत पे सिगरेट पिएंगे।

वो बोला- मधु भाभी, गुड मॉर्निंग!
मधु तब तक चाय लेकर आ गई, मैंने कहा- मुझे भी एक और कप दे दो, हम छत पे सिगरेट पी के आते हैं।
मधु ने कहा- गुड मॉर्निंग भइया।
दोनों की गुड मॉर्निग में बहुत गर्माहट थी।

मैं और नीलेश छत पे गए, सिगरेट जलाई, फिर मैंने कहा- क्यू बे भोसड़ी के… कैसी रही रात?
वो बोला- मान गए यार राहुल… तू तो चैंपियन है। क्या कहानी बनाई तूने कि मैं 2 पैग के बाद सब भूल जाता हूँ! और वो बात ‘वो ज़िंदा है, सब देख रहा है, सब कुछ कर सकता है पर सुबह सब भूल जायेगा… कोई सोया या मरा हुआ आदमी थोड़े ही है!’

मैं बस मुस्कुरा दिया- तो अब ये बता कि तुझे सब याद है या भूल गया?
नीलेश बोला- तू जैसा बोल? वैसे तो भूलने में भी भलाई है, नहीं तो भाभी को लगेगा कि उनके साथ धोखा किया गया है।
मैंने कहा- तू उसकी चिंता छोड़, उसका भी सब जुगाड़ है मेरे पास, बस इतना बता कि तुझे याद रखना है या भूलना है?

नीलेश लगभग गिड़गिड़ाता हुआ बोला- अगर याद रख सकूँ तो अच्छा रहेगा, दिन भर भाभी को छेड़ता रहूँगा।
मैंने कहा- चल तू चिंता मत कर, मैं बता दूंगा कि तुझे याद है रात की सारे बातें। बस तू उस बारे में मधु से कोई बात मत करना। नीलेश बोला- ओके!
मैंने कहा- मुझे तो ऑफिस जाना है, मैं तैयार होता हूँ, चल तू चाय पीकर और सिगरेट खत्म करके आ जाना।

मैं नीचे जाकर मधु को बोला- उसे रात की सारी बातें याद हैं।
मधु बोली- ठीक है, कोई नहीं, मैं हैंडल कर लूँगी।
मैं नहा कर आया, तैयार हुआ और ऑफिस चला गया।

इसके आगे की दास्ताँ मेरी बीवी लिख रही है।
कहानी जारी रहेगी।
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