मैं, मेरी बीवी और चचेरे भाई का सपना हुआ सच -6

(Mai, Meri biwi Aur Chachere Bhai Ka Sapna Hua Sach- 6)

राहुल मधु 2016-05-01 Comments

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मैंने मधु के कपड़े सही किये, थोड़ा दूर हटा कहा- वो कभी भी बाथरूम से आ सकता है।

नीलेश थोड़ा पीछे हट कर दरवाज़े की आवाज़ करता हुआ आने लगा।
मधु धीरे से मुझसे बोली- आपकी टाइमिंग बहुत अच्छी है।

मैं बोला- अंदर आ जा !
और मैं बैडरूम में चला गया।
वो एक मिनट के बाद आई, बोली- क्या हुआ?

और मेरे सीने पर सर रखकर मेरी छाती के बालों से खेलने लगी।
मैंने कहा- तूने तो अंदर कुछ पहना नहीं है, तुझे देख देख कर लण्ड चड्डी में खड़ा हो कर दर्द करने लगता है। तुझे अंदर इसलिए बुलाया है कि मेरा टॉवल कहाँ है, मैं एक मिनट में नहा कर आता हूँ।
तो मधु इठलाते हुए बोली- नहाने की क्या ज़रूरत है?
मेरा लण्ड पकड़ते हुए बोली- इसे मेरे अंदर डाल कर गीला कर लो।
और हंसने लगी।

मैंने कहा- तुझे इतनी आसानी से नहीं, धीरे धीरे तड़पा तड़पा कर पूरी रात चोदूँगा साली, तभी तो तुझे अंदर के कपड़े नहीं पहनने दिए। उसने मेरे लण्ड को जोर से दबा दिया और बोली- आज देखते हैं, कौन पहले पिघलता है। आप मुझे उकसाओ, मैं आपको उकसाती हूँ। बस भैया का भी ध्यान रखना आप।

मैंने कहा- ओके, आज की रात मजेदार रात होगी।
उसने मुझे ढूंढ कर टॉवल दे दिया, मैं नहाकर सिर्फ टॉवल पहन कर बाहर आ गया।

जब मैं ड्राइंग रूम में आया तो मेरा पैग खत्म हो चुका था, मैंने मधु की तरफ देखा तो मुझे अंदाज़ा लग गया कि मेरा बचा हुआ आधा पैग निबटा दिया है।

मैंने आकर नीलेश को बोला- भाई, अपना पैग खत्म कर और नए पेग बना !
उसने मेरी तरफ देखा तो बोला- यार, मुझे भी गर्मी लग रही है। या तो AC ऑन कर लेते हैं या मैं भी थोड़ा शावर लेकर आता हूँ।
मैंने कहा AC ऑन कर लेते हैं पर अगर शावर ले लेगा तो पीने में और मजा आएगा।
तो उसने अपने बैग से अपना टॉवल निकला और चल दिया बाथरूम की तरफ।

जब वो कमरे से निकल गया तो मैंने मधु से कहा- क्यूँ री, तू मेरा पेग पी गई है ना?
तो बोली- हाँ, मन कर रहा था, साइड में ही रखा था तो निबटा दिया… पर आप चिंता मत करो, नीलेश भाई ने कुछ नहीं देखा।

मैंने फ्रिज से बर्फ निकाली और दोनों के पैग बना के रख दिए। फिर मधु से पूछा- तुझे और पीना है तो बता, तेरा एक पैग बना कर छुपा कर रख देता हूँ किचन में, तू बीच बीच में जाकर पी आना। या फिर हमारे साथ भी कर सकती हो। नीलेश इतनी दतियनूसी सोच भी नहीं रखता।

मधु बोली- आप मेरा पैग बना कर किचन में रख दो, मैं जब ठीक समझूंगी तो आप लोगों के साथ चियर्स कर लूंगी।
मैंने एक गिलास में फटाफट पैग बनाया, बर्फ सोडा और ज़रा सी कोला भी डाल दी और जाकर रसोई में रख दिया।

इतनी देर में ही नीलेश बाहर आ गया, वो भी टॉवल में ही था, उसने कहा- यार, मेरा बैग उठा के दे देना, मैं बैडरूम में चेंज कर लेता हूँ।
तो मैंने कहा- क्या चेंज करेगा, आ जा ऐसे ही बैठ के पीते हैं।नीलेश बोला- यार भाई, उधर मधु भाभी भी बैठी है, अच्छा नहीं लगेगा।
मैंने कहा- देख ले, वैसे घर ही है, be comfortable.

तो शायद उसे मेरी बात जंच गई वो ऐसे ही आकर कालीन पर बैठ गया।
अब हम तीनों ही मस्ती में थे।
मधु उठकर किचन में गई, में समझ गया अपना पैग मारने गई है, मैं पीछे पीछे गया तो इशारे से अपनी तरफ बुलाया, एक घूंट अपने मुंह में भरा और मुझे मेरी गर्दन से पकड़ के नीचे की ओर झुकाया और मेरे मुंह को खोल के उसके अंदर अपनी शराब मेरे मुंह में डालने लगी।
मैंने पीते पीते उसके मुंह को चुम लिया और मैंने उसके बूब्स दबाए और चूतड़ शॉर्ट्स के ऊपर से ही हाथ फिराया।

फिर हम वापस बाहर आ गये।
मैंने अपने फ़ोन से बगल में बैठी बीवी को व्हाट्सप्प पे मैसेज किया कि देख अब जो तूने किचन में किया वो मैं तेरे साथ यहीं पर करूँगा।
बीवी का मैसेज आया- मुझे पता है कि आप करोगे पर देखना यह है कि कैसे करोगे? ऐसी अदा से करना कि मैं आपका मुंह चूम लूँ।
मुझे पता लग गया था कि आज बीवी बहुत ही अच्छे चुदाई के मूड में है।मैंने कहा- नीलेश, मेरी बीवी को शराब अच्छी नहीं लगती… पर एक तरीका है मेरे पास उसे शराब पिलाने का जिसे शायद ही वो मना कर पाये।
नीलेश बोला- अरे अगर भाभी पीती है तो पिलाओ भाई, हम भी कुछ गुर सीख लेंगे तुमसे।

मैंने अपने मुंह में शराब भरी और बीवी के ऊपर चढ़ गया और उसका मुंह खोलने के लिए उसके जबड़े दबाए।
मैंने अपने मुंह से छोटी सी धार उसके मुंह में डालना शुरू कर दी।
पीते पीते जब एक सेकंड के लिए होंठ बंद हुए तो शराब उसके मुंह में न गिर के उसके चिन से होती हुई गले पर बहती हुई उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगी।

मैं अभी भी उसके मुंह में शराब गिरा रहा था, मधु ने मुझे गर्दन से पकड़ के अपनी ओर खींचा और चूम लिया और अपनी जीभ को मेरे मुंह के अंदर डाल के कोने कोने से शराब की हर बूँद खींच ली।

मैंने उसके मुंह से हटते ही उसकी ठोड़ी और गले पर चुम्बन करते हुए उसके भरे हुए बूब्स की ओर बढ़ने लगा जहाँ जहाँ शराब से गीली थी, वहाँ वहाँ तक मेरी जीभ नीचे जा रही थी।
जैसे ही मैंने बूब्स को चूसा और नीचे जाने लगा, मधु ने हाथ से रोक दिया और शरमाते हुए बोली- हटो अब! आपने पिलाई तो मैंने पी ली न।

हम जैसे ही अलग हुए नीलेश ने ताली बजा दी, बोला- यार mindblowing है तुम दोनों की जोड़ी। तुम दोनों कहीं और किसी भी चीज़ में रोमांस ढूंढ ही लेते हो।

शाम धीरे धीरे जवान हो रही थी, हमारे जिस्मों की खुमरियाँ बढ़ती जा रही थी। नीलेश को देखकर पता चल रहा था कि वो लाइव रोमांटिक सीन देखकर उत्साहित हो गया है, उसके टॉवल के ऊपर से उसके लण्ड का प्रतिबिम्ब साफ़ दिखाई पड़ रहा था।

मेरे मन में मधु को नीलेश के सामने ही चोदने का मन करने लगा। फिर मैंने सोचा की इस तरह से मधु अभी नीलेश के सामने खुल जाएगी तो जब उसकी बीवी नीता आएगी तो उसे हमारे इस चंगुल में फ़साना शायद आसान हो जाए।
मेरी बहुत पुरानी मरी हुई इच्छा फिर से सांस लेने लगी, शादी से पहले मेरी इच्छा थी कि मैं ग्रुप सेक्स करूँ पर कभी मौका ही नहीं लगा।

मधु 2 ड्रिंक तो पी ही चुकी थी जिसके कारण वो थोड़ी ज्यादा रोमांटिक हो रही थी और उसे नीलेश से ज्यादा शर्म भी नहीं आ रही थी।

नीलेश बोला- यार आजा एक एक सिगरेट पी कर आते है।
मैंने मधु को देखते हुए कहा- आज के लिए घर में ही सिगरेट पी लें?
मधु की थोड़ी आँखें चढ़ी हुई थी, बोली- मैंने कभी आपको ‘घर के अंदर सिगरेट नहीं पियो’ ऐसा तो नहीं बोला, वो तो आप अपनी मर्ज़ी से बाहर पीते हो। तो अभी भी आप मुझसे मत पूछो, आपका जहाँ दिल करे, वहाँ सिगरेट पी सकते हो।

मैंने नीलेश को बोला- जला।
नीलेश ने बात खत्म होने से पहले ही सिगरेट मुंह में लगा ली थी और आदेश मिलते ही उसमें आग लगा ली।
शराब का असली असर सिगरेट के धुएं के साथ ही शुरू होता है।

अब शराब का सुरूर और मदमस्त बनाने लगा।
मैंने नीलेश को बोला- तू कभी भोपाल में अपनी बीवी को गोद में बैठा के सुट्टे मारते हुए शराब पीता है?
नीलेश बोला- नहीं यार, मेरी ऐसी किस्मत कहाँ… हम ये सारे काम अलग अलग और छुप छुप के करते है और हंसने लगा।

मैंने कहा- यार, छुप छुप के काम करने का मज़ा भी कुछ और ही है। पर हाँ यह बात भी सही है कि हमेशा छुप छुप के मज़ा नहीं आता। कभी छुप छुप के तो कभी खुल्लम खुल्ला पर थोड़ा परिवर्तन आना तो ज़रूरी है। एक ही एक जैसा काम करो तो बोरियत होने लगती है।
मैं और मेरी प्यारी बीवी मधु तो बहुत डायनामिक है इस मामले में, हम अपनी ज़िन्दगी को स्पाइस अप करते रहते हैं किसी न किसी तरह।

मधु सोफे पर आधी लेटी हुई थी, उसने अपना सर हैंड रेस्ट पर टिकाया हुआ था, उसकी एक टांग मेरी पीठ के पीछे थी और एक मेरी जांघों के ऊपर, मैं सोफे पर बैठा हुआ था। उसने एक लॉन्ग स्कर्ट पहना हुआ था और ऊपर शार्ट टॉप, अंदर कोई गारमेंट्स नहीं।

मैंने उसकी जांघों तक हाथ फेरते हुए कहा- क्यूँ, मैं सही कह रहा हूँ न?
उसने एक हाथ से अपनी लॉन्ग स्कर्ट को घुटने के नीचे तक करके रखा हुआ था जिससे नीलेश को कुछ न दिखे, पर मेरे हाथ को नहीं रोका और हाँ में सर हिला दिया।

मैंने सिगरेट का कश मारते हुए मधु से पूछा- पीयेगी?
तो मधु बिना कुछ बोले जिस हाथ से स्कर्ट पकड़ी थी वो हाथ बढ़ाया और सिगरेट मेरे हाथ से ले ली। मैंने उसकी आँखों में इतनी मस्ती कभी नहीं देखी थी।
उसने मुंह में सिगरेट लगाते ही जोर का दम लगाया और मैंने अपने हाथ को थोड़ा और नीचे ले गया जहाँ उसकी चूत टच हो सके। उसके कारण उसकी स्कर्ट थोड़ी सी और ऊपर उठ गई जो अब घुटने से थोड़ी ऊपर हो गई थी।

मधु सुट्टा लगाते ही खांसने लगी।
मैंने उसे थोड़ा सा उठाया उसकी पीठ सहलाते हुए बोला- धीरे धीरे पीनी चाहिए थी, एकदम से पूरी सिगरेट थोड़े ही पीनी होती है।
और उसकी बूब्स को ऊपर से ऐसे दबाया जैसे मरीज को सांस न आने पर दबाया जाता है।

नीलेश ने पानी की बोतल उठा के दे दी, मैंने बोतल मधु के मुंह से लगा दी।
वो थोड़ा पानी पीकर नार्मल हो गई पर इसी सब उठा पटक में उसका टॉप और ऊपर चला गया जहां से उसके उभार की पहली किरण दिखने लगी थी। जैसे कोई ईद के चाँद हो और इधर जांघों तक स्कर्ट ऊपर उठ गई।

थनीलेश मेरी तरफ देखता हुआ आँखों से इशारे से बताने की कोशिश कर रहा था कि स्कर्ट और टॉप थोड़ा नीचे कर दूँ पर वो अभी मेरा प्लान जानता ही कहाँ था, मैंने उसकी बातों को अनदेखा कर दिया।
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अब आखिर वो भी जवान लौंडा, और ऊपर से तना हुआ लण्ड! उसने भी मधु के जिस्म को निहारना शुरू कर दिया।

मधु भी मदहोश थी, उसकी आँखें बंद और उसके ऊपर मेरा स्पर्श उसे और भी ज्यादा मादक बना रहा था, उसकी चूत पर प्यार से मेरा सहलाना उसकी ठोड़ी को थिरका रहा है।
इधर टीवी पर किसी का कोई ध्यान नहीं है और नीलेश टॉवल के ऊपर से ही अपने लण्ड को दबा रहा है।

मैं अभी अपने एक हाथ से अपने लण्ड को टॉवल से थोड़ा बाहर निकाल के उसके टोपे को रगड़ रहा हूँ। मधु की चूत अब तक काफी गीली हो चुकी है, वो इस समय अपनी कामाग्नि के चरम पर है।
मैं धीरे से उसके बूब्स को छूने की इच्छा से टॉप के ऊपर से ही अपना हाथ लेकर गया। मधु को जैसे करंट लग गया हो उसने तुरंत मेरा हाथ अपने टॉप और नीचे से हटा दिया।

नीलेश को देखा तो वो बहुत फुर्ती से टीवी की ओर देखने लगा और उसकी पीठ हमारी तरफ थी। यह देख कर मधु ने मेरी तरफ आश्चर्य के भाव से देखा जैसे वो कहना चाहती हो कि क्या तुम मुझे इसी के सामने चोदोगे।
मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिया, मधु उठने की कोशिश करने लगी, मैंने उसकी उठने में मदद की और उसे बाँहों में भर कर उठाया।
उसने पहले थोड़े कपड़े सही किये, मतलब नीचे किये, फिर बैडरूम में चली गई।

कहानी जारी रहेगी।
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