दोस्त को दी सेक्स की दावत- 2

(Love Pyar Sex Kahani)

सनी वर्मा 2024-05-27 Comments

लव प्यार सेक्स कहानी में पति को पता है कि उसकी पत्नी उसी के दोस्त से शादी से पहले से प्यार करती है. तो पति ने अपने सामने अपनी पत्नी को अपने दोस्त के हवाले कर दिया.

कहानी के पहले भाग
प्यार के पंछियों ने प्यार को परवान चढ़ाया
में आपने पढ़ा कि तीन दोस्त थे समीर, राजेश और नीता!
राजेश और नीता एक दूसरे को पसंद करते थे और शादी करना चाहते थे. पर कैरियर बनाने के चक्कर में राजेश ने शादी करने के लिए मना कर दिया और विदेश चला गया.
समीर और नीता की शादी हो गयी.
लेकिन नीता ने अपने प्यार को परवान चढ़ाने के लिए शादी से पहले ही राजेश के साथ सम्बन्ध बना लिए.

फिर कुछ समय बाद राजेश भारत लौटा तो समीर और नीता का अतिथि बना.

अब आगे लव प्यार सेक्स कहानी:

अगली सुबह वैसे तो समीर ने छुट्टी ले रखी थी.

पर अचानक उसके ऑफिस में कोई अर्जेंट मीटिंग आ आ गयी तो उसे सुबह जल्दी ही ऑफिस जाना पड़ गया.
उसने लंच तक आने का वायदा किया नीता से!

राजेश अपने रूम में सो रहा था.
नीता ने अपनी और राजेश की कॉफ़ी बनायी और राजेश को उठाने रूम में गयी.
उसने फ्रॉक पहनी हुई थी.

राजेश उठ चुका था.
नीता को देख कर उसने टी शर्ट पहननी चाही तो नीता ने हँसते हुए कहा- रहने दो, ऐसे ही स्मार्ट लग रहे हो. मेरी मेड दोपहर को आती है.

राजेश ने कॉफ़ी ले ली.

नीता उससे सट कर बेड पर ही बैठ गयी.

उसने पास टेबल पर रखी डिब्बी से सिगरेट निकाली, जलाई और एक दो कश लेकर सिगरेट राजेश को दे दी.
फिर उससे बोली- अब कब तक शादी नहीं करोगे?

राजेश कुछ नहीं बोला.

नीता बोली- मुझसे तो बात करनी ही होगी.
राजेश बोला- किससे शादी करूँ? कोई तुम जैसी मिलती ही नहीं.

नीता ने उसकी आँखों में झांकते हुए कहा- मुझसे शादी करोगे?
राजेश चौंक गया, बोला- क्या मतलब?

नीता बोली- मेरी वजह से ही तुम शादी नहीं कर रहे हो न! तो फिर अब दो ही रास्ते हैं. या तो मैं समीर को तलाक देकर तुमसे शादी कर लूं, ऐसे में जैसे तुम आज हो, कल उससे भी बदतर समीर हो जाएगा. जान बिछाता है वह मेरे ऊपर! और दूसरा रास्ता यह है कि तुम चुपचाप किसी अच्छी सी लड़की से शादी कर लो. हम चारों खुश रहेंगे.

राजेश हँसते हुए बोला- नीतू, तुम्हारे अलावा तो यह दिल किसी पर आता ही नहीं.
अब नीता झल्ला कर बोली- मैं मर गयी तो?

राजेश ने उसे पकड़ लिया, उसके होंठों पर अपना हाथ रख दिया और कहा- तुम्हारे बिना मैं तो मर मर के जी भी लूँगा, पर समीर तो मर ही जाएगा.
नीता बोली- फिर बताओ मैं क्या करूं?
राजेश ने उसे अपने नजदीक किया और ताबड़ तोड़ चूमने लगा.

नीता पहले तो इस हमले को तैयार नहीं थी, फिर वह भी सूखी बेल की तरह लिपट गयी राजेश से और चूमने लगी उसे!

तूफ़ान थमने पर राजेश बोला- नहीं, यह गलत है. समीर तुम्हें बहुत प्यार करता है. मेरी जिन्दगी एसे ही कट जायेगी, तुम चिंता मत करो.

नीता बोली- ऐसे कैसे कट जायेगी. आज तो तुम्हें वादा करना ही होगा कि तुम शादी करोगे. मैं खुद लड़की ढूंढूंगी तुम्हारे लिए!
राजेश चुप रहा.

फिर रुक कर बोला- तुम्हारी जगह कोई नहीं ले सकता.
उसने बताया कि यहाँ उसने सिर्फ नीता की वजह से जॉब करने को हाँ की है, जबकि उसे विदेश में बहुत ज्यादा पैसा मिलता था.

नीता ने उसे कस के चिपटा लिया और चूमते हुए बोली- क्यों करते हो मुझसे इतना प्यार? और करते थे तो क्यों जाने दिया दूसरे की बाँहों में? मैं बहुत खुश हूँ समीर के साथ … पर तुम्हें दुखी नहीं देख सकती. कुछ भी कर सकती हूँ तुम्हारी ख़ुशी के लिए. तुम प्लीज़ शादी कर लो!

राजेश बोला- ठीक है, मैं कोशिश करूंगा. पर मैं खुश नहीं हूँ. रात तुम्हारी आवाजें मुझे बहुत बेचैन कर रही थीं. जब भी तुम्हारा ख्याल आता है या तुम दिखाई देती हो तो मुझे शादी से पहले अपनी वह रात याद आ जाती है. मैं तुम्हारी सांसों का गुलाम बन गया हूँ. तुम्हारे जिस्म की गर्मी आज भी मुझे तडपाती है.

कह कर राजेश ने कस के नीता को भींच लिया.

दोनों की गर्म साँसें यह ऐलान कर रही थीं कि अब तूफ़ान आने को है.
दो जिस्म एक बार फिर एक होने को बेताब थे.

नीता समझ गयी थी कि अगर राजेश को शादी के लिए कोई तैयार कर सकता है तो केवल वह है.
और इसके लिए उसे फिर उसका विश्वास जीतना होगा, उसकी जिस्म की भूख को शांत करना होगा.

नीता ने अपने को राजेश की बाँहों में समाने दिया और उसके होंठ से अपने होंठ भिड़ा दिए.
दोनों एक दूसरे के होंठों को चूम-चूस रहे थे.

राजेश अपनी जीभ नीता के मुंह के अंदर बार-बार करके उसकी जीभ को चूस रहा था.

तब राजेश ने नीता की फ्रॉक पीछे से ऊपर की और उसकी पेंटी पर हाथ फिराने लगा.
उसके लंड का उभार नीता महसूस कर रही थी.

राजेश ने नीता का कोई विरोध न देख उसकी पेंटी के अंदर हाथ कर दिया और उसके चिकने नितंबों को सहलाने लगा.

नीता ने राजेश की आँखों में झाँका और उसकी छाती पर निप्पल पर जीभ फिराते हुए एकदम पलट गयी.
अब वह राजेश की ओर पीठ करके चिपकी हुई थी.

राजेश ने अपने हाथ उसकी फ्रॉक से होते हुए उसकी पेंटी के अंदर कर दिए थे.
अब वह उसका दाना मसल रहा था.

नीता ने अपना हाथ पीछे किया तो उसके हाथ में राजेश का तनतनाता लंड आ गया.

अब नीता घूम कर बैठी और उसके लंड को मुंह में ले लिया और लगी चूसने!

राजेश के मुंह से आहें निकलने लगी.
अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.

उसने नीता को अलग किया और उसकी फ्रॉक उतार दी.
नीता ब्रा पेंटी सेट में थी.

अब नीता के जज्बात भी बेकाबू हो गए थे.
उसने राजेश को बेड पर धक्का दिया और उसके बरमूडा के साथ अपनी ब्रा पेंटी भी उतार फेंकी.

वह चढ़ गयी राजेश के ऊपर!
उसने अपने हाथों से राजेश का लंड अपनी चूत के ऊपर सेट किया.

राजेश का लंड तो तना हुआ था, सीधे अंदर उतर गया.

नीता ने ऊपर से दबाव बनाया तो लंड को और गहराई मिली.

तब नीता ने राजेश को चूमते हुए हुए उसकी आँखों में आँखें डाल कर कहा- अब मुझे बच्चे की प्लानिंग करनी है, वह चाहे तुम्हारा हो या समीर का. इसलिए मुझे अच्छे से प्यार करना!

नीता ऊपर चढ़कर राजेश की दमदार और धक्केदार चुदाई करने लगी.
वह पूरी माहिर थी इसमें!
दो जिस्म आज इतने अंतराल के बाद मिल रहे थे.

आज नीता समा जाना चाहती थी समीर के अंदर!
उसके दो मकसद थे.

एक तो वह दिल से चाहती थी कि उसके बच्चे के पिता इन दोनों में से कोई हो और उसे खुद भी न मालूम हो कि बच्चे का बाप कौन है.
और दूसरे वह राजेश को खुश देखना चाहती थी; चाहती थी कि आज के सेक्स के बदले वह राजेश को इस बात के लिए मना सके की वह किसी अच्छी सी लड़की से शादी कर ले.

नीता ऊपर से उछल रही थी तो राजेश नीचे से.
उसको मालूम था कि राजेश पूरा गर्म है और वह ज्यादा देर टिक नहीं पायेगा.
इसलिए जब राजेश ने उसे नीचे करना चाहा तो वह नीचे आ गयी और अपनी टाँगें फैला दीं.

अब राजेश ने उसके टखनों को पकड़ कर अपना मूसल एक झटके में घुसेड़ दिया अपनी माशूका की चूत में … और लगा जोर जोर से धक्के लगाने.

नीता लिपट गयी थी उससे.

अब दोनों और से घपापेल चालू थी.
राजेश की साँसें फूल रही थीं.

नीता के जिस्म की आग ने उसे पिघला दिया था.

अपनी उंगलियों के नाखूनों से नीता ने राजेश की पीठ पर आज के सेक्स की गवाही अंकित कर दी थी.

नीता का अंदाज़ सही था.
राजेश हांफता हुआ एक झटके में ही नीता की चूत में खाली हो गया.
नीता ने उसे कस के भींच लिया, उसका लंड नीता की चूत की गहराई में कहीं खो गया था.

कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद नीता ने राजेश को चूमा और कहा- जानू मेरे ऊपर अब और जुल्म नहीं करो. मैंने तय किया है कि अब समीर को भी तब ही अपने नजदीक आने दूँगी जब तुम शादी के लिए हाँ कर दोगे.

राजेश चुप था.

नीता बोली- अपने लिए नहीं, मेरे लिए शादी कर लो. तुम जानते हो मैं तो सेक्स के बिना नहीं रह सकती. और अब जब तक तुम हाँ नहीं कहोगे मैं सेक्स नहीं करुँगी.
राजेश बोला- यह कोई बात नहीं है. मुझे सोचने का मौक़ा दो.

नीता बोली- टेक योर ओन टाइम. पर हाँ, मैं तभी सेक्स करुँगी जब तुम हाँ कर दोगे.

कह कर नीता उठ खड़ी हुई और कपड़े पहनते हुए राजेश से बोली- तुम भी फ्रेश हो लो, मैं भी नहाने जा रही हूँ. फिर नाश्ता करेंगे.

उन लोगों ने नाश्ता लिया ही था कि समीर का फोन आ गया.
उसने उन्हें लंच बाहर लेने के लिए दिल्ली बुलाया था तीन बजे करीब.

राजेश ने नीता से नजदीकी बढ़ाते हुए कहा- स्वीटी, मुझे सोचने का मौक़ा दो.
नीता ने सपाट होकर कहा- खूब सोच लो. पर मैं अपनी बात पर अडग हूँ.

राजेश अब दबाव में आ गया था.

दोनों तैयार होकर 2 बजे करीब निकले.

समीर उन्हें कनाट प्लेस में ही मिला.
लंच लेकर तीनों वहीं घूमने लगे.

तभी मूवी का प्रोग्राम बन गया. मूवी के बाद पिज़्जा पैक करवा कर तीनों दस बजे करीब फ्लैट पर पहुंचे.

आज समीर और राजेश का ड्रिंक्स का मन था.
नीता बोली- तुम लोग पियो. मेरा मूड नहीं है, मैं रूम में लेटी हूँ. ड्रिंक ख़त्म करके तुम आ जाना.

कह कर वह अपना पिज़्ज़ा और कोल्ड कॉफ़ी की केन लेकर रूम में चली गयी.
बाहर इन दोनों के जाम शुरू हो गए.

दोनों ही ज्यादा तो नहीं पीते थे.
तो समीर ने ही बात शुरू की.

उसने राजेश से कहा- मुझे मालूम है कि अगर मैं नीता से शादी नहीं करता तो नीता राजेश से शादी करती. नीता आज भी तुम से बहुत प्यार करती है. पर वह अब चाहती है कि तुम शादी कर लो.

राजेश ने समीर को बहुत समझाया कि अभी उसे कुछ वक्त और चाहिए.
अब समीर भी अटक गया, बोला- अभी रूम में जाने से पहले नीता ने मुझसे कहा कि आज मैं तुम्हारे पास ही सोऊँ. क्योंकि वह अब सेक्स तभी करेगी जब तुम सेक्स करोगे. तो दो ही रास्ते हैं. या तो हम तीनों जिन्दगी भर थ्रीसम सेक्स करते रहें. या तुम अपना घर बसा लो. फिर हम चारों खुश रहेंगे.

थ्रीसम की बात सुन राजेश हंस दिया, बोला- पागल हो गयी है नीता तो!
समीर बोला- वह सीरियस है. अब वह मुझे तभी नजदीक आने देगी जब तुम हाँ कह दोगे.

दो दो पेग के बाद राजेश बोला- यार तू रूम में जा. मैं भी सोता हूँ. कल से ड्यूटी पर जाउंगा.

समीर उठ कर रूम में गया तो वापिस आ गया और बोला- यार वह तो कह रही है कि मैं तेरे पास ही सोऊँ.
दोनों हंस पड़े.

समीर बोला- तू मुझसे कितना भी छिपा ले, पर मुझे मालूम है कि तू आज भी उस पर मरता है. अब बता मैं क्या करूँ?
राजेश बोला- इसमें कोई शक नहीं कि नीता जैसी कोई नहीं, वरना तो मैं शादी कर ही लेता. चल मैं समझाता हूँ उसे!

कहकर दोनों नीता के रूम में गए.
नीता बेड पर लेटी टीवी देख रही थी.

उन्हें देख कर हँसती हुई बोली- की नौटंकी मत करो. चुपचाप निकल जाओ मेरे रूम से!
राजेश बोला- इसका खड़ा हो गया है. या तो तुम दे दो इसे या फिर ये मेरी मार लेगा. तू एक काम कर इसे बैठा दे, फिर भेज देना मेरे पास!

तीनों हंस पड़े.

अब नीता के एक ओर राजेश बैठ गया, दूसरी और समीर.
तीनों चुप थे.

राजेश ने नीता का हाथ थाम रखा था.

चुप्पी तोड़ते हुए समीर बोला- राजेश, तुम भी यहीं सो जाओ!

और बिना उसके जवाब का इंतज़ार किये समीर ने लाइट बंद कर दी.
नीता बीच में सीधी चुपचाप लेटी थी.

समीर और राजेश उसकी और मुंह करके चुपचाप लेटे थे.

कमरे का माहौल चुप्पी में भी गरमा रहा था.

समीर ने नीता की और बढ़ते हुए उसकी टांगों के बीच अपनी एक टांग कर दी और चिपकते हुए उसे चूम लिया.
तो नीता बोली- मुझे सोने दो.

नीता ने अपने माथे पर अपना हाथ रख लिया.
उसने फ्रॉक पहनी थी और चूँकि उसे ‘ऐसा होगा’ इसका अहसास नहीं था तो उसने फ्रॉक के नीचे कुछ पहना भी नहीं था.

समीर ने उसके पेट पर अपना हाथ रखा और धीरे धीरे वह अपना हाथ ऊपर उसके मम्मों की ओर करने लगा.

राजेश को लगने लगा कि अब जिस्म की आग उससे भी बेकाबू हो रही है तो वह एक झटके से उठा और ये कहकर अपने कमरे में जाने लगा- मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ.

नीता ने उसका हाथ पकड़ लिया.
राजेश बोला- छोड़ो मुझे!
नीता बोली- छोड़ दूँगी, पर पहले वायदा करो कि जल्दी शादी कर लोगे.

राजेश चुप रहा.
फिर हँसते हुए बोला- अच्छा बाबा, कर लूँगा.

नीता एक झटके में खड़ी हो गयी और बेल की तरह राजेश से लिपट गयी और लगी उसे ताबड़तोड़ चूमने.
राजेश हँसते हुए बोला- ये सब देख कर तो मेरी बीवी मुझे तलाक दे देगी.

समीर बोला- राजेश, मुझे मालूम है कि तुझ में और नीता में कोई पर्दा नहीं है. और मुझे कोई ऐतराज भी नहीं है. नीता तो तेरी थी, मुझ पर तो तेरा अहसान है कि इतनी प्यारी बीवी तेरी वजह से मुझे मिली. मुझे नीता पर कोई शक या शिकायत नहीं है. हम तीनों अच्छे दोस्त हैं. तूने शादी की हाँ कह कर बहुत बड़ा वजन हटा दिया हम दोनों के मन से! चल आज इसे सेलेब्रेट करते हैं.

समीर नीता के कान में फुसफुसाकर बोला- आज हम दोनों मिलकर इसे सेक्स की दावत देते हैं.
नीता ने यह सुनकर समीर को चूम लिया.

नीता बाहर गयी और एक शम्पेन की बोतल उठा लायी और हँसते हुए उसे खूब हिलाते हुए उसका ढक्कन निकाल दिया.

नीता ने तीनों को शेंपेन से भिगो दिया.
अब तो जाम और जवानी का जो दौर चला तो तीनों को मस्ती पूरी छा गयी थी.

आज राजेश की हाँ ने नीता और समीर को अंदर तक खुश कर दिया था.
आज तीनों वही बचपन और जवानी के दोस्तों की तरह खुश थे.

रात के 2 बज गए थे.
म्यूजिक पर डांस थमने का नाम ही नहीं ले रहा था.

समीर ने लाईट बहुत धीमी कर दी.
तीनों को अब नशे का सुरूर था.

नीता बीच में थी और दोनों उससे चिपके थिरक रहे थे.
लाईट बंद होते ही तीनों की कामवासना अब भड़कने लगी.

सबसे पहले तो समीर ने अपनी टी शर्ट उतार फेंकी और राजेश से भी अपनी उतारने को कहा.

अब राजेश और नीता होंठों से होंठ भिड़ाये मटक रहे थे.

नीता ने हाथ पीछे किया और राजेश का लंड पकड़ लिया और अपनी ओर खींचा.
राजेश भी इनके नजदीक आ गया.
नीता पलटी और अपनी फ्रॉक उतार फेंकी और राजेश से चिपट गयी.

दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे के चेहरे पर पड़ रही थीं.

नीता ने राजेश का बरमुडा नीचे खींच दिया और समीर से बोली- चलो बेड पर!

अब नीता नीचे लेटी मछली की तरह मचल रही थी और राजेश और समीर उसे चूम रहे थे.

समीर ने उसके मम्मों पर जीभ फिराते हुए राजेश को भी आमंत्रित किया.
राजेश की एक उंगली अब तक नीता की चूत में घुस चुकी थी.

वह नीता को चूमता हुआ औसके मम्मे भी चूमने लगा.

अब एक और से तो समीर चूस रहा था और दूसरी और से राजेश.

नीता की दोनों हाथों में उनके लंड थे और वह उन्हें अच्छे से रगड़ रही थी.

अब नीता की चूत में चीटियाँ रेंग रही थीं.
उसने समीर से कसमसाते हुए कहा- मेरी पोपों को चूसो.

समीर ने राजेश से कहा- इसकी पोपों शोर कर रही है, तुम नीचे हो जाओ और चूसो.

राजेश नीचे हो गया और नीता की टांगें फैलाकर उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी.
नीता कसमसाई और उसने अपनी उंगलियों से अपनी फांकों को और चौड़ाया.

समीर उठ खडा हुआ और अपना लंड नीता के मुंह के पास कर दिया.
नीता ने झट उसे लपक लिया और लगी लपर लपर चूसने.

राजेश की जीभ नीता को बेहाल कर रही थी.
नीता की आहें निकलने लगीं.
वह राजेश से बोली- अब अंदर आ जाओ, बर्दाश्त नहीं हो रहा!

समीर भी हट गया.
राजेश ने नीता की टाँगें चौड़ायीं और आहिस्ता से अपना मूसल सरका दिया नीता की मखमली चूत में.

हालाँकि नीता की चूत पूरी गीली थी, पर दूसरे लंड का एहसास अलग ही होता है.
अभी एक दिन भी तो नहीं हुआ था पूरा उन दोनों को सेक्स की नदी में गोते लगाए … पर इस समय ख़ुशी का आलम कुछ और ही था.

नीता ने अपनी टांगें भींच लीं और कैद कर लिया अपने आशिक के लंड को अपनी मखमली गुफा में!

राजेश ने और जोर लगाया और और गहराई तक उतर गया.
नीता ने उसके बाल पकड़े और उसे नीचे खींचा और होंठ से होंठ मिला दिए.

राजेश ने अब चुदाई शुरू कर दी.

समीर शांत खडा इन दोनों के जिस्म से उठते उफान को देख रहा था.

दोनों पूरे जोर शोर से एक दूसरे में समाने को बेताब थे.

नीता ने राजेश को नीचे पलटा और चढ़ गयी उसके ऊपर और उछल उछल कर लगी चोदने!

तभी नीता को समीर का भी ख्याल आया.
उसने समीर को इशारे से पास बुला और उसका लंड मुंह में लेने का इशारा किया.

समीर ने नजदीक आकर नीता को चूमा और कहा- ये मौक़ा राजेश का है. इसे भरपूर मस्ती दो. हम तो बाद में पूरी रात करेंगे.

राजेश ने नीता के मांसल मम्मे पकड़ रखे थे, वह उन्हें मसल रहा था.

नीता की आहें, कराहें और शोर पूरे कमरे में गूँज रहा था.

राजेश का चरम होने को था, वह नीचे से निकल कर ऊपर आना चाहता था.
पर नीता ने अपनी पकड़ ढीली नहीं की; उसका भी होने को था.

उसके मुंह से झाग सा निकल रहा था.
उछलते उछलते वह एक झटके में राजेश की छाती पर लुढ़क गयी.

राजेश का भी हो गया था.
कुछ पल एसे ही पड़े रहने के बाद नीता राजेश की बगल में लुढ़क गयी.

राजेश उठा और नीता को चूमकर समीर के गले लगा और बोला- निश्चिन्त रह, आज के बाद यह कभी नहीं होगा. ये सब लव प्यार सेक्स हमारी दोस्ती के कभी आड़े नहीं आएगा.

समीर ने उसे कस के गले लगा लिया.
राजेश अपने कपड़े उठा कर अपने रूम में चला गया.

नीता मुस्कुराती हुई समीर से बोली- यू आर द बेस्ट हसबेंड!
समीर लिपट गया उससे!

दोस्तो, कैसी लगी मेरी लव प्यार सेक्स कहानी?
मुझे कमेंट्स में और मेरी मेल आईडी में बताएं.
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