जंगल में चुदाई.. देसी हिन्दी में चुदाई की बातों के साथ

(Jungal Me Chudai.. Desi Hindi Me Chudai Ki Baton Ke Sath)

मेरा नाम असीम और मेरी वाइफ अनामिका है. हम एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में सीनियर एग्ज़िक्यूटिव हैं. हमारी शादी को एक साल हो गया था और हम अपनी शादी की पहली वर्षगाँठ पर अंडमान द्वीप गए थे. वहाँ उतरते ही एक बीच रिज़ॉर्ट में चेक इन किया. वो रिज़ॉर्ट शहर से दूर था. हम लोग यह 15 दिन यादगार बनाना चाहते थे. अनामिका अपनी सारी हॉट सेक्सी ड्रेस ले गई थी.
चूंकि हम लोग काफ़ी विदेश भी घूमे थे, ड्रेसिंग के मामले में काफ़ी फ्री थे, वो बीच पर बिकिनी में घूम रही थी.

सुबह नाश्ते के बाद से ही सेक्स शुरू कर देते थे. दिन में दो तीन बार सेक्स हो जाता था. कमरे में हमने काफ़ी ब्लू फिल्म देखी. कुछ मूवी हिन्दी भी थीं. उनमें अधिकतर बी ग्रेड चुदाई की गंदी वाली भाषा में थीं.

एक हिन्दी ब्लू फिल्म देखते हुए मैंने अपनी पत्नी से कहा- जानू, एक बार मैं तुम्हारे साथ हिन्दी में सेक्स यानि चुदाई करना चाहता हूँ.
उसने हंस कर कहा- नहीं, मुझे हिन्दी के गंदे शब्द पसंद नहीं हैं
मुझे निराशा हुई और हम बात भूल गए.

एक हफ्ते बाद हम हैवलोक आईलैंड पर गए. वो द्वीप सुनसान था. वहाँ सिर्फ़ कुछ रिज़ॉर्ट और लोकल आदिवासी थे. सुंदर बीच और हरे जंगल थे. हम बीच पर घूमते थे. अनु बिकनी में या कभी टॉपलेस घूमती रहती थी. उसकी हमेशा से ऐसी ही इच्छा थी.

उस द्वीप पर बीच के अलावा अच्छे हरे जंगल और ट्रेकिंग भी हैं. एक रोज़ हम जंगल में ट्रेकिंग कर रहे थे. मैं शॉर्ट्स और टी शर्ट में था.. और अनु शॉर्ट स्कर्ट और एक टाइट सी झीनी शर्ट में थी.

जंगल के बीच एक छोटी सी लेक दिखी.. हम वहाँ घास पर लेट गए और सिगरेट का मज़ा लेने लगे. अचानक हल्की बारिश होने लगी.. हम भी भीगते हुए मजा लेते रहे. अनु की शर्ट उसके शरीर से चिपक गई थी. उसके निप्पल्स साफ दिख रहे थे और वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी.

मैंने अपनी शर्ट उतार दी और उसको किस करने लगा. वो भी मुझे पकड़ कर किस कर रही थी. उसकी शर्ट भी खुल गई थी. मैं उसके मम्मे चूसने लगा और दूसरा हाथ स्कर्ट के नीचे गया.
मैंने कहा- स्वीटी, मुझे चुदाई करने का मन हो रहा है.
यह कहते ही मैंने उसकी स्कर्ट उठा दी, उसने पेंटी नहीं पहनी थी. मैं उसके ऊपर गया और सीधे लंड पेल कर सेक्स करने लगा. नीचे घास अच्छी लग रही थी. बारिश भी रुक गई थी.

हम चुदाई के बाद उठ कर जंगल की तरफ गए. बड़ी खूबसूरत जगह थी.. दूर से बीच नज़र आ रहा था. बारिश और समुद्र का शोर था.
एक खाली हरा स्थान देख कर उसने अपनी शर्ट और स्कर्ट उतार दी और बड़े से पत्थर पर सहारा ले कर खड़ी हो गई. वो इस वक्त अत्यंत कामुक लग रही थी. उसने कहा- राजा आज मैं वाइल्ड सेक्स करने के मूड में हूँ.

मैं मिट्टी उठा कर उसके मम्मों पर मलने लगा.. बदले में उसने मेरे बदन पर मिट्टी मल दी. अब हम जंगली लग रहे थे.
मैं उसे चूमने लगा.

अचानक उसने मेरा सर धकेल कर कहा- जानू, आज मैं कुछ अलग कुछ भद्दा सुनना चाहती हूँ.
मैंने कहा- क्या?
वो बोली- जानू, आई डोंट वांट टू बी गेट फक्ड!
मैंने पूछा- क्यों?
वो बोली- आज मैं इस जंगल में खुले में चुदना चाहती हूँ.
मैं हैरान हो गया और उसे देख रहा था- अनु और चुदाई??
मतलब वो कभी हिन्दी में अश्लील शब्द नहीं बोलती थी, वो हमेशा इंग्लिश में ही बोलती थी सेक्स करते वक्त! इस लिए मैं हैरान था कि वो हिन्दी में बोल रही थी.

फिर वो बोली- क्या देख रहे हो?? मुझे चोदना नहीं चाहते क्या?
फिर वो मेरा लंड पकड़ कर बोली- मेरी जान, आज ये लंड या लौड़ा, जो भी है मेरा है, मुझे ये लंड अभी मुँह में लेकर चूसना है.
मैं थोड़ा विस्मय से उसकी भाषा सुन रहा था.
वो फिर बोली- यही सुनना चाहते थे ना.. लाइए अपना लंड मेरे मुँह में डालिए, मुझे अभी लंड चूसना है.

मतलब अभी वो मेरी इच्छा पूर्ण कर रही थी. वो नीचे आ कर मेरा पूरा लंड मुँह में ले कर चूसने लगी. मैं अभी भी सकते में था.

अनु बीच बीच में कह रही थी- आह.. क्या कड़क लंड है.
और फिर उठ कर बोली- मेरी चूत अब आपकी ज़ुबान की प्यासी है.
मैं अभी तक हैरान था, बोला- ओके अब मेरी बारी, आपकी चूत का स्वाद लेने की..

और मैं नीचे जा कर उसकी चुत चाटने लगा.
वो चुदासी सी कह रही थी- और अन्दर ज़ुबान डालो और जोर से चाटो यार, सारा रस चाट लो आज.. चूत ही चाटेंगे या चुदाई का भी इरादा है?
मैंने कहा- अगर तेरी चूत फड़क रही है तो मेरा लंड भी फड़फड़ा रहा है.

फिर वो जोर से बोली- जान मेरी, मैं चुदने को तैयार हूँ, लाइए अपना लंड मेरी चूत में डालिए और चुदाई करिए.. आज बुझा दीजिए मेरी प्यास..
अचानक वो लंड से चुत लगा कर प्यार से बोली- यही सुनना चाहते थे ना.. आज पहली और आखरी बार.. जो कहना है कह लो, कर लो.. दोबारा नहीं होगा. आज कर लो, मैं तो जी भर के सुनाऊँगी.. चिल्लाऊंगी, जो बोलना है बोलो.. तुम भी आज मन भर लो.

मैं ये मौका छोड़ना नहीं चाहता था, मैं उसकी टांगें उठा कर अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. वो जोर से कहने लगी- चोदो ना प्लीज़, मुझे चोदो ना, क्या कर रहे हो, ला दे ना अपना लंड, डालो ना..
मैं उसे तड़पा रहा था और अपना लंड आधा अन्दर डाल कर रुक गया. वो रो कर बोली- क्यों तड़पा रहे हो, मेरी चूत और गहरी है, पूरा घुसेड़ो ना, बुझा दे ना मेरी चूत की प्यास..
मैं हंस कर बोला- बहुत फड़क रही है चूत तेरी, क्यों ठरकी हो रही है साली..
वो बोली- तो शांत कर दो मेरी ठरक.. अब सताओ मत जानू.. मारो धक्का और पेल दो अन्दर..

मैंने भी जोर लगा कर अपना लंड पूरा अन्दर डाल दिया. उसके मुँह से जोर की ‘आह…’ निकली और मैं जोर से धक्के मारने लगा. वो लंड के मज़े ले रही थी.
“आह.. चोद मुझे और जोर से चोद मुझे, ओह मेरे बंदर, ला अपना मोटा लंड और अन्दर डाल.. प्लीज़ जानू जोर से चोदो..”
“ले माँ की लौड़ी लंड खा..”
वो भी गाली देकर बोली- आ मेरे कमीने और जोर से चोद मुझे.. चोद कमीने चोद साले, पेल अन्दर मेरे कमीने चोदू..

मैं हैरान था कि ये क्या है.. मैं भी बोला- क्यों नहीं, मेरी जंगली बिल्ली.. बड़ी मस्त लग रही है आज तू, तुझे बंदर की तरह ही चोदूंगा.. ला अपनी चूत और ले इस बंदर का लौड़ा, ले मेरी जान.. आ तेरी चूत की प्यास बुझा दूँ.. अह.. क्या टाइट है तेरी चूत.. आज फाड़ ही दूँगा.

उसने अपना एक पैर उठा रखा था और मैं तेज तेज उसे चोद रहा था. मिट्टी में सने हम पूरे जंगली लग रहे थे.
वो बोली- ये जंगली चुदाई याद रहेगी.
मैंने फिर कहा- चल पीछे घूम..
वो हंस कर बोली- साले हरामी.. गांड मारेगा क्या?
मैंने भी कहा- हां साली, अब तेरी गांड चोदता हूँ.. घूम जा… घोड़ी बन.

वो घूम गई और पत्थर का सहारा ले कर आगे झुक गई.. मैं उसकी गांड के पास चाटने लगा.
वो बोली- साले गांड में मुँह मत मार, लंड मार.. जल्दी से पीछे से चोद दे मुझे.. जल्दी..

मैंने फ़ौरन उसकी गांड में अपना लंड दे दिया और धक्के मारने लगा- बहुत चुदासी है आज, क्या मस्त गांड है तेरी.. क्या टाइट है.
मैं उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा. उसे अच्छा लग रहा था- यस जान और जोर से मारो.

वो एक हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही थी. मैं उसकी गांड थप्पड़ से लाल कर रहा था. वो बोली- मेरे मम्मे पकड़ो, मेरी चूची जोर से दबाओ और जोर से.
मैं आगे झुका और उसके मम्मे पकड़ लिए. उसके निपल्स जोर से मसलने लगा. वो दर्द से चीख उठी.

मैंने कहा- तेरी चूची भी क्या टाइट है, कहो तो चूस के सूखा दूं..
उसने अपने मम्मे पानी से धोए और कहा- आ चूस ले मेरी जान.. ये मम्मे सूखेंगे नहीं, पूरी ज़िंदगी पिलाती रहूंगी.. चूस ना साले.. पर आज की प्यास तो बुझा ले अपनी.

मैं प्यासे की तरह उसके मम्मे चूस रहा था. वो मेरा सर पकड़ कर अपने मम्मों पर दबा रही थी. मैं बीच बीच में उसके कड़क निप्पल को काट भी रहा था. वो एंजाय कर रही थी.. साथ में गाली भी निकाल रही थी- काट क्यों रहा है हरामी.. चूस ना.. सुखा ना अब…

गांड की चुदाई के बाद हम थोड़ा थक गए थे और रेस्ट करते हुए सिगरेट के कश लगाने लगे थे. वो सिगरेट का धुआँ मेरे लंड पर छोड़ रही थी और मैं उसकी चूत पर.
अचानक उसने कहा- क्या मेरे चोदू बंदर, बस इतना ही दम है तेरे लंड में, मेरी पूरी प्यास भी नहीं बुझी और देख साला तेरा लंड मुरझा गया और मेरी चूत, अभी गरम है.. प्यासी है, टाइट भी है और चुद सकती है. और चोदेगा कमीने??
मैंने भी कहा- जान, मेरा लंड भी अभी कड़क है, जी भर के चुदना.. आज थकूंगा नहीं.
वो मुस्कुरा कर बोली- काश दूसरा वाला लंड भी होता.. मज़ा आ जाता, आज मैं डबल से चुदना चाहती हूँ.

हम बाहर से रबर का लंड लाए थे. वो मुझे उकसा रही थी, तो मैंने कहा- बहुत हरामी हो रही है, क्यों मेरी जान… रंडी बनना चाहती है आज?
उसने जोर से हंस कर, मुझे एक हल्का झापड़ मार कर कहा- अब समझा मेरा चुड़दक़्कड़, आज मुझे रंडी ही बना दे.. और तुझे क्या हुआ मेरे चोदू.. समझ ले मैं तेरी प्राइवेट रंडी हूँ. बहुत कम लोगों को पर्सनल रंडी नसीब होती है. आज मन भर ले कमीने, फाड़ दे मेरी चूत.. बुझा दे मेरी प्यास. आज मेरी चूत फुद्दी गांड मम्मे और मुँह सब तेरा है. सब जगह चोद… जो भी कर बस चोद मुझे जल्दी, हर जगह चोद..

मैंने कहा- कमीनी आज तू मेरी पर्सनल रंडी है, बहुत चुदासी हो रही है, बहुत फड़क रही है तेरी फुद्दी, दो लंड की बात कर रही है.. आ अब तुझे ऐसे चोदता हूँ, मेरा एक लंड ही दो का मज़ा देगा.. यही तेरी प्यास बुझाएगा.
उसने अपना एक पैर उठाया और मैंने अपना लंड एक बार में ही धक्के से अन्दर ठोक दिया- ले मेरी रंडी साली, ले मेरा लौड़ा ले..
वो जोर से चिल्ला रही थी- मार जोर से मार, ठोक साले..

हमारे पैर गीली मिट्टी में धंसे थे और हम जंगली चुदाई में मस्त थे. उसके नाख़ून मेरे पीठ में गड़े हुए थे और गंदी बातों की बारिश हो रही थी. पता नहीं आज हम दोनों को क्या हुआ था. ज़्यादा ही वल्गर हो रहे थे.
वो कह रही थी- हरामी कहीं के.. साले ठीक से रंडी चोदना नहीं आता.. और जोर से चोद मुझे और अन्दर पेल कमीने और जोर से झटका मार, फाड़ दे मेरी चूत और अन्दर पेल, साले ऐसे ही रंडी चोदते हैं क्या..?

उसकी आह ऊह गूँज रही थी और मैं झटके से धक्के मार रहा था- ले मेरी जान ले मेरा लौड़ा और ले, कमीनी मेरा लौड़ा आज तेरी चूत फाड़ देगा…

उसने रुक कर मुझे मिट्टी में धकेल दिया और मेरे ऊपर पैर फैला कर खड़ी हो गई- क्यों कभी जंगली नंगी रंडी देखी है?
मैंने कहा- आजा मेरी प्राइवेट रंडी, ठरकी साली.. बैठ मेरे लंड पर, तुझे चोद दूँ.. आज ये लंड फौलाद है.
वो बोली- क्यों नहीं मेरे चोदू, पर आज मैं तुझे चोदूंगी, जबरदस्ती चोदन कर दूँगी तेरा.. और ये तेरा लंड है या साला लोहा, सूखता ही नहीं.. पर पहले मेरी चूत फिर से चाट..

और वो चुत की मिट्टी पोंछ मेरे चेहरे पर बैठ गई और मेरा सर उठा कर अपनी चूत पर लगा दिया. मैंने अपनी ज़बान अन्दर डाली और वो मेरे चेहरे पर धक्के मार रही थी- ठीक से चाट साले और अन्दर ज़ुबान डाल… पूरा चूस पी कमीने… बीवी का जूस बहुत पिया है ना, आज इस रंडी का जूस पी ले…
उसकी चूत से जूस बह रहा था.

फिर वो नीचे सरकी और मेरा लंड पकड़ कर बोली- अब ये मेरी गरम चूत में जाएगा…
वो धीरे धीरे मेरे लंड पर बैठने लगी. अब वो मुझे तरसा रही थी. मैं आग्रह कर रहा था- प्लीज़ ले ले ना मेरा लंड अन्दर…
वो हंस रही थी- क्यों अब ठरकी कौन है.. थोड़ा तड़प ना तू भी..

फिर वो पूरी मेरे लंड पर बैठ गई.. मेरे लंड पर उछल रही थी.. वो मेरे निपल्स जोर से निचोड़ रही थी.
मैं दर्द में था, पर वो बोली- ये ले, मेरी गांड पर झापड़ मारने का इनाम..
मुझे अच्छा लग रहा था, मैंने कहा- आज तो तू सच में रंडी हो रही है, ये साली तेरी कमीनी चूत, कितना चुदेगी, अभी तक कितनी गरम और टाइट है, जल रही है.
उसके मम्मे ऊपर नीचे उछलते हुए मस्त लग रहे थे.

मैंने कहा- तेरी चूची भी क्या मस्त नाच रही हैं.
मेरी पीठ और उसके पैर मिट्टी नीचे नरम घास में थे और वो मुझे उकसा रही थी- ले मेरे चोदू, ये रंडी की चूत आज तेरा हरामी लौड़ा पिघला कर खा जाएगी..
मैं चीख रहा था- हाँ साली और अन्दर ले मेरा लंड, चोद मुझे चोद, चोद साली और ले अन्दर..
वो चिल्ला चिल्ला कर अपने चूतड़ उछाल उछाल कर मेरे लंड पर कूद रही थी.

अब मेरी बारी थी और जब हम खड़े हुए. मैंने उसका सर पकड़ा और मुँह खोल कर अपना लंड मुँह में डाल दिया.
मैंने कहा- मेरी पर्सनल रंडी, अब तू मेरा लंड चूसेगी.. तेरी चूत तो चोद ली, अब तेरे मुँह को चोदूँगा.. साली और अन्दर डाल कर चूस..
उसने अपना मुँह और ज़्यादा खोल दिया था और मैं उसके मुँह में लंड अन्दर बाहर डाल रहा था- मेरे लंड का जूस पिएगी जानू!
उसने जवाब दिया- आज तेरा पूरा जूस पियूँगी, क्या मस्त लंड है, साले अभी झड़ना नहीं.. मेरे मुँह को और चोद…

वो पूरा लंड अन्दर ले कर चूसने लगी, साथ बोल रही थी- प्लीज़ जान इतनी जल्दी झड़ना नहीं… अभी मैं पूरी तरह तृप्त नहीं हुई. मैं अभी और चुद सकती हूँ… जान और ठोको ना.. चोदो ना
अब मैंने उसे ज़मीन पर लिटा दिया और उसने अपने पैर हवा में उठा दिया और बोली- आ घुस जा मेरे चोदू…

मैंने भी एक झटके में अपना पूरा लंड अन्दर घुसेड़ दिया. उसके पैर पकड़ कर वी शेप में फैलाया और पूरी ताक़त से चोदने लगा. वो चीख़ रही थी. हमारी चुदाई उत्कर्ष पर थी. चरम सीमा पहुँच रही थी. जंगल में हमारी ‘आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊवू..’ गूँज रही थी. वो भी अपने पैर फैला रही थी. मैंने उसके मम्मों का सहारा लिया हुआ था.
आख़िर में वो बोली- जान अब मेरे मम्मे चोदो प्लीज़..

वो हाथ का सहारा ले कर बैठी और मैंने मिट्टी से सना लंड चूचियों के बीच में लगा कर उसके मम्मे जोर से दबाए और पेलने लगा. मैं उसके मम्मों को धक्के से चोद रहा था.

“अभी भी क्या तने हुए मम्मे है तेरे.. चूची भी अभी टाइट हैं. साली कितना दम है चुदने का..”

मिट्टी की रगड़ लंड पर और अच्छी लग रही थी. वो एक हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही थी. सच आज दोनों ज़्यादा ही गरम थे.
वो मज़े ले रही थी- चोद मेरे मम्मे चोद, झटका दे कमीने और तेज चोद और जोर.. आआह ऊओह आज तेरे लंड का पूरा जूस पीना है, डाल मेरे मुँह में डाल.
लंड की मिट्टी चूचों की रगड़ से साफ़ हो चुकी थी तो मैंने तुरंत अपना लंड निकाल कर उसके मुँह में पेल दिया और वो अपने हाथ से उसे तेज हिलाने लगी.

मैं बोला- कमीनी मेरी जान ले पीले मेरे लंड का पूरा जूस..
वो सिसयाए जा रही थी- ला जूस पिला मुझे..

अंत में मैंने अपना पूरा जूस उसके मुँह में डाल दिया. वो मुस्कुरा कर उठी और उसने अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए. मैं उसके गीले होंठों को जोर से चूमने और चूसने लगा. मेरे लंड का ही जूस था. वो मेरा पूरा जूस पी गई.. और मेरा सर पकड़ कर नीचे धकेल दिया- एक बार और चुत चूस ले…

मैंने भी नीचे जा कर उसकी चूत का टपकता जूस पिया और फिर होंठों को किस करके उसे पिलाया.

अंत में उसने कहा- बड़ा हरामी खसम है तू.. साले, तूने आज मुझे रंडी बना ही दिया.. खुश है न.. आगे कभी मत माँगना.
मैंने भी कहा- हां मेरी कमीनी रंडी, आगे से अपना वाला सेक्स करूँगा पर कभी देसी भाषा में चोदूँगा नहीं.

वो हमारी एक गंदी बातों वाली जंगली वल्गर और हिन्दी में मस्त यादगार चुदाई थी.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top