सेक्स है कुदरत का वरदान- 6

(Indian Porn Sex Kahani)

इंडियन पोर्न सेक्स कहानी में शादी के बाद पति पत्नी दोनों चुदाई के शौकीन निकले. लेकिन पत्नी चुदने में नारी सुलभ लज्जा का प्रदर्शन करके अपने पति को रिझा रही थी.

कहानी के पिछले भाग
सुहागरात के बाद बाथरूम में दुल्हन की गांड मारी
में आपने पढ़ा कि हर्ष नई दुल्हन के साथ पहली बार नहाने के लिए वॉशरूम में जाता है। वहां उसे टॉयलेट सीट पर बिठाकर अपना लंड चुसवाता है फिर धोखे से उसकी गांड में लंड घुसेड देता है।
पम्मी चिल्लाती है लेकिन हर्ष उसकी छटपटाहट का मजा लेता रहता है।

अब आगे इंडियन पोर्न सेक्स कहानी:

आखिरकार हर्ष ने पम्मी की कमर पे अपनी पकड़ बनाए रखी और गांड मारना जारी रखा।
हर्ष ने पम्मी की गांड में वीर्य का मोटा इंजेक्शन लगाने के बाद ही उस को छोड़ा।
फिर दोनों साथ में ही नहाए।

नहाने के बाद हर्ष ने पम्मी को कहा कि जल्दी से तैयार हो जाओ, हम मार्केट चलेंगे, पहले तो तेरे को जो भी शॉपिंग करना हो कर लेना। उस के बाद हम लंच मार्केट में ही करेंगे।

पम्मी ने केवल ब्रा और पेंटी में नाश्ता तैयार किया।
हर्ष की गोद में बैठ कर अपने हाथों से हर्ष को नाश्ता करवाया।

बीच-बीच में पम्मी हर्ष के होठों को चूस रही थी तो हर्ष पम्मी के बूब्स से खेल रहा था।

हर्ष का लंड फिर तन्नाने लगा।
उसने पम्मी को कहा- पम्मी, इसका इलाज कर यार!
पम्मी ने कहा- इसका इलाज मेरे अकेले के बस में नहीं है। इस की सेवा में एक नहीं, कम से कम 6 औरतें चाहिए। अभी तो तुमने कहा था जल्दी तैयार हो जाओ और अब खुद ही नीयत खराब कर रहे हो?

नाश्ते के बाद वे दोनों कार में मार्केट के लिए रवाना हुए।

शादी के तुरंत बाद दूल्हा और दुल्हन दोनों के दिमाग में रोमांस सवार रहता है, दोनों एक दूसरे से छेड़छाड़ करते हुए मार्केट पहुंचे।

हर्ष सबसे पहले पम्मी को कॉस्मेटिक के शोरूम में ले गया, जहां से पम्मी ने महंगी वाली लिपस्टिक, नेल पॉलिश और अन्य प्रसाधन सामग्री खरीदी।

उसके बाद उस ने विभिन्न स्टाइल वाली ब्रांडेड ब्रा, पेंटी, लॉन्जरी और नाइटी खरीदी।
उसके बाद वे जूते के शोरूम में गए.
उसमें पम्मी ने एक से एक कीमती अपनी मनपसंद चप्पल सैंडल जूतियां खरीदीं।

अब नंबर था अंडरगार्मेंट्स का!
पम्मी ने कुछ कॉटन की कुछ सिल्क वाली ब्रांडेड ब्रा, पैंटी, ठोंग, स्विमिंग कॉस्ट्यूम आदि पसंद किए।

यह सब खरीदते हुए पम्मी को एक बार तो यह ख्याल आया कि रंडी तो एक शॉट या एक रात की कीमत वसूल कर के हिसाब बराबर कर लेती है पर वह तो जैसे हर्ष से, कल रात से अभी तक उसके जिस्म के जो मजे उस ने लिए, इतनी खरीददारी कर के उसकी कीमत वसूल रही है।

लेकिन फिर उसके मन में दूसरा ख्याल यह आया कि यह ठीक है कि हर्ष ने जी भर के उस के मजे लिए लेकिन कौन सा मर्द विवाह के तुरंत बाद जवानी के जोश और उफनी हुई कामवासना के मज़े लेना नहीं चाहता?
उस पर हर्ष तो उसको बांध के भी नहीं रखना चाहता बल्कि उसके साथ खुलकर खेलने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है।

पम्मी स्वयं भी अंजान और भोलेपन की एक्टिंग करते हुए पक चुकी थी।
उसने सोचा कि आज रात को ही हर्ष को अपनी सहमति दे दूंगी कि मैं उसके साथ वासना के समंदर में उतरने के लिए तैयार हूं। जब वह चाहता है कि मैं नए-नए लौड़ों का आनंद लूं तो फिर मैं ज्यादा सती सावित्री बनने का ढोंग कर के क्यों खुद अपना नुकसान करूं?

हर्ष ने पूछा- पम्मी, क्या सोच रही है?
पम्मी ने कहा- कुछ नहीं यार, मैं बस यह सोच रही थी कि विवाह के बाद अचानक मुझे इतनी खुशियां मिलेगी इसकी तो मैं कल्पना भी नहीं की थी।

हर्ष ने कहा- पम्मी, मैं भी तेरे जैसी साथी पा कर बहुत खुश हूं। चल अब पेट पूजा कर ली जाये!
पम्मी ने कहा- हां यार, अब तो भूख लगने लगी है।

दोनों एक रेस्टोरेंट में गए, स्टार्टर, मेनकोर्स और आइसक्रीम का भरपूर आनंद उठाया।
पम्मी ने पूछा- क्यों राजा भूख शांत हुई?
हर्ष ने उसे छेड़ते हुए कहा- हां पेट की भूख तो शांत हो गई।

पम्मी ने कहा- मैं समझ गई, अब घर चल के तुम मेरा खाया पिया निकालोगे।
हर्ष ने कहा- साली, खाया पिया तो मेरा निकलता है, तुझे तो हर मुंह से खाना ही है।
पम्मी बोली बहुत कमीने हो तुम!

दोनों हंस पड़े और घर की ओर रवाना हो गए।

घर पहुंच कर हर्ष ने पम्मी को पकड़ के यह जाहिर किया कि उसकी फिर से नीयत खराब हो रही है।
पम्मी ने कहा- अभी नहीं, अभी इतना डट के खाकर आई हूं कि जोरों की नींद आ रही है। तुम्हारा तो चौबीसों घंटे खड़ा रहता है, जब अपन सो के उठेंगे तब चोद लेना।
हंसता हुआ हर्ष बोला- वह तो मेरी प्लानिंग में था ही, सोने के पहले वाली चुदाई का तो नुकसान हो जाएगा।

पम्मी ‘बदमाश!’ कहते हुए हर्ष के पीछे दौड़ी।

हर्ष ने अचानक मुड़ के पम्मी को बाहों में लेकर भींच लिया और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिये।
चुदाई की शौकीन पम्मी हर्ष की दीवानगी के आगे पिघल गयी।

उस के बाद दो जवान जिस्म वासना की भड़की हुई आग में झुलसने लगे।
जब दोनों के बदन पसीने में नहा गए और हर्ष के लंड से छुटी वीर्य की बौछारों ने पम्मी की चूत की गर्मी शांत की, उस के बाद वे दोनों एक दूसरे से लिपटकर सुख भरी नींद में खो गए।

दोनों नींद से उठे, हर्ष और उस का लंड!
हर्ष नंगी पड़ी पम्मी पर चढ़ गया और अगले मिनट उसका लंड पम्मी की चूत में घुस चुका था।

पम्मी चिल्लाई- अरे हरामखोर, तेरा स्टॉक कभी खत्म होगा या नहीं? रहम कर मेरी चूत पर!
हर्ष धक्के लगाते हुए हंस कर बोला- बस यार एक क्विक शो करेंगे फिर डिनर बाहर ही करेंगे।

पम्मी ने कहा- डिनर के बाद क्या तुम मुझे चैन से सोने दोगे? तुम्हारा हथियार तो हमेशा जंग के लिए तैयार रहता है।
हर्ष ने चूत को रगड़ते हुए कहा- तू भी अपनी चूत को समझा कि लंड के मजे ले।

पम्मी को तो हर्ष की यह दीवानगी बहुत अच्छी लग रही थी।
उसकी चूत को तो यूं भी किसी लंड से कोई दिक्कत नहीं थी।

पम्मी ने उछल उछल के जवाब देते हुए कहा- तेरा तो क्विक शो भी लंबा चलता है साले! तुम चुदाई के पुराने खिलाड़ी हो, मेरी चूत इस खेल में नयी नयी है। अब जल्दी फ्री कर मुझे जोर से सू सू आ रहा है।

हर्ष ने अपने धक्कों की गति बढ़ा दी।
पम्मी की चूत से फच फच की आवाज़ें आ रही थीं।

पम्मी पूरी मस्ती में उछल उछल के चुदाई के मजे ले रही थी।

एक बार फिर दो जवान जिस्मों में वासना का तूफान उठा और उन्हें पसीने में भिगोते हुए शांत हो गया।
लंड सिकुड़ के पम्मी की चूत से बाहर फिसल गया।

वीर्य चूत रस के साथ बहता हुआ पम्मी की जांघों तक आ गया तो पम्मी ने कहा- अब तो उतरो मेरे राजा, दो दो बार पसीने में भिगो दिया, अब तो नहाना पड़ेगा।
हर्ष ने कहा- मैं भी तो दो बार पसीने में भीगा हूं, साथ में ही नहाएंगे।

पम्मी ने कहा- हरगिज़ नहीं, तुम फिर अपना लौड़ा खड़ा कर लोगे और मुझे परेशान करोगे।
हर्ष ने कहा- नहीं करूंगा, जेंटलमैन प्रॉमिस!
पम्मी हंसने लगी, बोली तुम? और जेंटलमैन प्रॉमिस? तुम तो बदमाश हो बदमाश!
हर्ष ने कहा- बदमाश तो खैर में हूं लेकिन प्रॉमिस मेरा जेंटलमैन वाला है।

दोनों बाथरूम में पहुंचे पम्मी टॉयलेट के लिए बैठने वाली थी कि हर्ष ने रोक लिया पम्मी ने उसकी ओर देखा कि उसका क्या इरादा है?
हर्ष ने कहा- नहीं, सू सू को बर्बाद मत कर आज हम दोनों मूत्र स्नान करेंगे।

पम्मी के मन में गुदगुदी सी हुई, वह कल्पना करने लगी कि गरमागरम मूत्र की धार इस हल्की ठंड के मौसम में बदन पर कैसी लगेगी?

हर्ष पम्मी के नीचे आंखें बंद करके बैठ गया।
पम्मी की चूत से पहले वीर्य और चूत रस मिश्रित, चिकनी गाढ़ी धार निकली।
हर्ष अपने चेहरे की मालिश करता रहा।

मूत्र स्नान करने के बाद हर्ष खड़ा हुआ और फिर उसने पम्मी की दोनों आंखों, होठों और स्तनों पर मूत्र की धार गिराने लगा।
पम्मी ने अपने तन बदन में एक अनोखी मस्ती अनुभव की।

मूत्र स्नान के बाद दोनों शॉवर के नीचे खड़े हो गए और शॉवर जेल लगाकर, एक दूसरे के जवान जिस्म का अंग अंग सहला के, मसल के आनंद उठाते रहे।
हर्ष का लंड फिर से तन्नाने लगा।

पम्मी प्रतीक्षा में थी कि हर्ष अपना लंड उसकी चूत या गांड में डालने की जिद करेगा पर हर्ष ने अपनी काम शक्ति शायद मस्ती भरे किसी और खेल के लिए बचा के रखने का निर्णय ले रखा था।

बहुत देर तक शॉवर का आनंद लेने के बाद दोनों बाहर आए।
पम्मी ने सिल्क का एक गाऊन डाला और चाय बनाने चली गई।

हर्ष नंगा ही बैठा अपना लंड सहला रहा था।

मर्द का लंड तो प्यार दुलार पा के चुदाई की उम्मीद में तन्नाने लगता है.
पम्मी चाय ले कर आई तब तक वह कड़क हो चुका था।

हर्ष ने पम्मी की ओर बड़ी हसरत से देखा.
पम्मी ने नकली गुस्से से कहा- नहीं दूंगी।

हर्ष ने कहा- मेरा धुला हुआ तरोताजा लंड चूस तो सकती है यार? इतनी कठोर तो मत बन।
पम्मी को हर्ष की बेचैनी पर तरस आ गया और वह लंड चूसने लगी।

धीरे धीरे हर्ष की मस्ती बढ़ने लगी, पम्मी दोनों हाथों से हर्ष की अंटियों को सहलाने लगी।
हर्ष कमर हिला के पम्मी का मुखचोदन करने लगा।

पम्मी भी लंड चूसते हुए यह सोच रही थी कि यदि हर्ष का पानी नहीं निकाला तो या तो वह जबरन मेरी चुदाई करेगा या फिर मेरी गांड फाड़ेगा।

हर्ष पम्मी के लंड चूषण से मस्ती में झूमने लगा; उसकी सांसें गर्म होने लगी और उसकी कमर तेजी से हिलने लगी।
उसके बाद फिर उसके लंड में वीर्य का तूफान उठा और पम्मी के हलक में गरम-गरम वीर्य की बौछार होने लगी।

पम्मी अंतिम बूंद निकलने तक हर्ष का लंड चूसती रही, निचोड़ती रही।
जब हर्ष की पिचकारी खाली हो गई तो उसने बड़े लाड़ से पम्मी को उठाया और गले से लगा लिया और बोला- वाह यार पम्मी, तूने मस्त आनंद दे दिया।

पम्मी हर्ष के इस प्रेमल व्यवहार से भावुक हो गई और बोली- आज रात को मैं तुम्हें एक सुखद समाचार दूंगी।
हर्ष ने जिज्ञासावश पूछा- क्या?
तो पम्मी ने जवाब दिया- अभी चाय पी लो। जो पहले ही ठंडी हो गई है, समाचार रात को देने का कहा है, अभी हमें डिनर के लिए निकलना है।

दोनों तैयार हो के निकले, एक शानदार रेस्टोरेंट में गए।

हर्ष ने पूछा- ड्रिंक करेगी?
पम्मी ने कहा- नहीं, मैंने बताया तो था कि मैं नहीं पीती।
हर्ष ने कहा- हां, बताया था पर यह भी कहा था कि मेरा साथ देगी।

हर्ष ने फिर कहा- कम से कम मेरे साथ बीयर तो ले ले।
पम्मी का मन डांवाडोल हो गया।
वह बोली- यार हर्ष, मैं तुम्हारी बात कैसे टाल सकती हूं? ठीक है, मैं थोड़ी बीयर ले लूंगी।

हर्ष ने स्वयं के लिए व्हिस्की और पम्मी के लिए बीयर तथा कुछ स्नैक्स का आर्डर दिया।
पम्मी ने डरने का अभिनय करते हुए बीयर के दो तीन घूंट भरे।

हर्ष ने व्हिस्की का पैग एक ही घूंट में खाली करते हुए पूछा- पम्मी, कैसा लग रहा है मुझ से शादी के बाद?

पम्मी ने हर्ष के हाथ को दबाते हुए कहा- कल्पनातीत, मैं तो स्वर्ग में भी इस से अधिक सुख की कामना नहीं कर सकती।
हर्ष ने कहा- तेरे को जिस भी चीज की जरूरत हो मुझे बेझिझक कहना।

पम्मी ने कहा- जिस चीज की मुझे सबसे अधिक जरूरत महसूस हो सकती थी, वह तो तुम बिन मांगे ही हर समय देने को उतारू रहते हो। मुझे तुम्हारी इस मोहब्बत के सिवा और कुछ नहीं चाहिए मेरे राजा।

पम्मी और हर्ष दोनों अपने-अपने गिलासों में एक दूसरे के प्रेम को घोल के पी रहे थे और धीरे-धीरे दोनों के शरीर और मस्तिष्क में शराब और वासना का नशा हावी होने लगा।

हर्ष ने पम्मी को कार की चाबी देते हुए कहा- तू चल, मैं 1 मिनट में आया।

पम्मी अपनी सीट पर जाकर बैठ गई और हर्ष का इंतजार करने लगी।
हर्ष कुछ देर में आया और पिछली सीट पर कोई पैकेट रखा और फिर कार ड्राइव करने लगा।

पम्मी घर पर जाने के बाद में होने वाली रासलीला के बारे में सोचने लगी।
हर्ष के दिमाग में यह बात चल रही थी कि पम्मी रात में कौन सी गुड न्यूज सुनाने वाली है?

घर पहुंच कर दोनों ने कपड़े बदले और आ गए जंग के मैदान में!
पम्मी ने कहा- दिन में तुमने सोने से पहले चुदाई की और उठने के बाद क्विक शो के नाम पे जम के रगड़ा है, अभी मेरी चूत रेस्ट मांग रही है।

हर्ष ने कहा- ठीक है तेरी चूत को रेस्ट देते हैं।
पम्मी ने सोचा कि अरे ये क्या हो गया? हर्ष इतनी आसानी से कैसे मान गया?
शादी के तुरंत बाद के दिनों में कौन सी लड़की रात में बिना चुदे सोना चाहती है?

पम्मी ने हर्ष को उकसाने के इरादे से पूछा- तुम को बुरा तो नहीं लगा? तुम्हारा लंड आसानी से तुम को सोने तो देगा?
हर्ष ने कहा- नहीं, बुरा लगने का तो प्रश्न ही नहीं है और अभी सो कौन रहा है? अभी तो तुझ से वह समाचार जानना है जो तूने रात को बताने को कहा था।

यह कह कर वह पलंग से उतरा और पम्मी को अपनी ओर खींचा।
पम्मी ने पूछा- क्या इरादा है मेरे राजा?

हर्ष ने कहा- तूने सही कहा था, मेरा लंड मुझे सोने नहीं देगा, हर्ष ने पम्मी की लॉन्जरी खोल के उसे घोड़ी बनाया और उस की गांड के छेद पर अपनी जुबान लगा दी।
पम्मी के मन को शांति मिली कि चलो गांड मरवाने का मजा मिलेगा।

घोड़ी बनी पम्मी ने कहा- गांड में दुखता है यार, उससे तो चोद ही लो।
हर्ष ने कहा- नहीं, अब तो गांड ही मारूंगा।

उस के बाद उस की जुबान ने पम्मी की गांड की रिंग के भीतर बाहर स्ट्रोक लगा के असहनीय गुदगुदी उत्पन्न कर दी।

पम्मी के मुंह से निकला- ओह माय गॉड, हर्ष ये गुदगुदी अब सहन नहीं हो रही, डाल दे अब लौड़े को!

हर्ष ने अपने सुपारे पर थूक लगाया और पम्मी की गांड के मुंह पर रख कर दम लगाया।
लंड गांड के मुंह को चौड़ा करते हुए पूरा भीतर समा गया।

उस के बाद हर्ष ने पम्मी की कमर को पकड़ के धक्का लगाते हुए पूछा- अब तो वह सुखद समाचार सुना दे।
पम्मी ने शरारत से कहा- या तो गांड मार ले या समाचार सुन ले।

हर्ष पम्मी की शरारत पर हंस पड़ा, बोला- साली तू कितनी बदल गई है? कितनी भोली भाली थी, अब कितनी चंट हो गई है, मेरे ही मजे ले रही है।

पम्मी को अपनी गांड की रिंग पर हर्ष के लंड की मालिश बहुत मज़े दे रही थी।
वह इंडियन पोर्न सेक्स का आनंद उठाते हुए बोली- जब तुम्हारे साथ रहना है तो मजे लेना तो आना ही चाहिए न?

हर्ष निरुत्तर हो चुका था.
उसने सोचा कि अब पम्मी की गांड मारने के बाद ही उस से सुखद समाचार के बारे में बात करेगा।

हर्ष ने अपना सारा ध्यान पम्मी की सुडौल, चिकनी गांड पर केंद्रित कर लिया।

मुझे पूरा विश्वास है कि आप लोग कहानी का आनंद उठा रहे होंगे।
अगले अंक में पढ़िए कि पम्मी कौन सा सुखद समाचार हर्ष को सुनाती है और उस पर हर्ष की क्या प्रतिक्रिया रहती है।

इंडियन पोर्न सेक्स कहानी पर आपकी प्रतिक्रिया एवं सुझाव आमंत्रित हैं।
माधुरी सिंह मदहोश एवं मनोज सिंह प्रेमी

हमारी आई डी है
[email protected]

इंडियन पोर्न सेक्स कहानी का अगला भाग: सेक्स है कुदरत का वरदान- 7

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