पतिव्रता बीवी की चुदाई पुराने आशिक से- 5
(Husband Xxx Lover Sex Kahani)
हसबैंड Xxx लवर सेक्स कहानी में मैंने अपनी बीवी के पुराने प्रेमी से दोस्ती करके उसे अपने घर बुलाया. बीवी को मौक़ा दिया उससे चूत चुदवाने का. तो मैंने क्या देखा.
हैलो दोस्तो, आप मेरी सेक्स कहानी में मेरी बीवी की उसके आशिक से चुदने की कहानी का मजा ले रहे थे.
कहानी के पिछले भाग
बीवी के आशिक ने बीवी का मूत पिया
अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे आराम करने की बात सुनकर वे दोनों कमरे से बाहर चले गए थे.
संजू किचन में काम करने लगी थी और उसका आशिक दिनेश अपने कमरे में चला गया था.
अब आगे हसबैंड Xxx लवर सेक्स:
कोई 10 मिनट बाद संजू बाथरूम के अन्दर गई और दरवाजा बंद करने ही वाली थी कि दिनेश भी जबरदस्ती अन्दर घुसने लगा.
ये सब मैं अधखुली आंख से देख रहा था क्योंकि बाथरूम मेरे रूम से सट कर ही था.
संजू बार बार उसे बाहर धकेल रही थी पर दिनेश मान ही नहीं रहा था.
आखिरकार अन्दर से दरवाजा बंद होने की आवाज आई.
मैं झट से उठा और बाथरूम के दरवाजे पर अपना कान सटा कर खड़ा हो गया.
मैंने देखा बाथरूम के दरवाजे के पास एक छेद था, जिससे अन्दर का नजारा साफ दिख रहा था.
दिनेश संजू को पीछे से दबोचे हुए था और संजू कसमसा रही थी.
वह फुसफुसा कर बोली कि ये आप क्या कर रहे हैं, मेरे पति अभी घर में ही हैं. अगर वे जाग गए और ये सब जान गए तो मुझे घर से निकाल देंगे. प्लीज मुझे छोड़िये और निकलिए यहां से!
दिनेश बोला कि अरे वह अभी नहीं जागेगा, देखो मैं पूरा बेचैन हो रहा हूँ. मेरा नहीं निकला है ना .. इसलिए प्लीज मेरा भी तो ख्याल करो!
संजू बोली- ख्याल किया तभी तो सुबह से 4-4 बार जी भर के सेक्स करने दी हूँ.
संजू लाचारी में बोली- प्लीज जाइए यहां से!
दिनेश कुछ भी समझने को तैयार नहीं था, उसने पीछे से ही संजू की नाइटी को ऊपर कर दिया.
संजू अन्दर से पूरी नंगी थी.
दिनेश पीछे से ही संजू की फुद्दी में लंड घुसाने का प्रयास करने लगा, पर वह घुस नहीं पा रहा था.
संजू भी समझ गई कि वह बिना झड़े शांत नहीं होगा तो वह बाथरूम के नल के पास अपने हाथों से पकड़ बनाती हुई थोड़ी ऊपर से आगे की ओर झुक गई और उसने अपनी गांड को पीछे कर दी.
क्या गांड थी मेरी बीवी की .. काफी उभरी हुई और गोरी गोरी.
दिनेश ने अपने हाथों पर थूका और थूक को संजू की फुद्दी में लगा दिया.
फिर उसने अपने लंड को पीछे से ही संजू की फुद्दी में सैट किया और एक ही बार में घुसेड़ दिया.
संजू दर्द से तड़प उठी और जोर से कराह उठी- आहह हहह … मर गई!
दिनेश बोला- क्या हुआ?
संजू मासूम सा चेहरा बनाती हुई बोली- क्या यार ऐसे घुसाओगे तो दर्द तो करेगा ही ना!
दिनेश ने अपना लंड संजू की फुद्दी से निकाल लिया और मायूस होकर बोला- छोड़ो .. मैं अब तुम्हें और तकलीफ नहीं दूंगा, मैं मुठ मार कर इसे ढीला करने का प्रयास करता हूँ.
संजू बोली- सॉरी यार.
फिर संजू दिनेश का मुरझाया चेहरा देखकर बोली कि यार क्या आप जल्दी से निकाल सकते हो?
दिनेश बोला- प्रयास करूंगा!
संजू ने अपनी नाइटी को उठाया और फिर से नल के सहारे गांड को पीछे करती हुई खड़ी हो गई.
दिनेश ने इस बार धीरे से अपना लंड उसकी फुद्दी में घुसा दिया.
संजू थोड़ा चिंहुकी पर शांत हो गई.
दिनेश अब धीरे धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
दो ही मिनट बाद ही संजू भी पूरी गर्म हो गई और अब वह भी मादक सिसकारियां भरने लगी.
वह बोली- आह आह जल्दी कीजिए, मेरे पति जग जायेंगे तो दिक्कत हो जाएगी!
इस पर दिनेश ने अपना लंड बाहर निकाला और संजू को अपने सामने कर दिया.
दिनेश का लंड पूरा खड़ा था और उसके पूरे लंड पर कामरस लगा हुआ था.
अब दिनेश ने संजू की एक टांग को उठा कर अपनी कमर पर लगाया और लंड को उसकी फुद्दी में घुसेड़ दिया.
लंड घप से फुद्दी में चला गया.
उसके बाद दिनेश संजू के होंठों को चूसने लगा और लंड को अन्दर बाहर करते हुए फुद्दी चोदने लगा.
वे दोनों वासना से काफी तप्त हो गए थे.
दोनों एक दूसरे के मुँह और जीभ को खा जाने की स्थिति में किस कर रहे थे.
एकाएक मुझे फिर से कुछ खुराफात सूझी.
मैंने फिर से अपने कमरे में जाकर संजना को आवाज लगाई और झट से बाथरूम के पास आकर अन्दर झांक कर देखने लगा.
मेरी आवाज से दोनों हड़बड़ा गए और संजू ने ना चाहते हुए भी दिनेश के लंड को अपनी फुद्दी से निकाल दिया.
जबकि दोनों ही यह बिल्कुल भी नहीं करना चाहते थे, पर संजू कोई लफड़ा भी नहीं चाहती थी.
लंड निकलते ही दिनेश घबरा गया.
उसका लंड जो कि रॉड की तरह टाईट था और संजू की फुद्दी का पानी उसके लौड़े पर न केवल चमक रहा था, बल्कि पानी टपक भी रहा था.
संजू घबड़ा कर बोली- मैं बोली थी ना कि बर्दाश्त करो, कहीं इस हालत में उन्होंने देख लिया तो आफत हो जाएगी.
संजू बाथरूम से ही बोली- हां आ रही हूं, बाथरूम में हूँ.
दिनेश बोला- मैं प्यासा मर जाऊंगा!
संजू बोली- क्या करूं मजबूर हूँ!
ये कहकर दरवाजा खोलकर वह बाहर झांक कर आश्वस्त हुई कि मैं रूम में हूँ या किधर हूँ.
उसने मुझे कमरे में देखा तो चुपके से दिनेश को बाहर भेजकर स्वयं बाहर आ गई.
वह मेरे पास आ गई.
मैंने कहा- थोड़ा पानी ले आना!
वह पानी ले आई, मैंने पानी पिया.
दोनों की चुदाई देखकर मैं भी पूरा वासना से लाल हो गया था.
एकाएक मैंने उसे बेड पर खींच लिया और उसे किस करने लगा.
वह तो पहले से ही पूरी उतेजित थी, तुरंत मेरा साथ देने लगी.
वह बुरी तरह से मुझे किस कर रही थी.
एकाएक उसने मेरी पैंट को मेरे शरीर से अलग कर दिया और मुझे नंगा करके मेरे लंड को चूसने लगी.
फिर उसने अपनी नाइटी को उतार कर फेंका और पूरी नंगी हो गई.
मैंने देखा कि उसकी फुद्दी के आस-पास काफी पानी लगा हुआ था और रिस भी रहा था.
मैंने अनजान बनते हुए पूछा कि संजू तुम्हारी फुद्दी से इतना पानी कैसे निकल रहा है!
वह झेंपती हुई बोली- बहुत मन कर रहा था सेक्स के लिए .. इसलिए कुछ ज्यादा ही पानी निकल रहा था.
यह कहकर वह मेरे लंड पर बैठने ही वाली थी कि मैंने कहा- रुको ना, तुम्हारी फुद्दी देखने का मन कर रहा है आज!
वह हंस कर बोली- क्या कभी देखी नहीं है?
मैंने कहा- नहीं, आज बहुत प्यारी लग रही है!
वह मुस्कुरा दी.
मैंने उसे पीठ के बल बेड पर लिटा दिया और उसकी फुद्दी को निहारने लगा.
बाथरूम में दिनेश के लंड से चुदाई से अभी भी संजू की फुद्दी कुछ खुली हुई थी.
उसकी फुद्दी के आसपास काफी मात्रा में पानी लगा हुआ था, यहां तक कि उसकी फुद्दी के छेद के आसपास दिनेश के लौड़े से सफेद सफेद झाग बना था, वह काफी आकर्षक लग रहा था.
परंतु मैंने जानबूझ कर संजू को इस बारे में नहीं बताया.
संजू की फुद्दी को मैंने जैसे ही छुआ, उसके मुँह से ईस्स की आवाज निकल गई.
मैंने अपनी एक उंगली उसकी फुद्दी में घुसा दी, जो बहुत ही आराम से अन्दर चली गई.
वह बोली- जल्दी से डालिए ना!
पर मैंने अपना लंड नहीं डाला.
उसने कामातुर होकर मुझे बेड पर ढकेल दी और मेरे ऊपर आ गई; जल्दी से मेरे लंड को सैट करके घप से अपनी फुद्दी में घुसा कर जोर जोर चोदने लगी.
साथ ही वह अपने मुँह से आह … इस्सस की आवाज निकालने लगी.
संजू हवस में कुछ ज्यादा ही आवाज निकाल रही थी.
इस बीच मैं पीठ के बल लेटा था और मेरा मुँह दरवाजे की तरफ था.
मैंने परदे के पीछे दिनेश को छुप कर देखते हुए देखा.
हम लोग दरवाजा बंद करने भूल गए थे.
मैं जानबूझ कर उसे दिखाने के लिए नीचे से कमर उठा उठा कर जोरदार शॉट मारने लगा.
संजू भी अब जल्द मुकाम तक पहुंचना चाहती थी, तो वह भी उसी स्पीड से मेरे लंड के ऊपर उठक बैठक करने लगी.
इससे उसकी दोनों चूचियाँ बुरी तरीके से उछल रही थीं और फुद्दी से भी फच-फच की आवाज आ रही थी.
मैंने छिपी नजरों दिनेश को देखा, वह संजू को मेरे साथ इतनी मस्ती से चुदाई करते देख अपना लंड हिला रहा था.
संजू अब उसी अवस्था में मेरे ऊपर लेट गई और उसने मुझे कसके पकड़ लिया.
उसकी चूचियां मेरे सीने से दब गईं.
वह मेरे होंठों को मुँह को चूसते हुए अपनी गांड मेरे लंड पर पागलों की तरह पटकने लगी, जिससे उसकी आवाज भी बढ़ गई और वह चरम पर पहुँच गई.
उसी पल जोरदार तरीके से झड़ने लगी और झड़कर मुझसे लिपट गई.
मेरा अभी तक हुआ नहीं था, मैंने उससे कहा- बड़ी जल्दी झड़ गईं.
वह मुस्कुराकर बोली- हाँ बहुत मन कर रहा था, इसलिए.
मैंने उससे कहा- अब मेरी बारी!
ये कहकर मैंने उसे बेड पर ही घोड़ी बना दिया.
अब उसका मुँह दरवाजे की तरफ हो गया.
उसे घोड़ी बनाए हुए ही मैंने अपना लंड उसकी फुद्दी में घुसा दिया और चोदने लगा.
कुछ मिनट के चुदाई के बाद ही वह फिर से गर्म हो गई और मेरा साथ देने लगी.
तभी उसकी नजर परदे से पीछे झांक रहे दिनेश पर पड़ गई, जिससे वह थोड़ी संयमित हुई.
संजू को बुरा लगा कि वह दिनेश को तड़पता छोड़कर यहां चुदाई कर रही है, इस वजह से वह मुझसे बोली कि सुनिये ना, अब छोड़ दीजिए प्लीज .. मैं थक गई हूँ.
मैं समझ गया कि ये क्यों ऐसा बोल रही है.
मैंने पूछा- अभी तो बड़ी मजे से चुदा रही थी, अभी क्या हो गया?
वह बोली- नहीं ऐसी बात नहीं है, मैं वाकयी बहुत थक गई हूँ.
मैंने कहा- और मेरा कैसे निकलेगा?
वह बोली- तो जल्दी निकाल दीजिए ना!
मैंने मौके की नजाकत को देखते हुए संजू को पीठ के बल लिटा दिया और ऊपर आकर उसे बेतहाशा चोदने लगा.
इससे संजू को भी मजा आ रहा था, पर वह चाहती हुई भी अपने आशिक के सामने मुझसे नहीं चुदना चाहती थी.
मैं अब जोर लगाते हुए कुछ मिनट में ही उसकी फुद्दी में ही पूरे वेग से झड़ने लगा.
मेरे लंड से काफी सारा वीर्य उसकी फुद्दी में गिरता चला गया.
उसके चेहरे से साफ दिख रहा था कि वह अभी और चुदना चाहती थी, पर वह मजबूर थी.
मैं वीर्य गिराकर उसकी फुद्दी में ही लंड डालकर उसके ऊपर लेट गया.
कुछ मिनट तक मैं ऐसे ही लेटा रहा.
अचानक मेरे मोबाइल की घंटी बजी, तो मैंने उसकी फुद्दी से लंड निकाला.
मेरे लंड से वीर्य की कुछ बूंदें बाहर टपक गईं. संजू की गांड के नीचे तकिया लगा रहने से अधिकांशतः वीर्य उसकी फुद्दी में ही पड़ा रहा.
मैंने मोबाइल उठाया तो पाया कि मेरे एक पड़ोसी का फोन आया था.
उसने मुझे मैसेज किया कि लगता है बिजी हैं, कल बात करते हैं.
पर मैंने जानबूझकर अपनी बीवी से कहा कि अपने पड़ोसी रमेश को मुझसे कुछ काम है. वह मुझे बुला रहा है. मैं कुछ देर में आता हूँ.
ये कहकर मैं घर से निकल गया और जाकर अपने बेडरूम की खिड़की में छुपकर देखने लगा.
मेरे निकलने के एक मिनट बाद ही दिनेश मेरे बेडरूम में आ गया. उसने गंजी और हाफ पैंट पहना हुआ था.
संजू अभी भी पूरी नंगी बेड पर लेटी हुई थी और उसके बदन पर सिर्फ एक चादर पड़ा हुआ था.
दिनेश ने आते ही ताना मारा- वाह मेरी जान, मैं यहां प्यासा तड़प रहा हूँ और तुम मजा लूट रही हो. यह तो सही बात नहीं है जान!
संजू की आंखें बंद थीं, वह अपनी आंखें खोलकर बोली- मैं क्या कर सकती हूँ. वे मेरे पति हैं, उनका मेरे ऊपर हक है. मैं उनको ना नहीं कह सकती ना!
दिनेश बोला- लेकिन जान मैं कब से तड़प रहा हूँ .. उसका तो इलाज करो!
संजू मुस्कुरा कर बोली- तो रोका किसने है!
दिनेश को तो इसी का इंतजार था.
उसने संजू के बदन से चादर उठा कर फेंक दिया.
संजू की गदरायी जवानी उसकी आंखों के सामने निर्वस्त्र थी.
कामातुर दिनेश फट से संजू के ऊपर चढ़ गया और उसके होंठों से होंठ सटा कर चूसने लगा.
संजू भी पहले से ही गर्म थी, वह भी उसका साथ देने लगी.
अब दिनेश संजू के बड़े बड़े चूचों का मर्दन करने लगा. वह उसकी गर्दन पर किस करने लगा.
संजू सिसकारी भरने लगी.
दिनेश संजू की बगलों को चाटने लगा, जिससे संजू को गुदगुदी हुई.
संजू हंसकर बोली- अरे छोड़िये, वहां गुदगुदी होती है.
दिनेश हवस से पागल हो गया था, वह संजू की एक चूची को चूसते हुए अपने दांतों से काट भी ले रहा था, जिससे संजू को दर्द हो रहा था.
संजू बोली- आराम से कीजिए!
पर वह कहां मानने वाला था.
अब दिनेश उठा और उसने अपनी गंजी व पैंट को खोल कर दूर फेंक दिया.
उसका लंड फुफकार मार रहा था.
इसी बीच संजू भी नंगी उठी और बोली कि मैं बाथरूम से आती हूँ.
दिनेश वासना में तप्त था. उसने संजू को पीछे से दबोच कर अपने शरीर से सटा लिया.
संजू बोली- अरे अरे छोड़िये मुझे .. मैं अभी गंदी हूँ, थोड़ा साफ करके तुरंत आती हूँ.
परंतु दिनेश ने उसे पीछे से जकड़े रखा और उसके चूचों का मर्दन करता रहा.
वह बोला- मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है जान .. मुझे तुम्हारी हरेक गंदगी अमृत जैसे लगती है.
संजू हंस कर बोली- अरे ये मेरी गंदगी नहीं है. मेरे Xxx पति का वीर्य मेरे अन्दर है, उसे मैं साफ करके आती हूँ. वह अन्दर पूरा चिपचिपा रहा है.
परंतु दिनेश को उस समय कुछ भी नहीं सूझ रहा था.
वह संजू को पीछे से अपने सीने में चिपकाते हुए उसके बड़े बड़े मम्मों को बेरहमी से मसल रहा था और संजू के कान की लटकन को अपने मुँह में लेकर चुभला रहा था.
इससे संजू भी सब भूलकर उसका साथ देने लगी.
दिनेश ने पुनः संजू को बेड पर ढकेल दिया और उसकी दोनों टांगों को उठाकर अपना मुँह उसकी फुद्दी के पास ले गया.
उसने अपना मुँह फुद्दी में सटा दिया.
संजू की फुद्दी मेरे वीर्य से लबालब थी. कुछ वीर्य बाहर भी लगा हुआ था.
संजू आंखें बंद किए हुई ही बोली- अरे आपको घिन लगती है या नहीं, छोड़िए उसे!
परंतु दिनेश अब और ज्यादा कामुक हो गया और मेरे वीर्य से सनी फुद्दी को चूसने लगा.
संजू को इस तरह से चाटने से अलग मजा आने लगा.
उसने दिनेश का सर और कसके अपनी फुद्दी में दबा लिया.
दिनेश पागलों की तरह संजू की फुद्दी को चूस रहा था.
वह उसकी फुद्दी से निकल रहे मेरे वीर्य को भी चाट चाट कर अपने मुँह के अन्दर करने लगा.
मुझे बड़ा अजीब लगा कि आदमी वासना में ऐसा भी हरकत कर सकता है क्या!
संजू बड़े मजे से फुद्दी चटवा रही थी. दिनेश ने अपनी जीभ संजू की फुद्दी में घुसा घुसा का उसमें भरा हुआ सारा वीर्य चाट लिया.
लगभग पाँच मिनट तक दिनेश ने फुद्दी को चाटकर साफ कर दिया.
वह जब उठा तो मैंने देखा कि उसके मुँह के आसपास में मेरे वीर्य का झाग लगा हुआ है.
उसने अपना वीर्य से सना मुँह से संजू के मुँह से लगा दिया और वह उसको किस करने लगा.
संजू भी उसके मुँह में लगे वीर्य को चाटने और चूसने लगी.
बड़ा ही पागलपन और हवस भरा ये दृश्य था. दोनों हवस के चरम में थे.
तभी संजू किस करती हुई दिनेश का लंड अपने हाथों में लेकर आगे पीछे करने लगी, जिससे दिनेश को और जोश चढ़ने लगा.
कुछ ही देर बाद संजू नीचे बैठ गई और उसने दिनेश के लंड पर दो बार थूक कर अपने हाथ से लौड़े पर थूक को अच्छे से मला और अपने बड़े-बड़े चूचों में दाबती हुई लौड़े को ऊपर नीचे करने लगी.
दिनेश का ये पहला अनुभव था. वह आंखें बंद कर सिसकारी भरने लगा.
संजू बड़ी बेरहमी से वासना से तप्त होती हुई दिनेश के लंड को अपनी चूचियों के बीच में ऊपर नीचे करके रगड़ रही थी.
दिनेश को इससे बहुत मजा आ रहा था, वह आंख बंद करते हुए अब स्वयं लंड को आगे पीछे करने लगा.
दोस्तो, मेरी बीवी की कामुकता से भरी इस हसबैंड Xxx लवर सेक्स कहानी को पढ़ कर आपको कैसा लग रहा है, प्लीज बताएं.
इसके आगे अभी और अधिक कामरस आना बाकी है, प्लीज मेरे साथ इस सेक्स कहानी से जुड़े रहें.
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हसबैंड Xxx लवर सेक्स कहानी का अगला भाग:
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