पराई नारी की चुदाई से बसा एक परिवार- 1

(Hot Dulhan Ki Suhagraat)

सनी वर्मा 2024-10-20 Comments

हॉट दुल्हन की सुहागरात की कहानी में कॉलेज की अनगिनत लड़कियों की चुदाई के बाद आकर्षक व्यक्तित्व वाले एक लड़के की शादी हुई तो उसने शानदार सुहागरात मनाई अपनी कुंवारी दुल्हन के साथ.

दोस्तो, आपने मेरी पिछली कहानी
सेक्स के अनोखे रंग
को बहुत पसंद किया, धन्यवाद!

आज की हॉट दुल्हन की सुहागरात की कहानी जतिन की है.
उसकी कहानी कुछ इस तरह से है जैसे कहावत है कि सिर मुंडाते ही ओले पड़े.

जतिन की नियुक्ति आपूर्ति विभाग में उपनिरीक्षक के पद पर हुई.
इस विभाग में तनख्वाह से बहुत ज्यादा ऊपरी कमाई होती है.

जतिन का व्यक्तित्व भी बहुत आकर्षक था; गोरा, सुंदर, लंबा और बहुत मिलनसार.
वह जवानी से ही हुस्न और जवानी का रसिया रहा.
स्कूल से कॉलेज तक उसके किस्से हमेशा चर्चा में रहे.

वह हाथरस का रहने वाला था तो स्कूल के दिनों में सीनियर्स ने उनकी गांड खूब मारी.

जब वह खुद इस लायक हुआ तो उनका रुझान लड़कों से ज्यादा लड़कियों की ओर था.

कुछ व्यक्तित्व और कुछ कामदेव ने उनकी हथेली पर लाइन ऐसी बनायी कि जिस लड़की की ओर उसने मुस्कुरा के देख लिया, कुछ दिनों बाद वही लड़की उसकी मोटरसाइकिल पर नजर आती थी.

उस लड़की की जगह दूसरी लड़की छह महीने के अंदर ले लेती.
तब तक जतिन उस लड़की का पूर्ण भोग लगा चुका होता.

उसकी यह ख्याति चारों और फैली हुई थी.

पर वाह रे नसीब लिखने वाले … उसकी अगली शिकार के कान पहले से ही बंद हो चुके होते और पिछली शिकार की जुबान पर तो बदनामी के डर का ताला पहले ही लग चुका होता.
कुल मिलाकर जतिन भाई के घर वाले भी इस बात से परेशान थे कि अगर उसकी ख्याति ऐसे ही फैलती रही तो उसकी शादी कैसे होगी.

डांटने और पीटने के सारे तजुर्बे उनके पिताजी उस पर कर चुके थे … मगर बेकार.
किस्मत से जतिन को नौकरी इतनी माकूल मिल गयी कि रिश्तों की लाइन लग गयी.

एक बहुत ही खूबसूरत और चंचल सी लड़की हिना से उसकी शादी तय हो गयी.
जिस स्पीड से जतिन हिना से मिलने लगे तो उसके पिताजी को डर हुआ कि कहीं शादी के दहेज़ में बहू के साथ एक बच्चा भी न आ जाए.

तो उन्होंने जतिन की दादी की खराब सेहत का हवाला देकर शादी जल्दी ही करवा दी.

बहू बहुत सुंदर थी तो जतिन के घर वालों का मान सम्मान रिश्ते बिरादरी में और बढ़ गया.

शादी के बाद विदा होकर जब हिना घर आई तो जतिन के घर की परम्परा ऐसी थी कि नयी बहू सास के साथ सोती थी.
जतिन ने बहुत हाथ पैर पीटे, पर बात नहीं बनी.

तो जतिन की पूरी रात करवटें बदलते बीती.
हालाँकि यही हाल हिना का भी रहा होगा.

अगली रात जतिन बाबू का कमरा फूलों से सज गया.

उधर दादी की तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गयी थी.
जतिन के पिताजी दूरदर्शी थे. वे समझ गए कि माँ कभी भी विदा हो सकती हैं.

अतः जतिन का ख्याल करके उन्होंने अपनी माँ को अस्पताल में भर्ती कराया और खुद व जतिन की मां के साथ अस्पताल में रहे.

घर पर जतिन और हिना अकेले थे.
उन्हें अपनी सुहागरात मनाने का इससे अच्छा मौक़ा और क्या हो सकता था.
जतिन भी जल्दी ही किला फतह करना चाहटा था क्योंकि पता नहीं कब अस्पताल से खबर आ जाए.

जतिन और हिना चूंकि पहले मिलते रहे थे तो फॉर्मेलिटी की आवश्यकता नहीं थी.
तो जतिन सीधे मैदान में कूद पड़े और चूमाचाटी शुरू हो गयी.

हिना जतिन से ज्यादा गर्म हो रही थी.
जतिन तो पता नहीं कितनी सील तोड़ चुका था … पर हिना पाक साफ कुंवारी थी.

पर घर पर भाभी और भैया की रासलीला छिपकर कई बार देख चुकी थी.
और रही सही कसर मोबाइल पर पोर्न मूवीज ने पूरी कर दी थी.

जतिन ने पहले तो अपना कुर्ता उतारा और फिर धीरे धीरे हिना के जेवर उतार कर उसके कपड़े उतारने शुरू किया.

जितनी जल्दी कपड़े उतारने की जतिन को थी, शायद उससे ज्यादा जल्दी हिना को थी.
उसने जतिन की बनियान और पजामा उतार फेंका.

लब्बेलुबाव यह कि पलक झपकते ही दोनों के कपड़े प्याज़ के छिलकों की तरह उतर गए.

हिना के मम्मे मांसल थे और रंग दूध जैसा.
जतिन ने सबसे पहले उन्हीं पर कब्ज़ा किया.
उसने हिना को नीचे लिटाया और उसके होंठ चूसते हुए सीधे मम्मे मुंह में ले लिए.

हिना कसमसा रही थी.
उसके हाथ में जतिन का लंड था जिसे वह मजबूती से मसल रही थी.

जतिन ने हाथ नीचे कर के हिना की चूत में उंगली लगाई.
वहां तो गंगा जमुना बह रही थी.
हिना की चूत पूरी गीली थी.

जतिन ने पहले एक, फिर दो उंगली पूरी घुसा कर अंदर घुमानी शुरू कर दीं.

हिना की कसमसाहट बढ़ती जा रही थी.
जतिन ने अब नीचे होकर उसकी टांगें चौड़ी की और जीभ घुसा दी उसकी गर्म गीली गुफा के अंदर.

अब तो हिना बेकाबू होने लगी.
उसने कसमसा कर जतिन से कहा- अंदर आ जाओ, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा!

जतिन उसकी बात मानते हुए सीधे हुए और अपना मूसल हिना की चूत पर लगाया.
हिना ने झटके से उसे रोका और कंडोम लगाने को कहा.

जतिन को भी होश आया क्योंकि दोनों पहले ही तय कर चुके थे कि अभी कुछ दिन मजे लेंगे, बच्चे की नहीं सोचेंगे.

तब जतिन उठा और कुरते की जेब से कोंडोम निकालकर खड़े लंड पर चढ़ाया और फिर पेल दिया टोपीदार लंड को हिना की चूत में.

हिना की चीख निकल गयी.
जतिन ने कुछ नहीं सुना, वह तो गहराई में उतरता चला गया.

हिना की दर्द के मारे हालत खराब हो गयी थी.
शायद उसकी झिल्ली फट गयी थी.

वह जतिन से रुकने या धीरे करने की खुशामद करने लगी.
पर जतिन कहाँ रुकने वाला था.

अब हिना ने भी इसे स्वीकार कर लिया और वह जतिन का पूरा साथ देने लगी.

कुल मिलाकर उनकी सुहागरात धमाकेदार रही.

12 बजते बजते जब आग कुछ शांत हुई दो बार की चुदाई के बाद … तो जतिन उठा.
पूरी चादर खराब हो गयी थी और हिना के दर्द बहुत हो रहा था.

जतिन तजुर्बेकार था, उसने एक दर्द निवारक गोली हिना को दी.

तभी उनके पिताजी का फोन आ गया कि दादी का शरीर पूरा हो गया है.
पर उन्होंने जतिन से कहा- कोई बात नहीं … तुम सुबह जल्दी आ जाना!

जतिन और हिना नहाकर फ्रेश हुए, कमरा ठीक किया और जतिन अस्पताल चला गया मां को घर लाने!

अगले दिन अंतिम क्रिया हुई.

जतिन की नयी नौकरी थी और बाद में हनीमून पर भी जाना था तो जतिन को ड्यूटी पर वापिस जाना पड़ा.

बड़ा किलसा वह … उसने बहुत खुशामद की घर पर हिना अपने साथ ले जाने की!
पर यह व्यवहारिक नहीं था तो बस सुहागरात मना कर जतिन तो ड्यूटी पर चला गया.

चाहकर भी वह तेरहवीं से पहले घर वापिस नहीं आ पाया, आया तो भी केवल एक दिन के लिए!
उस रात उसने हिना की जम कर चुदाई की.

हिना भी प्यासी थी.
वह भी तड़प रही थी जतिन के साथ के लिए.

अगली सुबह वापिस जाते समय जतिन ने घर वालों से दबी जबान में हनीमून की बात की तो उसके पिताजी ने 10 दिन बाद जाने की सहमति दे दी.

कुल मिलकर जतिन शादी के पहले महीने हिना के साथ ज्यादा रात नहीं रह पाया.

10 दिनों के बाद जतिन और हिना 15 दिनों के हनीमून पर केरल गए.

हिना को कपड़े पहनने का बहुत शौक था.
पर पूरे हनीमून में जतिन उसे कपड़े पहनने दे … तब तो वह पहने!

शायद गहरी नींद में ही वह बेचारी अपनी टांगें सिकोड़ पायी होगी या नीचे कर पायी होगी.

हिना ने बहुत चाहा कि वे लोग सेक्स के दौरान कोई प्रोटेक्शन ले लें.
पर जब सेक्स दिन रात होता हो तो कभी न कभी भूल हो जाना स्वाभाविक था.

जतिन तो अप्राकृतिक सेक्स के भी माहिर था.

हिना ने बहुत समझाया कि जब आगे का छेद उपलब्ध है, तो पीछे क्यों?
और फिर भी कमी रह जाती तो वह मुंह से भी करती थी, पर जतिन बिना उसकी गांड मारे सोता ही नहीं था.

दोनों ही सेक्स के इतने प्रेमी निकले कि हिना ने जतिन के लंड के अलावा जो कुछ भी जतिन ने उसकी चूत में घुसेड़ा, उसका मजा लिया.

जतिन पोर्न मूवीज देख देख कर पक्का हो चला था तो अपने साथ एक दो रबड़ के पेनिस यानि डिल्डो ले गया था.
और इसके अलावा और भी जो कुछ उसके मन में आता वह अंदर घुसा देता.

हनीमून पूरा होते होते हिना के दोनों छेदों में इन्फेक्शन हो चुका था और उनके इस घमासान सेक्स का नतीज़ा यह हुआ कि जब घर आने पर हिना के चेकअप हुए तो वह गर्भवती थी.
उसे इन्फेक्शन भी जबरदस्त हो चले थे.
क्योंकि काफी समय हो गया था उसे दिन-रात चुदते चुदते!

इतनी पीड़ा के बावजूद भी हिना जतिन को मना नहीं कर पाती थी.

पर जब स्थिति सीमा से बाहर हो गयी तो हिना की हिम्मत जवाब दे गयी.

पहली बार मायके आने पर उसकी स्थिति देख कर उसकी माँ उसे डॉक्टर के पास ले गयीं तो डॉक्टर ने उन दोनों को जम कर झाड़ा.

उन्होंने कहा- स्थिति इस समय भी गंभीर है. और अगर अब भी हिना नहीं आती तो शायद उसका बचना मुश्किल हो जाता.
डॉक्टर ने फिलहाल कुछ महीनों तक सेक्स के लिए साफ़ मना कर दिया था.

अब हालाँकि इनकी शादी को केवल दो महीने ही हुए थे, हिना की मां ने जतिन की मां से राय करके साफ़ कह दिया कि अब अगले तीन चार महीने हिना अपने मायके में ही रहेगी.

जतिन मायूस होकर अपनी ड्यूटी पर वापिस आ गया.

अब तक वह एक छोटे से होटल में महीनेदारी पर कमरा लेकर रह रहा था इस उम्मीद में कि हिना आएगी तो मकान ले लेगा.
पर अब जब हिना का आना अनिश्चित था तो उसके सामने मकान ढूंढने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था.

जतिन ने अपने ऑफिस के बाहर एक चाय वाले बुजुर्ग जो इसी ऑफिस से रिटायर्ड थे को अपना रिश्वत का एजेंट बना रखा था.
उसे जो भी पैसा रिश्वत का लेना होता, वह बाबा को बोल देता.
बाबा ले लेता और शाम को जतिन को दे देता.

जतिन 100-200 रूपये रोज के बाबा को दे देता, बाबा उसे बड़े आशीर्वाद देता.
बाबा को इन रुपयों से शाम को दारु पीने का जुगाड़ हो गया.

जतिन ने उसी बाबा से अपने लिए कोई कमरा ढूंढने को कहा.

एक दो दिन बाद जब बाबा की दूकान पर वह बैठा चाय पी रहा था, तब बारिश होने से वह अकेला ही ग्राहक था.
तब उसे दोबारा बाबा से कमरे के लिए कहा.

बाबा ने उससे कहा कि कमरा तो उसके घर पर ही है. ऊपर अलग हिस्सा बना हुआ है. नया ही बना है. वह उसने अपने लड़के के लिए बनाया था. पर अब वह बाहर रहता है तो वह खाली है.

बाबा आगे हिचकते हुए बोला कि उसका लड़का बाहर बैंक में काम करता है, चपरासी है, पर वह निकम्मा है. नशेड़ी है तो उसकी अपनी बीबी से नहीं पटती. सरकारी नौकरी के चक्कर में उसकी एक सुंदर और पढ़ी लिखी पर बिन मां बाप की लड़की रागिनी से शादी हो गयी. पर शादी के बाद उसकी हरकतों से रागिनी ने आत्महत्या की भी कोशिश की.
समय से पता लगने पर उसको बचा तो लिया पर अब वह उसके लड़के को पास नहीं फटकने देती.
उसका पति मनोज हर शुक्रवार-शनिवार घर आता है पर रागिनी उससे सीधे मुंह बात भी नहीं करती है.
कोई और सहारा न होने से घर में पड़ी रहती है पर बाबा और उसकी पत्नी से हर समय लड़ाई के मूड में रहती.
वह मानती थी कि उन दोनों ने उसकी जिन्दगी बर्बाद कर दी.

वैसे वह घर के काम में बहुत होशियार है पर बदजुबान हो गयी है.
इसलिए बाबा डर रहा था जतिन को रखने में कि कहीं वह रागिनी जतिन से मुंह जोरी न कर बैठे.

इसी सब की वजह से बाबा ने भी शराब पीनी शुरू कर दी.
वह देर रात घर जाता … चुपचाप रोटी खाकर और दो घूँट लगाकर सो जाता है.

खैर … जतिन के बहुत कहने पर बाबा उसे अपना घर दिखाने को राजी हो गए.

जतिन के पास शादी में मिली नयी बुलेट मोटरसाइकिल थी.
वह बाबा के साथ उनके घर पहुंचा.
एक पतली सी गली में घर था बाबा का.

मकान तो ठीक-ठाक बना था.

दरवाजा रागिनी ने ही खोला.

हॉट दुल्हन की सुहागरात की कहानी चार भागों में चलेगी.
आप इस भाग पर अपने विचार मुझे मेल से और कमेंट्स में बताएं.
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हॉट दुल्हन की सुहागरात की कहानी का अगला भाग: पराई नारी की चुदाई से बसा एक परिवार- 2

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