सेक्स के अनोखे रंग- 2

(Hot Couple xx Kahani)

सनी वर्मा 2024-09-23 Comments

हॉट कपल Xx कहानी में एक युगल में अपने घर में एक जवान विधवा हाउसकीपर रखी. पति पत्नी का रोमांस और छेड़ाछाड़ी देख कर वह भी गर्म हो जाती थी. उसने उन दोनों की चुदाई भी देखी.

कहानी के पहले भाग
शौक़ीन मिज़ाज़ पति पत्नी की जिंदगी
में आपने पढ़ा कि
रिया देखती रह गयी कि कितने सलीके से मीनू ने उसके तेल लगाया और हेड एंड शोल्डर मसाज दी.
उसे तो वहीं सोफे पर ही नींद आ गयी.

रिया शाम को 5 बजे सोकर उठी तो मीनू किचन में थी.

अब आगे हॉट कपल Xx कहानी:

मीनू ने मठरी, मिक्सचर और न जाने क्या क्या नाश्ते बनाकर जारों में रख रखे थे और शाम के लिए पकौड़ों की तैयारी कर रखी थी.

रिया अपने रूम में पहुंची तो देखा उसका रूम बहुत सलीके से साफ़ होकर सज रहा है.
बाथरूम भी बिल्कुल साफ़ था.

रिया ने मीनू को आवाज देकर बुलाया और मुस्कुराते हुए थैंक्स कहा.
तभी रिया ने उससे कहा- तुमने तो गजब की मसाज दी मुझे, मैं पता नहीं कब सो गयी.

मीनू बोली- दीदी मैंने मसाज की ट्रेनिंग ली हुई है, जॉब नहीं किया कभी! बस ट्रेनिंग में ही सीखा है. आप कहेंगी तो आपको फुल बॉडी मसाज भी दे सकती हूँ. चम्पी तेल मालिश तो सर को भी ऐसा दे दूँगी कि वे सो जाएँ.

रिया हंस पड़ी.

शाम को अंकुर के आने पर गेट मीनू ने खोला.
अंकुर तो उसे पहचान ही नहीं पाया.
उलटे अंकुर ने उसे विश किया यह सोच कर कि शायद कोई रिया की सहेली है.

फिर अंकुर को ख्याल आया कि यह तो वही लेडी है.

अंदर से हँसती हुई रिया आई और बोली- मेनेजर साहब, चकरा गए न? ये मीनू है. मैं इसे पहले से जानती हूँ और ये अब हमारे घर की हाउस कीपर है. आप हर काम के लिए इससे कह सकते हैं.

अंकुर संकोच कर ही रहा था कि मीनू ट्रे में पानी ले आई और बोली- सर आप फ्रेश हो लीजिये. मैं बाहर लॉन में चाय लगाती हूँ. गर्मागर्म पकौड़े बनाए हैं.

अंकुर बहुत खुश था रिया को भी खुश देख कर.

रिया ने एक फ्रॉक डाली हुई थी.
अंकुर ने उससे इशारे में कहा कि मेड के सामने इतनी छोटी फ्रॉक.
रिया हँसती हुई बोली- उसे आदत है. उसका पति तो उसे कपड़े पहनने ही नहीं देता था. तुम भी रोज की तरह शॉर्ट्स और टी शर्ट डाल लो.

नाश्ता वाकयी गजब का था.

रिया ने मीनू से कहा- तुम भी ले लो.
मीनू बोली- नहीं, मैं किचन में ले लूंगी. डिनर तैयार करती हूँ. आपको अब मैं डिनर के टाइम पर ही डिस्टर्ब करुँगी.

डिनर बहुत स्वादिष्ट बनाया था मीनू ने!

रिया ने डिनर के बाद मीनू से कहा कि वह भी खा ले और अब जाए अपने रूम में आराम करने. सुबह कामवाली राधा आएगी ही.

मीनू ने बहुत सलीके से कहा- दीदी, आप जाएँ आराम करें. मैं रसोई साफ़ करके चली जाऊंगी. आपको कॉफ़ी वगेरा कुछ चाहिए हो तो आवाज दे दीजिएगा, मैं रूम के बाहर से ही पकड़ा दूँगी.

रिया कमरे में पहुंची तो अंकुर उसका इंतज़ार कर रहा था.
अंकुर ने उसे कस के भींच लिया.

रिया की हल्की सी चीख निकल गयी.
वह चीख मीनू ने भी सुनी और मुस्कुरा दी.

कमरे में रिया ने अंकुर से कहा- थोड़ा अब समझदार हो जाओ. घर में कोई और भी है.
अंकुर बोला- मैं तो सब्र नहीं कर सकता, उससे कहो कि वह भी अपने रूम में जाए.

रिया बोली- वह तो अपना काम करके चली जायेगी और तुम भी अपना काम शुरू करो … पर शोर कम!

अंकुर ने रिया के होंठ से होंठ भिड़ा दिए और बेड पर ही चिपटने लगा.
रिया बोली- चेंज तो करने दो.
अंकुर बोला- चेंज क्या करना है, उतार दो बस!

कह कर अंकुर ने रिया के और अपने कपड़े उतार दिए और पिल गया उसके मम्मों पर!

रिया भी उसका लंड मसल रही थी.
अंकुर बोला- अब तो तुम्हें काम का बहाना भी नहीं रहेगा. हम लोग अपने लिए भरपूर टाइम निकाल पायेंगे.

रिया ने उसकी कुछ नहीं सुनी और नीचे खिसक गयी और उसका मोटा लंड अपने मुख में ले लिया और लगी लपर लपर चूसने.
वह माहिर थी लंड चूसने में … पर साथ ही उसे भी ललक थी अपनी चूत चुसवाने की.
इसीलिए वह अपनी चूत को हमेश मखमली चिकनी रखती.

अंकुर ने उसे 69 किया और चढ़ गया उसके ऊपर और चूत के अंदर जीभ घुसा दी.

दोनों चुदासे हो रहे थे.

रिया से सब्र नहीं हो रहा था.
वह अंकुर से मिन्नत करके बोली- अंदर आ जाओ.

अंकुर ने उसकी टाँगें चौड़ा कर एक ही झटके में पेल दिया अपना मूसल.

रिया अबके तो जोर से चीखी.
अंकुर ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और बोला- सॉरी यार, मुझे ध्यान ही नहीं रहा.

कह कर उसने धक्के शुरू कर दिए.

जल्दी ही दोनों पूरे जोश में आ गए.
अब तो दोनों की आवाजें निकल रही थीं.

असल में उन्हें अकेले रहने से आदत थी सेक्स के समय शोर करने की.

रिया की ‘आह उह’ की आवाज मीनू के कानों में जा रही थी.

वह सुनकर मुस्कुरा तो रही थी, उसे ख्यालों में मनोज की चुदाई आ रही थी और यही सोच सोच कर उसकी चूत में भी चीटियाँ चलने लगीं.

मीनू ने फटाफट किचन का काम सम्भाला और जाने लगी.

तभी रिया की आवाज आई- मीनू, एक जग में पानी दे दो प्लीज!
मीनू ने जग लेकर कमरे का दरवाजा खटखटाया तो रिया ने थोड़ा सा खोलकर जग लेकर थैंक्स बोला.

रिया के बेडरूम में दरवाजे के सामने ही उसकी ड्रेसिंग टेबल थी.
मीनू की निगाह उसके शीशे पर गयी तो देखा नंग धड़ंग अंकुर पीछे से रिया से चिपटा हुआ था.

तब मीनू रिया को गुड नाईट बोलकर जल्दी से वहां से निकल ली.

उसका कमरा बाहरी हिस्से में था, पर उसके कमरे से रिया का बाथरूम लगा हुआ था.

मीनू की हालात अजीब सी हो रही थी.
वह रूम में जाकर कपड़े उतार सीधे शावर के नीचे खड़ी हो गयी.

सुबह मीनू को जल्दी उठने की आदत थी.
वह नहाकर तैयार होकर अंदर आ गयी और घर के काम करने लगी.

एक घंटे बाद अंकुर रूम का गेट खोल बाहर आया.
उसे अंदाज़ नहीं था कि मीनू सामने पड़ जायेगी.
उसने सिर्फ शॉर्ट्स पहनी थी.

मीनू ने सहज भाव से उसे विश किया.
अंकुर बोला- मुझे एक गिलास गर्म पानी दे दो.

मीनू गिलास लेकर गयी डोर नोक किया तो अंकुर किसी फोन पर लगा था.
उसने आवाज देकर कहा- अंदर टेबल पर रख दो.

अंदर बेड पर रिया तो उलटी पड़ी सो रही थी.
उसकी हालत बता रही थी कि उसने चादर के नीचे कुछ नहीं पहना.

बेड की हालात भी बता रही थी कि रात भर इस पर घमासान हुआ है.
मीनू पानी रखकर जल्दी से बाहर चली आई.

गेट पर से ही उसने अंकुर से चाय कॉफ़ी की पूछा.
तो अंकुर बोला- अभी रिया उठेगी तो ब्लैक कॉफ़ी लेंगे.

थोड़ी देर में रिया बाहर आई.
उसने एक शोर्ट गाउन पहन रखा था.

उसके निप्प्लस के तीर बता रहे थे कि उसने नीचे कुछ नहीं पहना.

मीनू ने उसे विश किया तो मुस्कुरा कर जवाब देते हुए रिया बोली- हमें सुबह ब्लैक कॉफ़ी लेने की आदत है. क्या तुम बना लोगी?
इस पर मीनू मुस्कुरा कर बोली- आप पीकर देखिएगा.

अब यही दिनचर्या बन गयी थी.
रिया का घर मीनू ने पूरा संभाल लिया था.

मीनू को रिया और अंकुर की सेक्स की आवाजें बेचैन तो करतीं पर उसे अब इनकी आदत पड़ती जा रही थी.

एक दिन मीनू सुबह नाश्ते की तैयारी में लगी थी.
रिया और अंकुर रूम में थे, शायद नहा रहे थे.

मीनू को बाथरूम जाना पड़ा अपने रूम में!

उसे रिया के बाथरूम से उनकी आवाजें आयीं तो वह बिना आहट किये सीट पर बैठी.

रिया और अंकुर नहा रहे थे और शायद शावर के नीचे सेक्स कर रहे थे.
पानी की बौछारों में अंकुर के धक्कों की आवाज आ रही थी.
रिया भी कसमसा रही थी.

मीनू का हाथ अपनी चूत पर चला गया.
उसकी उँगलियों ने वहां गीलापन महसूस किया तो उसकी उंगली खुद बखुद अंदर चली गयी.

मीनू अब खड़ी हो गयी और अपनी उंगली जोर जोर से अपनी चूत में करने लगी.
थोड़ी देर में जब उसे होश आया तो उसने अपने को संभाला और किचन में भागी.

अब तो सबको आदत हो गयी इस सबकी!

रिया बेबाक छोटे से छोटे कपड़ों में बिना ब्रा पेंटी के घर में घूमती फिरती.

अंकुर भी बिना टी शर्ट के अपनी चौड़ी छाती दिखाता इधर उधर घूमता.

मीनू ने महसूस किया कि अक्सर अंकुर का लंड उसे देख कर तन सा जाता.
पर मीनू ने उसे वहम मान लिया.

एक रात वह देर रात पानी लेने किचन में आई तो उसने लाइट जलाना उचित नहीं समझा.
बिना शोर किये जब वह पानी लेकर जा रही थी तो रिया के बेडरूम का गेट खुला और रिया नंगी ही किचन में आई.

वो तो मीनू तब तक ड्राइंगरूम में परदे के पीछे जा पहुंची थी और उधर अन्धेरा था.

रिया कॉफ़ी बना रही थी.

तभी पीछे पीछे अंकुर भी आ गया.
उसने भी कुछ नहीं पहना था.

उसका लंड देख मीनू कसमसा गई. अंकुर का लंड मजबूत और मोटा था.

अंकुर पीछे से रिया से लिपट गया और उसके मम्मे मसलने लगा.
रिया बोली- मुझे कॉफ़ी बना लेने दो, फिर रूम में चल कर करेंगे.

पर अंकुर को इंतज़ार कहाँ था … उसने रिया को पीछे किया और उसे आगे झुका दिया.

अब रिया किचन के स्लैब पर हाथ रख बकर घोड़ी बन गयी.
अंकुर ने पीछे से अपना लंड घुसेड़ दिया उसकी चूत में!

फिर उसके धक्के शुरू हो गए.

चुदाई में रिया भी दमदार थी.
कुछ धक्कों के बाद रिया ने अपने कोई छुड़ाया और नीचे बैठ कर लगी अंकुर का लंड चूसने!

थोड़ी लपर लपर के बाद रिया उठ खड़ी हुई और हंसती हुई अंकुर से बोली- यहाँ मजा नहीं आ रहा … तो कॉफ़ी कैंसिल करूँ, चलें रूम में?
अंकुर भी हंसते हुए बोला- तुम कॉफ़ी बनाओ और मैं ऐसे ही बाहर लॉन में घूम कर आता हूँ.

हॉट कपल Xx देख मीनू की तो जान निकल गयी.

अंकुर बाहर जाने को घूमा तो रिया ने टोक दिया- ऐसे मत जाओ. बिचारी मीनू को नींद कहाँ आती है. कभी वह जग रही हो तो?
सुन कर अंकुर बोला- बात तो ठीक है. पर मीनू है बहुत अच्छी … और फिगर उसका बहुत सेक्सी है.
रिया हंसते हुए बोली- उस पर निगाह मत रखना, आँख निकाल दूँगी.
अंकुर बोला- क्यों? है तो मेरी साली ही?
दोनों हस पड़े.

मीनू जैसे-तैसे कमरे में आई और टांगें खोल कर अंकुर के लंड का ख्याल कर के जोर जोर से अपनी उंगली चूत में करने लगी.
पति के देहांत के बाद आज पहला मौक़ा था जो उसकी कामवासना जागृत हुई थी.

अपने को शांत करते करते मीनू की आँखों से आंसू बह निकले.
आज उसे अपने पति की बहुत याद आ रही थी.
काफी देर रात उसे नींद आई.

अगले दिन दूसरा शनिवार था.
अंकुर को बैंक नहीं जाना था … वह फुर्सत से बैठा अखबार पढ़ रहा था.

तभी उसने रिया को आवाज दी- मेरे सर में तेल लगा दो.
मीनू ने रिया की ओर देखा और पूछा- दीदी, आप कहो तो सर के बालों में तेल मैं लगा दूं?
रिया ने मुस्कुराते हुए हाँ कह दी.

मीनू तेल लेकर अंकुर के पास पहुंची.

अंकुर ऐसे ही बिना टी शर्ट के सोफे पर बैठा था.

मीनू ने कहा- सर, आज मैं आपको हेड मसाज दूँगी.
अंकुर को संकोच हुआ तो रिया की आवाज आई- ले लो … आज साली हेड मसाज दे रही है.

मीनू ने अंकुर के कन्धों पर तौलिया डाला और अपनी उंगलियों का जादू अंकुर के सर पर दिखाने लगी.

तभी रिया की आवाज आई- मैं नहाने जा रही हूँ.

रिया बहुत देर लगाती थी नहाने में.
तो इसका मतलब था कि आधा घण्टा तो वह नहीं आने वाली.

मीनू ने अंकुर के सिर से उंगलियों को उसकी कनपटी से होते हुए गर्दन पर दबाव से फिरानी शुरू कीं.
अंकुर को बेहद सुकून मिल रहा था; उसकी आँखें बंद हो चली थीं.

मीनू की नाजुक उंगलियों का स्पर्श कहीं न कहीं अंकुर का मन बेईमान कर चुका था.

और मीनू भी काफी नीचे झुककर उसकी गर्दन और कन्धों पर मसाज दे रही थी.
उसकी गर्म साँसें अंकुर से टकरा रही थीं.

अचानक मीनू की निगाह अंकुर के बरमुडा पर पड़ी.
वहां अच्छा खासा उभार बन गया था.
अंकुर का बम्बू तम्बू बनाए खड़ा था.

मीनू को लगा कि यह अब सीमा आ गयी है, उसे अब हट जाना चाहिए.

उसने अपने हाथों को रोका और अंकुर से पूछा- आपको कुछ और चाहिए क्या?
अंकुर ने धीरे से आँखें खोलीं और बोला- बहुत सुकून मिल रहा था. अगर कर सको तो थोड़ी देर और कर दो.

मीनू हंसती हुई बोली- सर और गर्दन पर तो हो चुका, अब आप चाहें तो पीठ पर कर सकती हूँ. पर आपको लेटना पड़ेगा.

अंकुर झट से नीचे कारपेट पर लेट गया.

अब मीनू ने उसकी पीठ पर तेल लगा कर उसे मसाज देनी शुरू की.

अंकुर का मन अब डोल चुका था.
वह पलटा और मीनू की आँखों में देखने लगा.
मीनू उसके बहुत नजदीक थी.

अंकुर ने उसके हाथ पकड़ कर कहा- मुझे गलत मत समझना पर तुम्हारी उंगलियों में तो जादू है.
उसने मीनू का हाथ थामा हुआ था.

मीनू अपने को बेबस पा रही थी.
उसका मन किया कि अंकुर उसे अपनी ओर खींचे तो वह उससे लिपट जाए.

अब बरमुडा में अंकुर का उभार साफ़ नजर आ रहा था.
अंकुर ने मीनू को उसके उभार को भांपते देखा तो वह अचकचा गया.

मीनू ने थोड़ा सा तेल उसकी छाती पर लगाया और उसे मलने लगी.
वह अंकुर को देखकर मुस्कुरा रही थी.

अंकुर चुप पड़ा था.
मीनू ने उससे पूछा- अब बस?
अंकुर मुस्कुरा दिया.

मीनू उठने लगी तो हड़बड़ाहट में वह लुढ़क गयी और उसका हाथ सीधे अंकुर के तने हुए लंड पर जा पड़ा.
पर मीनू ने बात संभाली और मुस्कुराती हुई बोली- संभालिये इसे, दीदी इसे बुला रही हैं.

अंकुर उठा और सामने सामान बटोर रही मीनू को गाल पर चूम लिया.
मीनू सकपकाई … पर कुछ न बोली … बस मुस्कुराती हुई वहां से अपने कमरे की ओर हाथ धोने के लिए चली गयी.
अंकुर भी अपने रूम में चला गया.

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हॉट कपल Xx कहानी का अगला भाग: सेक्स के अनोखे रंग- 3

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