पतिव्रता पत्नी जवान लड़के से मजा लेकर चुदी- 2
(Fucking My Wife)
फकिंग माय वाइफ इन बेड का मजा गैर मर्द के नाम से … मैंने अपनी बीवी को इमेजिन करने को कहा कि वह किसी पर पुरुष से चुद रही है. तो क्या अनुभव हुआ?
कहानी के पहले भाग
गैर मर्द से पत्नी की चुदाई देखने की लालसा
में आपने पढ़ा कि मेरी कहानी पढ़कर एक आदमी ने मुझसे सम्पर्क किया, अपनी बीवी को मुझसे चुदवाने की पेशकश की.
मेरे पूछने पर वह बताने लगा कि उसने कैसे अपनी बीवी को गैर मर्द से चुदने के लिए तैयार किया था. उसने अन्तर्वासना पर अपनी बीवी रश्मि को भी यह कहानी पढ़ने को दी.
शुरुआत में उसे थोड़ा खराब लगा पर जोर देने पर उसे भी अच्छा लगने लगा।
अब आगे की फकिंग माय वाइफ कहानी अनीश की जुबानी सुनिए.
उसके बाद मैंने एक रात उसे बिल्कुल उसे कहानी की औरत की तरह रश्मि को चुदवाने के लिए कहा जिसमें रश्मि को किसी गैर मर्द का नाम लेकर चुदना था।
यह सुनते ही रश्मि ने मुझे एक तमाशा जड़ दिया।
मैं तो हक्का-बक्का रह गया.
उसने कहा- तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है। अपनी पत्नी के बारे में तुम ऐसा कैसे सोच सकते हो? और आज के बाद यह सब कहानी पढ़ना बंद करो. इसी से तुम्हारा दिमाग खराब हुआ है।
उसके बाद मैं रश्मि से छुपा कर अन्तर्वासना की कहानियों को पढ़ने लगा। उसके बाद में इंटरनेट पर सर्च करने लगा कि अपनी पत्नी को किसी और मर्द से चुदवाने के लिए कैसे राजी करें। पर मुझे वहां कोई उपाय नहीं मिला।
फिर मैंने अन्तर्वासना की कहानी पढ़ पढ़ कर ही एक उपाय ढूंढ लिया।
मैंने उसे चोदना बंद कर दिया और उसे तब तक तड़पाता रहा जब तक वह खुद किसी और मर्द का नाम लेकर मुझे चुदने के लिए तैयार ना हो जाए।
एक सप्ताह मैंने और उसने किसी तरह से बर्दाश्त किया।
तब एक दिन रश्मि खुद प्यार से मेरे पास आई और पूछने लगी- क्या बात है आजकल आप मुझ पर ध्यान नहीं दे रहे … जब से मैंने तुम्हें थप्पड़ मारा है, तब से तुम मुझसे नाराज हो. पर इसका वजह भी तुम खुद ही हो. तुम्हें ऐसी बात मुझसे नहीं करनी चाहिए थी। यह सब कहानी में ठीक है, रियल लाइफ में नहीं।
तभी मैंने उससे कहा- जब तक तुम मेरे मन मुताबिक मुझे कुछ नहीं करोगी, मैं तुम्हें छुऊंगा भी नहीं, यह मेरा प्रण है।
इस पर रश्मि मुंह बनाती हुई बोली- ऐसा है तो तुम्हें जिंदगी भर प्यासा ही रहना होगा। क्योंकि मैं अपना जिस्म अगर दूंगी तो सिर्फ अपने पति को … किसी और मर्द का नाम भी अपने जुबान पर नहीं लाऊंगी।
यह कहने के बाद मेरी पत्नी जाकर सो गई.
फिर आधे घंटे के बाद मैं भी जाकर सो गया।
पर लगभग पूरे 1 सप्ताह हमारी चुदाई नहीं की थी और न ही मेरी पत्नी ने!
तो बर्दाश्त तो दोनों को ही नहीं हो रहा था।
पर किसी तरह हम रात को सो गए.
पर सुबह के 3:00 बजे अचानक मेरा लंड खड़ा हो गया क्योंकि उसे रात मैंने सोने से पहले राज भाई आपकी कहानी पति ने दिया पत्नी की चुदाई का ऑफर पड़ा था।
और उस रात मेरे तन बदन में अजीब सी लहर दौड़ गई थी क्योंकि अब तक मैंने अन्तर्वासना पर अपनी पत्नी को बड़े उम्र के मर्दों जैसे अपने दोस्त से चुदवाते हुए कहानी पढ़ी थी पर पहली बार मैंने किसी 22 वर्ष के लड़के से शादीशुदा औरत को चुदवाते हुए कहानी पढ़ा था जिसमें उसके पति की भी सहमति थी।
यह सोच सोच के मेरा दिल में हलचल मची हुई थी।
दरअसल मैं अपनी पत्नी के लिए राज आपको को इमेजिन कर रहा था, और सो गया।
रात के लगभग 3:30 बजे मैंने एक सपना देखा कि मैं सोफे पर बैठा हूं और ठीक मेरे सामने वाले सोफे पर मेरी पत्नी रश्मि राज के गोद में बैठ कर दोनों एक दूसरे को लिप किस किया जा रहा है।
राज का एक हाथ सारी के ऊपर ही मेरी पत्नी के बूब्स पर था और वह बहुत ही जोर-जोर से मेरे पत्नी के मालदार मम्मे को दबा रहा था।
मेरी पत्नी राज के होठों को बड़े से प्यार से चूस चाट रही थी।
राज ने मेरी पत्नी को अपने और करीब खींचा और और मेरी तरफ देखते हुए कहा- रश्मि, मेरी रानी … अब चलो, बिस्तर हमारा इंतजार कर रहा है। अब आगे का कार्यक्रम वहीं करेंगे।
इस पर रश्मि मुस्कुराती हुई राज के गाल पर हाथ रखते हुए बोली- चलो मेरे राजा, देर किस बात की, मजे करते हैं।
राज ने रश्मि को अपनी गोद में उठा और उसे बिस्तर पर ले जाकर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया।
बस इतने में ही मेरी नींद खुल गई और मेरा लंड खड़ा हो गया।
रश्मि मेरी तरफ पीठ कर सोई हुई थी।
मैं पीछे से रश्मि के ऊपर चढ़ गया और अपने एक हाथ से उसके मम्मे को पकड़ लिया और दबाते हुए उसके गालों पर भी बेतहाशा किस करने लगा।
रश्मि ने भी पलट कर मुझे अपनी बाहों भर लिया और फिर हम दोनों एक दूसरे के होठों को चूसने चाटने लगे।
दोस्तो, भोर का समय होता ही ऐसा है।
हम दोनों कहीं कंट्रोल से सब कुछ बाहर हो गया था।
मैंने रश्मि की साड़ी का पल्लू पकड़ और उसे हटा दिया।
उसकी गोरी पतली कमर और नीले ब्लाउज के अंदर से उसके गोरे मम्मे मुझ पर बिजली गिराने लगे।
मैंने उसके कमर को अपने हाथों से मसलते हुए का कहा- ओ मेरी जान … तुम कितनी खूबसूरत और कितनी सेक्सी हो. काश यह तुम्हारा जिस्म मेरे अलावा कोई और भी देख पाता।
रश्मि- किसी और को क्यों दिखाना मेरे राजा, मेरी है जवानी तो सिर्फ आपके लिए है।
उसकी कमर को रगड़ते हुए मैं अपना हाथ उसके बूब्स के ऊपर ले गया और ब्लाउज के ऊपर से ही बड़े प्यार से उसे दबाया।
उसके मुंह से तुरंत ‘आह ह …’ की आवाज निकली।
मैं उसके बूब्स को और जोर से दबाते हुए बोला- क्या तुम नहीं चाहती कि तुम्हारे इस उन्नत और रसीले खूबसूरत बूब्स का दर्शन कर सभी तुम्हारी तारीफ करें?
रश्मि- फिलहाल तो तुम ही तारीफ कर दो तो बहुत है, मुझे किसी और से तारीफ नहीं करवाना। मेरी जान, सिर्फ ब्लाउज के ऊपर से ही इन्हें छुओगे या अंदर से भी?
बस ऐसा सुनते ही मैंने अपने दोनों हाथ से रश्मि के नीले ब्लाउज को पकड़ कर फाड़ दिया।
उसके दोनों दूधिया बूब्स उछलते हुए बाहर निकले।
रश्मि ब्लाउज फटते ही बोली- ओह … यह क्या किया … मेरा नया ब्लाउज था, उसे फाड़ दिया!
मैं- अभी तो सिर्फ ब्लाउज ही फाड़ा है रानी, अब तुम्हारी चूत की बारी है।
यह सुनते ही रश्मि मुस्कुराई और अपने हाथों को ऊपर सेक्सी अंदाज में अंगड़ाइयां लेने लगी और मानो मुझे आमंत्रण दे रही हो कि चूसो मेरे बूब्स को!
मैंने अपने दोनों हाथों से उसके नंगे मम्मे को पकड़ा और उसे जोर जोर से मसलने लगा।
बीच-बीच में मैं अपने जीभ लगा के उसे चूसता, चाटता और मुंह में ले कर निचोड़ निचोड़ कर चूसता।
रश्मि की आवाज जोर-जोर से निकलने लगी और वह बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी- आह आह … ओह आह … आज क्या हो गया है तुम्हें पति देव? ओह … आह … लगता है कि पहली बार अपनी आह … आराम से मेरे राजा!
मैंने उसी समय रश्मि के दोनो बूब्स को बहुत ही जोर से मसल दिया।
तभी रश्मि जोर से चिल्ला पड़ी- आह …
उस समय वह कुछ बोल रही थी, जो बोलते बोलते रुक गई।
मैंने उससे पूछा- क्या पहली बार?
रश्मि- लगता है पहली बार तुम अपनी पत्नी को कर रहे हो।
मैं- क्या कर रहा हूं?
रश्मि- चुप बदमाश!
मैं- बताओ न … नहीं तो मैं चुप चाप सो जाऊंगा।
तभी रश्मि मुस्कुराती हुई बोली- सेक्स!
अब भला रश्मि को क्या पता कि आज मैं उसे राज का इमेजिन करके उसे चोदने वाला हूं।
मैं- इसे चुदाई भी कहते हैं मेरी जान!
रश्मि शरमा गई तभी मैंने उसके होठों पर किस किया और उसके होठों को चूसने चाटने लगा।
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
5 मिनट उसके होठों पर चूसने चाटने के बाद मैं नीचे गया, उसकी कमर को चाटने लगा और कभी कभी उसकी नाभि में अपनी जीभ घुसा देता।
जब जब उसके नाभि में जीभ घुसाता … रश्मि ‘आह आह’ की सैक्सी आवाज निकालती।
करीब 5 मिनट उसकी कमर चूसने और चाटने के बाद मैं उठा और सीधा उसकी नीली साड़ी को खोलने लग गया।
रश्मि ने भी अपनी कमर उठाकर अपनी साड़ी खुलवाने में मदद की।
उस समय ऐसा लग रहा था कि मैं खुद राज हूं और रश्मि की साड़ी खोल रहा हूं और रश्मि अपनी कमर उठाकर अपनी साड़ी खुलवा रही है।
मैंने रश्मि की साड़ी खोलकर एक तरफ फेंक दी और मैंने काले पेटिकोट अपने दोनों हाथों से पकड़ के ऊपर सरका कर उसकी जांघों के ऊपर रखा और उसके दोनों गोरे पैरों पर अपने दोनों हाथ फेरने लगा।
रश्मि ने अपने दोनों हाथों से बेडशीट को कस के पकड़ रखा था।
उसकी आंखें बंद थी।
मैं- नहीं ऐसे नहीं मेरी रानी! अपनी आंखें खोलो और मुझे देखो और इस पल का बिना शर्माए बिना किसी लोक-लाज खुल के एंजॉय करो।
तो फिर रश्मि ने आंखें खोली और मेरी तरफ देखा.
बस उसी समय मैंने अपने दोनों हाथों से रश्मि की पैंटी पकड़कर खींच दी और उसे बाहर निकाल के सूँघने लगा।
रश्मि भी बड़े ही सेक्सी अंदाज से मुझे ऐसा करते हुए देख रही थी।
उसके बाद मैंने उस काली पैंटी को चूमा और उसे दूर फेंक दिया।
उसके बाद मैंने अपना टी शर्ट बनियान के साथ खोलकर फेंक दिया और तुरंत अपने पजामे का नाड़ा खोला और उसे भी उतार कर फेंक दिया।
रश्मि मुझे ऐसा करते हुए देखकर समझ गई थी कि उसकी ताबड़तोड़ चुदाई होने वाली है, इसलिए वह मुस्कुरा रही थी।
मैंने तुरंत अपनी चड्डी खोली और मेरा 6 इंच का लंड हवा में लहराने लगा।
रश्मि ने बड़ा ही प्यार से लंड को देखा और उसे अपने हाथों में लिया।
तभी मैं रश्मि से कहा- क्या इसे मुंह में लेने का इरादा है?
यह सुनते ही रश्मि ने मेरे लंड को छोड़ दिया, शरमाती हुई बोली- धत, क्या बोलते हो।
तभी मैं नीचे झुका और उसका एक टांग अपनी कमर के ऊपर रख पेटिकोट को मैं थोड़ा और ऊपर किया और रश्मि की चूत पर मैंने अपने लंड को अच्छे से सेट किया।
मेरे लंड का स्पर्श पाते हीं रश्मि ने कस के आह भरी।
तभी मैंने दोनों हाथों से रश्मि की नंगी कमर को पकड़ा और एक जोर का धक्का लगाया।
रश्मि- आह ओह आह … आराम से मेरे जानू … थोड़ा धीरे धीरे!
तभी मैंने रश्मि के होठों पर किस करते हुए कहा- अरे मेरी रानी … यह मेरा लंड होता तभी तो धीरे होता … यह मेरा नहीं, यह तो राज का लंड है।
यह सुनते ही मेरी पत्नी आश्चर्य से मेरी तरफ देखने लगी और मैंने मुस्कुराते हुए एक और जोर का धक्का दिया।
रश्मि- आह आह … जी क्या कहा आपने?
मैं- यही कि जो लंड तुम्हारी चूत में है, वह राज का लंड है। राज तुम्हें चोद रहा है मेरी जान!
रश्मि गुस्से आंखें दिखाती हुई- अच्छा … तो तुम अभी भी सुधरे नहीं हो और अपने आप को कोई और मर्द सोच कर मुझे प्यार कर रहे हो।
मैं- हां मेरी जानेमन!
और ऐसा कहते हुए मैंने रश्मि की कमर को जोर से रगड़ दिया।
रश्मि- आह आह … तुम्हारा दिमाग तो ठीक है ना यह क्या कह रहे हो।
मैं- बिल्कुल ठीक कह रहा हूं मेरी रानी … तू भी मुझे राज समझ कर चुदवा। मुझ में किसी राज नाम के लड़के को इमेजिन कर … फिर देख, तुझे अपार आनंद आएगा।
ऐसा कहते हुए मैंने एक और धक्का दिया और रश्मि की चूत में मेरा पूरा का पूरा लंड घुस गया।
तभी रश्मि के मुंह से जोर की आवाज निकली और उसने अपने दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़ लिया और मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर घुसवाने लगी।
मैं- क्यों देखा राज के लंड का दम? तुम्हारी चीखें निकलवा दी। डार्लिंग अब राज तुम्हें भरपेट चोदेगा।
रश्मि- यह क्या बकवास कर रहे हैं? मैं एक पतिव्रता नारी हूं और अपने पति के अलावा किसी और के बारे में सोच भी नहीं सकती।
मैं- तो अब सोचो मेरी जान … अब तुम्हारा पति खुद तुझे पराए मर्द के लिए छूट दे रहा है।
और ऐसा कहते ही मैं जोर-जोर से रश्मि की चुदाई करने लगा।
रश्मि आह आह किया जा रही थी और मेरी कमर को पकड़ कर अपनी चूत की ओर धकेले ले जा रही थी।
इस दौरान रश्मि के दोनों मम्मे आगे पीछे उछल रहे थे।
तभी मैंने एक और दाव चला।
मैंने कहा- रानी, अब राज तुम्हें चोदते हुए तुम्हारा दूध भी पिएगा!
और ऐसा करते हुए मैंने तुरंत रश्मि की एक चूची को अपने मुंह में ले लिया, उसे चूसने लगा।
रश्मि ‘आह आह’ करने लगी और और अपने एक हाथ से मेरे सर को पकड़ कर मुझे अपना दूध पिलाने लगी।
मैंने रश्मि से कहा- डार्लिंग, राज तुम्हारे दूधों को कितने प्यार से पी रहा है।
तभी रश्मि ने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ कर उठाया और कहा- तुम मेरे पति मुझे प्यार कर रहे हो।
मैं- नहीं, मैं नहीं राज! बोलो राज … राज का नाम लो अपने होठों पर … कहो कि राज इस समय तुम्हारे बिस्तर पर है और राज ही तुम्हें चोद रहा है।
रश्मि- नहीं, मैं कभी नहीं कहूंगी।
अब मैंने रश्मि की चुदाई बंद कर दी।
लेकिन रश्मि नीचे से अपनी कमर हिला रही थी।
तभी रश्मि ने कहा- क्यों क्या हुआ?
इस पर मैं बोला- तुम्हें क्या लगता है कि तुम राज का नाम नहीं लोगी तो मैं तुम्हें चोदूंगा? नहीं बिल्कुल नहीं। अगर मुझे मेरे मनपसंद मजा नहीं दे सकती तो मैं तुम्हें भी किसी प्रकार का आनन्द नहीं दे सकता।
रश्मि- पर मैं किसी पराए मर्द का नाम कैसे ले सकती हूं? यह एक पतिव्रता नारी के लिए पाप है।
मैं- अगर पति स्वयं इजाजत दे, तो कोई पाप नहीं है। कौन सा सच में किसी राज नाम के व्यक्ति के साथ तुम सेक्स कर रही हो। बस इमेजिन करना है। मुझे राज समझो, राज का नाम बार-बार अपनी जुबान पर लो और शर्म छोड़ कर खुलकर चुदो। फिर देखो कितना आनन्द आएगा। क्या बस इतना तुम मेरे लिए नही कर सकती हो। अगर तुम अपने पति के आनन्द के लिए इतना नहीं कर सकती हो, तो फिर किस बात तुम पतिव्रता पत्नी हो, बताओ। पत्नी तो वो होती है जो अपने पति के आनन्द के लिए कुछ भी कर गुजरती है। मैं तुम्हें कहां किसी और से चुदने के लिए कह रहा हूं। तुम्हें तो बस राज को इमेजिन करना है और राज का नाम लेते हुए चुदना है।
रश्मि आंखें झुकाती हुई बोली- ठीक है जैसी आपकी मर्जी!
तभी मैंने रश्मि की ठोढ़ी को पकड़ कर उसका मुंह उठाया और उससे पूछा- तो अब बताओ मुझे कि तुम्हारे ऊपर इस वक्त कौन चढ़ा हुआ है?
रश्मि शर्माती हुई बोली- राज!
मैं- तुम्हारे चूत के अंदर किसका कड़क लंड घुसा हुआ है?
रश्मि ने शर्माते हुए अपना सर नीचे कर लिया पर कुछ नहीं बोली।
मैं- ओफो … अभी तो तुम समझाया है सिर्फ इमेजिन करना है. सच में थोड़ी है। बोलो न!
रश्मि शर्माती हुई- राज का!
मैं- हां, राज का ही लंड है तुम्हारी चूत में!
ऐसा कहते ही मैंने फिर से रश्मि की ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी।
रश्मि आह आह करने लगी और नीचे से अपनी कमर हिला कर मेरा साथ देने लगी।
मैं- कैसा लग रहा है मेरी जान?
रश्मि- मजा आ रहा है!
मैं- मैंने तो पहले ही कहा था राज के लंड से तुम्हें बहुत मजा आएगा। ओह रश्मि … तुम कितनी मजेदार हो मेरी जान! क्या तुम राज को अपने मम्मे नहीं चुसाओगी?
और ऐसा कहते ही रश्मि ने अपने दोनों हाथों से मेरे सर को पकड़ा और मेरे अपने मम्मे पर रख दिया।
तभी मैंने उसका हाथ छुड़ाते हुए कहा- ऐसे नहीं … बड़े ही प्यार कहो कि आओ राज, यह तो तुम्हारे लिए है चूसो मेरे मम्मे को!
तब रश्मि ने बड़े ही प्यार से अपने हाथों से मेरे सर को पकड़ा और मेरे गाल को सहलाते हुए कहा- आओ राज, चूस लो मेरे रसीले मम्मे को … ये तो तुम्हारे लिए ही बचा के रखे हैं।
मैं- क्यों नहीं … अगर मैंने भी तुम्हारी चूची को चूस चूस कर लाल नहीं कर दिया तो मेरा नाम भी राज नहीं! लेकिन इससे तुम्हारे पति को कोई दिक्कत तो नहीं?
रश्मि- भला उन्हें क्या दिक्कत होगी। उन्हीं की इजाजत से तो मैं तुम्हारे साथ चुद रही हूं। तुम मेरे चूचे को लाल करो या पीला … उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। वे तो बस मुझे तुम्हारे साथ खुलकर चोदते हुए देखना चाहते हैं।
रश्मि के मुंह से यह सब सुनकर मेरा लन्ड और भी कड़ा हो गया।
लगता है और रश्मि के ऊपर मदहोशी छाने लगी थी.
और यही सही समय था रश्मि के अंदर की वासना को जगाने का!
मैंने और जोर-जोर से रश्मि की चुदाई चालू कर दी।
एक समय ऐसा आया जब मैं एक ही टाइम में रश्मि की चूची चूस रहा था और दूसरी तरफ अपने लंड रश्मि की चूत में बहुत ही तेजी के साथ अंदर बाहर किये जा रहा था।
इस तरह की चुदाई में रश्मि का अपने पर कंट्रोल नहीं रहा और वह बहुत जोर से ‘आह आह आह मेरी जान’ करने लगी।
तभी मैंने उसे कहा– राज का नाम लो और राज का नाम लेते हुए तुम चुदो।
तो रश्मि लाज शर्म की चिंता किए बिना राज का नाम लेकर चुदने लगी- आह राज आह आह … ओह राज … ओह। धीरे राज … थोड़ा धीरे … आह राज!
मैं- नहीं मेरी रानी, अब राज नहीं रुकेगा. अब तो तुम राज का जलवा देखो।
मैंने तुरंत रश्मि की दोनों टांगों को ऊपर उठाया और अपनी कमर में लपेट लिया और फिर जोर-जोर से अपने लंड उसकी चूत में दनादन पेलने लगा।
रश्मि और जोर-जोर से आह आह करने लगी और अपने दोनों हाथों से अपने मम्मे को मसल लगी।
वह बहुत मदमस्त हो गई थी।
अब मैंने अपना एक और दाव चला- अगर इस समय तुम्हारा पति अनीश आ जाए तो क्या तुम राज से चुदना छोड़ दोगी?
रश्मि अब अपने पूरे चरम उत्कर्ष पर थी, वह वासना के वशीभूत हो चुकी थी- नहीं बिल्कुल भी नहीं … अब तो राज ही मेरी चुदाई पूरी करेगा।
मैं- मेरा (राज) का लंड तुम्हें इतना अच्छा लगने लगा?
रश्मि- हां बहुत ही कड़क लंड है आपका राज! ओह राज … राज मुझे चोदो … चोदो मुझे। मैं बहुत प्यासी हूं।
मैं रश्मि की वासना को वासना को अच्छे से समझ सकता था क्योंकि मैंने एक सप्ताह से उसे चोदा नहीं था।
और ऊपर से गैर मर्द का नाम लेकर चुदने से वह बहुत ही कामुक हो गई थी।
इसी दौरान मैंने रश्मि से पूछा- अगर राज से तुम्हें हमेशा चुदने का मौका मिले तो क्या उससे तुम हमेशा चुदवाओगी?
रश्मि- हां हमेशा चुदवाऊंगी, बार-बार चुदवाऊंगी, जोर-जोर से चुदवाऊंगी, दिल खोल के चुदवाऊंगी।
मैं बहुत खुश हुआ और जोर-जोर से अपनी बीवी की चोदने लगा।
फकिंग माय वाइफ के दौरान रश्मि बार बार राज का नाम लेती जा रही थी।
अब हम दोनों ही अंतिम पोजीशन पर आ चुके थे।
मैंने आखिरी बार फिर से रश्मि से कहा- अब राज तुम्हारी चूत में झड़ने वाला है. क्या तुम उसके पानी को अपनी चूत के अंदर लोगी?
रश्मि- हां राज झड़ जाओ, मेरी चूत के अंदर झड़ जाओ. मैं तुम्हारा पूरा पानी अपने अंदर ले लूंगी।
मैंने चुदाई की स्पीड और बढ़ा दी।
रश्मि ने मेरी जांघ को बहुत ही जोर से पकड़ा और एक जोर से आह की आवाज निकली.
उसी के साथ मैंने भी एक जोर का धक्का दिया और बेतहाशा रश्मि की चूत में झड़ने लगा।
ठीक उसी समय रश्मि भी झड़ने लगी।
हम दोनों लगातार झड़ रहे थे और झड़ने के बाद मैं रश्मि के ऊपर गिर गया।
इस हालत में हम दोनों सो गए।
यह कहानी 8-9 भागों में चलेगी. आप फकिंग माय वाइफ कहानी के हर भाग पर अपनी राय मुझे भेजें.
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फकिंग माय वाइफ कहानी का अगला भाग: पतिव्रता पत्नी जवान लड़के से मजा लेकर चुदी- 3
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