मेरा कौमार्य मेरे पति की अमानत- 2

(First Night Chudai Kahani)

फर्स्ट नाईट चुदाई कहानी में मैं नर्सिंग ट्रेनिंग में एक डॉक्टर से दिल लगा बैठी. उसने मुझसे शादी की और पहली रात का मजा लेने के लिए हमने होटल का रुख किया.

फ्रेंड्स, मैं प्रीति एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी में आपका स्वागत करती हूँ.
कहानी के पहले भाग
मेडिकल कॉलेज में हुआ प्यार
में अब तक आपने मेरी किट्टू के साथ प्यार की कहानी पढ़ी थी.
उसमें आपने जाना था कि मैं अपने प्रेमी से पति बने किट्टू के साथ सुहागरात मना रही थी और उसके साथ पूरी नंगी थी.

अब आगे फर्स्ट नाईट चुदाई कहानी:

मैं उसके मोटे लंड से खेलने लगी.
किट्टू से भी संयम नहीं हो रहा था, उसने मेरे बालों को छोड़कर अपने अंडरवियर नीचे सरका दिया.
उसका लंड झट से बाहर हो गया.

मैं उसके लौड़े को देखती रह गई.
उसके मोटे लंड का सुपारा प्रीकम के कारण लाल दहकता सा चमक रहा था.

किट्टू बोला- मेरा लवड़ा पसंद आया?
मैं- हां मेरी जान!

मैं उसके लंड को ऊपर नीचे करने लगी.
उसने मुझे अपनी बांहों में ले लिया और मेरे होंठों को किस करने लगा.

किट्टू ने होंठ चूमे और कहा- तुमने बहुत इंतजार करवाया मेरी जान … अब तो मैं तुम्हारी दिन रात चुदाई करूंगा. तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा.
मैं- मैंने तुम्हें कब मना किया था, तुम्हीं ने 3 साल लगाए जान!

किट्टू- हां मैं जानता हूं मेरी जान, अगर मैं चाहता था तो मैं कब का तेरी चूत का उद्घाटन कर चुका होता. लेकिन मुझे तुम्हारे साथ शादी करने के बाद सुहागरात को ही चूत की सील तोड़ने का मन था.

मैंने उस समय कुछ नहीं कहा, बस उसको किस करने लगी.

किट्टू- चूसेगी क्या?
मैं- हां.

मैंने उसके लंड को अपने मुँह में भर लिया.
किट्टू- आह … हहह!

मैं उसका लंड में मुँह में लेकर अन्दर बाहर करने लगी और वह कामुक आवाजें करने लगा.
हम दोनों टी जैसी पोजीशन में थे.

उसने मेरे बालों को अपने एक हाथ से पकड़ लिया और दूसरे हाथ से वह मेरे नितंबों के ऊपर से चला रहा था.
बीच बीच में वह मेरे चूतड़ों थप्पड़ भी मार रहा था.

अब मैं भी उसके लंड को जोर जोर से चूसने लगी थी.

मैं आज उसका लंड बिना किसी हील हुज्जत के इसलिए भी चूस रही थी क्योंकि मैंने अंकल का लंड चूस लिया था.

अंकल के लंड से भी ज्यादा मजा किट्टू का लंड चूसने में आ रहा था.
यह मेरा अपना लंड था … इसमें किसी का कोई अधिकार नहीं था.

लंड चुसाई के बीच-बीच में किट्टू और मैं किस भी करते जा रहे थे.
उससे किट्टू मेरे मुँह से अपने लंड के रस का स्वाद लेता जा रहा था.

एक बार मुँह से मुँह लगा कर चूमने के बाद मैं फिर से उसका लंड चूसने लगी.
थोड़ी देर के बाद उसने नीचे से मेरे नितंबों को उठाया और तेज रफ्तार से मेरे मुँह को चोदने लगा.

मैं- अह … बबं … आ…ममं!

किट्टू भी आह … आऊच की आवाज निकाल रहा था.
उसकी आवाज से मुझे और ज्यादा जोश आने लगा.

करीब 5 मिनट तक मैं उसका लंड चूसती रही.
उसका लंड मेरे चूसने की वजह से और ज्यादा चमकने लगा था.

अब उसने लंड निकाल कर मुझे बेड पर सीधा लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया.
वह मेरे स्तनों को किस करने लगा और एक निप्पल को दांतों में लेकर काटने लगा.
मेरे निप्पल सख्त हो गए.

अब किट्टू ने मेरे पैरों को फैला दिया.
अपने लंड को चूत के ऊपर रख दिया.

जैसे ही उसका लंड मेरी चूत को टच हुआ … मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया.

वह आहिस्ते आहिस्ते लंड का सुपारा अन्दर डालने लगा.

जैसे ही उसका लंड अन्दर गया, मैं उसको मेरे ऊपर से हटा कर बाजू करने की कोशिश करने लगी- नहीं किट्टू, मुझे दर्द हो रहा है … प्लीज निकालो ना … बहुत दर्द हो रहा है … आह रुक जाओ प्लीज बाद में कर लेना!

किट्टू- मेरी जान थोड़ा सा दर्द होना ही है.
मैं- मेरी आंखों से आंसू आ रहे हैं और आपको यह थोड़ा सा दर्द लग रहा है. आय हेट यू … प्लीज निकालो इसे!

लेकिन किट्टू ने कुछ निश्चित किया और अपने लंड के सुपारे को थोड़ा सा बाहर निकाला और अचानक से एक जोरदार धक्का लगा दिया.

उसके धक्के को मैं संभाल ही नहीं पाई.
मेरे पूरे शरीर में रोंगटे खड़े हो गए थे और मेरा शरीर पूरा कांपने लगा था.

मैं जोर जोर से रोने लगी- अह … मम्मी … नहीं … प्लीज निकालो ना रहम करो … आपको अम्मी की कसम … आह मम्मी रे … बहुत दर्द हो रहा है!

किट्टू ने मेरी एक नहीं सुनी, वह मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे बालों को सहलाने लगा.
उसने मेरे पैरों को अपने पैरों से जकड़ लिया था.

मैं लगातार बिलख रही थी.
उसने बिना रहम किए अपने लंड से एक और जोरदार धक्का दे दिया.
उसका लंड और अन्दर चला गया.

मुझे तो होश ही नहीं रहा था.

लंड पेल कर कुछ पल के लिए वह रुक गया.

कुछ पल बाद आहिस्ता आहिस्ता से वह अपने लंड को मेरी चुत में अन्दर-बाहर करने लगा.

किट्टू- मेरी जान आई लव यू … अब दर्द नहीं होगा!
मैं- हां … अब दर्द थोड़ा कम हो गया.

किट्टू लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
अब मेरी चूत में उसका लंड बड़े आराम से अन्दर तक जा रहा था.

‘अह … हम्म …’ करते हुए हम दोनों एक दूसरे को बढ़ावा दे रहे थे.

किट्टू अब 50 से 60 की स्पीड से लंड को अन्दर बाहर करने लगा था.

दस मिनट तक उसने मेरे चूत उसी स्पीड से चोदना चालू रखा.

उसके बाद उसने मुझे घोड़ी बनाया.
जब मैं घोड़ी बनी, तब मैंने देखा कि पूरा बेड हमारी सुहागरात की चुदाई का साक्षी था.
बेडशीट गवाही दे रही थी मेरी चूत के फटने की.

उसने मेरी कमर को पकड़ कर पीछे से अपने लंड को चूत में डाल दिया.

मेरे नितंबों को वह चमाट मार रहा था उस वजह से मेरे नितंब लाल हो गए थे.
हमारी चुदाई की आवाजें पूरे रूम में गूंज रही थीं.

उसने थोड़ी देर तक मुझसे घोड़ी बनाकर चुदाई की.
फिर वापस से हम दोनों मिशनरी पोजिशन में आ गए.

मैंने अपने दोनों पैर उसकी कमर के ऊपर सैट कर लिए थे और अपने हाथ से उसके पेट को कसके पकड़ लिया था.

वह भी मेरी कमर को पकड़ कर लंड को चूत में डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.

अब उसने स्पीड बढ़ा दी थी. वह लय में अपनी एक ही स्पीड में मेरी चूत को चुदाई का मजा दे रहा था.

पच पच आवाज आने लगी थी.

उसके अंडकोश मेरी गांड पर तबला बजाने लगे थे.

तभी अचानक से उसने स्पीड बढ़ा दी और अब पच पच की आवाज पट पट में बदल गई.

हम दोनों का शरीर पसीने से तर हो गया था.

किट्टू मेरी गर्दन को दांतों से काटने लगा था.

मैं भी अपने नितंबों को उठा कर उसका साथ दे रही थी.

हालांकि उसके भारी बदन से मैं उसे ठीक से साथ नहीं दे पा रही थी.

किट्टू अपनी पूरी ताकत से लंड को चूत में डाल रहा था.
उसके हर एक धक्के से हमारा बेड हिलने लगा था.

मैं बस ‘अह … आह … किए जा रही थी.

किट्टू किस करते हुए जोर जोर से चुदाई करने में लगा हुआ था.

तबी वह अपने चरम पर आने को हुआ और जोर से आवाज करते हुए वह धकापेल चुदाई करने लगा.
तभी उसने एक जोरदार धक्का दिया.

उसके लंड से वीर्य की पिचकारी निकली जो मेरी चूत को ठंडी करती चली गई.
वह मेरे ऊपर ही लेट गया.
मैं उसके सिर को सहलाने लगी.

दो मिनट में ही उसका लंड संकुचित होने लगा.

जैसे ही उसका लंड चूत से बाहर आया तो मैंने अहसास किया कि उसका वीर्य धार के साथ बाहर आकर बहने लगा.

हम दोनों ने थोड़ी देर चुम्मा चाटी की और उठ कर बेड से उतर गए.
मैंने बेड पर नजर डाली, तो बेडशीट चूत की चुदाई से वीर्य से भर गई थी.

मैंने उस बेडशीट को सुहागरात की निशानी के तौर पर रख ली.

रात के करीब 12:30 तक हमारी सुहागरात की पहली चुदाई पूरी हो गई थी.

मैं बाथरूम में फ्रेश होने के लिए गई.
तब किट्टू ने रूम अटेंडर को बुलाकर नई बेडशीट डलवाई.

हम दोनों सो गए.
लेकिन करीब 3:00 बजे मुझे मेरे एक स्तन पर कुछ हलचल सी महसूस हुई.

किट्टू मेरे एक स्तन को चूस रहा था.
मैं उससे चिपक गई और उसे अपना दूध पिलाने लगी.

वह भी मेरे दूध को किसी बच्चे के जैसे चूसता हुआ भँभोड़ रहा था; वह एक दूध को चूस रहा था और दूसरे को मरोड़ रहा था.

मैंने कहा- किट्टू, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि तुमने तीन साल कैसे खुद को कंट्रोल किया!
वह हंसने लगा और बोला- कमाल की बात तो यह है मेरी जान कि इन तीन सालों में मैंने एक बार भी मुठ नहीं मारी.

यह सुनकर मुझे अपने किट्टू पर प्यार आने लगा और मैं उसके साथ चुदाई में लग गई.
कुछ ही देर में किट्टू ने मुझसे गर्म कर दिया और दुबारा चुदाई के लिए तैयार कर दिया.

इस तरह से किट्टू ने मेरी चुदाई बार बार की और वह रुक रुक कर सुबह 10:00 बजे तक मुझे चोदता रहा.
किट्टू ने मेरी फर्स्ट नाईट चुदाई कई बार की थी.

रात भर चुदवा कर मेरी हालत बहुत बुरी हो गई थी, मुझसे ठीक तरह से चलना भी नहीं हो पा रहा था.

मैं लंगड़ाती हुई नीचे आई, सब लोग मुझे ही देख रहे थे.

मेरी और किट्टू की आंखें लाल हो गई थीं क्योंकि हम दोनों ज्यादा देर सोए ही नहीं थे.
सारी रात हम दोनों सेक्स में डूबे हुए थे.

जब मैं होटल से घर आई तो शादी का घर होने की वजह से घर में बहुत सारे मेहमान थे.
मेरे ससुर और सास ने मेरी हालत को देखते हुए मुझे आराम करने के लिए कहा.

जब मैं बाथरूम में फ्रेश होने गई, तब मेरे ससुर हमारे रूम में आए.
मेरे ससुर ने किट्टू से कहा- सुहागरात मनाने के लिए भेजा था, उसकी हालत खराब करने के लिए नहीं, एक बार करके सोने का था … कितनी बार चुदाई की!

किट्टू- प्रीति की बात ही अलग है. अभी भी उससे मन नहीं भरा. आपको शादी कितने साल हो गए, फिर भी आप अम्मी की रोज लेते हो. रात की बात इतनी ज्यादा तो याद नहीं … लेकिन मैंने कम से कम छह या सात बार तो किया है.

अब्बू दिखने में किट्टू से भी गोरे थे जबकि अम्मी थोड़ी सी सांवली कलर की हैं.
अब्बू- अब उसे और कुछ नहीं करना!

वे इतना कह कर चले गए.

उसके बाद 5 दिन तक मुझे घर से बाहर नहीं जाना था.
इन 5 दिनों में किट्टू ने मुझे खूब बजाया.
वह सुबह दोपहर रात कभी भी चुदाई करने लगता था.

पाँच दिन के बाद मुझे वापस मायके में 5 दिन रहने के लिए जाना था.

पांचवें दिन की रात को उसने मुझे सोने नहीं दिया.
मेरे पूरे शरीर के ऊपर उसके दांतों के निशान थे और मैंने भी उसको बहुत जगह काट लिया था.

आपको मेरी सुहागरात की सच्ची घटना कैसी लगी?
फर्स्ट नाईट चुदाई कहानी पर अपने विचार मुझे मेरे मेल आईडी पर लिख कर भेजें.
[email protected]

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