दोस्त की बीवी बनी माशूका-2
(Dost Ki Biwi Bani Mashuka- Part 2)
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विकास और नीता भाभी के घर से लौट कर आया तो रोमा ने मुझे उत्तेजित करके सेक्स किया।
अगले दिन विकास दोपहर को मेरी फैक्ट्री आये और बोले- चल ठण्डा पिला!
मैंने फ्रिज से बोतल निकाल कर उसे दो गिलासों में करी।
ठंडा पीते पीते मैंने उनको सॉरी बोला।
विकास हंसकर बोले- सॉरी तो तुझे बोलना चाहिए पर नीता को जिसका बर्थडे तूने ख़राब कर दिया।
वो बोले- चाहे फिर कभी नहीं मानता, पर कल तो तुझे नीता को किसी बात के लिए मना नहीं करना चाहिए था।
मैंने विकास को बोला- आप मेरी ओर से भाभी को सॉरी बोल देना!
विकास बोले- गलती तूने की है, सॉरी तुझे खुद घर आकर बोलनी होगी।
मेरी हिम्मत नहीं पड़ रही थी, घर आने की तो विकास ने अपने मोबाइल से नीता का नंबर मिलाया और बोले- ले सनी से बात कर ले!
नीता ने मुझसे फ़ोन पर चुम्बन करते हुए कहा- जो कुछ हुआ, वो सबकी मर्जी से हुआ… उसे भूल जाओ और आज घर आ जाना!
मैं शाम को फैक्ट्री से घर जल्दी आ गया और रोमा को झूठ बोल कर कि मुझे किसी पार्टी के साथ फैक्ट्री पर ही डिनर करने जाना है, नहा धोकर निकल लिया।
घर से निकला ही था कि विकास का फ़ोन आ गया- कितनी देर में आ रहा है?
मैंने कहा- तुम लोग खाना खा लो, मैं रात को आऊँगा, जब तुम फ्री हो जाओ तो मुझे फोन कर देना!
जब आदमी बेईमानी पर आता है तो वो बहुत प्लानिंग करता है, मैंने होटल से खाना पैक कराया, फैक्ट्री जाकर खाना खाया।
तभी विकास का फ़ोन आ गया।
अब मेरे पास यदि रोमा शक करती या कुछ पूछती तो होटल का बिल भी था और विकास के घर जाने का बहाना भी था कि विकास ने फ़ोन करके बुलाया था।
मैं रात को नौ बजे करीब विकास के घर पहुँचा, विकास ने मेन गेट खोला और मुझे अन्दर करके बंद कर दिया।
चाचाजी चाचीजी अपने कमरे में सोने की तैयारी में होंगे, हम दबे पाँव ऊपर आये।
नीता भाभी ने आज काले रंग की स्लीवलेस मिडी पहन रखी थी और गोरी होने से उसके ऊपर खूब फब रही थी।
नीता की आँखें नशीली हो रही थी।
विकास ने मुझसे कहा कि मैंने नीता को उसके बर्थडे पर रुलाया है, इसलिए अब मैं ही उसे खुश करूँगा।
मैंने नीता के पास जाकर सॉरी बोला तो उसने मेरे बाल पकड़कर मुझे अपनी ओर खींचा और होठों से होंठ मिला दिये।
मुझे लगा कि शायद यही सही है तो मैंने कुछ एतराज नहीं किया और नीता के सर के पीछे दोनों हाथ ले जाकर उसे अपनी ओर भींच लिया और अपनी जीभ उसके मुंह के अन्दर कर के उसकी जीभ को चूसने लगा।
वो पागलों भी की तरह मेरी जीभ को अपनी जीभ से चूस रही थी।
अब अचानक ही मेरा एक हाथ उसके मम्मों पर आ गया और उसका एक हाथ मेरे लंड को टटोल रहा था।
अचानक ही विकास की आवाज़ आई- अरे भाई हमें भी शामिल कर लो बर्थडे पार्टी में!
सच में हम दोनों को ही झटका लगा… वाकयी हम तो यह भूल ही गए थे कि कमरे में विकास भी है।
पर नीता बहुत प्रैक्टिकल निकली, उसने विकास को भी खींचा और अब उसके होंठ विकास के होंठों से मिल चुके थे और उसके एक हाथ में मेरा और दूसरे हाथ में विकास का लंड था।
मैं भी थोड़ा झुककर उसकी मिडी के ऊपर से ही उसके मम्मे चूस रहा था।
यह देख विकास ने उसकी मिडी उठाकर उसकी चूत में अपनी उंगली कर दी थी।
दो मिनट के बाद ही नीता ने हम दोनों को धक्का देकर अलग कर दिया और नीचे बैठकर कभी मेरा कभी विकास का लंड चूसने लगी। उसका चूसने का स्टाइल ऐसा ग़जब था जैसे वो चूस कर अंदर का माल निकालना चाहती हो।
विकास और मेरे दोनों के लंड पूरे तने हुए थे। भाभी शिश्न की खाल को अपने हाथ से आगे पीछे कर के पूरी उत्तेजना पैदा कर रही थी।
विकास ने थोड़ा झुक कर नीता की मिडी ऊपर खींच कर उतार दी।
हम लोगों ने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिये।
अब हम तीनों बिल्कुल नंगे थे।
नीता खड़ी हुई और हम दोनों के हाथ पकड़कर बेड तक ले गई, वो बीच में लेटी, उसकी एक ओर मैं और दूसरी ओर विकास था।
उसने अपने हाथों में हम दोनों के लंड ले लिए, मैं उसके होंठों से चिपक गया, मेरे हाथ उसके चेहरे को मजबूती से अपनी ओर भींचे हुए थे।
विकास को कुछ और समझ में नहीं आया तो वो नीता से अपना लंड छुड़ाकर उसकी चूत को चूसने लगा।
नीता की चूत तो पहले ही पानी छोड़ चुकी थी।
विकास ने अपनी जीभ उसकी चूत में पूरी अन्दर कर रखी थी और उसने उसकी चूत में अपने मुँह से खूब सारा थूक भी वहाँ डाला हुआ था जो बहकर नीता की गांड तक आ रहा था।
विकास के चूमने चाटने से नीता की आग बहुत भड़क उठी थी।
अब मैं भी उसके होंठ छोड़कर उसके मम्मे चूस रहा था। नीता के मम्मे मांसल और गोरे थे और उसकी निप्पल भी उठी हुई थी। निप्पल के चारों ओर भूरे रंग की गोलाई थी, कुल मिलकर हूरों जैसा रूप था नीता का…
शायद किसी के लिए भी उसके नजदीक आना एक नसीब की बात थी और ऐसे हुस्न की मलिका आज नंगी मेरी बाँहों में थी।
विकास ने चूत चूसते चूसते अपनी एक उंगली नीता की गांड में कर दी, नीता हल्का सा चीखी!
तभी मैंने उसके निप्पल पर दातों से काटा था, मुझे लगा कि नीता मेरे काटने से चीखी है तो मैंने अपने होंठों से उसका मुँह सिल दिया। विकास ने भी अपनी जीभ की स्पीड और बढ़ा दी।
नीता ने मेरे कान में फुसफुसा कर कहा- अन्दर आ जाओ!
मैं वहाँ से हटा तो विकास को भी हटना पड़ा और विकास एक बार बेड से नीचे उतरा।
मैंने मौका साफ़ देखा तो नीता की टांगों के बीच में आ गया और धीरे से उसके ऊपर आ गया, नीता ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत के ऊपर रख दिया।
मैंने भी अपने लंड का दवाब नीता की चूत पर डाला और धीरे से उसकी चूत के अन्दर किया। चूंकि नीता की चूत को विकास पहले ही चिकना किये हुए था, इसलिए नीता को एक नए लंड से कोई दिक्कत नहीं हुई।
नीता भाभी और मेरे लिए अपने साथी के अलावा किसी अन्य से सम्भोग करने का पहला अवसर था इसलिए आग पूरी लगी हुई थी, दो जिस्म एक होने को बेक़रार थे, हम भूल चुके थे कि विकास कमरे में ही है।
नीता ने अपनी बाहें मेरी गर्दन में डालकर मुझे झुका लिया था और मैं भी अपना लंड पूरा अन्दर कर चुका था। नीता की कामाग्नि भड़क चुकी थी, वो मेरे लंड को और गहराई से अन्दर करना चाह रही थी।
मैंने धक्के देने शुरू किया… अब नीता की सीत्कारें निकलने लगी, वो हाँफ रही थी और कह रही थी- सनी और अन्दर करो… जोर से करो, और तेज करो प्लीज सनी… मुझे पूरा मजा दो… आज फाड़ दो मेरी चूत को!
मैंने भी पूरा जोर लगा कर अपनी स्पीड बढ़ा रखी थी।
अब विकास भी अब बेड पर पर नीता के सर के पास आ गया था, नीता ने हाथ बढ़ाकर विकास का लंड अपने मुँह में ले लिया।
विकास मुझे देखकर मुस्कुराया, मैंने अपने हाथ से विकास का हाथ पकड़ा।
तभी मुझे लगा कि मैं छूटने ही वाला हूँ, मैंने कहा- नीता भाभी, मैं आने वाला हूँ कहाँ निकालूँ?
नीता ने मुझे भींचते हुए कहा- बाहर मत निकालना!
मैं दो-चार धक्कों में ही आ गया, मैंने अपना सारा माल नीता भाभी की चिकनी चूत में डाल दिया और साफ़ करने के लिए उठने की कोशिश की पर नीता ने मुझे जकड़ लिया, बोली- कहीं मत जाओ, ऐसे ही पड़े रहो!
मगर मुझे लगा कि अभी विकास का तो हुआ नहीं है इसलिए मैं जोर देकर उठ गया और बाथरूम की ओर चल दिया।
कहानी जारी रहेगी।
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