बीवी की चूत चुदवाई गैर मर्द से-6
(Biwi Ki Chut Chudwai Gair Mard Se- Part 6)
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अब तक आपने पढ़ा..
आज नेहा ने मेरे सामने खुद को डॉक्टर साहब की बीवी साबित कर देने का मन बना लिया था।
अब आगे..
डॉक्टर साहब अन्दर गए और बोले- आज यार तुम कमाल कर रही हो।
वो बोली- जान टेंशन मत लो।
डॉक्टर साहब ड्रेस रूम के बाहर आ गए.. पीछे-पीछे वो भी आ गई।
वो मुझसे बोली- अरे गिलास नहीं लगाए?
मैंने तीन ग्लास में बीयर और दारू डाली और हम पीने लगे।
दो पैग लेने के बाद नेहा की एक बीयर खत्म हो गई थी। जब तक हम पी रहे थे, वो डॉक्टर साहब से ही बात करती रही। वो दोनों एकदम पास-पास बैठे थे।
मैंने फिर दारू डाली और नेहा के गिलास में बीयर डालने लगा।
तो बोली- दो गिलास में ही डालना।
मैंने कहा- तुमको नहीं लेना?
वो बोली- मैं और ये एक ही गिलास से पियेंगे.. एक गिलास में पीने से प्यार बढ़ता है।
वो दोनों एक ही गिलास से दारू पीने लगे।
थोड़ी देर में नेहा डॉक्टर साहब की गोदी में जा कर बैठ गई, नेहा डॉक्टर साहब से बोली- बीवी भारी तो नहीं लग रही न?
मेरे मुँह से निकल गया- यार साइड में बैठ कर पी लो न!
वो बोली- तुझको बड़ी पीछे मिर्ची लग रही है फुसफुस.. मैं अपने पति की गोद में बैठी हूँ।
फिर डॉक्टर साहब से बोली- इसको बताओगे कि कौन हो तुम?
डॉक्टर साहब बोले- छोड़ो..
बोली- मतलब तुम मुझको बीवी नहीं समझते बोलो?
डॉक्टर साहब बोले- हाँ बाबा समझता हूँ बीवी हो मेरी बस।
डॉक्टर साहब मुझसे बोले- नेहा मेरी गोदी में बैठी है.. तुम चुप होकर दारू पियो न..
नेहा मुझसे बोली- सुनो बहुत दारू पी ली.. मेरा एक काम कर दो.. वो तेल की बोतल लेते आओ और मेरे पैर के पंजों में तेल लगा दो।
मैं गया और तेल की शीशी ले आया। उसने डॉक्टर साहब की गोदी में बैठे-बैठे ही मेरी तरफ पैर कर दिए।
वो बोली- पंजों में तेल लगाओ.. तुम इसी काम के हो।
मैं उसके पंजों में तेल लगाने लगा तो बोली- जरा ऊपर भी लगा दो।
थोड़ी देर तेल लगवाने के बाद बोली- ये न बहुत अच्छी मालिश करता है.. कभी तुम्हारी भी इससे मालिश करवाउंगी।
नेहा मुझसे बोली- अब तुम दारू पियो और सो जाओ।
वो खुद डॉक्टर साहब की तरफ मुँह करके उनकी गोदी में बैठ गई। अब डॉक्टर साहब की सब शर्म खत्म हो चुकी थी उन्होंने भी नेहा को अपनी बांहों में समेट कर डीप स्मूच करना चालू कर दिया। दोनों एक-दूसरे के मुँह में मुँह में जीभ डाल कर चूसते रहे।
वो डॉक्टर साहब से बोली- कितने दिन हो गए न?
डॉक्टर साहब बोले- पूरी रात है मेरी जान!
मैं बिस्तर के बगल में कुर्सी पर बैठ कर दारू पी रहा था। डॉक्टर साहब ने उसके गले पर किस करना चालू किया। पहले एक तरफ चूमा.. फिर दूसरी तरफ।
वो भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, उसने भी उनके गले में और कान में किस किया।
डॉक्टर साहब की मेरे लिए एक आवाज आई- यार मानव सुन.. एक ड्रिंक बना दे।
मैंने ड्रिंक बना कर दिया, वो दोनों उसी गिलास से पीते रहे।
नेहा मेरी तरफ देख कर बोली- बस पीते ही रहना.. चलो अब उठ कर सब सामान बाहर टेबल पर रखो और चादर झाड़ दो।
फिर डॉक्टर साहब से बोली- बस इसको बैठ कर दारू पीना है.. इससे कुछ काम नहीं होता।
मैंने सब बाहर सामान बाहर रख दिया और चादर झाड़ दी।
वो उनकी गोदी से उठी और मुझसे बोली- सोना तो है नहीं.. तुझको.. सिर्फ अपनी डंडी ही ही सहलाना है.. तो किनारे तो बैठ जा.. और सहलाते रहा अपनी डंडी।
मैं किनारे बैठ गया।
नेहा डॉक्टर साहब से बोली- आओ पतिदेव.. मैंने अपने फुसफुस से तुम्हारे लिए बैटिंग करने को पिच साफ़ करा दी है।
डॉक्टर साहब बोले- आ जाओ मेरी जान.. आज ऐसी बैटिंग करूँगा कि तुम भी याद करोगी।
वो उन्होंने बिस्तर पर टाँगें फैला लीं। डॉक्टर साहब नेहा से लिपट गए और उसके मम्मों को सहलाते हुए किस करने लगे। नेहा भी डॉक्टर साहब के बालों में हाथ फिराने लगी।
डॉक्टर साहब बोले- तुम इस ड्रेस में बहुत सेक्सी लग रही हो.. लगता नहीं कि दो बच्चों की माँ हो। सच में कुंवारी लड़की भी क्या चिपक कर चूत देती होगी जो तुम देती हो।
वो भड़क गई और बोली- जाओ कुंवारी की चूत ले लो.. मुझको छोड़ो।
डॉक्टर साहब उसकी चूची को मसकते हुए बोले- अब तो तुमको बीवी बना लिया है.. तो बीवी की ही लूंगा।
नेहा ये सुनते ही डॉक्टर साहब से चिपट गई और बोली- छोड़ोगे तो नहीं?
डॉक्टर साहब बोले- कहीं लिखवा लो मेरी जान।
अब उन्होंने हाथ अपना नेहा की नाईटी में घुसा दिया और उसके मम्मों को मसलने लगे। नेहा भी उनके शॉर्ट्स के अन्दर हाथ डाल कर लंड सहलाने लगी।
डॉक्टर साहब ने नेहा की बेबी डॉल नाईटी की डोरी खींच दी और उसकी डोरी वाली ब्रा ऊपर कर दी।
नेहा के मम्मे नंगे नज़र आने लगे। उन्होंने एक चूची का निप्पल मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। फिर धीरे से निप्पल को काट लिया।
वो बोली- आउच.. क्या करते हो जी.. दर्द होता है न..
वो बोले- दर्द में ही तो मजा है मेरी जान!
डॉक्टर साहब ने अपने दूसरे हाथ से उसका दूसरा मम्मा पकड़ लिया और दबाने लगे।
नेहा ने उनकी तरफ घूम कर अपना दूसरा निप्पल भी उनके मुँह में दे दिया। नेहा की गोरी गांड मेरी तरफ थी और वो रेड डोरी वाली पेंटी में बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही थी।
डॉक्टर साहब एक हाथ से नेहा की गांड दबा रहे थे। नेहा ने डॉक्टर साहब का शॉर्ट्स खोल कर नीचे को कर दिया था और उनका लंड सहलाने लगी।
डॉक्टर साहब का लंड काफी लंबा और मोटा था.. जो अब बिल्कुल खड़ा हो गया था। नेहा उनकी लंड की खाल को आगे-पीछे कर रही थी।
नेहा मेरी खाल इतनी देर आगे-पीछे की होती तो मेरा लंड तो अब तक बह जाता।
डॉक्टर साहब ने नेहा की ब्रा की डोरी खोल दी, अब वो ऊपर पूरी नंगी हो गई थी, अब उसके शरीर पर केवल डोरी वाली पेंटी रह गई थी।
नेहा नीचे गई और उसने डॉक्टर साहब की निक्कर और फ्रेंची निकाल दी। उसने डॉक्टर साहब की फ्रेंची मेरी तरफ उछाल दी और हँसते हुए बोली- ले.. इसको सूँघ ले फुसफुस.. तुझे मेरे असली पति के लंड की खुशबू सूँघ कर रात में नींद अच्छी आएगी।
अब डॉक्टर साहब बनियान में थे।
नेहा नीचे आकर डॉक्टर साहब का लंड ऊपर करके उनकी गोलियों पर अपनी जीभ मारने लगी, डॉक्टर साहब ‘सी सी.. आह..’ करने लगे। नेहा ने लंड की गोलियां चूसते-चूसते उनका लंड चूसना शुरू कर दिया।
डॉक्टर साहब सिसियाते हुए बोले- जान तुम तो लंड चूस-चूस कर पागल कर देती हो।
अब नेहा ने लंड के टोपे पर अपनी जीभ फेरना शुरू कर दी थी।
डॉक्टर साहब भी खिलाड़ी थे, उन्होंने नेहा को ऊपर बिस्तर पर खींच लिया, खुद नीचे आ कर उसकी डोरी वाली पेंटी की डोरी खोल कर उसकी टाँगें फैला दीं।
अब उन्होंने अपनी जीभ नेहा की चूत में घुसा दी और जीभ को खूब तक अन्दर डाल कर उसकी चूत चूसने लगे।
चूत चुसाई से नेहा के मुँह से ‘आह्ह्ह्ह.. हह.. हहह.. ओह्ह्ह..’ की आवाज निकलने लगी।
मैं दूर बैठा हुआ मुठ मार कर अब तक दो बार झड़ चुका था। जब नेहा और डॉक्टर साहब फुल गर्म थे।
नेहा बोली- आओ ना.. जान डालो ना..
उसने डॉक्टर साहब को ऊपर खींच लिया। डॉक्टर साहब सीधे हुए तो नेहा उनके ऊपर चढ़ गई और उनके लंड को अपनी चूत में अपने हाथ से पकड़ कर धीरे से अन्दर डालने लगी।
लंड के चूत में घुसते ही वो धीरे-धीरे आगे-पीछे होने लगी।
डॉक्टर साहब ने अपने दोनों हाथों से उसके मम्मे मसलने चालू कर दिए।
बीच में डॉक्टर साहब नेहा को अपनी तरफ झुका कर कभी उसके एक निप्पल को और कभी दूसरे निप्पल को चूसने लगे।
डॉक्टर साहब नीचे से लंड से चूत में हल्के-हल्के झटके देने लगे। फिर उन्होंने धक्के देने की स्पीड बढ़ाई और ‘फच.. फच..’ की आवाज आने लगी।
नेहा के मम्मे जोर-जोर से उछल रहे थे। वो जोर-जोर से बोले जा रही थी- आह्ह.. बहुत मजा आ रहा है सचिन.. बहुत मजा आ रहा है.. सचिन.. क्या उछाल-उछाल कर मेरी चूत लेते हो.. आह्ह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरी जान आह्ह्ह्ह.. मजा आ गया।
मुझे अपनी बीवी को गैर मर्द के लंड से चुदते हुए देख कर ऐसा लग रहा था लाइव ब्लू-फिल्म चल रही है।
थोड़ी देर नेहा को उछालने के बाद डॉक्टर साहब बैठ गए और बैठ कर नेहा को अपने लंड पर उछालने रहे।
वो दोनों एकदम नंगे एक-दूसरे से चिपके हुए चुदाई कर रहे थे, डॉक्टर साहब नेहा को अपने शरीर से चिपकाए हुए उसके निप्पल और मम्मों पर अपनी जीभ दम से मारते जा रहे थे।
कुछ ही पल बाद डॉक्टर साहब ने नेहा को बिस्तर पे लिटा दिया और उसकी टाँगें पूरी फैला दीं। डॉक्टर साहब ने खुद पोजीशन में बैठ कर लंड को टिका कर एक जोरदार धक्का नेहा की चूत में मार दिया।
नेहा जोर से चीखी- उउउइ माँ.. मार डाला.. एकदम से पेल दिया इतना मोटा लंड.. सचिन.. बड़े बेदर्दी हो..
डॉक्टर साहब ने जोरदार धक्के मारने शुरू किए।
नेहा बोली- तुम्हें तो मेरी टाँगें फैलाए बिना चूत चोदने में मजा ही नहीं आता.. गांड भारी कर देते हो।
डॉक्टर साहब जोश में थे.. बोले- हाँ जानू मुझे तुम्हारी गांड भारी ही करनी है।
उन्होंने धकापेल लंड पेलना चालू रखा। नेहा के मुँह से ‘आह्ह्ह्ह.. आअह्ह्ह..’ निकली जा रही थी।
नेहा कि गर्मागर्म चुदाई का खेल अभी चल रहा है।
बस मैं अभी आया और आपको आगे की कहानी को बयान करता हूँ।
आपके ईमेल मुझे मिलते हैं तो मेरा भी जोश भी बढ़ जाता है।
[email protected]
कहानी जारी है।
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