बीवी की चुत चुदाई मेरे दोस्त से-3
( Hindi Adult Story : Meri Biwi Ki Chut Chudai Mere Dost Se- Part 3)
हिंदी एडल्ट स्टोरी का पहला भाग : बीवी की चुत चुदाई मेरे दोस्त से-1
कहानी का दूसरा भाग : बीवी की चुत चुदाई मेरे दोस्त से-2
मेरी एडल्ट स्टोरी में अभी तक आपने पढ़ा कि मैं अपनी बीवी को अपने दोस्त से चुदवाने लाया था और कार में मेरी बीवी पूरी नंगी होकर मेरे दोस्त का लंड चूसने लगी थी.
प्रिया की आँखों में बढ़ती हुई वासना साफ़ नज़र आ रही थी। उसने आदित्य को लौड़े को और जोर से चूसा और अपना नरम और गर्म मुंह उस मोटे, काले और गर्म लौड़े पर और ज्यादा चढ़ा दिया और गालों को जोर से अंदर खींच कर मुंह में वैक्यूम बना कर जोर से चूसा।
मैंने देखा कि मेरी मस्त गर्म बीवी के मुंह में आदित्य का लौड़ा लगभग 7 इंच अंदर था और प्रिया की नाक उसकी झांटों में घुस रही थी। आदित्य मस्ती में डूबा था और उसकी उंगलियाँ मेरी जवान बीवी की मस्त चूत में तेजी से अंदर बाहर हो रही थी। मैं आदित्य की उंगलियों की स्पीड और स्टैमिना से दंग रह गया। वो इतनी तेजी से प्रिया की चूत उंगलियों से चोद रहा था कि पूरी कार जोर जोर से हिल रही थी। मुझे आमिर खान की पी के फिल्म की “डांसिंग कार” याद आ गयी। बाहर से देख कर किसी को भी लगता कि इस कार में मेरी बीवी की जबरदस्त चुदाई चल रही है जबकि वो केवल प्रिया की चूत को उंगलियों से मजा दे रहा था।
दूसरी तरफ प्रिया वासना में बेसुध, आदित्य के लौड़े को पूरी मस्ती से चूस रही थी और लग रहा था कि वो उसको बिना झाड़े छोड़ेगी नहीं। आदित्य भी मस्ती में सिसकारी भर रहा था और दूसरे हाथ से उसने प्रिया का सर पकड़ कर अपने लौड़े पर उसका मुंह फिट किया हुआ था और अपने चूतड़ हिला हिला कर मेरी रंडी पत्नी के भूखे मुंह में अपना मोटा लौड़ा अंदर बाहर घुसेड़ रहा था।
आदित्य मेरी तरफ देख कर बोला- यार तेरी बीवी तो बहुत मस्त और गर्म है। तुम्हारे अकेले लौड़े से इसका कुछ नहीं होगा इसको तो कई लौड़ों से चुदवाना चाहिए।
यह सुन कर प्रिया और ज्यादा गर्म हो गयी और ज्यादा जोर से आदित्य का मोटा और काला लौड़ा चूसने लगी।
मैं अपनी बीवी को इस तरह वासना में डूबी और मस्ती करते देख कर बहुत गर्म था। मेरा लौड़ा खूंटे की तरह खड़ा था और प्रिया आदित्य का मोटा लण्ड चूसते हुए साथ साथ अपने हाथ से मेरे लौड़े को प्यार जता रही थी।
आदित्य अपने दोनों हाथों से प्रिया का सिर पकड़ कर अपने लौड़े से उसके मुंह को चोद रहा था।
इधर मैंने मस्ती में आकर प्रिया की गांड पर जोर जोर से कुछ थप्पड़ लगाए और फिर उसकी चूत में अपनी उंगलियाँ डाल कर चूत को मस्ती से चोदने लगा। प्रिया बहुत गर्म थी और जोर जोर से चूत हिला हिला कर साथ में आदित्य का लौड़ा पूरे मन से चूसते हुए मस्ती ले रही थी।
थोड़ी देर में आदित्य ने प्रिया के मुंह से एक गहरी सांस भर के अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया तो मुझे लगा कि शायद वो उसके मुंह में ही झड़ गया पर उसने कहा- मैं अपना माल पहली बार में इसकी चूत में ही डालूँगा।
यह सुनकर प्रिया मस्त हो गयी और मुझे भी बड़ा मजा आया।
इधर मैं प्रिया की चूत में उंगलियाँ डाल कर जोर जोर से हिला कर उसको मजे दे था।
कार में अब मस्त सीन था- ड्राइविंग सीट में मैं अपना बरमूडा उतार कर कमर से नीचे नंगा था, मेरा लौड़ा खूंटे की तरह खड़ा था, मेरे पीछे वाली सीट पर आदित्य बैठा था और वो भी कमर नीचे नंगा था। उसका मोटा और लम्बा लौड़ा भी बिल्कुल तना हुआ खड़ा था और प्रिया ड्राइविंग सीट के बगल वाली पैसेंजर सीट में ऊपर पैर करके बिल्कुल नंगी बैठी थी, उसकी सीट की बैक बिल्कुल पीछे को झुकाई हुई थी जिससे उसकी सीट एक बिना पीठ टिकाने की बैक वाली बेंच जैसी लग रही थी।
प्रिया घुटने टिका कर विंडशील्ड की तरफ पीठ कर बैठी थी उसका मुंह पीछे की तरफ था और गांड आगे की तरफ। उसने अपनी गांड ऊपर की हुई थी जिससे उसकी चूत खुली हुई थी और मैं थोड़ा आगे झुक कर उसकी चूत में अपनी उंगलियाँ डाल कर मस्ती से हिला रहा था।
प्रिया का एक हाथ मेरे लौड़े को सहला रहा था और दूसरा हाथ आदित्य के लौड़े को प्यार से मसल रहा था।
आदित्य आगे झुक कर उसको चूम रहा था और मैं अपने दूसरे हाथ से उसकी मोटी मोटी चूचियों को मसल रहा था और उसके काले अंगूर जैसे निप्प्लेस को मरोड़ और खींच रहा था। प्रिया के चेहरे, गर्दन और कन्धों को आदित्य खूब मस्ती और अधीरता से सहला रहा था चूम रहा था उसने नीचे झुक कर एकाएक फिर से प्रिया की विशाल और छलछलाती हुई पपीते जैसी लटकी दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों में कस कर जकड़ लिया और मुझे अपना हाथ अपनी ही पत्नी की चूचियों से हटाना पड़ा ताकि कोई और मेरी पत्नी की चूचियाँ निचोड़ सके।
आदित्य के चूचियाँ पकड़ते ही प्रिया जोर से मस्ती में कराही और बोली- आह! आदित्य आज इनको खूब मसलो! निचोड़ डालो, राज, तुम दोनों मिल कर जोर से चूसो!
और अपनी चूचियाँ उभार कर बोली- काट लो मेरे निप्पल, खींच लो इनको, आज इनसे दूध निकाल लो!
हम सब मस्ती में डूबे थे और खूब गर्म थे। प्रिया की वासना में डूबी सिसकारियाँ कार में गूँज रही थी जिससे मैं और आदित्य और भी ज्यादा उत्तेजित हो रहे थे। आदित्य पूरे मन से मेरी बीवी की चूचियों का मर्दन कर रहा था जैसे कि मुफ्त का माल हो।
मुझे थोड़ी सी हंसी भी आई जब मैंने सोचा कि उसके लिए तो मुफ्त का ही माल है।
इससे पहले भी प्रिया के साथ कार में मैंने कई बार मस्ती की और कुछ दोस्तों के साथ मिल कर भी उसकी चूचियाँ चूसी थी और चूत मसली थी पर प्रिया कभी इतनी ज्यादा गर्म नहीं हुई थी। आज मुझे लग रहा था कि प्रिया प्रिया शायद कार में ही हम दोनों से चुद जाएगी और मैं सोच रहा था कि मेरे पास तो आज कंडोम भी नहीं है।
शायद आदित्य के मोटे लौड़े से प्रिया बहुत उत्तेजित हो गयी थी। मेरा लौड़ा लम्बाई में तो आदित्य के बराबर ही है पर उसका लौड़ा लगभग मेरे लण्ड से डेढ़ गुना मोटा है।
प्रिया लगातार अपने हाथ से हम दोनों के लौड़ों को मसल रही थी। प्रिया इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गयी थी कि अगर उसका बस चलता तो वो हम दोनों के लौड़े एक साथ अपनी चूत में घुसा कर इसका भोसड़ा बना लेती। पर कार में ये संभव नहीं था और हालाँकि कार में मस्ती करने में मजा बहुत आता है पर चुदाई बिस्तर पर ही करने में मजा आता है।
थोड़ी देर प्रिया की चूचियाँ अच्छी तरह मसल कर आदित्य ने एक बार फिर अपनी उंगलियाँ प्रिया की खुली और भीगी हुई चूत में घुसा दी।
मैं एक बार फिर प्रिया की मस्त मोटी चूचियों पर टूट पड़ा और उन्हें आटे की तरह गूँथने लगा। प्रिया बहुत मस्त हो गयी और अपनी चूत आदित्य की उंगलियों पर नचा नचा कर कूद रही थी और साथ ही अपनी चूचियाँ मुझसे जोर से मसलवा और चुसवा रही थी।
उसके मुंह से वासना की अजीब आवाजें निकल रही थी जो और तेज होती जा रही थी। आदित्य बिजली की तेजी से अपनी उंगलियाँ मेरी बीवी के भोसड़े में अंदर बाहर कर रहा था। एकाएक प्रिया जोर की गुर्राहट के साथ कांपने लगी और उसकी टांगें एकाएक बंद होने लगी और उसने अपनी जाँघों में कस कर आदित्य का अपनी चूत में घुसा हुआ हाथ जकड़ लिया और जोर से कांपते हुए झड़ने लगी।
थोड़ी देर वो आँखें बंद करके मस्ती के सागर में डूबती रही, उसके चेहरे पर गहरे संतोष के भाव के साथ एक हल्की सी मुस्कराहट थी और माथे पर पसीने की छोटी छोटी बूँदें।
प्रिया वहां कार में हम दोनों के सामने बिल्कुल नंगी लेटी हुई, अपने गहरे ओर्गास्म की मस्ती में डूबी हुई इतनी सेक्सी लग रही थी कि हम दोनों मस्त थे। उसकी कसी हुई जाँघों के बीच आदित्य का हाथ अभी भी उसकी चूत में था और भी धीरे से अपनी उंगलियों से उसकी चूत कुरेद रहा था जिससे प्रिया की मस्ती और बढ़ी हुई थी।
उसके दोनों हाथ हम लौड़ों पर थे और वो भी धीरे से हमारे खड़े हुए लण्ड सहला रही थी और मैं अपनी बीवी के नंगे शरीर को एक दूसरे आदमी के साथ देखते हुए उसकी चूचियाँ सहला रहा था। प्रिया की चूत से इतना मद रस निकला था कि लगभग पूरी सीट गीली हो गयी थी और वो सीट पर फैले अपनी टाँगें चौड़ी खोल कर और चूत के रस में अपनी गांड टिका कर बैठी हुई एक सड़क छाप वेश्या लग रही थी।
थोड़ी देर बाद उसने गहरी सांस भर के अपनी आँखें खोली और हम दोनों की तरफ वासना भरी कृतज्ञता से देखा जैसे इस मस्ती भरे अनुभव के लिए हम दोनों का शुक्रिया अदा कर रही हो।
धीरे से उसने अपनी जांघें खोलीं और मैंने उसकी गीली चूत में आदित्य का हाथ घुसा देखा। आदित्य की तीन उंगलियाँ अभी उसकी चूत में ही थी और वो अभी भी धीरे धीरे उसकी चूत में हाथ घुमा रहा था।
प्रिया धीरे धीरे मस्ती में सिसक रही थी।
थोड़ी देर बाद मैंने आदित्य से कहा- वापिस चलें?
उसने बड़े बेमन से कहा- चलते हैं।
और प्रिया ने धीरे से उसका हाथ अपनी चूत से निकाला।
मैंने प्रिया और आदित्य को पेपर टिश्यू दिया, उन दोनों ने अपने अपने को साफ़ किया और सीधे बैठ गए।
लग रहा था जैसे प्रिया अभी कपड़े ना पहनना चाहती हो। पर थोड़ी देर में उसने सीधे बैठ कर अपनी ड्रेस पहननी शुरू कर दी मैंने उसको अपनी ड्रेस से चूचियाँ नहीं ढकने दी और वहां से ड्राइव करना शुरू कर दिया।
आदित्य को ड्राप करने की जगह पहुँचने तक हम दोनों प्रिया की लाल हो गयी चूचियों को सहलाते रहे और इनके साथ मजे लेते रहे।
आदित्य को उतारने से थोड़ा पहले प्रिया ने अपनी चूचियाँ ढक ली। जब आदित्य उतरा तो वहां भी अँधेरा था और मैंने प्रिया से कहा कि वो आदित्य को एक बार फिर से अपनी चूचियों की झलक दिखा दे और बेबाक प्रिया ने अपनी सेक्सी ड्रेस नीचे करके उसको अपनी नंगी चूचियों के दर्शन फिर से करा दिए।
यह तो हुई पहले की बात, अब आज की बात:
जैसा कि मैंने शुरू में बताया था कि मैंने प्रिया को आदित्य के घर चुदने के लिए चलने को कहा तो चिंतित थी पर मैंने उसको विश्वास दिलाया कि आदित्य को मैं काफी समय से जानता हूँ और चिंता की कोई बात नहीं है तो प्रिया मस्ती में चुदने के लिए आदित्य के घर जाने को शाम से ही मान गयी। मैं हमेशा की तरह उसके निप्पल और चूचियों के साथ मस्ती कर रहा था और मुझे पूरा विश्वास है कि प्रिया की चूत से लगातार रस टपक रहा था।
मैंने आदित्य को फ़ोन किया तो वो भी सुन कर खुश हो गया। वो घर में रात को अकेला था क्योंकि उसकी पत्नी और बच्चे इसी शहर में किसी के घर फंक्शन में गए हुए थे। मैंने आदित्य को बोला कि हम अपने बच्चों को डिनर खिला कर घर से साढ़े दस के करीब निकल कर 11 बजे उसके घर पहुंचेंगे।
पर डिनर से पहले मेरे ऑफिस के एक साथी अकेले किसी काम से मुझसे मिलने आ गए। प्रिया पहले तो सकपकाई पर फिर एक झीनी सी चुन्नी अपनी बड़े से गले वाली पतली-सी टी शर्ट के ऊपर डाल कर उनके लिए पानी लेकर आ गई। जब उसने झुक कर मेरे ऑफिस कॉलीग को पानी दिया तो मैंने देखा कि प्रिया ने चुन्नी तो डाली थी पर कुछ इस तरह से की उसकी झीनी टी-शर्ट का बड़ा और गहरा सा गला पूरा खुला था और उसकी चूचियों की घाटियाँ साफ़ नज़र आ रही थी।
मैंने देखा कि मेरा ऑफिस का दोस्त अपलक भूखी नजरों से मेरी बीवी की चूचियों को देख रहा था और प्रिया भी जानती थी कि वो क्या देख रहा है. गर्मी देख कर मेरा लौड़ा स्पेस शटल के राकेट की तरह हो गया। मेरा बस चलता तो उसको वहीं अपने साथी के सामने नंगी करके चोद डालता।
पर घर पर ऊपर बच्चे पढ़ रहे थे और माँ भी अपने कमरे थी इसलिए मन मसोस कर रह गया।
प्रिया की चुन्नी का पल्लू नीचे ढलक गया था और अब न केवल उसके गहरे गले से उसके सीने की गोलाइयाँ झलक रही थी बल्कि उसकी एक कड़ी हो चुकी निप्पल भी टी-शर्ट में से उभरी हुई थी जिसकी वजह से साथी को साफ़ मालूम चल गया होगा कि मेरी रंडी बीवी ने पतली सी टी-शर्ट के नीचे ब्रा या अंडर-शर्ट नहीं पहनी थी। प्रिया की चूचियाँ मोटी और बड़ी होने के कारण उसके जरा सा हिलते ही टी-शर्ट में छलछलाने लगती हैं और मेरा साथी इस बात का पूरा फायदा उठा रहा था।
मैंने प्रिया से चाय लाने को कहा तो वो उठी और झुक कर मेज से पानी का गिलास उठाने लगी तो उसकी चुन्नी के दोनों सिरे नीचे लटक गए और चुन्नी बिल्कुल नाकारा हो गयी और उसके बड़े गले से उसकी पूरी चूचियाँ मेरे साथी ने देखी होंगी, शायद उसे प्रिया के मोटे काले और तने हुए निप्पल भी दिख गए होंगे।
प्रिया किचन की तरफ चली गयी और हम दोनों बातें करने लगे। मैंने देखा कि उसने अपने पैरों को एक के ऊपर एक इस तरह रखा था जिस से उसका पैंट में खड़ा हुआ लौड़ा छुप जाये।
वो बातें मुझसे कर रहा था पर उसकी नज़रें बार बार किचन के दरवाज़े की तरफ जा रही थी। मेरा ये कॉलीग मुझसे करीब 8-10 साल बड़ा है (लगभग 51- 52 साल का) और मुझे इस बात से मजा आ रहा था कि मेरी सेक्सी पत्नी को देख कर वो सेक्स की आंच से गर्म हो रहा था।
करीब 5 मिनट में उसका लौड़ा थोड़ा नर्म पड़ा और तभी मेरी मस्त बीवी किचन के दरवाज़े से चाय लेकर आती हुई दिखाई दी। प्रिया को देख कर मेरा लौड़ा भी फिर से कड़क हो गया।
प्रिया ने जाने क्यों अपनी चुन्नी उतार कर रख दी थी और टीशर्ट के गले तो आगे को खींच कर अपनी छातियाँ और उजागर कर दी थी। वो किचन से आ रही थी तो उसकी मोटी मोटी चूचियाँ हर कदम के साथ हिल हिल कर न्योता दे रही थीं कि आओ और हमारा मर्दन कर दो और उसके मोटे-मोटे निप्पल उसकी टी-शर्ट में छेद करने को तैयार थे और बिल्कुल साफ़ नज़र आ रहे थे।
उसकी चाल से ही मालूम चल रहा था कि वो चुदास की आग से भरी है।
प्रिया ने आकर पहले मेहमान के सामने झुक कर चाय सर्व की और जब मेरे साथी ने कप उठाया तो उसकी नज़रें प्रिया की टी-शर्ट के गले के अंदर थीं और उसका चेहरा लाल था। प्रिया ने बहुत कूल तरीके से उनसे बिस्कुट लेने को कहा और उसके सामने लगभग 45 सेकंड तक झुकी रही और उसको अपनी मोटी चूचियों और तने हुए निप्पलों का दीदार कराती रही।
मैं अपने दोस्त के सामने बैठा था और जैसे ही मेरी नज़र झुकी तो मैंने पाया कि प्रिया की हौजरी वाली पजामी बहुत टाइट थी और उसके नीचे कच्छी नहीं थी। ऐसे लग रहा था कि उसकी मोटी नंगी गांड के ऊपर सफ़ेद रंग पोत दिया गया हो और उसकी चूत के पास से वो थोड़ी गीली भी थी।
फिर वो सीधी होकर मेरे पास आई और उसी तरह झुक कर मुझे भी चाय दी और धीरे से मेरी और देख कर बांयी आँख दबा कर हल्के से मुस्कुराई। मैंने उसको देखा और बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कराहट रोकी उसकी टी-शर्ट का गला इतना आगे था कि मुझे न केवल उसकी दोनों मस्त चूचियाँ, बल्कि उसके दोनों तने हुए काले निप्पल और चूचियों के पीछे पेट और पजामी की इलास्टिक तक दिख रही थी।
मैं सोच रहा था कि मेरे दोस्त का क्या हाल हुआ होगा उसको ऐसे देख कर और ये सोच कर जब मैंने नज़र दोस्त की तरफ उठायी तो देखा कि वो एकटक मेरी बीवी की गांड को घूर रहा था।
उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मेरी मदमस्त रंगीली बीवी अगर मस्ती में आ जाये तो बेशर्मी में किसी रंडी को भी मात दे सकती है।
मेरी बीवी की चुदाई की यह कामुकता भरी हिंदी एडल्ट स्टोरी कैसी लगी?
[email protected]
What did you think of this story??
Comments