मैरिड कपल का गांडू दोस्त- 1
(Bisexual Husband Sex Kahani)
बाईसेक्सुअल हसबैंड सेक्स कहानी में एक आदमी की शादी बेहद हसीं लड़की से हो गयी. उस आदमी का एक दोस्त उसी के साथ रहता था और उससे गांड मरवाता था.
दोस्तो, आज की कहानी जुनैद और तबस्सुम की है.
दोनों एक-दूसरे से भरपूर प्यार करने वाले.
जुनैद सेक्स का शौक़ीन … कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता और तबस्सुम बहुत शर्मीली पर सेक्सी जिस्म की मालकिन, बला की खूबसूरत.
तबस्सुम जब पढ़ती थी तो स्कूल से लेकर कॉलेज तक आशिकों की लाइन लगी रहती.
पर तबस्सुम ने कभी किसी की और आँख उठा कर नहीं देखा.
उसने अपना हुस्न और जवानी अपने सपनों के राजकुमार के लिए सज़ा कर रखी थी.
और उधर जुनैद मियाँ … पक्के हरामी. कोई लड़की नहीं छोड़ी.
जिसकी जैसे मिल गयी, ले ली.
वे पूरे मोहल्ले में मजनूँ के नाम से मशहूर थे.
पता नहीं क्या हुनर आता था जनाब को कि जिसको भी एक नजर देखा, वो तहमत के नीचे आ गयी.
जुनैद के वालिद और वालिदान परेशान थे कि कहीं कोई ऊंच नीच हो गयी तो!
तब जुनैद की खाला की निगाह किसी निकाह में तबस्सुम पर पड़ी और वह लड़की उनके दिल में भर गयी.
बस फिर क्या था, अगले हफ्ते ही तबस्सुम के घर का पता पूछ कर खाला पहुँच गयी एक आम का टोकरा लेकर और रिश्ता पक्का करके ही लौटीं.
तय दिन पर जुनैद और तबस्सुम का निकाह मुक्कम्मल हुआ.
दावत-ए-वलीमा इतना ज़ोरदार हुई कि रामपुर के बाशिंदे याद रखेंगे.
सुहागरात में जुनैद मियाँ ने तबस्सुम के जिस्म का हर नट बोल्ट ढीला कर दिया.
जुनैद तो खेले खाए थे पर मासूम तबस्सुम के लिए पहला मंज़र था.
हालाँकि उनकी भाभी ने जुनैद मियाँ के कारनामे सुन के तबस्सुम की चूत चिकनी करवा दी थी और उसे अपने कमरे में एक दो बार पोर्न दिखा दी थीं ताकि तबस्सुम का तार्रुफ़ लंड से और उसके इस्तेमाल से हो जाए.
पर शर्मीली तबस्सुम की ज़हन में सिवाय खौफ के कुछ न घुसा.
और अब सुहाग सेज पर तबस्सुम ने ऊपर वाले का नाम लेकर अपने आपको जुनैद के हवाले कर दिया.
जहां पोर्न मूवीज में आह, ओह, आउच की आवाज़ आती थीं, वहीं उनके बिस्तर पर तबस्सुम बार बार याल्ला कर रही थी.
तबस्सुम का मखमली जिस्म आधा तो मेहंदी से रचा हुआ था.
जुनैद ने पहले तो शराफत से तबस्सुम के पूरे कपड़े उतारे.
तबस्सुम ने शर्मा कर अपने मेहंदी रचे हाथों से अपना जिस्म ढकने की कोशिश की पर नाकामयाबी में अपना चेहरा ढांप लिया.
जुनैद ने बड़ी नफासत से उसके जिस्म के हर अंग को चूमा.
फिर धीरे धीरे शराफत छोड़ कर अपनी औकात पर आ गए और तबस्सुम के हर छेद को टटोला.
पीछे तो तबस्सुम ने उन्हें करने नहीं दिया पर जुनैद ने उससे अपना लंड जबरदस्ती चुसवा ही लिया.
आधी रात के बाद तबस्सुम ने हाथ जोड़कर जुनैद से कहा कि आज के लिए इतना काफी है, आगे से वह उसका साथ देगी.
सोते सोते जुनैद ने तबस्सुम के मम्मे एक बार फिर निचोड़ लिए और उससे चिपट कर सो गया.
जुनैद ने जबरदस्ती अपना लंड तबस्सुम के मेहंदी रचे हाथ में पकड़ाया कि इसे पकड़कर सो जाओ.
तबस्सुम लंड को ऐसे पकड़ कर सो गयी जैसे घेर में कोई भैंस की सांकल पकड़ कर सोता है.
सुबह तबस्सुम की आँख तब खुलीं जब उसके मम्मे जुनैद के मुंह में गपगपा रहे थे और जुनैद का लंड उसकी चूत में घुसने को बेताब था.
हालाँकि तबस्सुम को दर्द हो रहा था, पर वह जुनैद को मना न कर सकी और जुनैद ने उसकी टांगें फैला कर फिर एक बार अपना मूसल घुसेड़ दिया उसकी मखमली चूत में!
बाहर अम्मी आवाज़ दे रही थीं कि उठ जाएँ, दिन निकल आया है.
तबस्सुम ने जैसे-तैसे चुदाई पूरी की और बाथरूम में भागी.
पीछे पीछे जुनैद मियां भी कपड़े पहन कर बाहर आये और सभी की बधाइयां मुस्कुरा कर लेते रहे.
तबस्सुम को बिस्तर से उठते समय यह अहसास हुआ कि उसकी चूत में झिल्ली फटने से खून भी निकला था और उसे चलने में दर्द भी हो रहा है.
उसने अपनी भाभी को मोबाइल से बात करके सारी बात बतायी तो उन्होंने उसे गर्म पानी से सिकाई करने को कहा और बताया कि उसके पर्स में दो गोलियां दर्द की रखी हैं, फिलहाल वो ले ले.
जुनैद सूरत में एक कपड़ा मिल में मेंटिनेंस मेनेजर थे.
एक तीन कमरों का मकान था. ठीक-ठाक तनख्वाह थी और छुट्टी के दिन किसी और मिल में काम देखने जाते तो अच्छे पैसे बन जाते.
उसके मकान में उसका जिगरी दोस्त उमेश भी रहता था.
इस बाईसेक्सुअल हसबैंड सेक्स कहानी में तीसरा पात्र यही उमेशा है.
उमेश बंगाली और मजबूत कद काठी का था, दोनों की खूब पटती थी.
सही बात तो यह है कि कोई लड़की न मिलने पर जुनैद उसकी गांड मार लिया करते थे.
अब जुनैद की शादी तय होने पर उमेश ने मकान बदलना चाहा तो जुनैद ने मना कर दिया कि उमेश अपने अलग कमरे में रहेगा और जुनैद अपनी बीवी के साथ अलग कमरे में. खाना साथ ही खाया करेंगे. आज नहीं तो कल उमेश की भी शादी हो जायेगी तब बड़ा मकान ले लेंगे.
धीरे धीरे तबस्सुम उमेश से घुलमिल गयी.
अब तीनों के हंसी मजाक चलने लगे.
उमेश की निगाहें तबस्सुम के गदराये बदन से हटती नहीं थीं.
तबस्सुम को शुरू में तो ये अटपटा लगा पर जब उसने जुनैद से शिकायत की तो जुनैद ने इसे मज़ाक में लिया और कहा- तुमने उसकी निगाहें देखीं, उसका तम्बू नहीं देखा. कैसा तन जाता है तुम्हें देखकर!
उमेश बहुत जिंदादिल और बातूनी था तो अब तबस्सुम को भी अच्छा लगने लगा.
तीनों देर रात बेड पर बैठ कर टी वी देखते या गप्पें मारते रहते.
जुनैद उमेश के सामने ही तबस्सुम से चिपकता रहता.
तबस्सुम उसे आँख भी दिखाती तो वो नहीं मानता.
कितनी बार तो चूम भी लेता.
एक दिन तो उसने हद ही कर दी.
तीनों बेड पर अधलेटे मूवी देख रहे थे.
तबस्सुम जुनैद का सहारा लेकर लेटी थी और उमेश उनसे अलग बेड पर ही लेटा था.
जुनैद के हाथ तबस्सुम की कमर से होते हुए उसे घेरे थे.
तबस्सुम का एक हाथ पीछे था, जिसको अँधेरे का फायदा उठाकर जुनैद ने अपनी तहमत के अंदर कर रखा था और तबस्सुम की गिरफ्त में उसका तन्तनाया लंड था.
अचानक एक गर्मागर्म सीन आ गया.
कमरे में सिर्फ टी वी की रोशनी थी.
जुनैद ने तबस्सुम की टी शर्ट के अंदर हाथ डाल कर मम्मे पकड़ कर मसल दिए.
तबस्सुम कसमसा गयी, उसकी आह निकल गयी.
उमेश पलटा तो तबस्सुम ने अपने को जुनैद की गिरफ्त से छुड़ाया और हंसती हुई उठ गयी- तुम बदमाशी ज्यादा करने लग गए हो. तुम दोनों लेटो, मैं चाय बना कर लाती हूँ.
उसके जाते ही उमेश जुनैद से बोला- साले ज्यादा ही मन कर रहा था तो मुझे कह देता, मैं चला जाता.
तो जुनैद बोला- यार, मन अचानक कर गया और कण्ट्रोल नहीं हुआ. इसके मम्मे हैं ही इतने मस्त.
जुनैद की तहमत से उसका लंड बाहर झाँक रहा था.
उमेश आगे बढ़ा और उसका लंड पकड़ लिया और लगा चूसने.
जुनैद भी मूड में आ गया और बोला- तू हाफ पेंट उतार अपनी, तेरी मारूंगा.
उमेश बोला- मेरे रूम में चल, यहाँ तबस्सुम आ जायेगी.
जुनैद नहीं माना, बोला- जब तक वह आएगी हम काम निबटा लेंगे.
उसने टी वी बंद कर दिया.
अब कमरे में पूरा अँधेरा हो गया.
जुनैद उमेश के ऊपर चढ़ गया और थूक लगा कर अपना लंड घुसेड़ दिया उमेश की गांड में!
बहुत दिनों बाद मौक़ा मिला था दोनों को.
जुनैद पूरे दमखम के साथ गांड मार रहा था उमेश की.
आज चूंकि उमेश की गांड में तेल या जेल कुछ नहीं लगा था तो उसे भी लग रही थी.
पर बहुत दिनों बाद हो रहा था तो वह भी मज़े ले रहा था.
अचानक कमरे की लाईट जल गयी. बेड पर जुनैद और उमेश नंगे लगे पड़े थे.
तबस्सुम के हाथ में चाय के कप की ट्रे थी.
वह इन्हें देख कर काँप गयी और उलटे पाँव रसोई में भाग गयी.
जुनैद उमेश के ऊपर से उतरा.
उमेश अपने कमरे मैं चला गया और जुनैद बेड पर बैठा तबस्सुम का इंतज़ार करता रहा.
थोड़ी देर बाद जुनैद रसोई में गया तो तबस्सुम स्टूल पर घुटनों में सर किये बैठी थी.
जुनैद उसे प्यार से गोदी में उठा कर कमरे में ले आया और किवाड़ बंद करके उसे चिपटा कर लिटा लिया.
तबस्सुम कांपती आवाज़ में बोली- तुम दोनों क्या कर रहे थे, क्या पहले भी करते थे?
जुनैद ने कहा- हाँ, पिछले पांच साल से लगातार करते आये हैं. तेरे आने के बाद पहली बार किया है.
तबस्सुम अब नार्मल होने लगी थी.
उसने पूछा- मेरे साथ मज़ा नहीं आता क्या?
जुनैद बोला- तेरे साथ तो ज़न्नत का मज़ा आता है पर उमेश का मन बन गया था. वह रोज़ बाहर कान लगाकर हमारी अवाजें सुन कर मुठ मारता है. इसीलिए बस आज ये हो गया.
तबस्सुम हंस कर बोली- एक बार फिर मेरे सामने करना.
जुनैद बोला- उमेश तो इस समय भी तेरे नाम की मुठ मार रहा होगा.
अब तबस्सुम भी गर्म होने लगी.
उसने जुनैद का लंड पकड़ लिया और पूछने लगी- तुम्हारा मोटा है या उसका?
जुनैद ने मोबाइल निकालकर तबस्सुम की अपना लंड चूसते हुए फोटो खींची.
तबस्सुम बोली- क्यों मेरी इतनी नंगी फोटो खींचते हो, किसको दिखाओगे?
जुनैद हंस कर बोला- उमेश को दिखाऊंगा, तभी वह तैयार होगा.
तबस्सुम बोली- मुझे भी तो उसके लंड का फोटो दिखाओ.
जुनैद ने उसके मम्मे मसलते हुए कहा- फोटो क्या … जब तू कहेगी तुझे दोनों असल में एक साथ दिखा देंगे. दोनों के नाप लेना किसका मोटा है.
तबस्सुम की सांस तेज चलने लगीं.
वह बोली- हाँ दिखवा दो मेरे को … और मेरी चिकनी चूत की फोटो भी दिखा देना उसको!
कहकर तबस्सुम ने अपनी टाँगें फैला दीं.
जुनैद ने उसकी कई फोटो खींच लीं.
तबस्सुम पूरी गर्म हो चुकी थी.
वो जुनैद के ऊपर चढ़ गयी और उसका लंड अपनी चूत में करके लगी उछलने.
तबस्सुम के उछलने से उसके गले में पड़ा उसका मंगलसूत्र भी उछल रहा था.
उसकी यह अदा जुनैद को बहुत पसंद थी.
उसने पूछा- बता किसका मोटा है मेरा या उमेश का?
तबस्सुम बोली- मैं कैसे नापूंगी कि किसका मोटा है.
जुनैद भी नीचे से स्पीड बढ़ाता हुआ बोला- पहले अपनी चूत में मेरा लंड डालना, फिर थोड़ी देर बाद उसका लंड डालना. तुम्हें मालूम पड़ जाएगा किसका मोटा है.
इतना कहते कहते जुनैद ने तबस्सुम को नीचे पटक दिया और उसकी टांगें चौड़ी कर घमासान चुदाई शुरू की.
आज तबस्सुम की आवाजें कुछ ज्यादा ही जोर से निकल रही थीं.
वह आज खुलेआम कह रही थी कि उमेश का मोटा है तुमसे … उमेश, और जोर से करो.
जुनैद ने तबस्सुम के मम्मे कस कस कर मसल कर लाल कर दिए थे.
पर आज तबस्सुम की चूत और चुदाई मांग रही थी.
एक बार तो जुनैद ने तबस्सुम से पूछ भी लिया- कहे तो उमेश को बुला लें.
तबस्सुम बोली- बुला लो … पर तुम चुदाई रोको मत, दम लगा कर चोदो.
जल्दी ही घपाघप का दी एंड आ गया.
जुनैद ने अपना सारा माल तबस्सुम की चूत में भर दिया.
तबस्सुम की आग अभी बुझी नहीं थी.
पर वह इतनी भी बेशर्म नहीं थी कि कुछ कह पाती.
बस तौलिये से अपनी चूत को पुचकार नंगी ही जुनैद से चिपट कर सो गयी.
अभी तक की बाईसेक्सुअल हसबैंड सेक्स कहानी पर अपने विचार मेल और कमेंट्स में मुझे भेजें.
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बाईसेक्सुअल हसबैंड सेक्स कहानी का अगला भाग: मैरिड कपल का गांडू दोस्त- 2
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