हमारी दो नौकरानियाँ मेरे रात की रानियां- 1
(Bad Sex With Wife Story)
बैड सेक्स विद वाइफ स्टोरी में मेरी शादी बहुत सुंदर लड़की से हुई. पर वह मॉडल बन्ना चाहती थी तो मुझे ढंग से चुदाई नहीं करने देती थी. इसका हल भी उसी ने किया.
यह सच्ची कहानी मेरे दोस्त संजय ने भेजी है.
संजय की बैड सेक्स विद वाइफ स्टोरी उसकी जबानी!
मेरे परिवार में मेरे माता पिता और बड़ी बहन है, बहन की शादी हो गयी है।
कॉलेज पास होने के बाद मैं पिताजी के कार शो रूम में जाने लगा.
हमारे बंगले के ग्राउंड फ्लोर में माँ पिताजी रहते हैं। फर्स्ट फ्लोर में फ्लोर में मैं।
21 की उम्र में मेरी शादी की बात चली.
लड़की का नाम उर्वशी था, वह बहुत सुन्दर थी, उम्र 19 … वह अमीर बिज़नेस घराने से थी।
लड़की की माँ ने कहा- उर्वशी को घर का काम, खाना बनाना नहीं आता।
मैंने सोचा कि उर्वशी सीख जायेगी.
हमारी शादी हो गयी.
इतनी सुन्दर बीबी पाकर मैं बहुत खुश था।
हम हनीमून पर हिल स्टेशन शाम को पहुंचे, शानदार होटल में ठहरे.
मैंने तय किया सुहागरात दूसरी रात मनाएंगे, आज सफर से थक गए थे।
हमने फ्रेश होकर डिनर किया थोड़ी देर बातें की.
उर्वशी ने बताया वह मॉडलिंग और फिल्म / टीवी सीरियल में एक्टिंग करना चाहती है।
मैंने उर्वशी को गुड नाईट किस किया और हम सो गए.
दूसरे दिन हम आस आपस घूमे, जवान बूढ़े सभी उर्वशी को निहार रहे थे।
जब हम डिनर करकर अपने कमरे में गए तो मेरे कहे अनुसार होटल मैनेजर ने हमारा कमरा फूलों से सजा दिया था।
फिल्मी अंदाज से उर्वशी दुल्हन बनकर पलंग पर बैठी।
मैंने घूंघट उठा कर उर्वशी का चेहरा देखा, उसे कीमती उपहार दिया.
मैं उर्वशी को लिटाकर उसे आलिंगन में लेकर उसके होंठ गाल आंख चूमने लगा।
धीरे धीरे मैंने उर्वशी के और अपने कपड़े उतार दिए.
उसका नंगा गोरा बदन तने सुन्दर चूचे देखकर मैं खुश और उत्तेजित हो गया।
मैं उसके चूचे दबाने चूसने लगा।
उर्वशी अपने चूचों की तरफ इशारा करके धीरे से बोली- प्लीज ज्यादा मत दबाइये, चूसिये मेरा फिगर खराब हो जाएगा, ये ढीले हो जायेंगे।
यह सुनकर मेरा जोश कम हो गया.
मैंने अपना खड़ा लंड चूत में डालने की कोशिश की.
पर गया नहीं.
मैंने लंड पर क्रीम लगाई और धीरे से चूत में डालने लगा।
उर्वशी दर्द से ‘आ आअ’ करने लगी, कहने लगी- दर्द हो रहा है!
मैंने कहा- शुरू में दर्द होता है, ऐसा मैंने पढ़ा है।
तब मैंने थोड़ी देर रूककर उर्वशी के लब चूमे.
जब मैं उसके चूचे दबाने लगा तो उसने मेरे हाथ हटा दिए।
मैं बेमन से उसे चोदने लगा.
उर्वशी तड़फती रही.
मैं थोड़ी देर में चूत में झड़ गया।
उर्वशी ने कपड़े पहने और सो गयी.
दूसरे दिन हम बहुत सी जगहों पर घूमे.
उर्वशी का व्यवहार मधुर था, घूमने में मजा आया।
उस रात जब मैंने चुदाई शुरू की तो मुझे ऐसा लगा वह किसी तरह झेल रही है.
उसने मुझे चूचे दबाने नहीं दिए।
सम्भोग के बाद उर्वशी बोली कि वह बच्चा नहीं चाहती, सम्भोग के समय मैं कंडोम इस्तेमाल करूं. अभी तो वह गर्भनिरोधक टेबलेट ले रही है, पर ज्यादा दिन टेबलेट खाने से वह मोटी हो सकती है।
उसके बाद मैंने सम्भोग नहीं किया; मेरा जोश ठंडा पड़ गया.
हम हनीमून से वापस आ गये.
मेरे माता पिता के विचार थे कि लड़के की शादी के बाद उनको अलग रहना चाहिए, इससे घर में शांति रहती है।
हनीमून से वापस आने के बाद हम फर्स्ट फ्लोर में रहने लगे.
उसमें तीन बैडरूम, किचन, सर्वेण्ट रूम, ड्राइंग रूम था।
माताजी ने हमारा खाना पकाने, घर साफ़ करने के लिए एक नौकरनी काजल तय कर दी।
काजल 19 – 20 साल की जवान लड़की थी, उसका रंग काला था, अच्छा खाना बनाती।
उर्वशी मॉडलिंग / एक्टिंग की कोशिश में बाहर जाती।
उसके के पिता ने उसे कार, ड्राइवर और ढेर सा पैसा दिया था।
दिन के समय उर्वशी हंसमुख मिलनसार थी, रात जब मैं उसके पास आने की कोशिश करता तो वह सिकुड़ जाती!
जब रात को उर्वशी को सम्भोग के लिए राजी करने की कोशिश करता तो उर्वशी कहती- तुम अपना सम्भोग का साथी ढूंढ लो. सिर्फ इस बात का ख्याल रखना कि तुमको उससे यौन बीमारी ना हो, कोई स्कैंडल न हो और तुम उसका बच्चा लाकर मुझे पालने को मत कहना।
उर्वशी दूसरे बैडरूम में सोने लगी.
एक दिन मुझे बुखार था, उर्वशी को अर्जेंट काम से जाना था उसने नौकरानी काजल को मेरी देखभाल करने को कहा।
उर्वशी चली गयी।
काजल मेरे लिए चाय लेकर आयी, मुझे सहारा देकर बिठाया।
काजल को इतने पास से मैंने पहली बार देखा था।
मैंने देखा काजल काली होने के बावजूद काफी सुन्दर थी, उसके स्तन सुडौल थे, बदन छरहरा, लम्बे कमर तक बाल!
काजल ने दिन भर मेरी सेवा की, मेरे पास बैठकर मुझे खाना खिलाया.
काजल ने बताया कि उसके पति ने उसको छोड़ दिया है क्योंकि उसे बच्चा नहीं हो रहा था।
उस दिन से मैं काजल से रोज बातें करता.
मैं उसे पसन्द करने लगा था.
काजल मेरा बहुत ख्याल रखती थी।
मेरे दिल में ख्याल आया काजल को अपना सेक्स पार्टनर बनाने का!
मैंने काजल को समझाया- तुम्हारी डॉक्टरी जाँच क़रवा लेते हैं कि क्या सचमुच तुम मां नहीं बन सकती।
काजल को मैं डॉक्टर के पास ले गया, काजल के मां बनने की समस्या के बारे में बताया, उसको कोई यौन या दूसरा रोग तो नहीं है, यह भी जांचने के लिए कहा।
दो दिन बाद डॉक्टर की रिपोर्ट आ गयी.
काजल मां नहीं बन सकती है और उसे यौन या दूसरा कोई रोग नहीं है।
मेरे कहने पर काजल हमारे सर्वेंट रूम में रहने आ गयी.
एक शाम मैं शोरूम से वापस आया.
मैं बहुत खुश था, मुझे बिज़नेस में बड़ी सफलता मिली थी।
उर्वशी घर पर नहीं थी, मैंने जोश में काजल को आलिंगन में लेकर उसे चूमकर सफलता की बात बताई.
काजल ने अपने हाथ मेरी पीठ पर रखकर मुझे और कसकर पकड़कर मुझे बधाई दी.
वह आलिंगन का मजा ले रही थी।
उसके चूचे मेरी छाती में दबे थे, मेरा लंड खड़ा हो गया।
बहुत देर बाद उसने मुझे छोड़ा, मैंने उसे मिठाई खिलाई.
उर्वशी ने घर आकर मेरी सफलता की बात सुनकर कहा- आज पार्टी करते हैं.
उसके पिताजी ने नया बिसनेस मिलने में रुपयों और कंटेट से मेरी सहायता की थी।
दो दो पेग हम दोनों ने पिए.
मैं- उर्वशी, तुम कहती हो मुझे अपना बिस्तर का साथी ढूंढना चाहिए. मुझे मिल गयी है, बस तुम्हारी सम्मति चाहिये.
उर्वशी- मुझे बुरा लगता है कि मैं बिस्तर पर तुम्हारा साथ नहीं दे सकती. मुझे कोई आपत्ति नहीं। तुमने किसको चुना है?
मैं- काजल को! उसके पति ने उसे एक साल पहले छोड़ दिया है क्योंकि उसे बच्चा नहीं हो सकता, मैंने काजल की डॉक्टरी रिपोर्ट के बारे में उर्वशी को बताया। काजल पुलिस से बहुत डरती है, मेरा पुलिस अफसर दोस्त जब वर्दी में हमारे घर आया तब मुझे यह बात पता लगी. वह हमारे शारीरिक सम्बन्ध की बात किसी को नहीं बताएगी। उसे भी सेक्स की जरूरत है.
मैंने अकेले में काजल से साफ़ साफ़ बात की.
काजल को मालूम था कि उर्वशी मेरे साथ नहीं सोती।
मैंने कहा- उर्वशी को आपत्ति नहीं है. मैं तुम्हारी जरूरत और भविष्य का ख्याल रखूँगा।
काजल राजी हो गयी।
मैंने यह बात उर्वशी को बतायी.
उर्वशी एक हफ्ते के लिए मायके चली गयी मुझे और काजल को प्राइवेसी देने के लिए।
मैं काजल को ब्यूटी पार्लर ले गया.
मैंने कहा कि काजल की शादी है., उनको फुल बॉडी वैक्सिंग, फेसिअल आदि करने को कहा।
काजल को पार्लर में छोड़कर मैंने उसके लिए सुन्दर घागरा चोली, चुनरी खरीदी, ब्रा पैंटी नहीं खरीदी, मुझे उसका माप नहीं मालूम था।
मैंने एक सोने का हार भी खरीदा.
काजल पार्लर से घर पहुंची, मैंने उसे बताया- हम कल रात सुहागरात मनाएंगे।
हम खाना खाकर अपने अपने कमरे में सो गए.
अगली शाम मैंने बैडरूम को फूलों से सजाया।
काजल को घागरा चोली चुनरी दी, फूलों का हार दिया, कहा- नहाकर तैयार होकर पलंग पर दुल्हन बनकर बैठो।
मैंने बाथरूम में मुठ मारी क्योंकि मैं जल्दी झड़ना नहीं चाहता था.
फिर मैंने नहाकर कुरता पजामा पहना।
मैं बैडरूम में गया.
काजल चुनरी ओढ़कर पलंग पर बैठी थी.
मैंने चुनरी उठाकर काजल का चेहरा देखकर कहा- काजल, तुम सुन्दर लग रही हो!
उसे मैंने सोने का हार दिया।
फिर काजल को लिटाकर मैंने उसके गाल, होंठ, आंखें चूमे.
तब मैं चोली के ऊपर से उसके चूचे दबाने लगा।
मैं काजल के कपडे उतारने लगा.
तो काजल बोली- लाइट धीमी कर दीजिये।
लाइट धीमी करकर मैंने अपने और काजल के कपडे उतार दिए.
काजल चित लेटी थी.
मैं उसके सुगठित तने चूचे, सपाट पेट, कसा चिकना शरीर, मांसल जांघें, सुन्दर चेहरा मंत्रमुग्ध होकर निहार रहा था.
ऐसा लग रहा था जैसे किसी कलाकार ने काले संगमरमर की अप्सरा बनायी हो।
काजल बोली- मालिक, ऐसे मत देखो. मुझे शर्म आ रही है!
कहकर उसने अपना चेहरा हाथ से छुपा लिया।
मेरी तन्द्रा टूटी.
मैं काजल के चूचों को दबाने चूसने लगा.
काजल आनंद से सिसकारी ले रही थी।
मैं काजल का पेट चूमने के बाद उसकी मांसल जांघें चूमने लगा.
जब मैंने उसकी चूत चूमी तो काजल मचल उठी.
उसकी चूत कामरस से गीली हो गयी थी।
काजल ने समर्पण में पैर फैला दिए.
मैं उसके पैरों के बीच में आया और धीरे धीरे लंड को चूत में डालने लगा.
काजल की चूत काफी टाइट थी.
वह मधुर ‘आ आह सीश्स सी’ कर रही थी.
मैं धीरे धीरे रस लेकर चोदने लगा।
काजल कमर उछालकर साथ दे रही थी।
मैं रूककर उसके चूचे, होंठ चूमता चूसता चूचे दबाता फिर चोदने लगता.
काफी देर की चुदाई के बाद काजल ने जोर की सिसकारी ली, वह धनुष की तरह टेढ़ी हो गयी.
उसकी चूत से ढेर सा कामरस निकला, वह निढाल हो गयी.
उसके चेहरे पर संतुष्टि भरी मुस्कान थी।
थोड़ा और चोदने के बाद मैं उसकी चूत में झड़ गया.
मैं उसके ऊपर लेट गया।
मैंने पूछा- कैसा लगा?
वह बोली- इतना मजा पहली बार मिला। मेरे पति ने कभी मुझे इतने प्यार से तैयार नहीं किया, वह मेरे ऊपर चढ़कर कमर हिलाने लगता, उसका काम होने के बाद सो जाता।
हमने बाथरूम जाकर अपने लंड चूत धोये.
फिर हम पानी पीकर पलंग पर नंगे लेट गए.
मैंने काजल को चूमकर कहा- मुझे इतना मजा पहली बार मिला।
काजल मेरी छाती में सर छुपाकर लेटी थी.
मैं उसके सर, पीठ, कूल्हों पर हाथ फेर रहा था.
मेरा लंड आधा खड़ा हो गया।
कुछ देर बाद मैंने कहा- फिर से एक बार हो जाये!
काजल ने सर हिलाकर हाँ कहा।
मैं बोला- मेरा लंड चूसकर खड़ा करो, मैं तुम्हारी चूत चूसता हूँ.
थोड़ी न नकुर के बाद काजल राजी हो गयी.
हम 69 पोजीशन में लेट गए।
मैं चूत में जीभ डालकर चूस रहा था, काजल आधा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी, बड़ा मजा आ रहा था.
मैंने लंड काजल के गले तक डालने की कोशिश नहीं की, वह मैंने बाद में करने की सोची।
मेरा लंड पोर्न एक्टर के समान उतना बड़ा नहीं था, पर अच्छा खासा लम्बा मोटा था।
चूत चुसाई से काजल मचल रही थी।
थोड़ी देर बाद काजल ने लंड अपने मुँह से बाहर निकालकर कहा- अब रहा नहीं जा रहा!
मैंने पीठ के बल लेटकर काजल को लंड की सवारी करने को कहा.
सेक्स में अनुभवी काजल मेरे लंड की सवारी कर रही थी.
मैं उसके उछलते चूचे देखने का आनंद ले रहा था.
कुछ देर बाद काजल थककर लंड से उतर गयी.
मैंने काजल को पलंग के किनारे घोड़ी बनाकर खड़ा किया, उसकी चूत में लंड झटके से पेल दिया और उसकी कमर पकड़कर चोदने लगा.
उसके चूचे पैंडुलम जैसे डोल रहे थे।
मैं चोदना रोककर उसके चूचे दबाता, फिर चोदने लगता.
बीच बीच में मैं काजल के कूल्हों पर थप्पड़ मार रहा था।
हर थप्पड़ के साथ काजल ‘उई आ’ बोलती और कमर हिलाकर लंड और अंदर लेने की कोशिश करती।
करीब आधे घंटे बाद हम दोनों साथ में झड़ गए।
ऐ सी होने के बावजूद हम पसीने से तर थे।
तब मैंने काजल को कहा- आगे से सम्भोग के समय लंड चूत गांड शब्दों का हम प्रयोग करेंगे, इससे मजा बढ़ जाता है।
फिर हम नंगे एक दूसरे की बांहों में सो गए.
बैड सेक्स विद वाइफ स्टोरी आपको कैसी लगी?
मुझे कमेंट्स और मेल में बताएं.
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बैड सेक्स विद वाइफ स्टोरी का अगला भाग: हमारी दो नौकरानियाँ मेरे रात की रानियां- 2
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