मेरे चाचू ने बेरहमी से चोदा-4
(Mere Chachu Ne Berahmi Se Choda-4)
कहानी का पिछला भाग : मेरे चाचू ने बेरहमी से चोदा-3
सम्पादक : जूजा जी
रात को हसन के प्लान के मुताबिक़ जिस कमरे में हम दोनों सोते थे.. वहाँ हमारे आने से 4-5 मिनट पहले हसन भाई उस कमरे में चले गए और जिस बिस्तर पर हम सोते थे..
उसके सामने वाले बिस्तर के नीचे जाकर वो लेट गए।
अनवर भाई को भी ये सब पता था।
खैर.. थोड़ी देर बाद मैं और मदीहा उस कमरे में आए और दरवाज़ा बंद कर के कुण्डी लगा दी और बिस्तर पर चले गए और बातें करने लगे।
मुझे नहीं पता था कि हसन भाई कमरे में हैं और बिस्तर के नीचे हैं.. जब कि मदीहा को पता था..
मैंने पीले रंग के फूल वाले प्रिंट के कपड़े पहने हुए थे और मदीहा ने लाल रंग की सलवार कमीज़ पहने हुई थी।
मदीहा ने अपने मोबाइल में हसन भाई से नंगी वीडियो लेकर रखी हुई थीं।
रात को बातों-बातों में हम चुदाई की बातें करने लगे.. तो मदीहा मुझे नंगी वीडियो दिखाने लगी।
हम दोनों उतेजित होने लगे.. थोड़ी देर बाद हम दोनों बहुत गरम हो गईं तो मदीहा ने अपना हाथ मेरे मम्मों पर रख दिया और उन्हें दबाने लगी।
मुझे मज़ा आने लगा लेकिन मैंने हिम्मत की और मदीहा को पीछे किया लेकिन वो कहाँ मानने वाली थी।
अब हम दोनों मज़े में पागल होने लगे.. मदीहा आहिस्ता-आहिस्ता मेरी कमीज़ ऊपर करने लगी और मेरे नंगे पेट पर चुम्बन करने लगी।
मैं भी मदीहा के जिस्म पर हाथ फेरने लगी।
थोड़ी देर ये करने के बाद मदीहा ने मेरी कमीज़ उतार दी और मेरी काली ब्रेज़ियर के ऊपर से मेरी चूचियाँ मसलने लगी।
फिर उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरी कमीज़ और ब्रा उठा कर उस बिस्तर पर फैंक दिया.. जिसके नीचे हसन भाई छुपे थे।
फिर उसने आहिस्ता-आहिस्ता मेरी सलवार भी उतार दी और मेरी चूत में ऊँगली करने लगी।
मैं मज़े में पागल होने लगी।
अब मैं बिल्कुल नंगी पड़ी थी और मेरा गोरा जिस्म चमक रहा था… वो मेरी चूचियों के निपल्स को चूस रही थी और साथ ही मेरी चूत में ऊँगली कर रही थी।
फिर मैंने भी उसकी कमीज़ और ब्रा उतार दी और उसके मम्मों को चूमने लगी।
थोड़ी देर बाद जैसे ही मैं उसकी सलवार उतारने लगी.. तो हसन भाई बिस्तर के नीचे से बाहर आ गए।
उन के एक हाथ में उनका मोबाइल था और दूसरे हाथ में मेरे कपड़े थे.. जो उन्होंने बिस्तर से उठाए थे।
मोबाइल में वो वीडियो बना रहे थे।
मैंने उन्हें निकलते हुए नहीं देखा था।
मैं उस वक्त नीचे थी और मदीहा मेरे ऊपर चढ़ी हुई थी।
मेरी तो जान उस वक़्त निकल गई जब मुझे उनकी आवाज़ आई- वाह.. जी वाह.. साना बीबी.. ये क्या हो रहा है.. हम मर्द मर गए क्या.. जो ये कर रही हो?
ये सुनते ही मेरी तो सांस रुक गई।
मदीहा भी डरने का नाटक करते हुए उठ कर अलग हो गई।
हसन भाई के सामने मैं पूरी नंगी थी और मदीहा आधी नंगी थी।
मैं रोने लगी और मदीहा हसन भाई से मिन्नतें करने लगी।
इसके साथ ही मदीहा ने जल्दी से अपने कपड़े भी पहनना शुरू कर दिए।
मेरे कपड़े तो हसन भाई के हाथ में थे।
हम दोनों हसन भाई के आगे रोने लगे और मिन्नतें करने लगे..
तो हसन भाई ने कहा- ओके.. जाओ लेकिन किसी को मत बताना.. क्योंकि मेरे पास तुम दोनों की फिल्म है जो अभी बनाई है।
हमने कहा- ओके..
मदीहा बाहर जाने लगी और मैं कपड़ों की तरफ बढ़ी जो कि हसन भाई के पास थे..
तो हसन भाई ने अचानक मुझे धक्का दिया..
मैं बिस्तर पर गिर गई।
वो बोले- मैंने मदीहा को बाहर जाने का कहा है.. तुम्हें नहीं.. साली साना कुतिया.. तुमसे तो मुझे बहुत बदला लेना है।
मैं रोने लगी और मदीहा मुझे अकेला कमरे में छोड़ कर चली गई।
हसन भाई ने कमरे को कुण्डी लगाई और मेरी तरफ आने लगे।
मैं डर कर पीछे होने लगी और कहने लगी- प्लीज़ हसन भाई.. ऐसा मत करें.. मैं आप की रिश्तेदार हूँ.. आपने बचपन से मुझे अपनी बेटियों की तरह प्यार किया.. मैं आपके कज़िन की बेटी हूँ.. प्लीज़ हसन भाई..
मैंने अपने जिस्म को कंबल में छुपाने की कोशश की.. तो हसन भाई ने कंबल को उठा कर दूर फैंक दिया और बोले- साली कुतिया.. तुझे उस वक़्त इन बातों का ख्याल नहीं आया कि मैं तेरा क्या हूँ?
मैंने थोड़ी हिम्मत कर के कहा- आगे मत आना.. वरना शोर करूँगी।
उसने कहा- करो ना.. मुझे क्या.. बदनाम तो तुम होगी..
फिर उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे होंठों को चूमने लगा और मेरे पूरे चेहरे पर चुम्मा-चाटी करने लगा। मैं रोने लगी और उससे पीछे धकेलने लगी।
वो मेरी चूचियाँ को दबाने लगा।
उसने कहा- हीरा आज तुझे चोद कर ही रहूँगा… चाहे कुछ भी हो.. इसलिए ज्यादा ज़ोर मत लगाओ… अगर तुमने ज़ोर ना लगाया और आराम से मुझे चुदाई करने दिया.. तो तुम्हें मैं जल्दी छोड़ दूँगा और तुम चुदाई का मजा भी लूटोगी और मैं किसी को नहीं बताऊँगा.. लेकिन अगर तुमने मेरी बात ना मानी तो सुबह तक तुझे नंगा रखूँगा और तेरे कपड़े भी ले जाऊँगा। इसके बाद अभी अनवर को भी बुलाऊँगा और सबको तेरी नंगी वीडियो बताऊँगा।
ये सुन कर मैं डर गई, मैंने उसके सामने खुद को तकरीबन पेश कर दिया।
वो मेरे पूरे नंगे जिस्म पर हाथ फेरने लगा और मेरे मम्मों को अपने मुँह में ले कर उन्हें पीने और चूसने व काटने लगा।
मेरी तो चीख निकल गई… काफ़ी देर तक वो पागलों की तरह मेरी चूचियाँ को चूसता रहा ओर उन्हें दबाता रहा।
वो मेरे बाएं दूध को दबाता और दाएं को मुँह में डाल कर पीता.. फिर कुछ देर बाद दायें को दबाता और बाएं को मुँह में डालता..
काफ़ी देर बाद जब वो हटा तो उसके थूक से, दबाने से और काटने की वजह से मेरे मम्मे लाल हो गए थे मुझे भी मम्मे चुसवाने से मेरे मम्मे नुकीले और सख्त से लगने लगे थे।
मेरे मम्मे थूक से गीले हो कर चमक रहे थे।
अब मुझे भी मज़ा आने लगा… फिर वो नीचे को हुआ और मेरी चूत के ऊपर हाथ फिराने लगा।
फिर उसने मेरी चूत में अपनी एक ऊँगली डाली तो मेरी चीख निकल गई और मैं बोली- अयायाई… हटो हसन भाई.. प्लीज़ दर्द हो रहा.. बहुत आआआ…ऊऊओ…
हसन ने मेरी एक न सुनी और अपनी पूरी ऊँगली अन्दर-बाहर करने लगा।
फिर जब मुझे थोड़ा आराम मिला तो उसने दूसरी ऊँगली अन्दर डाल दी.. अब तो मैं तो मर ही गई।
‘उफ्फ़… इतनाआआ दर्द… प्लज़्ज़्ज़ हसनन् भईईई… बस ना…’
हसन कहाँ सुन रहा था.. वो अपनी ऊँगली आहिस्ता-आहिस्ता अन्दर बाहर करने लगा।
कुछ देर बाद मुझे उसकी दो ऊँगलियों से भी मज़ा आने लगा और मैं ‘ऊऊऊ…आआआ…अयाया…’ करने लगी।
काफ़ी देर ये करने के बाद मुझे अपने जिस्म में अजीब सा नशा सा महसूस हुआ और मुझे लगा कि मैं छूटने वाली हूँ।
मेरा जिस्म अकड़ने लगा और मैं मजे में पागल होने लगी।
हसन मुसलसल मेरी चूत में ऊँगलियां कर रहे थे।
फिर अचानक मेरी चूत से पानी निकलने लगा और मैं एकदम से चीख पड़ी ‘आआआ… ऊऊऊऊ… हस्स्सन भाईयीई… मेरा पाअनी ईईईईईई निकल रहाआ आहि यीईईई… हाआ ईयईईईई…आआआ..’
इसके साथ ही मेरी चूत से पानी निकल गया और मैं बिस्तर से 3 फीट तक ऊपर उठी और फिर नीचे गिर गई…
मेरा पानी निकल कर हसन का हाथ और मेरी टाँगों और बिस्तर पर गिर गया।
थोड़ी देर बाद हसन ने अपने कपड़े उतार दिए।
उसका 8 इंच का लण्ड मेरी तरफ मुँह उठाए खड़ा था…
मेरी हसीन चुदाई की दास्तान अभी जारी है।
पोर्न कहानी का अगला भाग : मेरे चाचू ने बेरहमी से चोदा-5
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