मामा के घर भाई से चूत चुदाई-1

(Mama Ke Ghar Bhai Se Choot Chudai-1)

रंजीता 2014-12-29 Comments

हैलो दोस्तो, मैं अन्तर्वासना डॉट कॉम साईट की नियमित पाठिका हूँ, यह मेरी पहली कहानी है..

मेरा नाम रंजीता है। मेरे घर में मेरी माँ दादा.. दादी एक छोटी बहन और सबसे बड़ा भाई है।
मेरे पापा का देहांत 2 साल पहले हो गया था।

यह घटना 6 साल पहले की है।
मैं जून की छुट्टियों में अपने मामा के घर गई थी, मेरे साथ में मेरी छोटी बहन ऋतु भी थी।

हम वहाँ दोपहर बाद पहुँचे। वहाँ जाकर हम मामी, नाना और नानी से मिले।

मेरे मामा की 2 लड़कियाँ हैं ओर 2 लड़के..लड़कियाँ बड़ी हैं और लड़के छोटे हैं।

वहाँ कुछ वक्त बाद एक लड़का आया और वो मेरे मामा के परिवार के लोगों से बातें करने लगा।

मुझे बाद में पता चला कि वो मेरी मौसी का लड़का है.. उसका नाम नवीन था।
वो भी वहाँ छुट्टियों में आया हुआ था।

उस वक्त वो 12वीं में था ओर मैं भी उस की हमउम्र थी।

उसकी लम्बाई 5’7” थी और वो बहुत ही आकर्षक था। मेरी लम्बाई 5’3” थी और मेरा फिगर भी अच्छा है.. बिल्कुल करीना की तरह।
मैंने जीन्स ओर टॉप पहना हुआ था और बाल खुले रखे थे।

कुछ वक्त बाद सब बाहर चले गए। घर पर वो ओर मैं ही रह गए, तो उसने मुझसे बात करनी शुरू की।

उस वक्त तक हमारे दिल में एक-दूसरे के लिए कुछ ग़लत विचार नहीं थे।

हम बात करते रहे, फिर उसने मुझसे पूछा- डू यू लव मी.. इसकी हिन्दी बताओ?

तो मैंने कहा- क्या तुम मुझसे प्यार करते हो?

उसने तुरंत कहा- यस।

मैं तब समझी कि मैंने ये क्या बोल दिया।

मैंने कहा- नहीं.. मैंने तो ऐसे ही बोल दिया..

लेकिन वो बोला- आपने ही खुद मुझसे पूछा है..

उस वक्त मेरी उम्र कमसिन ही थी और लेकिन जिस्म बहुत निखार आया था..

मेरे कूल्हे उभर गए थे और मेरे मम्मे भी उठे हुए थे..

मतलब ऐसा संभव ही नहीं था कि कोई मेरी तरफ देखे और मेरे आगे-पीछे के उठे हुए अंगों को न देखे।

मैं झाड़ू लगाने लगी, उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरी गर्दन पर चूमने लगा ओर मेरे मम्मे मसकने लगा।

मुझे मज़ा आने लगा.. साथ ही मुझे नशा सा होने लगा।

मैंने कहा- प्लीज़ रहने दो..

लेकिन वो नहीं माना.. वो बहुत देर तक मेरे मम्मे दबाता रहा.. मसलता रहा।

अब मुझे दर्द होने लगा.. वो बड़ी बेरहमी से मम्मे दबा रहा था बिल्कुल ऐसे जैसे संतरा निचोड़ रहा हो।

फिर वो मुझको पलट कर मेरे गाल पर चुम्बन करने लगा और मेरे होंठ चूसने लगा..

जैसे ही उसने मेरे होंठ अपने होंठों में लिए.. मुझे करंट सा लगा।

मेरे टॉप के ऊपर से ही उसने मेरे मम्मे दबाना जारी रखा।

उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और हम एक-दूसरे को चूसने लगे।

मुझे अजीब लगा क्योंकि ये मेरा पहली बार था.. काफ़ी समय बाद उसने मुझको मुक्त किया और मैं काम में लग गई।

अगले दिन सब खेतों में चले गए.. घर पर सिर्फ वो और मैं ही थे और मेरे मामा का लड़का भी था जो 3 साल का था।

मैं चारपाई पर लेटी थी.. तब वो आ गया और उसने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया.. वो मेरे ऊपर चारपाई पर ही आ गया।

मेरे ऊपर लेट कर मुझे चुम्बन करने लगा।
मैं भी उसका साथ देने लगी।

उसने मेरे टॉप में हाथ डाल कर मेरे मम्मे दबाना चालू कर दिया।
वो बहुत सख्ती से मेरे मम्मे दबा रहा था।
मुझे बहुत दर्द हो रहा था..

फिर उसने कहा- रंजीता डार्लिंग.. प्लीज़ टॉप उतारो।

मैंने मना कर दिया.. लेकिन वो नहीं माना, मेरे हाथ ऊपर करके उसने मेरा टॉप निकाल दिया।

मैं ब्रा और पैन्टी में उसके नीचे दबी थी।

उसने ब्रा में हाथ डाल कर मेरे चूचे दबाना चालू कर दिए।

उसने थोड़ी देर बाद ब्रा भी निकाल दी।
अब मेरे नंगे मम्मे उसके हाथों में थे।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
वो उन्हें बहुत ज़ोर से दबा रहा था।
मेरे चूचे एकदम लाल हो गए।

फिर उसने अपनी जीभ मेरे चूचियों पर लगाई.. मुझे बहुत ज़ोर का झटका लगा।

वो मेरे मम्मों को चूसने लगा।

मेरी आँखें बंद हो गईं.. मेरी सिसकारी निकलने लगी।
मेरी पैन्टी भी गीली होने लगी..

मेरे मम्मे उसने बहुत देर तक चूसे।

फिर उसने मुझे चुदाई के लिए बोला लेकिन मैंने मना कर दिया।

वो मेरे ऊपर से हट गया क्योंकि घर वालों के आने का वक्त हो गया था।

अगले दिन मामा की लड़की बीमार हो गई और मामा-मामी उसको लेकर हॉस्पिटल चले गए।

मामा के लड़के और एक छोटी लड़की अपने मामा के घर चले गए।

अब घर पर सिर्फ मैं और वो ही रह गए थे और ऋतु व नानी भी थीं। नानी बाहर कीर्तन में गई थीं..

मामा ने हम दोनों से कहा- तुम दोनों खेत में पशुओं के लिए चारा लेने के लिए चले जाना..

हमने कहा- ठीक है..

कुछ देर बाद मैं नहाने जा रही थी तो उसने फिर पकड़ लिया।

मैंने कहा- प्लीज़ नवीन मुझे जाने दो मुझे नहाना है।
तो उसने कहा- जान यहीं नहा लो।
लेकिन मैंने कहा- नहीं यार.. प्लीज़ जाओ..

लेकिन वो नहीं गया उसने फिर से मुझे चुम्बन करना चालू कर दिया।

तभी किसी के आने की आवाज़ हुई और हम अलग हो गए।

नानी आ गई थीं.. मैंने कहा- नानी देखो ये मुझे नहाने नहीं दे रहा.. मेरे साथ लड़ाई कर रहा है..
तो नानी ने कहा- क्यों झगड़ा कर रहे हो?

तब वो मेरे पास आया और बोला- मैं अभी आया.. दोनों साथ में ही नहा लेंगे।
मैंने कहा- नहीं.. तुम मुझे मरवाओगे।
तो वो बोला- रंजीता डार्लिंग आज सही मौका है.. खेत मे मज़े करेंगे..
इतना बोलकर वो चला गया।

मैंने नहा कर कपड़े पहने.. अब मैंने सलवार सूट पहन लिया..हम खेत में चले गए.. साथ में मेरी छोटी बहन ऋतु भी थी।

वो मेरे से चिपका रहा.. मेरी बहन को शक हो गया।

मेरी प्यार की सच्ची कहानी को पढ़ कर आपको कैसा लग रहा है, मैं आप सभी के विचारों के इन्तजार में हूँ, प्लीज़ मुझे ईमेल कीजिएगा।

कहानी जारी रहेगी।
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कहानी का अगला भाग : मामा के घर भाई से चूत चुदाई-2

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