सुहागरात पर जुगलबंदी
(Suhagraat Par Jugalbandi)
वो दुल्हन ही क्या जिसके गाल लाल ना हों
वो दूल्हा ही क्या जिसके सीने पर बाल ना हों
सुहागरात तो कहानी है मसले हुए फूलों की
और मर्द के हाथों से कुचले हुए लाल सुर्ख कूल्हों की
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सुहागरात तो है एक ऐसी कशमकश दो जिस्मों की
जैसे जुगलबंदी हो मूसल और इमामदस्ते की
जो भी इनके बीच में आए, हो जाए उसकी कुटाई,
फिर चाहे वो हो मीठी मीठी मिसरी या हो खट्टी खटाई..
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कल की रात हमारी सुहागरात थी
पर यार कॉलेज की कुछ और ही बात थी..
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भारत का एक और वोट
शादी के बाद सखी ने वधू से पूछा- कैसी रही सुहाग़रात?
तो वधू बोली-
आये थे वे देर से
तो दिल ज़ला दिया,
पहले किया दरवाजा बन्द
फिर बल्ब बुझा दिया
पहले खेलने लगे मेरा सीना टटोल कर
फिर मुझे खिलाने लगे अपना अंडरवीयर खोल कर
फिर तो जंग ऐसी छिड़ी पलंग पर
दो गोलों वाली तोप रख दी मेरी तंग सुरंग पर
यहां था नौ मिनट का मज़ा
भोग रही हूँ नौ महीनों की सजा,
नौ महीने बाद
एक ऐसा होगा विस्फोट
जो बन जायेगा भारत का
एक और वोट…
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मेरी पहली सुहागरात थी
सपनों से मुलाकात थी
उत्सुकता बढ़ी थी कि
कब उसका दीदार कर लूँ
जी भर कर उसे प्यार कर लूँ
मारे उमंग के मैं उस कमरे घुस गया
विशाल काया को देखकर एक पल मैं रूक गया
पर दूसरे पल जाने कहाँ मेरा सारा प्रेम गया
चिलमन उठाकर देखा तो वो हुंकार भर रही थी
मुक्का तान कर वो अपने प्यार का इजहार कर रही थी
भीमकाय काया देखकर मेरा बदन कांप गया
डर के मारे मैं निकलकर चिरकुट की तरह भाग गया
कमसिन कली थी पर ग्रेट खली थी
लगता था वो दारा सिंह के स्कूल में पढ़ी थी
भागा हुआ मैं अपने दोस्त के यहाँ पहुँच गया
देखकर वहाँ मुझे वह संकोच से भर गया
और बोला यार बता तू क्यों क्लास छोड़कर भाग आया
मैंने कहा यार मैं सुहागरात नहीं मनाऊँगा
जानबूझ कर मैं मौत के मुँह में ना जाऊँगा
मेरा मित्र बोला चिंता न कर यार, मैं मित्रता निभाऊँगा
तेरी जगह सुहागरात मनाने मैं चला जाऊँगा
मित्र की बात सुनकर मैं कृतज्ञ हो गया
ऐसा मित्र पाकर मैं धन्य हो गया
मैंने कहा कि यार तेरा कर्ज किस जनम चुकाऊँगा
उसने कहा चिन्ता न कर अगले जन्म तेरे लिए शादी मैं रचाऊँगा
क्या करूँ विलम्ब के लिए खेद है बहुत
पर रंडुआ हूं यार इस जनम मैं मौका नहीं दे पाऊँगा।
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चूत दिखाई …!!
सुहागरात को अक्सर दुल्हन को दूल्हा एक तोहफा देता है मुँह दिखाई के रूप में…
अब पता नहीं इसे मुँह दिखाई क्यूँ कहते हैं?
क्योंकि मुँह देख कर तो शादी पक्की ही की थी…
असला में इस रस्म का नाम होना चाहिए- चूत दिखाई …!!
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नाईटीः एक ऐसी जनाना पोशाक जिसे नववधू अपनी सुहागरात को मात्र एक मिनट के लिये पहनती है…
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छापा पड़ गया
सन्ता सुहागरात पर लजाती-सकुचाती पत्नी के पास पहुँचे, और प्यार से बोले- जानेमन, अपनी सूरत के दीदार तो करा दो, बहुत देर से तरस रहा हूँ, तुम्हें निहारने के लिए…
पत्नी ने भी शर्माते हुए घूंघट को कसकर पकड़ लिया और ना में गर्दन हिलाई…
सन्ता ने प्यार से घूंघट को थामा और उसे उठाने लगा कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुई…
यह क्या? खटखटाने की आवाज़ सुनते ही पत्नी उठी और झट से खिड़की से बाहर कूद गई…
सन्ता हैरान रह गया, लेकिन उसने पहले जाकर लगातार बजता दरवाज़ा खोला…
देखा कि भाभी हाथ में एक ट्रे लिए खड़ी थीं, जिस पर दूध से भरे दो गिलास रखे थे…
भाभी मुस्कुराईं और प्यार से बोलीं- लल्ला जी, दुल्हन को दूध ज़रूर पिला देना…
सन्ता ने भी हंसते हुए जवाब दिया- जी भाभी…
लेकिन उनका सारा ध्यान अपनी पत्नी की हरकत पर था तो तुरंत ही भाभी को विदा कर दिया और अंदर आकर बोले- जानेमन, अंदर आ जाओ… भाभी थीं, दूध देने आई थीं…
इतना सुनकर पत्नी भी खिड़की से अंदर आ गई।
तो सन्ता ने हैरानी-भरे स्वर में पूछा- मेरी जान, शर्माना तो समझ में आता है, लेकिन तुम खिड़की से बाहर क्यों कूद गई थीं…?
पत्नी ने तपाक से जवाब दिया- जी कुछ नहीं जी! मुझे लगा कि छापा पड़ गया है!
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संता की नईनई शादी हुई, वह सुहागरात पर अपने कमरे में गया, अपनी पत्नी से पूछा- क्या कभी तुम्हारा कभी कोई बॉयफ्रेंड था?
संता का सवाल सुन कर दुल्हन शरमा गई।
तो संता फिर उससे पूछता है- अच्छा सच-सच बता तूने कभी किसी के साथ किया है?
दुल्हन- नहीं जानू, किया नहीं है, बस हमेशा करवाया ही है।
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सुहागरात के बाद सबसे मुश्किल काम क्या है?
लड़की से बात करना- नहीं!
लड़की को चूमना- ना!
गले लगाना- नहीं रे!
फिर सेक्स करना- ना यार!
अगले दिन सुबह घर वालों से नज़रें मिलाना!
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