सन्ता, प्रीतो जीतो के चुटकुले
(Santa, Preeto Aur Jeeto Ke Chutkule)
सन्ता- डॉक्टर की बीवी
सन्ता का गला बैठ गया, बहुत कोशिश की पर आराम नहीं मिला।
रात के दो बजे तंग आकर अपनी बीवी प्रीतो से बोला- गले से बहुत परेशान हूँ, कुछ समझ में नहीं आ रहा है क्या करूँ?
प्रीतो बोली- इसमें शरमाने की क्या बात है सामने ही तो डॉक्टर का घर है, चले जाओ।
सन्ता बोला- रात के दो बजे किसी के घर जाते हुए अच्छा नहीं लगता।
बीवी- डॉक्टर का फ़र्ज़ होता है कि मरीज को देखना और ठीक करना, रात हो या दिन हो कोई मतलब नहीं होता इसमें, आप जाओ।
सन्ता ने इस बात को सोचा और परेशानी की हालत में सामने वाले फ़्लैट में पहुँच के दरवाज़ा खटखटाया।
अंदर से डॉक्टर बन्ता की बीवी जीतो ने पूछा- कौन है?
सन्ता गले की बैठी हुई आवाज़ में बोला- मैं हूँ आपका पड़ोसी सन्ता, डॉक्टर साहब हैं?
अंदर से डॉक्टर की बीवी जीतो की सेक्सी आवाज़ आई- नहीं हैं, आ जाओ।
***
एक बार सन्ता की पत्नी प्रीतो बीमार हुई तो सन्ता ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
कुछ देर तक ऑपरेशन थियेटर में सन्ता की पत्नी का मुआयना करने के बाद जब डॉक्टर बाहर आया तो सन्ता ने डॉक्टर से पूछा- क्या हुआ डॉक्टर साहब? सब ठीक तो है ना?”
डॉक्टर- सन्ता जी, एक बहुत ही बुरी खबर है।
सन्ता- क्या हुआ डॉक्टर साहब?
डॉक्टर- तुम्हारी पत्नी अब बस पांच घंटों की ही मेहमान है।
सन्ता- कोई बात नहीं डॉक्टर साहब, अब जहाँ पांच साल बर्दाश्त किया है तो पांच घंटे और सही !
***
एक बार सन्ता अपनी प्रेमिका जीतो के साथ पार्क में बाहों में बाहें डाल कर बैठा हुआ था और बड़ी ही रूमानी बातें कर रहा था कि तभी अचानक वहाँ एक हवलदार आया और सन्ता से बोला- आपको शर्म नहीं आती? आप एक समझदार व्यक्ति होकर खुलेआम पार्क में ऐसी हरकत कर रहे हैं?
सन्ता- देखिये हवालदार साहब, आप गलत समझ रहे हैं, जैसा आप सोच रहे हैं वैसा कुछ भी नहीं है।
हवलदार- तो कैसा है?
सन्ता- जी, हम दोनों शादीशुदा हैं।
हवालदार- अगर तुम शादीशुदा हो तो फिर अपनी ये प्यार भरी गुटरगूं अपने घर पर क्यों नहीं करते?
सन्ता- हवालदार साहब कर तो लें पर मेरे घर मेरी पत्नी प्रीतो और इसके घर इसके पति बन्ता को शायद अच्छा नहीं लगेगा।
***
जीतो- तुम्हारे बेटे और बेटी की शादी हुई है, तुम्हारी बहू और दामाद कैसे हैं?
पड़ोसन प्रीतो- मेरी बहू तो बहुत बुरी है, रोज़ देर से उठती है और मेरा बेटा उसके लिए चाय बनाता है, घर का कोई काम नहीं करती, और जब देखो मेरे बेटे से बाहर का खाना खाने के लिए कहती रहती है।
जीतो- और तुम्हारा दामाद कैसा है?
प्रीतो- मेरा दामाद तो फ़रिश्ता है, रोज मेरी बेटी को चाय बनाकर पिलाता है और वो आराम से उठती है, उसे घर का कोई काम करने नहीं देता और उसे अक्सर बाहर खाना खिलाने ले जाता है, ऐसा दामाद सबको मिले!
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