समझदार चिंकी
चिंकी अब उम्र में 18 साल की हो चुकी थी, एक दिन उसकी माँ ने सोचा कि आज इसकी परीक्षा लेती हूँ।
माँ- चिंकी, मान लो कि तुम किसी अँधेरी और तंग गली से रात के वक़्त गुजर रही हो, और सामने से कोई आदमी तुम्हारे सामने आ जाता है, और उसके इरादे भी नेक नहीं हैं तो तुम क्या करोगी?
चिंकी कुछ सोचकर बोली- “मैं उस आदमी को अपने करीब आने को कहूँगी।
माँ हैरान होकर- फिर?
चिंकी- फिर मैं उसे शर्ट उतारने को कहूँगी।
माँ- हे भगवान ! फिर?
चिंकी- फिर मैं अपनी स्कर्ट ऊपर उठाऊँगी, या अपनी टॉप के दो बटन खोलूँगी।
माँ हे भगवन, मुझे अपने पास बुला ले, फिर?
चिंकी- फिर मैं उसे पैंट नीचे करने को कहूँगी।
माँ लगभग बेहोश होते हुए- कमीनी फिर क्या करेगी?
चिंकी- करना क्या है, मैंने उस आदमी की पेंट नीछे सरकवा दी थी, मैं तो सर पर पाँव रख कर भागूँगी, और आदमी अपनी पांवों तक गिरी पैंट में फंस कर गिर पड़ेगा।
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