सास बहू बेटियों की खुल्लम खुल्ला चुदाई
(X Family Fuck Kahani)
X फॅमिली फक कहानी में निकाह के बाद मैंने देखा कि मेरी ननद मायके में किसी अनजान लंड से चुद रही थी. तभी ऊपर से उसकी अम्मी यानि मेरी सास आ गयी. तब क्या हुआ?
मेरा नाम रेशमा है दोस्तो.
मेरी शादी अभी 6 महीने पहले ही हुई है।
मैं इस घर की बहू बन कर आयी हूँ।
यह X फॅमिली फक कहानी मेरी ससुराल के कारनामों की है.
इन 6 महीनों में ही मैं अपनी सास और ननद से काफी घुल मिल गयी हूँ।
उस समय गर्मी के दिन थे और दोपहर का समय था।
मैं अपनी ननद के साथ ए / सी रूम में लेटी हुई बातें कर रही थी।
बातें करते करते मुझे झपकी आने लगी।
मैं थोड़ा सो जाती और फिर जग जाती।
जगने के बाद फिर सो जाती।
ऐसा बार बार करने लगी ।
फिर मैं कब सो गई मुझे पता ही नहीं चला।
कुछ देर बाद कुछ खट पट हुई तो मेरी नींद खुल गयी।
मैं यह देख कर दंग रह गई कि मेरी ननद नंगी आहिस्ते आहिस्ते किसी से चुदवा रही है।
उसे चुदवाते हुए देख कर मेरी झांटें सुलग गई।
मैं मन में बोली- भोसड़ी वाली अकेली अकेली चुदवा रही है. यह नहीं कि पहले लण्ड अपनी भाभी की बुर में पेल देती! मुझे जगा लेती, मेरे साथ चुदवाती तो कितना मज़ा आता.
मगर मैं चुपचाप उसकी चुदाई अपलक देखती रही।
इतने में मेरी सास आ गई।
मैं जग तो रही थी पर उठी नहीं।
मैंने कनखियों से देखा कि मेरी सास और ननद दोनों आपस में नोंक झोंक करने लगीं।
तो मैं बड़े ध्यान से उनकी बातें सुनने लगी.
सास बोली- हायल्ला, आजकल लण्ड पे लण्ड खाती जा रही है तेरी बुर चोदी बुर बेटी तराना? एक दिन में कितने लण्ड खाती है तेरी बुर? कल रात भर तेरी बुर ने लण्ड खाया है, कितने लण्ड खाया है यह तो मुझे पता नहीं और अभी दूसरी रात आई भी नहीं कि तेरी बुर फिर लण्ड खाने लगी है।
ननद बोली- तेरा भोसड़ा भी तो खूब गपागप लण्ड खाता है अम्मी जान? कल रात को तेरे भोसड़ा ने तीन लण्ड खाये थे और सबके सब भोसड़ी वाले ग़ैर मर्दों के लण्ड थे।
सास बोली- मेरा भोसड़ा सबके लण्ड कुबूल नहीं करता, बेटी तराना! जिसका लण्ड मोटा तगड़ा होता है वही मेरे भोसड़ा में घुस पाता है। तेरी चूत में तो कोई भी लण्ड हो कैसा भी लण्ड हो, फौरन घुस जाता है. और तू भी तो गैर मर्दों के लण्ड दनादन पेलवाती है अपनी चूत में जबकि तेरी शादी हो गयी है।
ननद बोली- मैं गैर मर्दों के लण्ड न पेलवाऊँ अपनी चूत में तो क्या करूँ? मेरे मरद का लण्ड तो तू ही बुरचोदी अपनी चूत में पेले रहती है। तुझे मेरे मरद के लण्ड से खास मोहब्बत है न?
मेरी सास बोली- हां है तो मुझे खास मोहब्बत तेरे मरद के लण्ड से … क्योंकि उसका लण्ड बड़ा मोटा भी है और लंबा भी. मुझे ऐसा ही लण्ड चाहिए। मेरी पसंद का है तेरे मर्द का लण्ड बेटी तराना! तेरे मरद का लण्ड देख कर मेरी चूत बहनचोद गीली हो जाती है और फिर मेरा हाथ अपने आप पकड़ लेता है उसका लण्ड! वैसे तू भी तो मेरे देवर का लण्ड अक्सर पेलवाये पड़ी रहती है। तू मुझसे कम है क्या?
मजे की बात यह थी कि इतनी नोंक झोंक होने के बावजूद ननद की चुदाई कम नहीं हुई थी।
चोदने वाला बिना रुके चोदे जा रहा था और ननद भी अपनी गांड़ उचका उचका कर चुदवाये चली जा रही थी।
सास थोड़ी देर में चली गई तो मैं एकदम से उठ बैठी और बोली- हाल्ला, तू तो बड़ी मस्ती से अपनी बुर चुदवा रही है ननद रानी! मुझे उठाया भी नहीं? मुझे लण्ड पकड़ाया भी नहीं? जगा देती मुझे तो मैं भी लण्ड पकड़ कर देख तो लेती? थोड़ा चूम चाट कर लण्ड का मज़ा तो ले लेती। तूने तो सीधे अपनी चूत में पेलवा लिया लण्ड! तू तो बड़ी खुदगर्ज़ निकली।
फिर मैं उसके पेल्हड़ सहलाने लगी।
लण्ड थोड़ा बाहर फिसल कर निकला तो मैंने उसे चाट कर फिर चूत के अंदर घुसेड़ दिया।
मैंने कहा- लण्ड तो भोसड़ी का बड़ा मोटा तगड़ा है ननद … किसका लण्ड है ये मादरचोद?
ननद बोली- यह मेरे देवर के दोस्त सफ़ी का लण्ड है। मेरे देवर ने ही इसे मेरे पास भेजा है. बोला कि ‘भाभी जान मैं इसकी बीवी चोद रहा हूँ। मेरी तो कोई बीवी है नहीं। मेरी अभी शादी नहीं हुई तो मेरी बीवी के बदले तुम इससे चुदवा लेना प्लीज।’ मैंने कहा ठीक है चुदवा लूंगी। इसलिए मैं इससे चुपचाप चुदवाने लगी।
तब मेरी ननद ने फ़ौरन मेरी चूत में दो उंगली घुसेड़ दी और मुस्कराकर बोली- तेरी चूत तो बहनचोद एकदम तैयार है भाभी जान!
फिर उसने सफ़ी का लण्ड मेरी फुद्दी में पेल दिया और मैं मस्ती से कमर हिला हिला कर चुदवाने लगी।
मैं भी उसी तरह चुदने लगी जैसे मेरी ननद चुद रही थी।
इतने में मेरी सास भोसड़ी वाली फिर आ गयी।
इस बार सास का हुलिया बिलकुल बदला हुआ था।
उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था, वह नंगी बड़ी मस्त लग रही थी।
उसकी चूचियाँ इस उम्र में भी तनी हुई थीं।
एकदम हॉट थी मेरी हरामजादी सास!
उसका बिना झांट का टाइट भोसड़ा देख कर मैं भी मस्त हो गई।
उसके हाथ में एक टनटनाता हुआ लण्ड था।
लण्ड देख कर मैं ललचा गई, मेरे मुंह में पानी आ गया।
मेरा मन हुआ कि मैं लण्ड उससे छीन कर अपने मुंह में घुसेड़ लूँ।
तब तक वह बोली- बेटी तराना देख, तेरी भाभी जान यानि मेरी बहू की बुर भी बड़े मजे से लण्ड खा रही है। बड़ी अच्छी तरह चुद रही है मेरी बहू की बुर! तूने उसे भी अपनी ही तरह चुदक्कड़ बना डाला है तराना!
मेरी ननद बोली- तेरी बहू तो अपनी शादी के पहले से ही चुदी हुई है अम्मी जान!
सास बोली- तब तो और अच्छा है। मैं तो चुदी हुई बहू चाहती ही थी। खुदा ने मेरी सुन ली।
ननद ने सास के हाथ से लण्ड छीन लिया और बड़े प्यार से चाटने लगी।
उसने पूछा- अम्मी जान यह किसका लण्ड है?
सास ने बताया- यह मेरी सहेली का बेटा है असद! इसे चोदने का बड़ा शौक है। यह अपनी अम्मी के सामने ही दूसरों की बीवियां बहू बेटियां सब चोदता है। आज इसका लण्ड मेरे हाथ लग गया तो मज़ा आ गया। मैं इसे लेकर तेरे पास नंगी ही आ गई. मैंने सोचा कि तू भी इसके लण्ड का मज़ा ले ले।
फिर तो तराना भी उसके साथ लण्ड चाटने लगी।
मैं माँ बेटी दोनों को नंगी लण्ड चाटते हुए देख कर मस्त हो रही थी.
फिर मैं और भी ज्यादा बेशरम हो गयी।
मैंने कहा- तुम दोनों माँ बेटी नंगी नंगी लण्ड चाटती हुई बड़ी प्यारी लग रही हो।
सास को भी मस्ती सूझी वह बोली- तेरी ननद की माँ की चूत बहू रानी … तेरी ननद बहुत बड़ी लण्डखोर है।
इतने में ननद बोल पड़ी- तेरी सास बड़ी चुदक्कड़ है भाभी जान!
फिर मैंने भी खुल कर कहा- तेरी माँ की बहू की चूत ननद रानी … और तेरी बेटी की भाभी की बुर सासू जी!
हम लोगों की गन्दी गन्दी गालियों से सफ़ी के लण्ड में गज़ब का जोश आ गया और वह तेज तेज चोदने लगा।
बस थोड़ी देर में उसका लण्ड झड़ गया और मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा।
वह बाथ रूम चला गया तो ननद भी उसके पीछे पीछे चली गयी।
फिर मैं सास के साथ नंगी नंगी असद का लण्ड चाटने लगी।
सास बोली- आज मैं पहली बार नंगी नंगी अपनी बहू के साथ लण्ड चाट रही हूँ। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है.
कुछ देर बाद लण्ड सास ने मेरी चूत में घुसा दिया।
तब तक ननद भी आ गयी।
सफ़ी भी आया तो उसका लण्ड दुबारा खड़ा हो गया।
सास ने सफ़ी का लण्ड ननद की फुद्दी में दुबारा घुसेड़ दिया।
अब हम ननद भाभी दोनों एक साथ चुदने लगीं।
सास दोनों लण्ड के पेल्हड़ बड़े मजे से सहलाने लगी और बोली- मैं जब अपनी बेटी बहू दोनों की बुर एक साथ चुदती हुई देखती हूँ तो मेरा मन खिल जाता है। मैं भी अपने आप को इन्ही की जैसी जवान समझने लगती हूँ। जब ये दोनों मिलकर मेरे भोसड़ा में लण्ड पेलतीं हैं तो मैं गदगद हो जाती हूँ। मेरा मन बाग़ बाग़ हो जाता है। मुझे जवानी का असली मज़ा आने लगता है।
मेरी सास का नाम है फरज़ाना बेगम और मेरी ननद है तराना।
सास लण्ड हम दोनों की चूत में झमाझम पेल रही थी।
कभी असद का लण्ड पकड़ कर मेरी चूत में पेल देती तो सफ़ी का लण्ड पकड़ कर ननद की चूत में पेल देती।
कुछ देर बाद सफ़ी का लण्ड मेरी चूत में और असद का लण्ड ननद की चूत में घुसेड़ दिया।
मैंने देखा कि वह सच में बड़े मजे से और बड़े प्यार मोहब्बत से अपनी बेटी बहू की बुर में लण्ड अदल बदल कर पेल रही हैं।
अपनी बेटी बहू की चुदती हुई बुर देख कर उसे बड़ा गुमान हो रहा था।
वह बोली- बहू रानी, तेरी बुर भी बड़ी मस्ती से गपर गपर लण्ड खाती है. तेरी शादी के पहले तेरी बुर ने कितने लण्ड खाये थे? और सबसे बढ़िया लण्ड तुझे किसका लगा था?
मैंने कहा- मेरी चूत जब लण्ड खाती है तो लण्ड की गिनती नहीं करती सासू जी बस लण्ड खाती चली जाती है। बढ़िया लण्ड कई थे सासू जी। फिर भी मेरी भाभीजान के अब्बू का लण्ड, मेरे बड़े अब्बू का लण्ड और पड़ोस के रहीम चाचा का लण्ड सबसे बढ़िया लण्ड थे जिनसे मैं अक्सर खेला करती थी।
ये सब बातें सुनकर असद और सफ़ी दोनों के लण्ड एक साथ ही झड़ गए।
फिर हम तीनों ने मिलकर इन दोनों के झड़ते हुए लण्ड खूब मस्ती से चाटे।
X फॅमिली फक में हम तीनों का साथ साथ लण्ड पकड़ना, लण्ड चूसना और चाटना फिर साथ साथ एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर चुदवाने का सिलसिला चलता रहा।
इससे मेरी चूचियाँ दुगुनी हो गईं।
मेरी ननद के भी मम्मे बड़े बड़े हो गए; मेरी सास का भोसड़ा भी मस्त हो गया।
हम तीनों अब कोई फर्क नहीं रहा और हमारी चूत में भी कोई फर्क नहीं रहा।
मैंने कहा- जैसी मेरी चूत वैसी ही मेरी भोसड़ी वाली सास ननद की चूत!
सास बोली- हां बिल्कुल सही कह रही है तू रेशमा बहू! जैसी मेरी चूत वैसी ही मेरी बेटी बहू की चूत!
ननद बोली- हां यार, जैसी मेरी चूत वैसी मेरी हरामजादी अम्मी की चूत, भाभी की चूत!
इस तरह आजकल सब बहू बेटियों की बुर खूब खुल्लम खुल्ला खातीं हैं एक से एक बेहतरीन लण्ड।
साथ में माँ का भोसड़ा और सास का भोसड़ा भी खूब मजे से खाता है लण्ड पे लण्ड!
सास बहू ननद तीनों मिलकर हर तरह के लण्ड का स्वाद लेती हैं।
मेरा X फॅमिली फक कहानी कैसी लगी, मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
[email protected]
लेखिका की पिछली कहानी थी: एक दूसरे की बीवी चोद कर मनाया नया साल
What did you think of this story??
Comments