सगी भतीजी की सीलतोड़ चूत चुदाई- 1

(Teen Pussy Need Sex)

आलम अलवर 2024-10-27 Comments

टीन पुसी नीड सेक्स … मेरी भतीजी जवान हो गयी थी. उसने मुझे और अपनी अम्मी यानि देवर भाभी को नंगे देख लिया था. उसकी वासना अब उसे लंड लेने के लिए कह रही थी.

सलाम दोस्तो, मैं आलम अलवर से अपनी नई और सच्ची कहानी के साथ पुनः एक बार हाजिर हूँ.

मैंने इसके पहले अपनी एक सेक्स कहानी
चुदक्कड़ भाभी की चूत चोदी
लिखी थी जिसमें मैंने आपको अपने चुदक्कड़ परिवार के बारे में बताया था और अपनी जन्नत भाभी जान की चुदाई की थी.
उस टीन पुसी नीड सेक्स कहानी को आप पढ़ेंगे तो आपको मेरे परिवार के बारे में सारी जानकारी हो जाएगी.

मेरी भाभी जन्नत के बारे में एक बार पुनः बता दूँ कि जैसा उनका नाम है, वैसा ही उनका काम है.
मेरी जन्नत भाभी जिसके भी साथ सोती हैं, उसको जन्नत की सैर करवा देती हैं.

जन्नत भाभी की कमसिन बेटी यानि मेरी भतीजी नाजरीन की उम्र 19 साल की है.
उसने अभी अभी जवानी में कदम रखा है.

उसके निम्बू जैसे संतरे और काले काले लम्बे बाल किसी को भी दीवाना बना दे.
मेरी इसी प्यारी भतीजी नाजरीन की सील को इस कहानी में मैं तोड़ने वाला हूं.

आपने पिछली कहानी में पढ़ लिया था कि मैंने एक रात अपने भाई की अनुपस्थिति में अपनी भाभी को पेल दिया था और उनके साथ ही नंगा सो गया था.
सुबह मेरी भतीजी नाज़रीन अपनी अम्मी को उठाने आई तब उसने देखा कि मैं उसकी अम्मी के साथ नंगा सोया पड़ा हूँ.

यह बात मैंने भाभी जान से कही तो उन्होंने हंस कर बताया- कोई बात नहीं, वह मुझे तो रोज ही नंगी देखती है. उसके सामने ही कई लोग मेरी चूत को बजा कर गए हैं.

मैंने यह सुनकर भाभी जान से अपनी भतीजी को बजाने की बात कही, जिसे उन्होंने मान लिया.
उन्होंने जैसे ही मेरी बात मानी मुझे उन्हें फिर से चोदने का जी करने लगा.

अब आगे टीन पुसी नीड सेक्स:

जन्नत भाभी बोलीं- देवर जी, अब जाओ और नहा लो.
मैं- भाभी अभी दिल नहीं भरा है, एक बार और करने दो ना?

भाभी- जैसे तुम्हारा मन करे देवर जी, पर पहले जाकर अपनी भतीजी को चाय का बोल दो, तब तक वह चाय बना देगी.

मैं भाभी जान की बात मान कर अपने कपड़े पहनने लगा.
भाभी ने हँसती हुई गाली देती हुई बोलीं- भोसड़ी के … उसने तुझे नंगा देख लिया है और तू अब कपड़े पहन रहा है. इसी दम पर उसको चोदेगा क्या!

यह सुनकर अब मैं नंगा ही अपना खड़ा लंड सहलाता हुआ अपनी भतीजी के पास चला गया.

मैं- बेटा नाजरीन, चाय बना दो!
जैसे ही मेरी भतीजी की नज़र मेरे नंगे बदन पर पड़ी, वह पलक झपकाये बिना देखती रह गई.
वह मेरे लंड को घूर रही थी.

मैं मन में सोच रहा था कि यह अच्छा मौका है. आज ही इसकी बजा देता हूँ.

मैं- क्या हुआ बेटा क्या देख रही हो?
नाजरीन सपकपा गई और उसने मेरे लंड से अपनी नज़र हटा ली.

मैंने भी एक बार उसकी आंखों के सामने ही अपने लौड़े को तुनकी दी और हाथ उसे सहला कर अपनी भतीजी को वासना से देखता हुआ जन्नत भाभी के पास चला आया.

फिर भाभी जान के पास लेटकर उनके मम्मों से खेलने लगा.

मैं- भाभी, मुझे नाज़रीन को अभी चोदना है?
भाभी- ठीक है अगर उसका मन होगा, तो चोद लेना पर उसके साथ जबरदस्ती मत करना!

मैं खुश होते हुए बोला- जी भाभी जान, आई लव यू … आप सच में बहुत अच्छी हो.
फिर मैं भाभी की गुलाब की पंखुड़ियों के जैसे होंठों को चूमने लगा.

भाभी भी मेरे किस का जवाब किस से देने लगी थीं.
मैं भाभी के पूरे बदन को चूमने लगा.

भाभी को चुदास चढ़ने लगी और वे कसमसाने लगीं- आह देवर जी, आओ अब मेरी चूत को चाटो … बहुत आग लगी है उधर!

मैं भाभी की टांगों के बीच में आ गया और उनकी प्यारी सी चूत को चाटने लगा.

भाभी की चूत एकदम साफ थी, उस पर एक भी बाल नहीं था.
पर ज्यादा चुदने के कारण उनकी चूत के किनारे हल्के काले हो गए थे.

मैं अपनी जीभ भाभी के दाने पर रगड़ने लगा.
भाभी- आह देवर जी, क्या चूसते हो यार … आइई अम्मी शाबाश देवर जी मस्त चूस रहे हो … साले सब गांडू चोदे मेरी चूत बजाने आते हैं और बजा कर चले जाते हैं … पर कोई हरामी इतनी अच्छी तरह से नहीं चूसता … आई आह … मैं तो गयीईई आईआह!

बस भाभी का पानी निकल गया.
वे जोर जोर से सांसें भरने लगी थीं.
कुछ देर बाद भाभी जान शांत हो गईं.

मैं- भाभी आपका हो गया, अब मेरा क्या होगा!

भाभी- देवर जी, नाजरीन को पटाओ … मान जाए तो अपनी प्यास उसी से बुझा लेना … और ना मानी तो मेरी चूत को चोद लेना!

तब तक नाजरीन दरवाजे के पास आ गई थी और उसने सब सुन लिया था.

भाभी ने भी नाज़रीन को देख लिया था.
उन्होंने उसे बुलाया- इधर आ बेटी, देख तूने मुझे कई लोगों से चुदवाते हुए देखा है. मुझे पता है कि तू जवान हो गई है. तेरी मर्जी भी होगी और तेरी चूत में भी आग जल रही होगी. अगर तुझे चुदवाने का मन कर रहा हो तो खुल कर बोल दे बेटी!

नाज़रीन- लेकिन अम्मी अपने यहां तो रिवाज है न कि घर की छोटी लड़की की शादी उसके भाई से होती है!

भाभी- देख बेटा रिवाज तो है. पर तेरा भाई अभी छोटा है और तू जवान हो गई है. अब तुझसे जवानी संभाली नहीं जाएगी. तुझे कोई पसंद है तो बोल दे, मैं खुद यहां बुला कर तुझे उससे चुदवाऊंगी!

नाज़रीन- पसंद तो मुझे मेरा भाई ही है. मैं लुगाई तो उसकी ही बनूँगी, पर अभी चचाजान का आइटम देख कर मेरे बदन में आग लग गई है.

भाभी- अरे आइटम आइटम क्या लगा रखा है बेटा … ऐसे मत बोला करो, सीधा नाम लिया करो न! लंड चूत मम्मे गांड चुदाई ऐसे साफ साफ बोला करो … और चुदाई के वक़्त सब रिश्ते भूल जाया करो … गाली वाली कुछ भी बोलो, उसकी पूरी छूट है तुम्हें!

फिर नाज़रीन की अम्मी उसको चूमने लगीं और उसके कपड़े उतारने की कोशिश करने लगीं.

नाज़रीन- अम्मी मेरी पहली चुदाई है और मैं चाहती हूं कि मेरे कपड़े कोई मर्द उतारे … आज आपने मेरे चाचा को टेस्ट कर लिया है, तो मैं चाहती हूँ कि चाचा ही मुझे नंगी करें.
भाभी- शाबाश बेटी, तू बिल्कुल अपनी माँ पर गई है. आ जा बेटी आज मजे कर ले.

फिर मेरी भतीजी मेरे नज़दीक आ गई.

मैं तो पहले से ही नंगा था. वह पहले मेरे पास आई और उसने झुक कर मेरे लंड पर किस किया.
मैं- खुश रहो बेटी, सदा लंड लेती रहो … तेरी चूत हमेशा वीर्य से भरी रहे. तुम अपनी माँ, दोनों बुआ और दादी से भी बड़ी रंडी बनो.

यह कह कर मैंने उसकी कमीज़ उतार दी.
नाज़रीन ने कमीज़ के नीचे कुछ नहीं पहना था उसके निम्बू के आकर के बूब्स बहुत मस्त लग रहे थे.

मैंने उसके बूब्स को पकड़ कर मसल दिए.
वह बस कसमसा कर आह करके रह गई- आअह्ह्ह चाचा … आराम से दर्द हो रहा है!

अब मैं उसके निम्बू जैसे बूब्स में से एक को अपनी जीभ से चाटने लगा और उसे मुँह में भर कर चूसने लगा.
वह तड़फने लगी.

नाज़रीन का हाथ मेरे लंड पर पहुंच गया.
वह मेरे लंड को मसलने लगी.

फिर मैंने उसकी सलवार भी खोल दी.

दोस्तो, क्या मस्त बुर है मेरी भतीजी की … एकदम छोटी सी. ऐसा लग रहा था … जैसे बुर के नाम पर बस एक दरार सी ही है. उसकी बुर पर हल्के हल्के से रेशमी सुनहले बाल आए हुए थे.

मैं झुक कर उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा.

नाज़रीन- आह चाचू अब तड़फाओ मत … ऐसा लग रहा है कि मेरी जान चूत के रास्ते अटक गई है. अब ज्यादा देर मत करो.

मैंने भाभी की तरफ देखा.
वे मुस्कुराने लगीं.

भाभी- देवर जी, पहले इसकी चूत को चाट कर साफ तो करो, फिर सील तोड़ना!
मैं- जी भाभी जान जो हुकुम!

अब मैं अपनी भतीजी की चूत पर अपनी जीभ रख कर चाटने लगा.

सच में यार … क्या मक्खन की टिकिया मुँह में आ लगी थी.
इसकी बुर के आगे तो जन्नत भाभी की चूत भी फेल थी और खुद पूरी की पूरी जन्नत भाभी भी फेल थी.

मैंने चूतें तो बहुत देखी थीं … पर नाज़रीन के जैसी बुर अब तक किसी की नहीं देखी थी.
मेरे चूत चाटने से नाजरीन की हालत और खराब होने लगी.

नाज़रीन अपनी गांड उठाती हुई मेरे मुँह से लगाने लगी और कराहने लगी- आह ऐई ईईईया अम्मी अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है! आप प्लीज चाचा को बोलो कि वे अब मुझे जल्दी से चोद दें!

अब नाजरीन की अम्मी मुझे गाली देने लगीं- साले भड़वे, रांड की औलाद … अब तड़फा मत मेरी बेटी को … जल्दी से पेल दे अपना मूसल और तोड़ दे उसकी सील!

नाज़रीन ने भी मुझे गाली देते हुए उकसाया- आह मादरचोद चाचू … तेरी माँ की चूत … भोसड़ी वाले अब जल्दी से चढ़ जा मेरे ऊपर और फाड़ दे मेरी बुर आह!

जन्नत- देख बेटी, तेरा पहली बार है … दर्द ज्यादा होगा … तू बर्दाश्त तो कर सकती है न … बोलो!

नाज़रीन से रहा न गया और उसने आपनी अम्मी की मां बहन एक करना शुरू कर दी.

वह गाली देती हुई बोली- भोसड़ी की रांड, तेरी सील भी मेरे मामू ने तोड़ी थी ना … दर्द तूने भी सहा था ना … मैं भी तेरी बेटी हूं साली रांड, अब अपनी माँ मत चुदा और अपने भड़वे देवर को बोल कि वह मेरी चूत को फाड़ कर रख दे.

यह सुनकर मेरी भाभी जन्नत हंसने लगीं और मुझसे बोलीं- हट बे लौड़े … तेरे लंड के लिए छेद सैट करने दे.
भाभी जान ने अपनी बेटी नाज़रीन को चुदाई की पोजीशन में लिटा दिया और उसकी चूत पर ढेर सारा तेल डाल दिया.

फिर भाभी जान ने मेरे लंड को चूस कर गीला कर दिया और बोलीं- चल चोद दे मेरी चूत से निकली बुर को!
यह सुनकर मैं नाज़रीन के ऊपर चढ़ गया और अपने लौड़े को उसकी चूत की फांक पर सैट करने लगा.

टीन पुसी नीड सेक्स … नाज़रीन लंड लेने के लिए कुछ ज्यादा ही उतावली थी.
मैं उसकी बुर पर लंड घिसने लगा.
नाज़रीन नीचे से चूत को उठा कर मेरे लंड पर रगड़ देती हुई घिसने लगी.

कुछ ही पल बाद नाज़रीन ग़ुस्से में पगला गई- साले नामर्द की औलाद, जल्दी कर न भोसड़ी के … मेरी चूत में आग लगी हुई है और तू टाइम पास कर रहा है!

मुझे ग़ुस्सा आ गया और मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रखकर एक जोरदार झटका दे मारा.
मेरे लौड़े का टोपा मेरी भतीजी की सील पैक बुर को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.

नाज़रीन- आआहह अम्मीईईई मेरी चूत फट गयीईई … साले हरामी चाचूउउउउ … मादरचोद … निकाल लौड़े को … आह!
मैं अड़ गया- साली रंडी की जनी, बहन की लौड़ी नामर्द किसको बोल रही है रंडी … नामर्द तो तेरा बाप है … इसलिए भाभी सबके लंड लेती है. अभी तो इस मर्द के लंड का सिर्फ सुपारा ही तेरी बुर के अन्दर गया है रांड और तेरी तो अभी से फट कर हाथ में आ गई है! अभी लौड़े को जाने तो दे … आज तुझे लंडखोर न बनाया तो मेरा नाम भी आलम नहीं!

यह सुनते ही मेरी भाभी और भतीजी दोनों गुस्सा हो गईं.
मैं भी सकपका गया कि मेरे मुँह से क्या गलत निकल गया.

दोस्तो, मैं आपको सेक्स कहानी के अगले भाग में बताऊंगा कि मैंने अपनी सील पैक चूत की मालकिन अपनी भतीजी को अपनी भाभी की मदद से किस तरह से चोदा और उसे अपने लंड का गुलाम बना लिया.

आप मेरी टीन पुसी नीड सेक्स कहानी पर अपने कमेंट्स जरूर भेजें.

लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.

टीन पुसी नीड सेक्स कहानी का अगला भाग:

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