दीदी और उसकी सहेली का कुत्ता बना
(Slave Sex Dirty Story)
स्लेव सेक्स डर्टी स्टोरी में मैं चाहता था कि मैं लड़कियों की गुलामी करूं. यह मौक़ा मुझे मेरी सगी बहन और उनकी सहेली ने दिया. दोनों ने मुझसे कुत्ते की तरह बर्ताव किया.
सभी दोस्तों को मेरा प्रणाम!
मेरा नाम राहुल है और मेरी आयु 27 वर्ष है।
मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ।
यह कहानी मेरी बड़ी बहन पिंकी और उनकी फ़्लैटमेट किरण दीदी की है कि कैसे उन्होंने मुझे अपना पालतू कुत्ता बनाया।
मेरी दीदी पिंकी की आयु 30 वर्ष और उनकी फ़्लैटमेट किरण दीदी की आयु 29 वर्ष है।
मुझे अपने कॉलेज के समय से ही नारीवाद यानि femdom में काफ़ी रुचि होने लगी थी।
मैं हमेशा से चाहता था कि मैं किसी लड़की का गुलाम बन कर रहूं, उसका पालतू कुत्ता बन के रहूँ और वह कुछ भी करे मेरे साथ!
अब मैं मुख्य स्लेव सेक्स डर्टी स्टोरी पर आता हूँ।
बात तब की है जब दीदी की सहेली किरण का जन्मदिन था और मेरी दीदी ने मुझे इन्वाइट किया अपने घर पे छोटी सी पार्टी के लिए।
मेरी दीदी नोएडा में रहती है और मैं अपनी बाइक से उनके घर शाम को पहुँच गया।
जैसे ही मैं पहुँचा तो पिंकी दीदी ने दरवाज़ा खोला, मैं उन्हें देखता है रह गया.
उन्होंने एक ऊंची एड़ी वाली सैंडलl पहनी थी जिनको देख कर मैंने उनके पैर छू लिए।
दीदी हैरान हो गई क्योंकि मैंने कभी उनके पैर नहीं छुए थे तब से पहले!
फिर उन्होंने मुझे किरण दीदी के पैर छूने के लिए बोला.
उन्होंने एक फ्लैट सैंडल पहनी थी।
मैंने ख़ुशी खुशी किरण दीदी के पैर भी छू लिए क्योंकि मैं तो शुरू से ही लड़कियों के चरणों का दास बन कर रहना चाहता था.
हम लोगो ने थोड़ी देर बातें की और उस दौरान मैं उन दोनों के पैरों को देखता रहा।
दोनों दीदियाँ मेरी ये हरकत नोटिस कर चुकी थी और समझ चुकी थी कि वे आसानी से मुझे अपना ग़ुलाम बना सकती हैं।
किरण दीदी ने व्हिस्की मँगवा रखी थी और थोड़े बहुत स्नैक्स भी थे।
हम लोगों ने ड्रिंक लेना आरम्भ किया।
किरण दीदी और पिंकी दीदी दोनों अपने पैर मेज पर रखे हुए थे।
मैंने एकदम से अपना मोबाइल नीचे गिराया और ढूँढने के बहाने पिंकी दीदी की सैंडल्स को सूंघने लगा।
मैं इस काम में इतना खो गया, उनकी सैंडल्स की ख़ुशबू सूँघते हुए मुझे पता है नहीं लगा कि वे दोनों मुझे देख रही हैं।
इतने में आवाज आयी किरण दीदी की- देखा पिंकी, मैंने कहा था ना कि तेरा भाई हमारा कुत्ता स्लेव बन सकता है।
पिंकी दीदी ने मेरा मुँह ऊपर किया और जोर जोर से कई थप्पड़ मेरे मुँह पे मारे और मेरे मुँह पर थूक दिया।
उसके बाद किरण दीदी ने भी 15-20 थप्पड़ मेरे मुँह पे मारे और बहुत सारा थूक मेरे मुँह में थूका।
पिंकी दीदी ने कहा- आज हम दोनों तेरा वो हाल करेंगे कुत्ते … कि तू हमेशा याद करेगा। आज से मैं तेरी बहन नहीं मालकिन हूँ. और तू अब से हमारे साथ ही रहेगा हमारा कुत्ता बन के!
फिर किरण दीदी अपने रूम से एक बैग लेकर आयी और अपने पैर मेज पर रख कर सोफ़े पर बैठ गई और मुझे उनके पैर चाटने को बोला।
मैं दीदी की सहेली के पैर चाटने लगा.
इतने में पिंकी दीदी ने बैग खोला और उसमें से हंटर निकाला और मेरी पीठ पर बरसाना शुरू कर दिया।
मैं बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाया- आह ह्ह्ह दीदी … मत मारो प्लीज़ अह हहाह!
उन्होंने और जोर जोर से मारना शुरू कर दिया और कहा- साले में तेरी बहन नहीं, मालकिन हूँ।
फिर किरण दीदी ने अपना पूरा पैर मेरे मुँह में डाल दिया और मुझे चूसने को कहा ताकि मेरी चीखें बाहर ना निकले।
पिंकी दीदी ने मार मार कर मेरी गांड और पीठ दोनों लाल कर दी थी।
उसके बाद पिंकी दीदी ने मुझसे अपने पैर चटवाये और किरण दीदी ने मेरी हंटर से पिटाई की।
किरण दीदी बहुत ताक़त वाली थी इसलिए मैं उनकी मार झेल नहीं पाया और बेहोश हो गया.
मगर उन्होंने मारना बंद नहीं किया और पिंकी दीदी ने अपनी सैंडल की हील मेरे मुँह में डाल रखी थी।
दोनों ने एक एक पेग पिया और मेरे मुँह में थूक थूक कर मुझे होश में लाई।
इसके बाद उन्होने मुझसे अपनी बगलें आर्मपिट्स चटवायी. उनमें से पसीने की बदबू आ रही थी पर मुझे मजा आ रहा था.
फिर दोनों दीदियों ने अपनी चूत और गांड भी मेरे से अच्छे से चटवायी।
दीदी की सहेली ने मेरा लंड मुंह में लेकर खडा किया और फिर उस पर थप्पड़ मार मार कर लाल कर दिया.
अब तक मेरी बुरी हालत हो चुकी थी और मुझे प्यास लगी थी।
मैंने किरण दीदी से कहा- मुझे प्यास लगी है!
तो वह मुझे बाथरूम में ले गई और दोनों ने बारी बारी मेरे मुँह पे अपनी चूत रख के सारा पेशाब मेरे मुँह में कर दिया और मुझे पिला दिया।
उसके बाद पिंकी दीदी ने मुझे नहा कर के कमरे में आने को बोला।
जब मैं रूम में गया तो मैं बहुत डर गया।
दोनों लड़कियों ने स्ट्रैप ऑन डिलडो पहन रखे थे और वे 8 इंच लंबे और 3 इंच मोटे थे।
मेरी दोनों बहनों ने दो दो पेग और पिये और मुझे भी एक पेग दिया।
पहले दोनों ने खूब सारा थूक मेरी गांड में थूका और फिर पहले पिंकी दीदी ने अपना डिलडो मेरी गांड के अंदर एक झटके में डाल दिया.
मैं इतनी ज़ोर से चीखा कि दीदी भी डर गई- आई आईआ आह … मर गया दीदी … छोड़ दो मुझे!
मगर किरण दीदी ने कहा- कोई रहम मत कर इस कुत्ते पे … और शुरू हो जा! चोद इसकी गांड साले की माँ की चूत … कुत्ता हरामी बहन का लौड़ा!
किरण दीदी ने अपना पैर मेरे मुँह में डाल दिया ताकि मैं चीख ना पाऊँ।
और फिर पिंकी दीदी ने फिर से एक झटके में पूरा डिलडो मेरे अंदर डाल दिया और जम के चोदा मुझे!
स्लेव सेक्स मैं चिल्ला भी नहीं पा रहा था पर मेरी आरजू पूरी हो रही थी इस तकलीफ में भी!
दोनों लड़कियों ने मुझे रात 3 बजे तक चोदा, स्लेव बनाकर डर्टी सेक्स किया और उसके बाद अपनी चूत चटवा कर उसका रस मेरे मुँह में झाड़ कर सो गई।
सोते वक्त उन्होंने मेरा मुँह अपने पैरों के नीचे रखा और अपने पैर चाटने को कहा जब तक वे दोनों सो ना जायें।
अब मैं हर शनिवार रविवार को मैं उनके वहाँ जाता हूँ और एक कुत्ते की तरह रहता हूँ।
मुझे इस खेल में बहुत मजा आता है.
दोस्तो, कैसी लगी मेरी स्लेव सेक्स डर्टी स्टोरी?
प्लीज़ मुझे ईमेल पर और कमेंट्स में जरूर बतायें।
मैं जल्द ही अपनी अगली कहानी लेकर आऊँगा।
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