सौतेली मां और बेटे की वासना का खेल- 2
(Sex With My Stepmom)
सेक्स विद माय स्टेप मॉम … मैंने एक रात अपनी सौतेली मम्मी को चोद दिया. उसी रात में दोबारा चुदाई की शुरुआत मेरे मॉम ने की. आप पढ़ कर देखें.
दोस्तो, मैं विशाल आप सभी का अपनी सगी मां की चुदाई की कहानी में स्वागत करता हूँ.
सेक्स विद माय स्टेप मॉम के पहले भाग
सौतेली मॉम के साथ सेक्स की शुरुआत
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी मां ने मुझसे चुदवाना स्वीकार कर लिया था और मैंने उनकी चुत में लंड पेल दिया था.
अब आगे सेक्स विद माय स्टेप मॉम:
जैसे ही मेरा लौड़ा चुत में घुसा, मैंने उसी पल एक बार पूरी ताकत से एक और शॉट मार दिया.
इससे मेरा आधा बुल्ला मां की चूत में घुसता चला गया.
आधा लंड चुत में घुसा, तो मां ने थोड़ी से जोर से सिसकारी भरी- आआह … मर गई.
मैं खुशी के मारे हंस पड़ा और लंड चुत की रगड़ को महसूस करने लगा.
मां अब भी ‘हम्म … आआह …’ करके आवाज निकाल रही थीं. मैं दमादम लंड अन्दर बाहर करने लगा था.
फिर मां ने अपना हाथ हटा दिया और मेरे कंधे पर हाथ रख लिया.
मैंने उसी पल एक और तेज शॉट दे मारा.
अब मेरा पूरा लंड मां की चूत में चला गया.
मां आह आह करके सिसक पड़ीं.
मैंने मां से कहा- पूरा गया?
लेकिन मां ने कुछ नहीं कहा.
मैंने मां को धक्के देते हुए चुत चोदने लगा.
इस समय मुझे मां का मुलायम नर्म पेट अपने पेट पर टच होते हुए महसूस हो रहा था.
मैंने उनकी मैक्सी पेट से ऊपर उठा दी. अब मां का और मेरा पेट आपस में टच होने लगा.
मुझे मां की चूत के बाल भी महसूस हो रहे थे. इससे मैं और उत्तेजित हो गया और मां को झटके मारकर चोदने लगा.
दस मिनट में ही मेरी मां की चूत से पानी निकलने लगा. जिसकी वजह से हॉल में हमारी चुदाई की ‘पच पच …’ की आवाज आने लगी थी.
मैं चोदना रोक कर मां के ऊपर लेट गया और उनको किस करने की कोशिश करने लगा.
लेकिन मां ने अपना मुँह फिरा लिया.
मैं उनके गालों को चूसने और चाटने लगा.
मां ने अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर रख कर मुझे जकड़ लिया.
उन्होंने अपने दोनों पैरों को अड़ा कर मेरे चुदाई के काम में रोक लगा दी.
मगर मैं अपनी ताकत से उनके पैरों के बंधन को तोड़ कर उन्हें फिर से चोदने लगा.
मां अपनी कामुक सिसकारियों से भरी गर्म सांसें मेरे चेहरे पर छोड़ने लगीं.
मैं उनके मम्मों को अपने हाथों से मरोड़ता हुआ धकापेल में लगा रहा.
वो लगातार सिसकारियां लिए जा रही थीं- हम्म्म अह उम्म हहह सीईई!
मैं लंड पेलते हुए उनसे बात कर रहा था लेकिन वो मुझे जवाब नहीं दे रही थीं.
उनके गालों को काटते हुए मैं ये महसूस कर रहा था कि मां की चुत से निकली चिकनाहट से मेरा लंड काफी भीग चुका था.
लगातार शॉट मारते रहने से फच फच की आवाज तेज आने लगी थी.
मैंने उनके गालों को चूसना बंद कर दिया और मां से बोलने लगा- उमंह मांम्म्म्म किस दो ना.
उन्होंने अपनी गांड उठाते हुए अपना मुँह सामने कर दिया. इस समय उनकी आंखें बंद थीं.
मैंने मां से कहा- किस करूं!
मां कुछ नहीं बोलीं.
मेरे सामने उनके लरजते हुए होंठ थे.
मैंने उनके होंठों की एक पप्पी ली और निचला होंठ दबा कर चूसने लगा.
मां ने जरा भी विरोध नहीं किया.
मैं अपनी कमर को तेजी से आगे पीछे करते हुए लगातार अपनी मां की चुत को चोदे जा रहा था.
मेरा पूरा बुल्ला उनकी चुत में गहराई तक जाता और मैं लंड को सुपारे तक बाहर निकाल लेता.
अगले ही पल मेरा पूरा लंड फिर से चुत से जा भिड़ता.
मां की चूत और झांटों में मलाई लग गई थी और उसी के साथ मेरे लंड की झांटों में भी चुत का रस लगने से चिकनाई हो गई थी.
मैं पसीने में लथपथ हो गया था, इस कारण उनके पेट पर मेरा पसीना लग गया था. पेट की रगड़ से जोर से आवाज आने लगी थी.
मां की मदभरी आवाजें बड़ी ही मस्त लग रही थीं.
मैं मां के चेहरे को देख रहा था. मां के माथे पर फ़्लैश लाइट पड़ रही थी तो मैं उनका चेहरा देख रहा था.
उनके बाल खुले हुए थे, सिर पर कहीं कहीं सफेद बाल थे. चेहरे पर अलग ही आकर्षण था और खुलता गेहुंआ रंग था.
मैंने उनकी नाक पर अपनी नाक लगाई और मैंने नीचे से झटके मारने के लगा.
उनकी मैक्सी में से हल्की हल्की हवा आ रही थी जिसमें से उनके जिस्म पर आए हुए पसीने की महक आ रही थी.
मेरी मां चुदते हुए सिसकारियां भर रही थीं. क्यों न भरतीं, उनकी मस्त चुदाई जो हो रही थी … वो भी अपने सगे बेटे के मजबूत लंड से.
मेरी मां अपने बेटे के बड़े वाले लौड़े से चुदाई का मजा गांड उठा कर लेने लगी थीं.
अब मैंने फिर से एक बार उनके होंठों में होंठ लगाकर किस करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने इसमें मेरा साथ नहीं दिया.
मैंने उनका मुँह अपने एक हाथ में पकड़ा और कहा- रज्जी मुँह खोल दे.
इस बार मैंने उनके मुँह में अपना मुँह डालते हुए किस करना शुरू कर दिया था.
कुछ समय बाद उन्होंने साथ देना शुरू कर दिया.
अब वो भी मेरी जीभ को अपने मुँह में खींच कर चूसने लगी थीं और साथ देने लगी थीं.
मैं तेजी से किस करने लगा.
बाहर जोरों से बारिश हो रही थी और अन्दर में मेरी मां को चोद रहा था.
हम दोनों पूरे पसीने से भीग गए थे.
मैं अपनी मां को काफी देर से चोद रहा था और लगातार झटके मारे जा रहा था.
मेरी मां मुझसे पहले झड़ चुकी थीं मगर मैं उन्हें चोदता रहा था.
अब वो फिर से झड़ने वाली हो गई थीं तो उन्होंने हमारी चूमाचाटी को तोड़कर आवाज लेना शुरू कर दिया.
‘आआह … विशाल अअहह … अअअ विशाल … मैं गईईई …’
मां ने अपने पैर खोलते हुए हवा में उठा दिए.
उनकी चुत से पानी निकला तो उसने मेरे पूरे लंड को भिगो दिया.
चुदाई में चिप चिप की आवाज आने लगी.
मैं लगातार झटके मारे जा रहा था.
मैं इस वक्त पूरा नंगा था तो मां ने अपने दोनों हाथ मेरी गांड पर रखे और मुझे जकड़ने लगीं.
मेरे चूतड़ लगातार चल रहे थे, जिस वजह से मां के हाथों में चूड़ियां होने की वजह से उनकी खनखनाने की आवाज आने लगी.
वो तेजी से मदभरी सिसकारियां ले रही थीं.
कुछ देर बाद मैं भी झड़ने को आने लगा. मेरी मां मुझसे चुदवाती हुई बोल रही थीं- आआह विशाल अन्दर मत निकलना … आआह अन्दर मत विशु … ऊऊऊ अन्दर मत … आआह उईई …
मगर मैं उत्तेजना में था तो मां की चूत में ही झड़ गया.
झड़ कर मैं कुछ देर मां के ऊपर ही लेटा रहा.
वो लम्बी लम्बी सांसें लेती हुई मेरी पीठ और कमर पर हाथ फिराने लगीं. हम दोनों काफी थक गए थे, हमारी इसी अवस्था में आंख लग गई.
सुबह मेरी मां ने मुझे आवाज दी- विशाल विशाल … उठ, मुझे उठना है.
मैंने आंखें खोल दीं और हड़बड़ा कर जाग गया और अपनी मां के ऊपर से उठ गया.
अब मैंने देखा कि मां की मैक्सी ऊपर उठी थी और मैं पूरा नंगा उनके ऊपर चढ़ा था.
मां ने मेरे लंड को एक नजर देखा और मैंने मां की चूत देखी.
मां की चूत पर काफी काले बाल थे, जिसकी वजह से मुझे उनकी चूत नहीं दिख रही थी.
मां उठ कर अपनी मैक्सी को ठीक करने लगीं और मैं अपनी अंडरपैंट ढूंढने लगा.
मेरी मां- क्या खोज रहा है?
मैं- मां मेरी अंडरपैंट?
मां- तूने ही निकाली थी अपनी और मेरी भी … मेरी किधर रख दी!
मैं- हां मां निकाली तो मैंने ही थीं. आपकी पैंटी तो आपके सिरहाने पर रखी है.
मां ने अपनी पैंटी उठाई और पहन लगीं.
वो उठीं, तो मैंने देखा कि मेरी अंडरपैंट मां के नीचे ही थी.
मेरी मां अपनी पैंटी पहनती हुई बोलीं- ये ले तेरी अंडरपैंट.
मैं- ये तो गीली हो गई.
मेरी मां- शायद रात को पानी के वजह से गीली हो गई. ला मुझे दे … उसे मत पहन, मैं दूसरी दे देती हूं.
मैं- हां.
मां दूसरे रूम में चली गईं और कुछ देर बाद दूसरी अंडरपैंट ले आईं.
मेरी मां- ये ले, पहन ले.
उन्होंने अंडरपैंट मेरी तरफ उछाल दी और कहा- अब तू मेरा नाम लिया कर!
मैं- क्यों मां?
मां- वो सब हम बाद में बात करेंगे. अभी मैं बाथरूम जा रही हूँ.
मैंने अंडरपैंट पहनते हुए कहा- ठीक है.
मां चली गईं. वो कुछ देर में नहा धोकर बाहर आ गईं.
मां- जा नहा ले, बाथरूम में गर्म पानी रखा है.
मां रसोई घर में चली गईं. हमारा रसोई घर और बाथरूम बगल बगल में ही था. मैं ब्रश करते हुए मां से बात करने लगा.
मैं मां को देखते हुए बोला- मां, आप कुछ बात करने वाली थीं.
मां ने आज ब्लैक मैक्सी पहनी थी. ये स्लीव लैस थी.
बाहर अभी भी बारिश चल रही थी.
मां- तू पहले नहा ले और अब तू मुझे मां मत बोल, मेरा नाम लिया कर!
मैं- क्यों मां ग़ुस्सा हो क्या?
मां- गुस्सा नहीं, तुम पहले नहा लो. मैं तेरे लिए नाश्ता और चाय बना देती हूं.
मैं बाथरूम में नहाने घुस गया.
मैंने बाथरूम में जाकर देखा कि मां के रात के कपड़े वहां पड़े हुए थे. उनकी गीली पैंट ब्रा के साथ नाइटी भी पड़ी थी.
मैं नहाकर बाहर आ गया और कपड़े पहन कर हॉल में आ गया.
मां- आ गया … बैठ मैं नाश्ता लगाती हूँ.
मेरी मां दोनों के लिए चाय नाश्ता ले आईं.
हम दोनों नीचे फर्श पर बैठ कर चाय नाश्ता करने लगे.
मां- ये लो कचौड़ी खाओ.
मैं- मां आप कुछ बात करने वाली थीं.
मां- हां लेकिन मगर पहले आप मुझे मां बोलना बंद करो.
मैं- क्यों … और ये आप मुझे तुम की जगह आप आप क्यों कह रही हैं?
मेरी मां- सुनो, रात को हमने मां बेटे के रिश्ते की पवित्रता को तोड़ दी है. जो हमारे बीच हुआ, वो एक पति और पत्नी के बीच होता है. इसलिए आप मुझे मां मत बुलाओ.
मैं- लेकिन मां मुझे माफ कर दो, मुझसे गलती हो गई.
मां- देखो फिर मां … और ध्यान से सुनो … रात को जो कुछ भी हुआ, वो हम दोनों की मर्जी से हुआ. आपने कोई जबरदस्ती नहीं की. मुझे भी वो सब अच्छा लगा, जो हम दोनों ने रात को किया.
मैं- क्यों … आप नाराज नहीं हो?
मेरी मां- नहीं.
उन्होंने अपनी नजरें नीचे रखते हुए कहा.
मैं- ऊओ यार … मैं तुमको काफी दिनों से अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता था. कल रात को कुछ दस्तूर ऐसे ही हो गए … मगर मैं अब जरूरी दस्तूर पूरे कर देता हूँ.
मैंने अपनी मां को गर्लफ्रेंड बनाने किए प्रपोज कर दिया- क्या तुम मुझसे शादी करोगी रज्जी?
मां- चुप बैठो आप … मुझे ये सब नहीं करना, जो हमारे बीच हुआ, वो ऐसे ही हो गया. आप इस बारे में किसी को कुछ मत बताना. ये हमारे बीच का राज रहेगा … समझे!
मैं- हां जान ठीक है, मैं किसी को नहीं बताऊंगा … और ये जो रात को हमने किया था … ये हमारे बीच चलता रहेगा जान.
मेरी मां हंस दीं और बोलीं- हां मेरी जान, लेकिन जब घर में कोई नहीं रहेगा तो हम दोनों पति पत्नी बनकर रहेंगे. घर में सब रहे, तो आपको मुझे मां कहना होगा और मैं आपको नाम से पुकारूंगी. बस ये ध्यान रखना होगा. अगर आपको ये सब मंजूर हो, तो मैं आपके साथ रिलेशन में रहूँगी, नहीं तो हम मां बेटे बनकर रहेंगे और हमारा शारीरक रिश्ता भी आगे नहीं होगा. आपको मंजूर है तो बोलो. एक बात और … आप मुझसे कभी भी जबरदस्ती नहीं करोगे.
ये बोलकर मां रसोई में चली गईं.
मैं थोड़ी देर बाद उनके पास आया तो देखा, वो मुझे नजरअंदाज करके रसोई में काम करती रहीं.
मैं- रज्जी मेरी तरफ देखो न!
रज्जी- हां बोलो?
मैंने उनका हाथ अपने हाथों में लेकर उंगलियों में उंगली फंसाते हुए कहा- मुझे सब मंजूर है शोना … आई लव यू जान!
रज्जी मुस्कुराती हुई बोलीं- पक्का न!
मैं- तेरी कसम जान एकदम पक्का.
रज्जी- आई लव यू टू जान … लेकिन किसी को हमारे प्यार के बारे में पता नहीं चलना चाहिए. वरना दुनिया हमारा प्यार परवान नहीं चढ़ने देगी.
मैं- तुम चिंता मत करो जान, हम ये रिश्ता अच्छे से निभाएंगे.
दोस्तो, ये था सेक्स विद माय स्टेप मॉम … अब तक मैं अपनी मां के साथ सेक्स करने लगा था और मां भी मेरे साथ सहज हो गई थीं.
इस मां बेटे की चुदाई की कहानी में आगे क्या क्या हुआ, वो सब विस्तार से लिखूंगा.
आपके मेल का मुझे इंतजार रहेगा.
[email protected]
सेक्स विद माय स्टेप मॉम कहानी का अगला भाग: सौतेली मां और बेटे की वासना का खेल- 3
What did you think of this story??
Comments