उन्मुक्त वासना की मस्ती- 6

(Sasur Sex Bahu Kahani)

ससुर सेक्स बहू कहानी में बहू ससुर से चुदना चाहती थी और ससुर बहू के साथ सेक्स का मजा लेना चाहता था. दोनों की तमन्ना पूरी हुई जब दोनों अकेले लॉन्ग ड्राइव पर गए.

कहानी के पांचवें भाग
चुदक्कड़ लड़की की सुहागरात
में अब तक आपने पढ़ा कि शालू और रवि की सुहागरात के बाद शालू अपने ससुर सुधीर से चुदने के लिए बेचैन थी.
सुधीर भी अपनी बहू की चूत का मजा लेना चाहता था. वह निश्चय करती है कि वह सुधीर का लंड लेकर रवि से बदला लेगी।

एक दिन दोनों अकेले थे तो दोनों ने साथ में ड्रिंक की और लॉन्ग ड्राइव के लिए गए. रास्ते में सुधीर ने शालू को दूरियां कम करने के लिए उकसाया तो शालू ने एकदम कार रोकने के लिए कहा।
सुधीर को कुछ समझ नहीं आया.

अब आगे ससुर सेक्स बहू कहानी:

सुधीर ने पूछा- क्या हुआ?
शालू ने फिर जोर से कहा- मैंने कहा ना, कार रोको।

सुधीर एकदम सकपका गया.
उसको अनुमान नहीं था कि शालू एकदम बुरा मान जायेगी।

उसने कार रोकते हुए फिर पूछा- शालू आखिर क्या बात हो गई? तुम इतना नाराज क्यों हो गई?

शालू कुछ नहीं बोली बल्कि मुस्कुराती हुई अपनी सीट से उठी और सुधीर की गोद में बैठकर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

सुधीर तो एकदम हक्का-बक्का रह गया।
वह दीवानों की तरह शालू के होंठ चूसने लगा।
उसका लन्ड खड़ा होकर शालू के चूतड़ों में अपने तनाव का एहसास कराने लगा।

शालू ने हाथ बढ़ाकर कार के दरवाजे को अनलॉक किया और लिप लॉक के साथ ही सुधीर को बाहर की ओर खींचा।

सुधीर समझ नहीं पा रहा था कि शालू उसे कहां ले जा रही है.
उसने शालू से पूछा- तुम्हारा क्या इरादा है शालू? कहां ले जा रही हो?

शालू ने कहा- वह बड़ी सी चट्टान देख रहे हो … उसके पीछे एक खूबसूरत झील है जिसमें बहुत सुंदर सूर्यास्त देखने को मिलता है।

जहां तक सुधीर की जानकारी थी, उधर कोई झील नहीं थी.
पर वह शालू के मोहपाश में बंधा हुआ उसके साथ कदम बढ़ाने लगा।

जब वे दोनों चट्टान के समीप पहुंचे तो सुधीर ने शालू से पूछा- यहां कहां है झील? और जब झील ही नहीं है तो सुंदर सूर्यास्त कैसे होगा?

शालू ने शरारत से अपनी जांघों के जोड़ पर हाथ लगाते कहा- यह रही झील!
और सुधीर का लंड पकड़ कर बोली- यह रहा सूर्य … जो इस झील में अस्त होगा।

यह कहते हुए शालू ने सुधीर के लोअर को नीचे खींच कर उसके क्रीमरोल को बाहर निकाला जो इस घटनाक्रम के प्रभाव से कड़क हो चुका था।

शालू ने झुक कर उसे अपने मुंह में ले लिया और सुधीर को अनापेक्षित आनन्द पहुंचाने लगी।

सुधीर तो हैरत में था, उसे तो विश्वास नहीं हो रहा था कि शालू इतनी शरारती और कामुक निकलेगी।

उसने शालू को उठाया और बड़ी उत्सुकता से उसकी स्कर्ट में हाथ डाला तो उसे एक झटका सा लगा.
शालू ने पैंटी भी नहीं पहनी थी और शालू की चूत रिसते हुए रस में पूरी तरह गीली हो चुकी थी।
उसकी उंगलियां शालू की चूत के रस में भीग गईं।

उसने उंगलियों को मुंह में लेकर चूत रस का स्वाद लिया।

उसके बाद उसने शालू के नन्हे से ब्लाउज की चेन खोली।
जिसके अंदर कैद उसके बड़े-बड़े स्तन उसके हाथों और होंठों की प्रतीक्षा में कसमसा रहे थे।

सुधीर की वासना अपने उफान पर थी, उसने शालू को पकड़ कर उठाया और चट्टान से सटाकर उसके स्तनों को चूसने लगा।

जब शालू पूरी तरह उत्तेजित हो गई तो चिल्लाने लगी- सुधीर … जल्दी लंड डाल दो यार!

सुधीर शालू में आ रहे परिवर्तन को देख कर हैरान हो रहा था।
वह पापा से सुधीर जी और सुधीर जी से सुधीर पर आ चुकी थी।

सुधीर ने शालू की चूत पर लंड टिकाया और अपनी गांड को भींच कर अंदर घुसेड़ने के लिए जोर लगाया।

उसका लंड शालू की चूत को चौड़ा करता हुआ पूरा भीतर समा गया।
शालू को ऐसा लगा कि रवि और सुधीर दोनों के लंड बिल्कुल एक जैसे हैं।

जोश में भरा हुआ सुधीर धक्के पर धक्का लगाने लगा।
कुछ ही धक्कों के बाद शालू उत्तेजना में चीखने लगी- सुधीर … जोर से रगड़ … और जोर से रगड़ दे मेरे राजा!

चट्टान पर थोड़ा पीछे की ओर झुकी हुई शालू की चूत सामने की ओर उभरी हुई थी।
इस पोज में सुधीर को चोदने में अपार सुख मिल रहा था।

वह पूरे जोश में दम लगाकर धक्के लगाने लगा।
शालू की चूत इन रगड़ों के कारण जल्दी ही झड़ने की कगार पर आ गई।

सुधीर भी वीर्य के आवेग के आगे विवश हो रहा था।
इधर सुधीर गांड भींच भींच के अपने लंड से वीर्य की पिचकारी शालू की चूत में छोड़ने लगा, उधर शालू की चूत भी फड़क-फड़क कर चूत रस के बांध को तोड़ने लगी।

शालू ने सुधीर के गले में हाथ बांधे और झूलते हुए, अपने दोनों पैर सुधीर की कमर पर बांध लिए।
सुधीर ने अपना पूरा दम शालू की चूत पर लगा रखा था।

वासना का तूफान चूत से टपक टपक के निकल चुका था।
ससुर सेक्स बहू के बाद दोनों ने एक दूसरे को बहुत संतुष्टि और प्रेम भरी नज़रों से निहारा।

अब शालू बोली- सुधीर, आज ही अपनी दोस्ती हुई और उसको स्मरणीय बनाने के लिए मैंने अपनी सब से अनमोल चीज तुम्हें दी है।
सुधीर ने भावुक हो कर शालू को एक बार फिर अपने गले से लगा लिया और कहा- थैंक यू शालू!

अब सुधीर का सूर्य शालू की झील में अस्त हो चुका था।

इसके बाद दोनों ने इस आनन्ददायक प्रेमक्रीड़ा के बाद चूत और लंड को नैपकिन से साफ किया, अपने कपड़े ठीक किए और फिर चल पड़े कार की ओर!

लॉन्ग ड्राइव पर निकलने का उद्देश्य रास्ते में ही पूरा हो चुका था इसलिए कार की दिशा पुन: घर की ओर थी।

कार से उतरने से पहले सुधीर और शालू दोनों ने एक दूसरे के होंठ चूमे और फिर गले से लग गए क्योंकि अब उनकी एक दूसरे से बिछड़ने की इच्छा नहीं हो रही थी।

काफी देर तक रोमांस लड़ाने के बाद वे कार से शरीफों की तरह बाहर आए और सावधानी के साथ आगे बढ़े।

यहीं उन दोनों से चूक हो गई.
उन दोनों का अनुमान था कि सोनिया देर रात तक आएगी जबकि सोनिया घर आ चुकी थी।

सोनिया ऊपर बालकनी से सुधीर और शालू को एक दूसरे के होंठ चूमते और गले लगते हुए देख चुकी थी।

सुधीर अपनी बहू शालू को गले लगा रहा है, यहां तक भी सहन किया जा सकता था लेकिन ये दोनों एक दूसरे के होंठ चूम रहे थे।

इसलिए अब रत्ती भर भी संदेह बाकी नहीं रहा था कि दोनों एक दूसरे के साथ अपनी सीमाओं का अतिक्रमण कर चुके हैं।

सोनिया ने अपने आप को सम्भाला.
जब सुधीर और शालू उसके सामने आए तो उसने सुधीर से पूछा- कहाँ की सैर कर आए तुम दोनों?
सुधीर ने संभलते हुए जवाब दिया- अरे यार, रवि भी बाहर गया हुआ था, तुम भी यहां नहीं थी. हम दोनों बोर हो रहे थे तो थोड़ा लॉन्ग ड्राइव पर गए थे।

यह कह के सुधीर जल्दी से अपने बेडरूम में चला गया।

सुधीर और शालू के मुंह से आ रही नशीली महक से पुनः पुष्टि हो गई थी कि वे किस नशे में मदमस्त होकर एक दूसरे से लिपट रहे थे।

सोनिया ने शालू को हाथ पकड़ कर रोका और कहा- तुम अभी अपने भाई संजू को कॉल करो और उसको यहां बुलाओ। मुझे उससे कुछ जरूरी बात करनी है।

शालू शंकित हुई लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वह सोनिया से पूछे कि क्यों बुलाना है?
उसने एक ओर जाकर संजू को फोन लगा दिया- मेरी सासू मां मिलना चाह रही है।

संजू ने पूछा- क्यों?
शालू ने जवाब दिया- मुझे पता नहीं, कह रही है कि कुछ जरूरी बात करनी है। मैं और सुधीर लॉन्ग ड्राइव पर गए थे, लौटे तब से उखड़ी हुई है।

संजू समझ गया कि शालू सुधीर के साथ लॉन्ग ड्राइव पर गई थी तो जरूर उसका लंड लेकर आई होगी।
उसने कहा- ठीक है, आता हूं।

उसके बाद वह भी अपने कमरे में चली गई।

संजू ने सोनिया को जब भी देखा था, उसके अंग अंग से टपकती कामुकता से बहुत प्रभावित हुआ था.
पर यूं अचानक बुलाने से वह भी परेशान हो गया था कि आखिर सोनिया को मुझ से क्या बात करनी है?

संजू जब सोनिया के सामने पहुंचा तो उसने देखा वह उसे देखकर मुस्कुरा रही है.
तब संजू का तनाव कुछ कम हुआ, उसकी जान में जान आई।

सोनिया ने आगे बढ़कर संजू को गले लगा लिया।
संजू ने सोनिया से पूछा- जी कहिए क्या बात है?
सोनिया ने कहा- बताती हूं, इतनी इतनी जल्दी क्या है?

वह उसे लेकर अतिथि कक्ष में आ गई।
संजू ने देखा कि वहां व्हिस्की की बोतल, नमकीन की प्लेट और दो गिलास रखे हुए हैं।

अब संजू की समझ में भी कुछ कुछ आने लगा था.
उसके लंड में हलचल सी होने लगी फिर भी उसने अपने आप पर संयम रखा।

सोनिया बैठी, उसने दो पैग बनाए, संजू ने चीयर्स कर के पैग खाली किया, फिर पूछा- सोनिया जी, अब तो बताओ मुझे क्यों बुलाया है?

इस पर सोनिया ने जवाब दिया- एक सैक्सी औरत किसी जवान लौंडे को रात में क्यों बुलाती है? यह भी मुझे बताना पड़ेगा क्या?

संजू के ख्वाब सच हो रहे थे, जिसको वह ख्यालों में कई बार चोद चुका था, वही सोनिया आज चुदने के मूड में उसके सामने थी।

वह अपने सोफे से उठा, सोनिया के सामने घुटनों के बल बैठकर उसने उसके शहद भरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और भंवरे की तरह उसके होंठों का रस चूसने लगा।

उसके हाथ स्वतः ही सोनिया के मम्मों को मसलने लगे।
सोनिया भी दीवानों की तरह अपनी जुबान उसके मुंह में डालकर संजू को एक अनोखा काम सुख पहुंचा रही थी।

सोनिया अपने दाहिने पैर से संजू के लंड की स्थिति का जायज़ा ले रही थी।
संजू के लन्ड में तनाव बढ़ रहा था।

देखते ही देखते दोनों निर्वस्त्र हो गए और इसी हालत में दोनों ने एक-एक पैग और खींचा।

मजे की बात यह थी कि शालू ने सुधीर से चुदवा के अपना बदला लिया था तो सोनिया भी संजू से चुदवा के अपना बदला पूरा कर रही थी।

दूसरा पैग खत्म होने के बाद संजू उठा और सोफे पर बैठी सोनिया के मुंह में लंड डाल दिया।
सोनिया की लंड चूषण में निपुण जुबान ने संजू के लंड में मस्ती की तरंगें उठा दीं।

एक नया और जवान लंड मुंह में लेकर सोनिया की चूत भी पानी छोड़ने लगी।
वह सोफे पर आगे खिसक के थोड़ी अधलेटी हो गई।

उसके बाद संजू उसने संजू को नीचे की ओर धकेल के बोला- चल मेरे राजा, अब मेरी चूत चाट!

संजू सोनिया की चूत से बह रहे नशीले दिव्य रस को चाटने लगा।

दो मिनट में ही सोनिया की नस नस खिंचने लगी।
वह सोफे के बाहरी छोर को पकड़ के अपनी फड़कती चूत और अकड़े शरीर को शिथिल करने लगी।

जब सोनिया सामान्य हो गई तो उसने देखा कि संजू अपना लंड सहला कर प्रतीक्षा का रहा है कि कब सोनिया अपनी चूत में इसे लेगी.

उसने संजू की ओर अपना हाथ बढ़ाया.
संजू ने हाथ पकड़ कर उसे सोफे से उठाया और बिस्तर पर ले गया.

संजू का लंड सोनिया की चूत में घुसने को बेचैन हो रहा था और संजू का लंड चूस के सोनिया के शरीर में वासना पहले से ही भड़की हुई थी।

इसलिए संजू ने तय किया कि लगातार रगड़े लगाकर सोनिया को चोदना ही ठीक रहेगा.

उसने अपने लंड पर थूक लगाया और सोनिया की चूत रस और उस की मुख लार से चिकनी चूत में अपना लन्ड एक ही झटके में जड़ तक घुसेड़ दिया।

सोनिया चिल्लाई- अरे हरामी धीरे … मेरी चूत है कोई लोहा नहीं! जिस पर अपने लंड का हथौड़ा चला रहा है साले!

संजू ने सोनिया की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और लोहे की रॉड जैसे कड़क लंड से सोनिया की चूत में रगड़े लगाने लगा।

सोनिया भावावेश में चिल्लाई- बहुत मस्त चोद रहा है कमीने … रगड़ दे … रगड़ दे … मेरी चिर प्यासी चूत को!

बारी-बारी से संजू सोनिया के दोनों स्तनों को आम की तरह मसल मसल के चूस रहा था।
संजू की हिलती कमर से सोनिया की चूत में मस्ती की लहरें उठ रही थीं।

कुछ देर के लगातार रगड़ों के बाद सोनिया की चूत में मस्ती के ज्वार ने सारी सीमाएं तोड़ दीं।

उसका शरीर फिर अकड़ ही रहा था कि संजू बेकाबू हो गया, संजू के लंड में भी वीर्य उफन कर बाहर आने की उतावली में था।

सोनिया चिल्लाई- रुकना मत संजू … रगड़ … रगड़!

संजू के धक्के लगातार जारी थे, उसके लंड से वीर्य उफन कर सोनिया की चूत के अंदर बाहर गिरने लगा।

सोनिया के ऑर्गेज्म में जरा सी कसर रह गई थी।
उसने नर्म पड़ने से पहले अपने दाहिने हाथ से संजू का लंड पकड़ लिया और चूत के संवेदनशील हिस्से पर रगड़ने लगी।

मुश्किल से 5 सेकंड लगे होंगे, सोनिया प्रचंड वेग से झड़ने लगी।
सोनिया का शरीर एक बार तो पूरा अकड़ गया और उसके बाद फड़कती चूत की हर फड़कन के साथ ढीला पड़ता गया।

संजू और सोनिया के शरीर पर चमक रही पसीने की बूंदें गवाही दे रही थी कि दोनों जमकर मस्ती की बारिश में नहाए हैं।

सोनिया की तृप्त देह पर निस्तेज पड़ा हुआ संजू लंबी-लंबी सांसें ले रहा था।
सोनिया की चूत जबरदस्त स्राव और संजू के वीर्य से भरी हुई भी थी और सनी हुई भी थी।

अभी संजू सामान्य भी नहीं हो पाया था कि दरवाजे से एक आवाज आई- क्या हो रहा है ये सब?

संजू सुधीर को सामने देखकर चौक गया।
उसके हाथ में शराब का गिलास था।

सोनिया एकदम पलंग से उठी, संजू को लगा कि सोनिया सुधीर द्वारा एक पराये मर्द के साथ नंगी पकड़ी जाने के कारण घबरा कर उठी है।

लेकिन उसने देखा कि सोनिया ने सुधीर के हाथ से उसका गिलास लिया और अपनी चूत के मुंह पर लगा लिया.
चूत रस और संजू के वीर्य तथा मूत्र की कुछ बूंदों का मिश्रण शराब के गिलास में टपकने लगा।

उसके बाद सोनिया ने सुधीर के प्रश्न का जवाब दिया- यह वही हो रहा है जो तुमने इसकी बहन के साथ किया था। समझ में आ गया?

सुधीर सकपका गया, कुछ नहीं बोल पाया।
सोनिया ने फिर शराब का गिलास सुधीर को देते हुए कहा- लो पी लो, तुम्हारी शराब अब और भी अधिक स्वादिष्ट तथा नशीली हो गई है।

संजू के आश्चर्य का ठिकाना नहीं था जब उसने देखा कि सुधीर ने शराब के गिलास को बिना ना नुकुर के अपने होंठों से लगा लिया और घूंट घूंट पीने लगा।

उसके मन से डर निकल चुका था और वह सुधीर के सामने अभी भी नंगा बैठा हुआ था।
उसको लगा कि अब रुकने का फायदा नहीं है, घर के लिए निकलना चाहिए।

शेखर यह जानने के लिए जाग रहा था कि सोनिया ने आखिर मुझे ना बुलाकर संजू को क्यों बुलाया?

उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि संजू को बुलाने का क्या विशेष उद्देश्य हो सकता है?
और अब तो रात 12 के ऊपर हो गई है अब तक तो उसे लौट आना चाहिए था।

वह किंचित परेशान था।
संजू जब सोनिया को चोदकर रात साढ़े बारह पर वापस लौटा तो शेखर ने उसे रोक लिया और पूछा- क्यों बेटा? क्या हो गया था? कैसे याद किया था?

संजू ने कहा- डैड आज तो मजे आ गए।
शेखर ने पूछा- क्या हुआ?
संजू ने कहा- मुझे सोनिया ने चुदवाने के लिए बुलाया था।

शेखर चौंक गया, उसने पूछा- ऐसा अचानक क्या, क्यों और कैसे हो गया?
संजू ने कहा- अपनी शालू, सुधीर से चुदवाने के लिए लॉन्ग ड्राइव पर गई थी, जब वह लौटी तो सोनिया को संदेह हो गया। इसलिए उसने मुझे बुलाया था हिसाब बराबर करने!

शेखर सारा माजरा समझ गया, उसने फिर पूछा- कैसी रही चुदाई? दोनों को मजा आया या नहीं?
संजू ने कहा- यार पापा, नई चूत मिले तो किस लंड को मजा नहीं आएगा? फिर सोनिया आंटी भी, मम्मी जैसी कटीली, वासना से भरपूर औरत है। उनने बहुत मस्त हो के चुदवाया और बहुत अधिक आनन्द मुझको दिया। आखिर में तो उनने गजब कर दिया, जब मेरा वीर्य, अपना चूत रस और मूत्र की कुछ बूंदें, शराब में मिलाकर सुधीर को पिला दी। मुझे चोदने से ज्यादा मजा यह दृश्य देखने में आया कि कैसे सुधीर ने चटखारे ले ले कर उस शराब को गटका।

शेखर का लंड यह सब सुनकर नई चूत में घुसने की कल्पना से अपना आकार बढ़ाने लगा।
वह ये सोचकर आशान्वित था कि जब सोनिया ने शालू की चुदाई का बदला सुधीर से लेने के लिए संजू को बुलाया तो यह भी तो हो सकता है कि वह सपना की चुदाई का बदला लेने के लिए मुझे बुलाये।

प्रिय पाठको, दो कामुक परिवारों के आपसी रिश्तों में भरपूर सैक्स की यह ससुर सेक्स बहू कहानी आप सब को पसंद आ रही होगी।
अपने सुझाव एवं प्रतिक्रिया का स्वागत है।
मेरी आईडी है
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