ताई और भाभी की एक साथ चुत चुदाई- 1

(Sardi Me Chudai Ki Kahani)

अमित शर्मा 4 2021-05-06 Comments

सर्दी में चुदाई की कहानी मेरी भाभी और तायी की है. मेरी भाभी और तायी दोनों बहुत सेक्सी थी. मैं दोनों को चोदना चाहता था. एक रात बारिश होने से सर्दी बढ़ गयी तो …

दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, जो मैं अन्तर्वासना पर शेयर करने जा रहा हूं.

मेरी इस नई सेक्स कहानी को पढ़ते हुए लड़के अपने लंड की मुठ मारने के लिए और लड़कियां अपनी चूत में उंगली करने को तैयार हो जाएं.
मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को सर्दी में चुदाई की कहानी पसंद आएगी और मेरी किसी भी गलती के लिये मुझे माफ भी कर देंगे.

मेरा नाम अमित है और हिमाचल प्रदेश से हूं. मैं 21 साल का हूं मैं 6 फीट लंबा और सांवले रंग का हूं. मेरे लंड का साइज इतना है कि किसी भी औरत को संतुष्ट कर सकता है.

मैं चंडीगढ़ में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा हूं … देखने में और पढ़ने में मैं बिल्कुल ओके हूं और स्पोर्ट्स में भी मेरी काफी रुचि है.

जैसा कि आप को पता है कि चंडीगढ़ में गर्मियों की छुट्टियां मई और जून में दो महीने की होती हैं.
मैं छुटियां मनाने के लिए शिमला के पास अपने गांव गया था. यहां गर्मी के मौसम में भी काफी ठंडक रहती है.

गांव में मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरे मम्मी-पापा और मेरी दादी रहते हैं. हमारे पड़ोस में मेरे पापा के दो कजिन भाई रहते हैं, जिनका हमारे परिवार से बहुत ही प्यार भरा नाता है.

मेरे पापा शहर में जॉब करते हैं, तो वो घर पर कम ही आते हैं. मेरी मम्मी और दादी घर पर रहती हैं.

एक दिन मेरी मम्मी और दादी को पापा के पास कुछ काम से 4-5 दिनों के लिए शहर जाना पड़ा.
इसलिए उन्होंने मेरी छोटी ताई से मेरा ध्यान रखने और खाने के लिए बोल दिया.

मेरे दोनों ताया के घर एक साथ हैं लेकिन बड़े वाले ताया का परिवार शहर में रहता है.
उनका एक बेटा है … जिसकी शादी हो गई है. उनकी पत्नी का नाम कंचन है.

कंचन भाभी गांव वाले घर पर किसी काम से आयी थीं और वो भी मेरी छोटी ताई के पास रुकी थीं.

मेरे ताऊ सरकारी नौकरी करते हैं, तो आजकल उनका तबादला दूसरे गांव में हो गया था. वो भी घर पर कभी कभार ही आ पाते हैं.
उनके दो बेटे हैं, जो शहर में रहते हैं. एक जॉब करता है तो दूसरा अभी कोचिंग कर रहा है. इस तरह वो दोनों भी भी घर पर नहीं थे.

मेरी ताई का नाम अंकिता है, वो आजकल घर पर अकेली ही रह रही थीं.

अंकिता ताई की उम्र करीब 48 साल है, लेकिन वो इतनी मस्त माल हैं कि अभी भी कहीं से गुजरती हैं, तो बुड्डों के सोए हुए लौड़े भी खड़े हो जाते हैं. उनका रंग गोरा है और करीब 32-26-34 का कसा हुआ फिगर अभी भी कयामत ढहाता है. अंकिता ताई का वजन करीब 55 किलोग्राम होगा. वो एक छरहरी देह की महिला हैं.

मेरी कंचन भाभी की उम्र 28 साल है. वो शहर में ताऊ और ताई के साथ रहती हैं, लेकिन जैसा कि मैंने बताया कि वो आजकल किसी काम से गांव आई थीं और अंकिता ताई के साथ रह रही थीं.

कंचन भाबी का फिगर 34-22-32 का है और वो देखने में किसी हीरोइन से कम नहीं हैं.
भाभी का पति यानि मेरा बड़ा भाई टूरिस्ट गाइड है और वो घर पर बहुत ही कम आ पाता है.

मुझे अपनी ताई और भाभी की जवानी बेहद दिलकश लगती थी और मैं उन दोनों को एक बार नंगी देखने के लिए कुछ भी कर सकता था.
लेकिन रिश्ते और घरवालों के डर की वजह से उन दोनों को याद करके अकेले में मुठ ही मार सकता था.

उन दोनों को देखने से मुझे सेक्स करने की इच्छा काफी बलवती हो जाती थी.

मैंने अब तक अपने कॉलेज में बहुत सारी लड़कियों को चोदा है लेकिन जो मज़ा उन दोनों को याद करके मुठ मारने से मिलता था, वो मज़ा तो लौंडियों की चुदाई में भी नहीं मिला था.

वो बरसात के शुरूआती दिन थे और हम तीन प्राणी ही घर पर थे. गांव में सर्दी पड़ना शुरू हो गई थी.

उस दिन रात के करीब 8 बजे थे, तो ताई और भाभी ने खाना बनाया और मुझे भी खाने के लिए बुलाया.

हम सभी अभी खाना खा ही रहे थे कि अचानक से बहुत तेज बारिश होने लगी और तूफान आ गया.
तेज हवा चलने के कारण लाइट भी चली गई.

तूफान इतना तेज़ था और बारिश भी समय के हिसाब से कुछ ज्यादा हो रही थी.
बहुत तेज आवाज हो रही थी बिजली भी बहुत तेज आवाज से कड़क रही थी.

इससे तो मेरी गांड ही फट गई और वो दोनों तो बहुत ज्यादा डर गई थीं.
इसलिए मुझे उनके सामने हिम्मत दिखानी पड़ी. हम लोग हिम्मत करके नीचे एक कमरे तक पहुंच गए.

मैं भाभी के साथ ताई के घर में था, तो उनके किचन से नजदीक एक ही कमरा था.
उसमें सिर्फ चादर बिछी थी और घर का छोटा-मोटा सामान था.

उस कमरे तक पहुंचते पहुंचते हम लोग पूरी तरह से भीग गए थे और ठंडी हवाओं से हमें ठंड लगने लगी थी.

हम सब नीचे वाले कमरों तक जाने की कोशिश करने लगे लेकिन बहुत तेज़ बारिश और हवा की वजह से हम नीचे नहीं जा पाए.

इसी बीच एक बार बहुत तेज बिजली चमकी और ऐसा लगा कि आस-पास ही कहीं बिजली गिरी हो.
इस वजह से हम तीनों ने उसी कमरे में रुक जाना ठीक समझा.

तेज़ हवा और बारिश से मौसम ठंडा हो गया था और भीग जाने से कपड़े गीले हो गए थे, इससे हम तीनों को ठंड लगने लगी.
उस कमरे में ओढ़ने के लिए केवल एक चादर थी.

मैं बिना किसी लिहाज के सबसे पहले अपने गीले कपड़े खोल कर बिल्कुल नंगा हो गया और बिना किसी हिचिचाहट के बेड पर चादर ओढ़ कर बैठ गया.

इतनी ठंड में मुझे यही सही लगा था.
तो मैंने उन्हें भी वही सलाह दी कि उनको भी भीगे हुए कपड़ों से और भी अधिक ठंड लगेगी, गीले कपड़े हटा कर चादर में ही आ जाओ.

वो दोनों थोड़ा सोचने के बाद मान गईं. क्योंकि उस समय वही सही था.

मेरी बात मानकर पहले अंकिता ताई ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए.

उन्होंने सूट पहन रखा था और अन्दर काली ब्रा और पैंटी पहनी थी. उनके भीगे और गोरे बदन पर काली ब्रा और वो पैंटी ऐसे जंच रही थी, जैसे कोई हॉलीवुड की हीरोइन हो.
उन्हें इस कामुक रूप में देख कर मेरी आधी ठंड तो ऐसे ही चली गई थी.

तभी भाभी ने भी कपड़े खोलने शुरू किए.

उन्होंने सफ़ेद रंग की ब्रा और पैंटी पहनी थी. उन दोनों को ब्रा और पैंटी में देख कर मुझ स्वर्ग का आनन्द आने लगा था.

कपड़े उतार देने से ठंड से उन दोनों की हालत खराब होने लगी.
वो दोनों ब्रा और पैंटी में ही मेरे पास बिस्तर पर चादर ओढ़ने आने लगीं.

मैंने उन्हें देखा और सोचा कि यदि वो दोनों गीली ब्रा और पैंटी में बिस्तर पर लेट जातीं, तो चादर के साथ साथ बिस्तर भी गीला हो जाता.

इसलिए मैंने उन्हें रोका और ब्रा और पैंटी को उतारने के लिए कहा.

वो दोनों मेरी तरफ गुस्से से देखने लगीं.
उनकी नजरों से मेरी तो गांड ही फट गई.

मैं मन ही मन सोचने लगा कि अगर ये सब उन्होंने मेरे घरवालों को बता दिया तो मैं तो गया काम से.

मगर मेरी बात भी बिल्कुल सही थी, तो उन्होंने एक मिनट सोचा और अपनी ब्रा और पैंटी उतारने का फैसला ले लिया.

ठंड से उनका भी बहुत बुरा हाल हो गया था, तो वो दोनों ज्यादा देर तक इस हालत में खड़ी नहीं रह सकती थीं.

जब उन्होंने ब्रा और पैंटी उतारी, मेरा तो मानो जीवन सफल हो गया.
दोनों की एकदम क्लीन शेव चुत और मस्त भरे हुए चूचे देख कर मेरा लंड हिनहिनाने लगा.
मुझे लगा मानो जन्नत से दो परियां आकर मेरे सामने खड़ी हो गई हों.

मैंने जैसे तैसे खुद को संभाला और उन दोनों के लिए बिस्तर में जगह बना दी.

वो दोनों जल्दी से मेरे अगल बगल में आ गईं और उसी चादर को ओढ़ कर लेट गईं.
यह चादर सिर्फ दो ही आदमियों के लिए ही थी तो हम तीनों नंगे बदन एक दूसरे से चिपक कर लेटने लगे.

अब स्थिति ये थी कि एक तरफ भाभी थीं और उनके पहले ताई लेटी थीं.
मैं एक किनारे पर लेटा था.

ताई ने मेरी तरफ अपनी गांड कर रखी थी और उन्होंने मुझसे पलट कर लेटने के लिए कह दिया था.

मतलब मेरा लंड हवा में था. मेरे लंड की तरफ किसी की चुत नहीं थी.

मैं सोच रहा था कि मुझे बीच में लेटने के लिए मौका मिल गया है लेकिन इधर तो कहानी की ही मां चुद गई थी.
ठंड भी लग रही थी और बाजू में गर्मी का सामान भी था, तो वो किसी काम का नहीं था.

सिर्फ मेरी पीठ से ताई की पीठ रगड़ खा रही थी.
मेरी ठंड कम होने की जगह बढ़ गई थी क्योंकि ताई और भाभी एक साथ लेटी थीं और मुझे चादर भी कम मिल पा रही थी.
मेरी समझ में ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ.

मेरा तो दो दो नंगी हूरों के बीच में होना न होना एक ही बात हो गया था और ठंड से मेरा बुरा हाल हो गया था.

मेरे दांत किटकिटाने लगे थे. ठंड के कारण मेरा लौड़ा भी बिल्कुल सिकुड़ गया था.

रात जैसे जैसे बढ़ने लगी, ठंड और भी ज्यादा बढ़ने लगी. हम तीनों के बहुत ही बुरे हाल हो गए थे.
शायद ताई और भाभी को भी ठंड लग रही थी.

इधर तूफान भी कम नहीं हुआ था.

औरत और मर्द बिना चुदाई के इस सर्दी से किसी भी तरह से निजात नहीं पा सकते थे.

ताई ने भाभी और मुझसे कहा- बड़ी ठंड लग रही है. ऐसे तो मर ही जाएंगे.
मैंने ताई से कहा- हां ताई, अगर ऐसा ही रहा … तो हम सब सुबह तक जम ही जाएंगे.

ताई ने कहा कि तेरे पास इस ठंड से बचने का कोई और रास्ता है, तो बता!
मैंने एक पल सोचा और बिंदास कह दिया कि तरीका बहुत ही कठिन है और गलत भी है … लेकिन अगर आपको नहीं आजमाना होगा, तो आप मना कर देना. यदि आजमाना हो तो आजमाने के बाद में कभी भी किसी से कुछ नहीं बोलना.

वो मान गईं और कहने लगीं- इस ठंड से बचने के लिए वो कुछ भी कर सकती हैं.
मैंने कहा कि इंसान की बॉडी में सबसे गर्म हिस्सा चुत और लौड़ा होता है. अभी अगर उसमें कोई भी घर्षण होगा, तो हमारी बॉडी में गर्मी का अहसास होगा.

मेरे मुँह से चुत और लौड़ा शब्द सुनने के बाद वे दोनों शॉक्ड हो गईं और ताई मुझे डांटने लगीं.

ताई- तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ऐसा बोलने की भी … तेरे कॉलेज में यही सब सिखाते हैं?

ये सब सुनने के बाद मेरी गांड फट गई. मुझे भी बहुत बुरा और डर लगने लगा कि अब तो मैं गया.
लेकिन ठंड इतनी ज्यादा थी कि उन्हें भी कुछ देर बाद यही सही लगा.

भाभी ने कहा- ठीक है देवर जी, आप घर्षण का तरीका बताओ. लेकिन ये एक दायरे के अन्दर होना चाहिए.

जब मर्द और औरत के बीच रगड़ाई होगी, तो अब दायरा क्या होता है. मैं भी भाभी की बात से राजी हो गया कि साला कुछ तो मजा मिलेगा ही.

ताई और भाभी के साथ सेक्स से भरी इस सर्दी में चुदाई की कहानी को अगले भाग में लिखूंगा. आप मुझे मेल करना न भूलें.
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सर्दी में चुदाई की कहानी का अगला भाग: ताई और भाभी की एक साथ चुत चुदाई- 2

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