सलहज जीजा भाई बहन का ग्रुप सेक्स-2
(Salhaj Jija Bhai Bahan Ka Group Sex- Part 2)
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इस सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि मैंने संजू से उसकी भाभी की चुदाई के लिए मना लिया था. जब आज वो मुझसे चुद रही थी, तो मैंने उससे चुदाई में उसके भाई को इमेजिन करने के लिए कहा. वो बड़ी मुश्किल में राजी हुई. मैंने संजू को गर्म करना शुरू कर दिया.
अब आगे:
मैं बीवी की चूत को बेतहाशा चूसने लगा. उसकी चूत से लगातार पानी निकल रहा था.
वे फिर से काफी कामुक हो गई थी. वो बोली- अब प्लीज अपना सामान डाल दीजिए ना.
मैंने भी उसे और तड़पाना उचित ना समझते हुए अपना लंड, जो कि पूर्णतः नब्बे डिग्री की अवस्था में खड़ा था, को अपनी बीवी की चूत में डाल दिया.
मेरी बीवी की चूत काफी गीली होने की वजह से पूरा लंड एक बार में ही प्रवेश कर गया. उसकी एक हल्की सी आह निकली और वो लंड खा गई.
अब मैं उसे धीरे धीरे चोदने लगा. वो मस्ती में ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करने लगी.
अब संजू पूरी तरह मेरे काबू में थी और वो जन्नत की सैर कर रही थी.
तभी मैं उसे चोदते हुए बोला- कैसा लगा रहा है मेरी प्यारी बहना … अपने भाई का लंड लेकर?
वो कुछ नहीं बोली. उसने अपने होंठ को दांतों से दबा लिया.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और फिर से पूछा- बोलो ना बहन … भाई का लंड कैसा लग रहा है.
संजू काफी गर्म हो गई थी. वो बोली- अच्छा लग रहा है.
उसकी चूत से पूरा पानी बह रहा था. अब वो भी नीचे से कमर उचका रही थी.
मैंने फिर पूछा- बोलो मेरी छोटी बहन … अपने भैया का लंड चूत में डलवा कर बहुत मजा आ रहा है ना?
संजू की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी. वो बोल पड़ी- हां आह … ईस्स … खूब मजा आ रहा है.
ये सुनते ही मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी, जिससे उसकी चूत से ‘फच … फच..’ की मधुर आवाजें आने लगीं.
फिर वो गांड उठाते हुए अपने मन से ही बोली- हां भैया, आपके लंड से बहुत मजा आ रहा है … और जोर से चोदिए मुझे.
मैं समझ गया कि वो अपने भाई को इमेजिन करने लगी है. मैंने अपनी स्पीड को पूरा बढ़ा दिया.
वो लगभग कांपती आवाज में बोली- आंह … हां भैया … और जोर से … आह … आपकी बहन आ…..ने … वाली है … अअअह … और तेज चोअअ.. दिएए.
बस वो ये कहते कहते संजू बेतहाशा झड़ने लगी. उसकी इस इमेजिनेशन को देखते हुए आज मैं भी संजू के साथ साथ उसकी चूत में झड़ने लगा.
हम दोनों झड़ कर पांच मिनट उसी अवस्था में रहे. तब जाकर मैंने उसकी आंखों से पट्टी हटाई.
वो मेरी तरफ देखकर संतुष्टि के भाव में बोली- ये आपने क्या करवा दिया, अपने ही भाई से..
मैंने बोला- अरे ये तो सिर्फ इमेजीनेशन था, मैं तो तुम्हें तुम्हारे भाई से सचमुच में चुदवाऊंगा.
वो ये सुनकर गुस्सा दिखाते हुए मुझे बच्चे की तरह मारने लगी.
संजू के चेहरे पर संतुष्टि का भाव था.
मैंने पूछा- कैसा लगा?
वो बोली- धत्त!
मैंने फिर से उसके बालों में उंगली फिराते हुए पूछा- सही बोलो ना?
वो शर्माकर बोली- बहुत अच्छा.
मैंने कहा- अर्थात मेरी प्यारी बीवी अपने भैया का लंड लेने को तैयार है?
संजू बिना कुछ बोले मेरे गले से लिपट गई. अर्थात उसने अपनी सहमति दे दी.
अगले दिन सोमवार को उसके बड़े भाई और भाभी मेरे यहां आ गए. मैं उन्हें लेने स्टेशन गया था.
मैंने जैसे ही अपनी कार स्टेशन के गेट पर लगाई, तो देखा कि वो दोनों मेरा ही इंतजार कर रहे थे. भाभी जींस और शॉर्ट कुर्ती में थी. क्या मस्त छमिया लग रही थी. उसकी दोनों छोटी-छोटी चूचियां और हल्की उठी हुई गांड काफी सेक्सी लग रही थी.
उसने मुझे देखा, तो आंख से इशारा किया. उसकी नशीली आंखों को देखते ही मेरे पैन्ट में हरकत होने लगी. खैर मैं दोनों से मिला और संजू के भैया से हाथ मिलाया. चूंकि वो मुझसे उम्र में छोटा है … इसलिए उसने मुझे बड़े सम्मान से नमस्ते भी की.
मैं उन दोनों को कार में बिठा कर अपने फ्लैट पर ले आया. संजू ने दरवाजा खोला और अपने भाई को प्रणाम किया.
संजू काफी खुश थी, मैंने उस दिन छुट्टी ले ली थी. दिन भर हम लोगों ने काफी बातें कीं और काफी मस्ती की.
मस्ती से मेरा मतलब है कि संजू की भाभी यानि अपनी सलहज से तो मैं हल्का-फुल्का मजाक कर लिया करता था.
मैं अपनी सलहज को जब भी देखता, तो मेरी वाईफ आंखों से इशारा करती कि सब देख रही हूँ.
खैर रात हुई और सब सोने की तैयारी करने लगे. उन दोनों को अलग से एक रूम में सोने के लिए दे दिया और हम दोनों अपने रूम में आ गए.
बेड पर आने के बाद हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे और लगभग एक घंटे बाद मैं बोला- तुम्हारी भाभी तो और ज्यादा मस्त हो गई है.
संजू बोली- क्या मैं मस्त नहीं हूँ.
मैं बोला- अरे तुम्हारी तो कोई तुलना ही नहीं है … तुम्हारा तराशा सा जिस्म का कोई मुकाबला नहीं है.
संजू ये सुनकर तन गई और उसने मुझे एक किस कर दी.
वो बोली- क्यों, भाभी को चोदने का बहुत मन कर रहा है?
मैंने सर हिला कर हां बोल दिया. संजू इस वक्त कैपरी और स्लीवलैस शर्ट पहने थी, जिससे उसकी जवानी कयामत ढा रही थी.
कुछ देर बाद संजू उठी और लाईट बंद करके उसने ब्लू कलर का जीरो वाट का बल्ब जला दिया. इसके बाद वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे लिप किस करने लगी.
मैं भी उसका साथ देने लगा और साथ ही साथ अपने दोनों हाथों से उसकी मस्त बड़ी-बड़ी गांड को मसलने लगा. संजू अब मेरे साथ बिल्कुल फ्रेंक हो गई थी, क्योंकि मैंने उसे दूसरे से चुदा-चुदा कर और रोल प्ले करवा कर काफी खोल दिया था.
संजू गर्म हो गई थी और उसने अपना जीभ मेरे मुँह में दे दी, जिसे मैं चुभलाने लगा.
फिर मैंने उसकी शर्ट का बटन खोल कर अन्दर से उसकी ब्रा को निकाल दिया. अब उसकी ऊपरी जिस्म पर सिर्फ खुले बटन के साथ स्लीवलैस शर्ट ही थी.
मैं उसकी एक चुची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और उससे बोला- क्यों मेरी छोटी बहना … आज अपना भाई का लंड बहुत लेने का मन कर रहा है क्या?
संजू ने जो कहा, उससे मुझे इतनी जल्दी ये उम्मीद नहीं थी.
उसने मुझसे कहा- हां भैया कल बहुत मजा आया था, प्लीज आज भी मुझे खुश कर दो.
ये कह संजू सिसकारी भरने लगी.
अर्थात अब संजू भी अपने भाई से सेक्स की इच्छा रखने लगी थी.
मेरे मन में एक आईडिया आया, मैंने उसी अवस्था में संजू से कहा- चलो बालकनी से देखते हैं कि तुम्हारे भाभी और भैया क्या कर रहे हैं.
वो बोली- छोड़िये ना … सो गए होंगे दोनों.
मैंने कहा- चलो तो … एक बार मजा आएगा.
वैसी भी संजू काफी गर्म थी, आखिर कहीं ना कहीं वो भी अपने भाई को नग्न देखना चाहती थी.
यहां मैं बता दूँ कि हमारे बेडरूम से ही सटे गेस्टरूम में वो दोनों सोये थे. उस कमरे की बालकनी हमारी बालकनी से लगी हुई थी या ये कहिए कि दोनों कमरों के लिए एक ही बालकनी थी. उधर एक-एक खिड़की और एक-एक दरवाजा था.
संजू ने बिना ब्रा पहने ही अपनी खुली शर्ट का एक बटन लगाया और हम लोग दबे पांव अपने साले और सलहज के रूम की खिड़की के पास आ गए. अन्दर देखा कि रूम की लाईट जली हुई है.
मैंने खिड़की का परदा थोड़ा सा खिसका कर देखा, तो हम दोनों की सांसें तेज हो गईं.
मेरी सलहज ब्रा और पेन्टी में थी और मेरा साला बिल्कुल नंगा था. मेरी सलहज मेरे साले का लंड चूस रही थी और मेरा बड़ा साला आंखें बंद करके आह-आह कर रहा था.
संजू के बड़े भाई का लंड गोरा था, जबकि मेरा लंड काला हो चुका था. मैं बता दूं कि मेरे बड़े साले का शादी हुए अभी पांच ही महीने हुए थे. उसके लंड का साईज मुझसे थोड़ा छोटा … अर्थात मेरा सवा छह इंच का है और उसका लंड पौने छह इंच का था. हम दोनों के लंड की मोटाई लगभग बराबर थी.
फिर तभी हम दोनों ने वो सुना, जिसे सुनकर हम दोनों को विश्वास ही नहीं हुआ और सर चकराने लगा.
मेरा बड़ा साला धीरे से अपनी बीवी से बोला- बोलो मेरी संजना बहन, कैसा लग रहा है मेरा लंड चूसने में.
इस पर मेरी सलहज यानि प्रियंका बोली- आज बहुत मजा आ रहा है भैया.
ये सुनते ही संजू की धड़कनें धौंकनी की तरह चलने लगीं. उसने मुझे आश्चर्य से देखा. मैंने कुटिल मुस्कान के साथ इशारा किया कि उधर देखो.
ये सब देखने से अब ये स्पष्ट हो गया था कि हम लोगों की ही तरह वो दोनों भी सेक्स फैन्टेसी, रोल प्ले आदि में पारंगत हैं. और तो और … नीरज अपनी ही बहन को चोदने की इच्छा भी रखता है.
संजू ये सब बड़े ध्यान से देख रही थी और उसका हाथ अपने आप अपनी कैपरी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा.
मैं उसकी मनोदशा समझ सकता था. मेरी सलहज भी कयामत लग रही थी, उसके छोटे छोटे चुचे हिल रहे थे और वो आंखें बंद किए लगातार लंड को चूसे जा रही थी.
मेरा मन कर रहा था कि अभी जाकर उसको चोद दूँ.
फिर मैंने देखा कि बालकनी वाला दरवाजा अन्दर से बंद नहीं था, सिर्फ सटा हुआ था. शायद वो लोग दरवाजा लगाना भूल गए थे.
मेरे मन में एक बेहद उत्तेजक और खतरनाक आईडिया आया. मैंने संजू को हाथ पकड़ा, जो कि काफी गर्म हो गई थी. वो एक हाथ से अपनी चूत तथा एक हाथ से अपनी चुची को ऊपर से ही मसल रही थी.
उसने मुझे सवालिया निगाहों से देखा. मैंने उसका हाथ पकड़कर गेस्टरूम का दरवाजा खोल दिया.
दरवाजा खुलते ही दोनों अर्थात संजू के भैया और भाभी का ध्यान भंग हुआ. वो दोनों शॉक्ड हो गए और हड़बड़ाने लगे.
संजू के भैया झट से तौलिया खोजने लगे और प्रियंका बगल में पड़े चादर से बदन ढकने का प्रयास करने लगी.
संजू के भाई नीरज ने तौलिया पहनते हुए हकला कर बोला- अरे आप … लो..ग इस समय..!
मैं हंसा और अपनी सलहज की तरफ देख कर बोला कि हम लोगों ने सब देख लिया कि आप लोग क्या-क्या इमेजिन कर रहे थे.
इस बात पर नीरज ने हकलाते हुए बोला वोअ…वो … तो … मुझे माफ कीजिएगा … गल…लती हो गई.
वो दोनों पसीने से तरबतर हो गए थे.
अभी संजू के भैया और कुछ बोलने वाले थे, तभी मेरी बीवी संजू जो काफी देर से चुप थी. उसने आव देखा ना ताव … और अपने बड़े भाई के तौलिया को खींच दिया. उसका लंड जो अभी भी हल्का खड़ा ही था … उसको तुरंत मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
उसकी इस क्रिया से हम तीनों यानि कि मैं, संजू के भैया और संजू के भाभी हैरान हो गए.
तभी मैंने भी अपनी सलहज की चादर को अलग किया और उसे अपनी बांहों में भर लिया. इससे पहले कि नीरज कुछ बोलता, मैंने स्पष्ट किया कि देखिए हम लोग भी आपकी तरह रोल प्ले करते हैं और संजू आपके बारे में फैन्टेसी सेक्स भी कर चुकी है. मैं आपकी बीवी यानि अपनी सलहज के साथ सेक्स की कल्पना कर चुका हूँ … तो फिर क्यों ना इसे वास्तविक रूप दे दिया जाए.
इस बात पर मेरे साले और सलहज ने आंखें मिलाईं और आंखें ही आंखों में अपनी सहमति लेते हुए मुस्कुरा दिए. इधर मेरी बीवी पागलों की भांति अपने भैया का लंड चूसे जा रही थी.
मैंने कहा- क्यों ना हम सब लोग मेरे बेडरूम में चलें … क्योंकि वहां सोफा भी है और बेड का साइज़ भी लंबा चौड़ा है.
इस पर सब सहमत हो गए.
नीरज ने अपनी बहन को अर्थात मेरी बीवी संजू को उठाया, संजू की आंखों में वासना भरी हुई थी. उसने उसे प्यार से होंठों पर किस किया और उसके बांह में बांह डालकर दूसरे रूम में जाने लगा.
इधर मैंने अपनी सलहज को अपनी गोदी में उठा लिया. वो हंसने लगी.
हम सब मेरे वाले मास्टर बेडरूम में आ गए थे.
नीरज ने अपनी बहन संजू से कहा- मैं तो न जाने कबसे तुझे चोदना चाह रहा था.
इस बात पर संजू की थोड़ी आंखें झुक गईं … पर अगले ही पल नीरज ने संजू का चेहरा उठाया और उसके होंठों को बेतहाशा चूसने लगा. संजू भी पूरा साथ देने लगी.
इधर मैं अब तक अपनी सलहज प्रियंका की ब्रा और पेन्टी को अलग कर चुका था.
आज पहली बार मैंने सलहज को नंगी देखा था. हल्का सांवला चेहरा, काफी पतली कमर, थोड़ी सी उठी हुई गांड और छोटी-छोटी चूचियां कयामत ढा रही थीं.
उसकी आंखों में मैंने देखा, तो वो मुझे मादकता से देख कर मुस्कुराते हुए बोली- क्यों मेहमान का माल कैसा लगा?
मेरी इस फैंटेसी भरी सेक्स कहानी के लिए आपकी मेल का स्वागत है.
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सेक्स कहानी जारी है.
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