रिश्तों में वासना का खेल- 4
(Porn Family Chudai Kahani)
पोर्न फॅमिली चुदाई कहानी में मेरे मौसेरे भाई ने वह पूरी घटना सुनाई जब उसने मेरी मम्मी की चूत चुदाई की. मैं मूर्खों की तरह अपनी रंडी मम्मी की अन्तर्वासना के किस्से सुन रहा था.
दोस्तो, मैं राज आपको अपनी मौसी के परिवार की बदचलनी की सेक्स कहानी सुना रहा था.
कहानी के पिछले भाग
मेरी चुदक्कड़ मम्मी की असलियत
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मेरा मौसेरा भाई मुझे अपनी मम्मी यानि मेरी मौसी के साथ सेक्स को सुना रहा था.
अब आगे पोर्न फॅमिली चुदाई कहानी:
अरुण बताने लगा- मेरी मम्मी कह रही थीं कि वे अपने बेटे के लंड की गुलाम हैं. मम्मी ने यह बोलकर मेरा पूरा लंड मुँह में डाल लिया और वे जोर जोर से कुल्फी की तरह लंड को चूसने लगीं.
मैं (राज) अपने भाई अरुण की तरफ उल्लुओं की तरह अपनी आंखें झपकाता हुआ उसकी कामुक दास्तान सुन रहा था.
अरुण ने आगे कहा- मेरी मम्मी ने अपनी बहन दीपा से यानि तुम्हारी मम्मी से पूछा कि दीपा सच बताना कि क्या मैं पूरी तरह से अपने बेटे की रंडी लग रही हूँ?
मैं अरुण की किसी बात का जबाव देना ही नहीं चाहता था तो बस चुपचाप सुनता रहा.
अरुण आगे बोला- मेरी मम्मी यह बात मेरी मौसी से कह कर उठीं और मेरे लंड पर बैठ गईं. राज, उस वक्त तुम्हारी मम्मी यानि दीपा मौसी नीचे बैठी थीं. इसलिए मेरी मम्मी की चूत में मेरा लंड घुसता हुआ उन्हें अपनी आंखों से साफ दिख रहा था. एक बार मेरे लंड से मेरी मम्मी की चूत में अपना स्थान बना लिया तो बस मेरी मम्मी जोर जोर से मेरे लंड पर उछलने लगीं.
मैं एक बार फिर से अरुण के मुँह से चुदाई की बात सुनकर गनगना उठा पर चुप रहा.
अरुण बोला- मेरी मम्मी बोल रही थी ‘आह उम्म्म आह देखो दीपा … आह कितना मजा आ रहा है … आह अपने बेटे के लंड से चुदने में … आह यही मां होने का सुख होता है दीपा … तुम देख ही रही हो ना कि मेरा बेटा मुझे कितनी दमदार तरीके से चोद रहा है!’ उनकी बात सुनकर मैं और ज्यादा उछल उछल कर अपनी मम्मी सुमन को चोदने लगा. उस वक्त मस्त उत्तेजना हो रही थी तो मैं ज्यादा देर रुक ही सका और अपनी मम्मी की चूत में ही झड़ने लगा.
जब अरुण ने कहा कि वह अपनी मम्मी की चुत में झड़ने लगा, तो मेरे लंड ने भी अपना प्रीकम छोड़ दिया था … जिसे मैंने अपनी चड्डी में गीला होता महसूस किया था.
अरुण बोला- मेरी मम्मी अपनी बहन को बताने लगीं कि देखो दीपा मेरा बेटा मेरी चूत में झड़ रहा है … आह यह सोचना ही कितना कामुक लगता है. मैं भी अपने बेटे के साथ झड़ रही हूँ दीपा!
मेरे मुँह से अचानक से निकल गया- फिर?
अरुण- फिर मम्मी झड़ने के बाद मेरे लंड से उतर गईं. मेरी मम्मी के मुँह से चुदाई बातें सुन कर मौसी की वासना भड़क उठी थी. उनसे भी नहीं रहा गया और वे भी अपने घुटनों के बल मेरी तरफ आने लगीं और मेरे भीगे हुए लंड के पास ही अपना मुँह लगा कर लंड को चाटने लगीं.
मैंने अरुण की तरफ हैरानी से देखा.
अरुण मस्ती में अपनी बात को आगे सुनाने में लगा रहा- मौसी मेरे लंड को चूसती हुई बोलीं कि अरुण तुम्हारी बातें सुन कर मुझे भी अपने बेटे राज का लंड लेने का मन कर रहा है. मेरा शरीर ऐसा लंड कब से खोज रहा था! यह सुनकर मेरी मम्मी भी दीपा मौसी के साथ मेरे लंड को चूसने लगीं.
जब अरुण ने यह कहा कि मेरी मम्मी ने उससे मेरा लंड लेने की बात कही थी तो सच में मुझे उसी वक्त मम्मी के दूध काली ब्रा में फंसे हुए नजर आने लगे थे.
दूसरी तरफ अरुण मुझे देखता हुआ अपनी सेक्स कहानी सुनाए जा रहा था.
वह बोला- मम्मी और मौसी के लंड चूसने से मैं कुछ ही देर में वापस उत्तेजित हो गया और मैंने अपनी मम्मी को पकड़ कर सोफे पर पीठ के बल लिटा दिया. फिर उनकी एक टांग को अपने कंधे पर रख कर उन्हें दुबारा से चोदने लगा.
अरुण एक पल के लिए रुका और मुझे घूरता हुआ आगे कहने लगा- राज, तुम्हारी मम्मी यानि मेरी मौसी दीपा वहीं खड़ी होकर हम मां बेटे की चुदाई को ललचाई निगाहों से देखने लगीं.
मैं अरुण की बात सुनकर अन्दर ही अन्दर गर्म हो रहा था और ऊपर से मुँह पर गुस्से का भाव लिए हुए था.
अरुण बोला- मेरी मम्मी बोलीं कि हां दीपा, मेरा भी मन ऐसा ही मजबूत लंड खोजता है और शायद ऐसा इसलिए है कि हम दोनों बहनें हैं … और मेरे बेटे अरुण के शरीर में भी वही खून दौड़ रहा है. इसलिए मेरे अरुण का लंड अपनी मम्मी के लिए परफेक्ट लंड है. आह उम्मम्म … देखो न दीपा किस तरह से मेरी चूत फाड़ रहा है आह! यह सुनकर मेरी मौसी यानि तुम्हारी मम्मी ने कहा कि लेकिन मैंने राज को अभी तक कभी भी ऐसी सेक्सी नजर से नहीं देखा है सुमन दीदी.
दोस्तो, अरुण मेरी मौसी और मम्मी दोनों की चुदाई की बातों को सुना रहा था तो उस वार्तालाप को मैं आपको अब लाइव टेलिकास्ट के जैसे लिख कर बता रहा हूँ.
सुनिए अरुण के शब्दों में!
मैंने अपना लंड निकाला तो मेरी मम्मी खड़ी हुईं और दीपा मौसी के पास गईं.
मैं मम्मी के पीछे सोफे पर बैठ गया.
मेरी मम्मी- तुम्हारे पास मेरी बात मानने के अलावा कोई रास्ता नहीं है दीपा. तुम अभी मुझसे चाहे जितनी नफरत कर लो, पर तुम जब अपने बेटे से चुदोगी … उस खुशी को मैं तुम्हारे चेहरे पर देखना चाहती हूँ.
तभी मैंने मम्मी को खींच कर उनको सीधे अपने लंड पर बैठा लिया तो मेरा लंड एकदम से उनकी चूत में काफी तेजी से अन्दर चला गया.
मेरी मम्मी मुँह खोल कर आह मर गई चिल्लाईं.
मैं बोला- देखा मौसी, मम्मी आपको ऐसे खुश देखना चाहती हैं … है न मम्मी!
मम्मी लंड के दर्द को सहती हुई रूक रूक बोलीं- आह ओ आह हां … बेटा … मैं तेरे लंड से बहुत खुश हूँ.
कुछ ही पल बाद मेरी मम्मी फिर से मेरे लंड पर उछलने लगीं- आह देखा दीपा … कितना मजा आ रहा है मुझे … मैं तुम्हारे अन्दर की हर वासना और कामुकता को बाहर निकाल कर रहूंगी. तुम मजे में डूब जाओगी.
कुछ देर बाद मम्मी मेरे लंड से उठीं और फिर से मौसी के पास चली गईं.
मम्मी ने मौसी को फर्श पर बैठा दिया.
मैंने मौसी के बालों को पकड़ा और उनके होंठों को अपने लंड पर रगड़ने लगा.
मेरी मम्मी भी नीचे फर्श पर बैठकर मौसी की चूत में उंगली करने लगीं.
अरुण- ऐसे हाथ से काम चलाना आपके लिए ठीक नहीं है मौसी … कितनी कामेच्छा आपके अन्दर ही दब कर रह जाती होगी!
मम्मी- हां दीपा, इसका राज पर असर पर भी होगा, तो बस जो मन में आए … वह करो और लंड का मजा लो.
फिर दीपा मौसी आखिरकार अरुण से चूत चुदाने के लिए तैयार हो ही गईं.
वे नीचे फर्श पर कुतिया बन गईं और पीछे मुड़ कर बोलीं- मुझे बस अपने बेटे राज का ध्यान रखना है … उसे नहीं पता लगना चाहिए कि मेरे अन्दर ज्यादा कामुकता है!
यह कह कर दीपा मौसी ने अपना एक हाथ पीछे करके अपने एक चूतड़ को खींचा.
तो मेरे सामने उनकी गीली चूत आ गई थी.
मैं भी उनकी चूत के पीछे घुटने के बल खड़ा हो गया.
दीपा मौसी- प्लीज अरुण, अपने लंड से मेरी प्यास बुझाने में मदद करो!
मैंने अपने लंड से मौसी की चूत में जोर से धक्का दे दिया.
मौसी आगे की तरफ गिर गईं.
मैंने उनकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर ऊपर अपने लंड के सीध में उठाया और जोर जोर से अपनी मौसी की चूत चोदने लगा.
वे अपने दोनों हाथ फैला कर फर्श पर सर और बूब्स रखे लेटी सी थीं.
बस उनके चूतड़ और चूत, हवा में अरुण के लंड और हाथ के सहारे थे.
मम्मी- दीपा, मुझे आज बहुत अच्छा लग रहा है. मेरे बेटे अरुण के लंड से तुम अपनी चूत फड़वा रही हो यह देखना सच में काफी मजेदार है.
दीपा मौसी- आह उम्म ई आ … मुझे ऐसा ही लंड चाहिए था दीदी … मुझे बहुत मजा आ रहा है.
मैं बोला- मौसी, आपकी चूत बड़ी अच्छी है. आपकी चूत का हर हिस्सा मेरे लंड को जकड़ रहा है.
अपनी मौसी को ऐसे ही चोदने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला.
मेरी मौसी दीपा उठ खड़ी हुईं.
मैंने अब अपनी दीपा मौसी को थोड़ा आगे झुका दिया और उनकी टांगों को फैला कर खड़े खड़े चोदने लगा.
चूत चुदाई के साथ ही मैं पीछे से अपनी दीपा मौसी की बड़ी बड़ी चूचियों को दबाने लगा.
दीपा मौसी- मेरा बदन बहुत थुलथुल है बेटा … पर तेरे साथ चुदने में बड़ा मजा आ रहा है.
मैंने कहा- मौसी, आपकी चुदाई की वीडियो बन रही है. अपने बेटे राज के लिए भी कुछ कह दो.
अब दीपा मौसी मस्ती में कहने लगीं- बेटा राज मेरी जिस चूत से तुम्हारा जन्म हुआ है, आज मैं उसी चूत को अरुण से चुदवा कर मजे ले रही हूँ. मुझे माफ कर देना राज … तुम्हारी मम्मी बहुत घटिया औरत है. पर मैं अपने जिस्म की भूख को कैसे रोक पाती … यदि चोरी छिपे कहीं बाहर वाले से सेक्स करती तो शायद कल को कुछ गड़बड़ होने की आशंका थी. इसलिए मैंने अरुण के लंड से चुदवाना ठीक समझा.
मैं- मौसी लगे हाथ यह भी कह दो न कि आपको राज के लंड से भी चुदवाने का मन है. यह सुनकर वह चाहेगा तो आपको चोद देगा!
दीपा- हां राज बेटा … मैं तुमसे चुदना चाहती हूँ. बताओ कब चोद रहे हो मुझे?
इतना संदेश देने के बाद मैंने वीडियो को वापस चुदाई पर सैट किया और फिर से अपनी दीपा मौसी को सोफे लिटा दिया. अब मैं मौसी की एक टांग उठाकर चोदने लगा.
इस बार मैं काफी जोर जोर अपनी दीपा मौसी की चूत चोद रहा था.
मैं झड़ने वाला था.
मेरे साथ ही मेरी दीपा मौसी भी झड़ने वाली हो गई थीं- अरुण … आह मैं झड़ने वाली हूँ.
मैं- मैं भी झड़ने वाला हूँ मौसी आह आह मैं निकल गया.
मौसी- आह मैं भी झड़ रही हूँ … आह मेरी चूत में धमाका सा हो रहा है.
मैं अपनी दीपा मौसी की चूत में झड़ गया और अपना सारा माल मौसी की चूत में टपका दिया.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड अपनी दीपा मौसी की चूत से बाहर निकाला तो उनकी चूत से भी कुछ माल बहने लगा.
मौसी आसमान में देखती हुई कहने लगीं- सुन रहे हो राज के पापा! आज मेरे भानजे ने मेरी चूत में अपना माल भर कर मुझे भी पहले की तरह सुहागन कर दिया. राज और राज के पापा मुझे आप दोनों मुझे माफ करना.
दोस्तो, अरुण ने जब मुझे यह सब बताया तब मुझे मालूम हुआ कि मेरी मम्मी के साथ क्या हुआ था.
अरुण बोला- तो राज उस दिन से दीपा मौसी मेरे लंड की आदी हो गई थीं! तुमको अपनी मम्मी की चुदाई की आपबीती सुन कर कैसा लगा?
मैं यह सब सुन कर गुस्से में आ गया था.
मेरा यह गुस्सा कामुकता के साथ जुड़ा था.
मैं सोचने लगा कि मेरी मम्मी हर किसी से बस अपनी हवस बुझाने के लिए चुदती थीं.
पोर्न फॅमिली चुदाई कहानी सुनकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.
मेरी भोली मम्मी सबसे इसलिए चुदती रहीं कि कहीं वे अपनी कामाग्नि में अपने बेटे से ना चुद जाएं.
मैंने अपने मन में तय किया कि मम्मी आज आपका यह डर हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा क्योंकि आज वे अपने बेटे से चुदने वाली हैं.
मेरे पास बैठा अरुण मन में शायद सोच सोच कर मुस्कुरा रहा था कि आखिर वह अपने मिशन में कामयाब हो गया.
अरुण सच में यही सोच रहा था कि राज आज तू अपनी मां को चोदने के लिए तैयार हो गया है. मैंने तुझे इस तरह से कहानी में बताया कि तुझे लगता कि तेरी मम्मी दीपा सबसे अपने मन से चुदती थी. ना दोस्त … वह तो मैं था जो उनको बहला फुसला कर उनको हर किसी से चुदने के लिए मना लेता था.
अरुण की बातें सुनने के बाद मैं उसके पास से उठ कर बाहर चल गया और एक सिगरेट पीते हुए सोचने लगा कि क्या करना चाहिए क्या मम्मी को चोद देना चाहिए.
फिर यही सही लगा कि किसी बाहरी आदमी से अच्छा तो यही है कि मैं ही अपनी मम्मी के साथ सेक्स करूं!
दोस्तो, पोर्न फॅमिली चुदाई कहानी के अगले भाग में आपको मम्मी की चुदाई की कहानी लिखूँगा कि किस तरह से यह संभव हुआ.
आप मुझे मेल जरूर करें.
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पोर्न फॅमिली चुदाई कहानी का अगला भाग: रिश्तों में वासना का खेल- 5
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