सेक्स है कुदरत का वरदान- 9

(Night Sex Planning Story )

नाईट सेक्स प्लानिंग स्टोरी में एक लड़की ने अपनी बुआ को अपने पति से चुदवाने की सेटिंग की. उसने खुद की चुदाई बुआ के बेटे और उसके दोस्त से करवानी थी.

कहानी के पिछले भाग
नए दामाद ने बुआ सास को पेल दिया
में आपने पढ़ा कि अंजू अपने दामाद हर्ष की कामुकता का परीक्षण करने, उसके कमरे में चाय लेकर जाती है। हर्ष उसको पकड़ के खड़े-खड़े चोदने लगता है।
अंजू को दामाद की दमदार चुदाई पसंद आती है।

अब आगे नाईट सेक्स प्लानिंग स्टोरी:

चूत की 10 मिनट की रगड़ाई ने, स्टैंडिंग पोजीशन में हुई इस दमदार लेकिन फटाफट वाली चुदाई ने अंजू को दिखा दिया कि केवल हर्ष ही नहीं, अंजू भी चूत लंड के इस मिलन समारोह से बहुत मज़े लूटने वाले हैं।

हर्ष का जोश, उस की कामुकता भरी मेहनत आखिर रंग लाई, अंजू खड़ी-खड़ी झड़ गई।
यह पहली बार था जब वह एक नये लंड से चुद के इतनी जल्दी और खड़ी-खड़ी झड़ी थी।

अंजू की चूत फड़क फड़क के पानी छोड़ रही थी।
हर्ष और अंजू दोनों आँखें बंद करे इस क्विक शो में हुए स्खलन का आनंद ले रहे थे।

जब दोनों का तूफान शांत हुआ तो अंजू ने कहा- मेरे गुंडे दामाद, हरामखोर खड़े खड़े दम लगा के चोद दिया मुझे, अब तो छोड़ मुझे, बहुत काम फैला पड़ा है।

हर्ष ने पूछा- अब अगली बार कब चुदवाओगी बुआ जी?
अंजू ने चूत से रिस रहे वीर्य और चूत रस को अपने गाऊन से पोंछते हुए कहा- रात में। तुम्हारे सोने का इंतजाम सिमरन दीदी के यहां किया है, मैं कैसे भी करके वहां आ जाऊंगी। फिर जितना चाहो और जैसे चाहो वैसे चोद लेना। मेरे मस्त लौंडे, कौन सी ऐसी बदकिस्मत औरत होगी जो तुम्हारा इतना मस्त लंड बार बार लेना नहीं चाहेगी?

हर्ष यह सुन कर बहुत खुश हो गया, उस ने अंजू को फिर से बाहों में भर लिया और बोला- वाह रे मेरी सेक्स बम बुआ! पम्मी ने तुम्हारे बारे में सब कुछ सही सही कहा था, वाकई में तुम एक रंगीन मिज़ाज औरत हो, एक धधकता अंगारा हो। पता नहीं कितने लौड़ों का तुम्हारी चूत में घुस के भरता बन सकता है।

अंजू ने अपना गाउन पहना और अपनी प्रशंसा से प्रसन्न, आंख मार के मुस्कुराती हुई चली गई।

उस के जाते ही हर्ष बिस्तर पर जाकर पड़ गया और थोड़ी देर में उसके अलसाए शरीर और शांत दिमाग को नींद ने घेर लिया और वह चुदाई की अपनी मीठी मीठी सी थकान मिटाने लगा।

जब तक बुआ हर्ष से चुदी तब तक पम्मी बंटू के कमरे में जाकर उस से गांड मरवा कर आ चुकी थी।

पम्मी को पता था कि बंटू के पास अभी चुदाई का क्विक शो करके झड़ाने का हुनर नहीं है इसलिए उसने बंटू की गांड मारने की इच्छा पूरी करना ही ठीक समझा।

जब पम्मी अपने कमरे में आई तो उसने देखा कि हर्ष अंडरवियर में सो रहा है और कमरे में वीर्य की महक आ रही है.
वह समझ गई कि हर्ष ने अंजू बुआ के ऊपर अपने लंड का जादू चला दिया है।

पम्मी के कमरे में आने से हर्ष की नींद खुल गई उसने पूछा- तू कहां थी अब तक?
पम्मी ने जवाब दिया- मैं तो बंटू भय्या के पास थी लेकिन तूने इतनी जल्दी अंजू बुआ को पेल भी दिया?

हर्ष ने कहा- तुझे कैसे पता? क्या बुआ ने बताया?
पम्मी ने कहा- साले, तेरे वीर्य की महक मैं नहीं पहचानूंगी क्या?

हर्ष ने पूरी बात बतायी:
हां यार, जब से तूने अंजू बुआ की कामवासना के किस्से सुनाये थे तब से मेरा लंड उतावली में ही था।

जब मैं अंजू बुआ से पहली बार मिला उन्होंने मुझे पैर छूने से रोका और गले से लगा लिया तो मैंने भी धीरे से कान में कह दिया था, मुझे पम्मी ने तुम्हारे बारे में सब कुछ बता दिया है। आज मैं जहां सोऊंगा वहां आ जाना।

मुझे लगा था कि बुआ चुदवाने रात को आएगी.
लेकिन उन की चूत में ऐसी खुजली मची कि सुबह-सुबह चाय लेकर चली आई।
मैं बैठा बैठा अंजू बुआ के बारे में ही सोचते हुए अपना लंड सहला रहा था।

मैंने जब उनको देखा तो मैं समझ गया कि वह भी रात तक मेरे लंड का इंतजार करना नहीं चाहती।
इसलिए मैं उठा और मैंने उनके मम्मे मसले और अपना लंड उनके मुंह में दे दिया उन ने कुछ देर तो चूसा लेकिन फिर बुआ कहने लगी- मेरी चूत की आग, मुंह चोदने से नहीं बल्कि चूत चोदने से बुझेगी।

उसके बाद फिर क्या था, मैंने बुआ को दीवार से सटाया और साली को खड़े-खड़े चोद डाला।
बुआ को मेरा लंड बहुत पसंद आया है।
चुदने के बाद वह रात को आने का वादा कर के तृप्ति भरी मुस्कान लेकर यहां से गई है।

पम्मी ने मुंह बनाते हुए पूछा- इसका मतलब तुम रात को भी अंजू बुआ को चोदोगे? फिर मेरी चूत का क्या होगा?
इस पर हर्ष ने जवाब दिया- शादी शादी तो, जैसा तूने कहा, मुझे अंजू बुआ के साथ मजे कर लेने दे यार! और रहा तेरी चूत का सवाल तो तूने बंटू और मोंटी के बारे में बताया था न? अभी उन दोनों के पास कोई चूत नहीं है चोदने को, यदि तेरा दांव चल जाए तो तू भी उनसे चुदवा ले। उन दोनों की शादी हो रही है, उन को भी तो चुदाई करना आना चाहिए।

पम्मी ने शरमाने की एक्टिंग करते हुए हर्ष के सीने से लगकर बोली- मेरे राजा, बहुत गंदे हो तुम!
हर्ष हंस पड़ा।

पम्मी बोली- नहीं, मैं उन दोनों से कैसे कह सकती हूं कि मुझे उन से चुदवाना है और वे दोनों तो अब और भी हिम्मत नहीं कर पाएंगे।
हर्ष ने पूछा- ऐसा क्यों?

पम्मी ने जवाब दिया- क्योंकि न केवल मेरी शादी हो चुकी है बल्कि तुम मेरे साथ आए हुए भी हो।
हर्ष ने कहा- हां यार, यह बात तो है। चल, मैं ही कुछ जुगाड़ करता हूं।

पम्मी बोली- नहीं, कोई जुगाड़ करने की जरूरत नहीं है, मेरी चूत को भी कुछ दिनों का आराम मिल जाएगा। जब से हमारी शादी हुई है तब से तुम राशन पानी लेकर चढ़े हुए हो मेरे ऊपर।
हर्ष ने कहा- जैसी तेरी मर्जी, मैं तो तेरी बुआ को आज जम के रगड़ने वाला हूं।

उसके बाद नाश्ते और खाने के समय, बंटू और फूफाजी की उपस्थिति में, हर्ष और बुआ दोनों एक दूसरे से नयन लड़ाते रहे, आंख मारते रहे।
बुआ जी मुस्कुराती रहीं।

पम्मी और बंटू उन दोनों की हरकतों को बहुत ध्यान से देख रहे थे।
बंटू हैरान था कि उसकी मम्मी अपने दामाद पर डोरे डाल रही थी और हर्ष को भी बिल्कुल अटपटा नहीं लग रहा था।

पम्मी तो उन के तन बदन में मची हुई सनसनी को समझ के मन ही मन खुश हो रही थी कि हर्ष पूरी तरह से उस के मोहपाश में बंध गया है और उस की चूत के लिए बंटू और मोंटी के लौड़ों का इंतजाम भी वह खुद करेगा।

दिन में पम्मी ने बंटू को बताया कि हर्ष ने सुबह-सुबह तेरी मां चोद दी है।

बंटू हैरत में पड़ गया, बोला- सुबह मैं उन दोनों की हरकतों को देख रहा था किंतु इतनी जल्दी हर्ष ने मम्मी को कैसे पटा लिया?
पम्मी ने कहा- अंजू बुआ को पटाने की जरूरत है क्या? साले कामुकता में वह तेरी भी मां है, उनकी गरम चूत के लिए कोई भी नया लंड मिलने वाला हो तो वह क्यों मना करने लगी?

बंटू ने पूछा- उन दोनों को शादी के घर में समय कब मिल गया?
पम्मी ने जवाब दिया- सुबह जब तू मेरी गांड मार रहा था न? तब हर्ष तेरी मम्मी को खड़े खड़े पेल रहा था।

बंटू का लंड यह जवाब सुन के तन्नाने लगा।
उसने पम्मी को पकड़ के अपनी ओर खींचा और उसके होंठ चूसना शुरू कर दिए।

पम्मी की चूत भी प्यासी थी क्योंकि सुबह तो बंटू ने उसकी इच्छा के विपरीत उसकी चुदाई ना करके जबरदस्ती उस की गांड मारी थी। वह तो खुद चाह रही थी कि कम से कम एक बार अच्छे से चुदाई हो जाए लेकिन घर में चहल पहल बढ़ चुकी थी इसलिए पम्मी ने सोचा अभी रिस्क लेना ठीक नहीं है।

उस ने बंटू को रोका और कहा- कल तेरी शादी है और परसों सुबह तो हम दोनों को भी तुम लोगों के साथ हनीमून के लिए निकलना ही है। वहां देखेंगे, यदि अवसर मिला तो!
बंटू ने कहा- लेकिन यार, वहां तो हर्ष साथ में होगा वहां कैसे हमें अवसर मिलेगा?

पम्मी ने कहा- तू चिंता ही मत कर, हर्ष खुद तेरे से इस बारे में बात करेगा।
यह कह के पम्मी बंटू के कड़क लंड को दबा के चली गई।

बंटू फिर हैरान था कि आखिर यह सब चल क्या रहा है?

खाने के बाद हर्ष भी सफर की थकान मिटाने के लिए एक झपकी लेने लगा।
शाम को हर्ष बंटू और मोंटी को साथ लेकर ड्रिंक करने बैठ गया।

तीनों जवान लौंडे थे और साथ ही तीनों में कामुकता कूट-कूट के भरी हुई थी जल्दी ही उनकी बातों का सिलसिला सेक्स पर आ गया।

हर्ष ने उन दोनों का मन टटोलने के की लिहाज से पूछा- अब तो कल से तुम दोनों के बिस्तर गर्म करने का इंतजाम हो जाएगा।

बंटू बोला- हां यार हर्ष, ये उम्र ही ऐसी है कि बिना औरत के शरीर के रात काटना बहुत मुश्किल हो जाता है।

फिर मोंटी की हसरत उसकी जुबान पर आ गई.
उसने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- तुमको तो पम्मी जैसी परी मिल गई है पर हम दोनों तो अभी तक हाथ से ही काम चला रहे हैं।

हर्ष ने कहा- तुम दोनों यह बताओ कि तुम सेक्स को लेकर कितने ओपन माइंड हो?
बंटू और मोंटी एक दूसरे का चेहरा देख रहे थे कि हर्ष यह बात क्यों पूछ रहा है?

बंटू ने कहा- मुझे तो किसी भी तरह की बंदिश पसंद ही नहीं है।
मोंटी ने भी उसकी हां में हां मिलाते हुए कहा- अरे यार कुदरत ने आनंद उठाने के लिए इतना अच्छा साधन दिया है तो क्यों ना उसका भरपूर मजा लिया जाए?

हर्ष ने कहा- यानि हम तीनों में कोई अंतर नहीं है और तुम्हें कुछ समझाने की जरूरत भी नहीं है। वैसे यदि तुम्हें शादी के पहले यदि किसी को चोदने का मौका मिले तो? तुम चोदोगे या शादी के बाद पत्नी की सहमति लेने का इंतजार करोगे?

मोंटी के मन में तो लड्डू फूट रहे थे उसे ऐसा लग रहा था कि वह कहीं पम्मी को चुदवाने की तो नहीं सोच रहा? साले का लंड ढीला तो नहीं है?

बंटू ने कहा- यार हर्ष, कौन सा ऐसा मर्द होगा जो चूत चोदने से मना करेगा?
हर्ष ने हंसते हुए कहा- तुम दोनों साले बड़े हरामी हो?

बंटू ने कहा- बड़ा तो तू है यार हर्ष, तूने आते ही यहां जो गुल खिलाया है मुझे सब पता है।
मोंटी ने पूछा- कौन सा गुल खिला दिया हर्ष ने?

बंटू ने कहा- अरे यार इस साले ने आते ही मेरी मां चोद दी है।
बंटू की बात सुनकर मोंटी और हर्ष दोनों चौंक गए।

मोंटी तो इसलिए चौंका कि हर्ष से अपनी मां चुदाने के बाद भी बंटू कितना सहज था।
हर्ष इसलिए चौंका कि बंटू को यह बात पता कैसे चली?

हर्ष ने बंटू से पूछ ही लिया- तुझे इस बात का पता कैसे चला?
बंटू ने कहा- अरे वो मैं सुबह तेरे कमरे में आ रहा था कि तेरे साथ चाय पियेंगे तो मैंने तेरी और मम्मी की सारी बातें सुन ली थीं।

हर्ष ने पूछा- तेरे को गुस्सा नहीं आया?
बंटू ने कहा- नहीं, बल्कि मेरा तो लंड तन्ना रहा था।

हर्ष हंस पड़ा और मोंटी अभी भी बंटू को अचरज से देख रहा था।

शाम को पूरा परिवार, बंटू और मोंटी के साथ फेरों में बैठा था, विवाह के समय की चुहलबाज़ी में सब को बहुत आनंद आ रहा था।

रात के 12:30 बजे फेरे समाप्त होने के बाद में सब सोने के लिए अपने-अपने कमरों में पहुंचे।

सिमरन का मकान अधिक बड़ा था अतः हर्ष व पम्मी के मामा मनीष के सोने का इंतजाम सिमरन के यहां किया गया था. नाईट सेक्स प्लानिंग भी इसी तरह से थी.

सिमरन अपने कमरे से सरताज को यह बोलकर निकली- मुझे देर हो सकती है, मैं तेरे लिए अंजू को भेजती हूं, तू उसके साथ मज़े मारना।

सिमरन के कमरे से निकलते ही बिजली चली गई.
घुप्प अंधेरे में सरताज, हल्की ठंड के कारण एक शॉल में पूरा नंगा पड़ा, आँखें बंद करके अंजू के इंतजार में मगन अपने लंड को सहला रहा था।

जब बहुत देर तक अंजू नहीं आई तो वह सोचने लगा कि भेनचोद सिमरन भी पता नहीं कहां मां चुदाने गई है साली? इधर मेरा लंड बेताब हो रहा है अंजू की चूत में घुसने को।

सोचते सोचते उसकी आंख लग गई, लंड नरम होकर लटक चुका था।

यही हाल दूसरे कमरे में हर्ष का भी था।
वह अंजू बुआ की प्रतीक्षा कर रहा था जिससे कि उनकी चूत को अच्छे से बजाया जा सके।

सुबह तो उस ने खड़े-खड़े, फटाफट वाली चुदाई से अपनी बुआ सास के साथ मस्ती भरे संबंधों की शुरुआत की थी।

तब चुदने के बाद अंजू बुआ बोलकर गई थी कि रात को आऊंगी तब जितनी देर जी चाहे उतनी देर, जैसा चाहे वैसा चोदना।

उस का नई नई चूतों का दीवाना लंड, अंजू बुआ की चूत में घुसने के लिए बेचैन हो रहा था।
अंजू बुआ की सुबह वाली चुदाई को याद करते-करते हर्ष की भी आंख लग गई।

ऐसा ही कुछ मनीष के साथ घटित हुआ।

दिन में मौका लगते ही उसने अंजू को कह दिया था कि पम्मी की शादी के समय जैसी रात गुजारी थी वैसी फिर से गुजारना है। रात को मेरे कमरे में आ जाना।

सरताज, हर्ष और मनीष तीनों की आंखें तब खुली जब उनको यह अनुभव हुआ कि कोई उनके नरम मुलायम लंड को चूस रहा है।

तीनों चूत का इंतजार करते हुए तो सोए थे इसलिए लंड चूसने से शरीर में जो सनसनी उत्पन्न हुई उसके कारण उन तीनों के लंड भी तुरंत कड़क हो गये।

आइये मेरे रसिकों, पहले हम सरताज के कमरे का दृश्य देखते हैं।

सरताज ने नींद खुलते ही कहा- आ गई अंजू रानी? कब से मेरा लंड तेरी चूत को याद कर रहा था। तुझे पता है क्या कि सिमरन किस के लौड़े के साथ खेलने के लिए गई है?

अंजू की तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो सरताज ने उसको पकड़ के ऊपर खींचा.
उसके बदन पर हाथ फिराते ही सरताज को यह एहसास हो गया कि वह पूरी तरह नंगी है।

उसके बदन में अचानक कामुकता का ज्वार उठा और उसने अंजू की चूत में मुंह दे कर उसकी चूत का रस चाटने लगा।

सरताज चकित था कि सैंकड़ों बार चुदी अंजू की चूत से आज इतना रस क्यों बह रहा है।
वह चटखारे ले कर चूत रस का मजा लेता रहा।

2 मिनट भी नहीं हुए कि उसे अपने होठों पर चूत के फड़कने का एहसास हुआ और अंजू की तेज तेज चल रही सांसों की आवाज़ें सुनाई दीं।

अंजू के मुंह से निर्बाध रूप से सिसकारियां निकल रही थीं।
सरताज ने कहा- क्या बात है रानी, आज तो बहुत जल्दी झड़ गई? कहीं ऐसा तो नहीं कि तेरे बेटे को भी आज जो चुदाई का लाइसेंस मिल गया है, उसके कारण तेरे शरीर में भी एक नई उत्तेजना समा गई है?

मेरे प्रिय पाठको, कहानी एक बहुत रोचक घटनाक्रम से गुजर रही है।
अगले अंक में पढ़िए कि अंजू की कामुकता से आश्चर्यचकित सरताज चुदाई के कितने मजे लेता है?
और आगे क्या-क्या अनपेक्षित घटनाएं घटती हैं?

नाईट सेक्स प्लानिंग स्टोरी पर अपनी विशेष प्रतिक्रिया भेजते रहें।
हमारी आई डी है
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नाईट सेक्स प्लानिंग स्टोरी का अगला भाग: सेक्स है कुदरत का वरदान- 10

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