मेरा गुप्त जीवन- 108

(Mera Gupt Jeewan- 108 Mehman Ladkiyon Ki Chut Ki Aakhiri Chudai)

यश देव 2015-11-28 Comments

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मेहमान लड़कियों की चूत की आखिरी चुदाई

कम्मो कहने लगी- अभी तो रात के 11 बजे हैं आप कम से कम दो और लड़कियों का काम कर सकते हैं, क्यों छोटे मालिक?
मैं बोला- मुझको तो कोई ऐतराज़ नहीं लेकिन कम्मो डार्लिंग क्या यह सब मम्मी के जागते हुए संभव है क्या? अभी हमने रिस्क लिया था लेकिन रिस्क बार बार लेना उचित होगा क्या?

कम्मो बोली- शायद आप ठीक कह रहे हैं छोटे मालिक, मैं उनको कह आती हूँ कि और किसी का यहाँ आना सम्भव नहीं आज!
मैं बोला- कम्मो डार्लिंग उनमें ऐसी कौन है जिसको खुश करना ज़रूरी है अभी? सब तो चुद चुकी है एक दो बार कम से कम, ऐसा करो उन सबको यहाँ बुला लेते हैं और खूब मस्ती करते हैं सब मिलकर, क्यूँ यह ठीक है ना? जो बहुत गर्म हो जायेगी उसको चोद भी देंगे हम सब मिल कर, क्यों यह ठीक है ना?

कम्मो एकदम खुश हो गयी और बोली- मैं उनको बुला लाती हूँ. साली कुछ की चूत में तो बहुत ही खुजली होवत है रे!
मैं बोला- तो इन सब का लाइए ना, हम खुजली मिटावन का ही तो काम करते हैं न!
कम्मो ज़ोर से हंस दी और लड़कियों के कमरे में चली गई।

उन सबके कमरे दूसरे फ्लोर पर ही मेरे कमरे के साथ लगे हुए थे तो उन लड़कियों को वहाँ लाने में कोई ख़ास वक्त नहीं लगा।
सबने अपनी अपनी नाइटी पहन रखी थी, सबने आते ही मुझको जफ्फी मारी और मैंने भी उनके मुम्मों और चूत को हाथ लगाया।
एक भाभी और 4 अनब्याही कन्याएँ आ धमकी और सब मेरे इर्द गिर्द घूम रही थी।

कम्मो ने पूछा- अब आप कैसे क्या करना चाहती हैं?
सबसे तेज़ रिया ही थी, वो बोली- चुपके चुपके और शांत ढंग से हम एक गेम खेलते हैं… ताश के पत्ते बांटे जाएंगे हम सबमें, जिसका पत्ता सब से कम नंबर का होगा उसको अपनी नाइटी उतारने होगी, इसके बाद जब सबकी नाइटी उतर जायेगी तो फिर हम तय करेंगी कि कौन सी लड़की पहले चुदेगी सोमू से! ठीक है ना?

कम्मो बोली- मेरे ख्याल से हम ऐसे ताश के पत्ते खेलते हैं जिसका पत्ता सब से बड़ा निकलेगा, उसको पहले चोदा जाएगा और इसी तरह हम यह तय कर लेते हैं कि किसकी बारी कब! क्यों यह ठीक नहीं क्या? इससे छोटे मालिक को भी वक्त मिल जाएगा आराम के लिए?
सबने कहा- हाँ हाँ यह ठीक रहेगा।

ताश के पत्ते बंटने लगे और जब सबने अपने पत्ते खोले गए तो जूही भाभी नो.1 पर थी और प्रेमा न. 2 पर और इसी तरह ही बाकी सबका नंबर लग गया।
कम्मो ने कहा- जूही भाभी और प्रेमा अपनी नाइटी उतार दें और बाकी भी सब अपनी अपनी नाइटी उतार दें और सब आपस में प्यार करना शुरू कर दें। छोटे मालिक के पास इतना वक्त नहीं होगा कि हर किसी लड़की को तैयार करें सो आप सब अपनी अपनी साथिन के साथ लग जाओ, चूमो, चाटो और खूब आनन्द लो लेकिन ध्यान रहे कि कोई भी शोर नहीं होना चाहिए।

मैं बोला- कम्मो रानी, मैं चाहता हूँ कि आज सब लड़कियाँ मिल कर या फिर बारी बारी मेरा चोदन करें। एक समय में कम से कम दो लड़कियाँ मुझ पर पीछे से हमला करेंगी और फिर मेरा चोदन करेंगी। मेरे हाथ बाँध दिए जायें ताकि मैं किसी को रोक नहीं सकूँ। क्यों यह खेल कैसा रहेगा सुंदरियों?

सब लड़कियाँ और भाभी चहक उठी और कम्मो ने फैसला किया कि सब अपनी अपनी बारी से दो दो कर के मुझको चोदेंगी।

सबसे पहले कम्मो ने मेरे हाथ एक दुपट्टे से बाँध दिए और फिर मुझको नंगा करके खड़ा कर दिया और सबसे पहली टोली जिस में जूही भाभी और प्रेमा शामिल थी, ने मिल कर मुझको पीछे से पकड़ा और मुझ को खींचते हुए बेड पर ले गई।
जूही भाभी मुझको बेतहाशा होटों पर चूमने लगी और उनके मोटे मुम्मे मेरी छाती में धंसे जा रहे थे लेकिन मैं उनको हाथ नहीं लगा सकता था।

उधर प्रेमा ने मेरे लंड को अपने कब्ज़े में किया हुआ था और वो उसको ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी।
अब भाभी ने अपनी पोजीशन प्रेमा के साथ बदली और वो मेरा लंड चूसने लगी और प्रेमा मेरे सारे चेहरे को चुम्मियों से गीला करने में लगी हुई थी, वो भी बार बार अपने मुम्मों को मेरी छाती से रगड़ रही थी।

थोड़ी देर में ही जूही भाभी मेरे ऊपर बैठ सी गई और मेरे लंड को अपनी चूत में डाल कर जल्दी जल्दी ऊपर नीचे होने लगी। उसकी आँखें मेरी आँखों पर टिकी हुई थी और वो ऐसे व्यवहार कर रही थी कि मेरे द्वारा किये हुए सारे ज़ुल्मों की सजा मुझको अभी दे देना चाहती थी।
इस कश्मकश में जूही भाभी बहुत ही जल्दी ही छूट गई और कंपकपाती हुई मेरे ऊपर लेट गई और तब कम्मो ने उसको मेरे ऊपर से उठाया और प्रेमा ने जल्दी से उसका स्थान लेने के लिए आगे आने लगी।

फिर कुछ सोच कर उसने मुझ को पलंग पर से उठा दिया और कहने लगी कि वो खड़ी होकर चुदवाना चाहती है, मुझको सहारा देकर उसने उठाया और खुद पलंग पकड़ कर झुक कर खड़ी हो गई और मैंने उसके पीछे खड़े होकर अपने अकड़े लंड को उसके चूतड़ों पर रख दिया और प्रेमा ने हाथ डाल कर उसको चूत के मुंह पर रख कर कहा- धक्का मारो मेरी सरकार!

मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड एकदम गीली चूत में फटाक से घुस गया। जैसे ही मेरा गर्म लोहे के समान सख्त लंड प्रेमा के अंदर गया तो वो एकदम से तिलमिला उठी।
मैंने भी बड़ी तेज़ धक्काशाही शुरू कर दी और अपने बंधे हाथों को प्रेमा के चूतड़ों पर रख कर बड़ी तेज़ स्पीड से चुदाई शुरू कर दी क्योंकि मैं चाहता था कि वो जल्दी ही झड़ जाए तो तीसरी चूत से मिलन हो जाये।

प्रेम की टाइट चूत में भी जल्दी ही हरकते उल अंसार होने लगी और वो जल्दी ही हाय हाय करती हुई झड़ गई।
झड़ते वक्त उसकी चूत में सिकुड़न होने लगी और उसकी चूत मेरे लंड को दोहने की कोशिश करने लगी लेकिन आखिर में चूत को ही हारना पड़ा।

जैसे ही प्रेमा झड़ी, उसी वक़्त दो और लड़कियाँ आ गई और मुझसे चिपट कर मुझको चूमने और चाटने लगी। उनमें से एक रिया थी और दूसरी सुधा थी।
रिया नीचे बैठ कर मेरे गीले लंड को चूसने लगी और सुधा मेरी छाती के छोटे निप्पल को चूसने लगी। सुधा के ऐसे करने से मुझको बहुत गुदगुदी हो रही थी लेकिन मैं भी हँसते हुए उछल कूद रहा था।

मैंने बंधे हाथों से ही सुधा के सॉलिड बूब्स को छूना शुरू कर दिया और अपने मुंह को नीचे कर के उनके निप्पल को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और अपने लंड को भी रिया के मुंह में आगे पीछे करने लगा।

अब रिया उठी और पलंग पर घोड़ी बन गई, मैं भी उसके पीछे बैठ गया और अपने लंड को चूत के मुंह पर रखा और एक धक्के में पूरा का पूरा अंदर कर दिया।
रिया पूरे जोश में थी, वो शुरू से हर धक्के का जवाब डबल धक्के से दे रही थी और मेरी इस चुदाई को पूरी तरह से एन्जॉय कर रही थी क्यूंकि उसको पता था कि कल वो सब अपने अपने घरों में चले जाएँगी।

रिया की तेज़ी की वजह से वो जल्दी ही छूटने के कगार पर पहुँच रही थी लेकिन मैं रिया को काफ़ी चाहने लगा था तो मैं अपनी स्पीड धीरे कर देता था जिसके कारण रिया का छूटना भी रुक जाता था।
यह सब कम्मो की तेज़ नज़रों से नहीं छुप सका, उसने मेरे कान में कहा- मालिक जल्दी कीजिये, अभी लाइन में और भी हैं।

मैंने फिर अपनी स्पीड तेज़ कर दी और अंतिम क्षणों में इतने तेज़ धक्के मारे कि रिया जल्दी ही स्खलित हो गई और ज़ोर से मेरे लंड से अपने चूतड़ों को चिपका दिया और काफी कांपती रही कुछ देर तक!
सुधा रिया के हटने की इंतज़ार कर रही थी और जैसे ही रिया हटी तो सुधा मेरे से लिपट गई और मुझको बड़ी बेरहमी से चूमने लगी और मेरे सारे शरीर पर हाथ फेरती रही।

फिर उसने मुझको बिस्तर पर बैठा दिया और खुद अपनी टांगें चौड़ी कर मेरे सामने बैठ गई, अपनी टांगें मेरी दोनों तरफ करके खुद मेरे लंड की सीध में बैठ गई और मेरे बंधे हाथों को अपनी पीठ के पीछे ले गई जिससे हम दोनों छाती से छाती जोड़ कर बैठ गए।
अब उसने अपनी गीली चूत में मेरा लंड फिट किया और खुद ही धक्का मार कर लंड को पूरा अंदर ले गई।

मेरे बंधे हाथ सुधा की पीठ के पीछे थे, मैंने उनको उसके चूतड़ों के नीचे फिट किया और उनके सहारे सुधा मुझको सही मायने में चोदने लगी।
धक्कों की स्पीड अब पूरी सुधा के हाथ में थी, उसने पहले धीरे धीरे धक्कों से शुरू कर के तेज़ धक्कों की और बढ़ने लगी और मैं भी उसके गोल सॉलिड मुम्मों को चूसने में लगा हुआ था।

जब वो धक्कों की तेज़ स्पीड पकड़ने लगी तो मैंने अपनी एक हाथ की मध्य तर्जनी को उसकी गांड में डाल दिया। और वो तो अब इतनी तेज़ी से धक्के मारने लगी कि कुछ ही क्षणों में वो धराशायी हो गई और उसकी चूत ने मेरे लंड के रस को दूध की तरह दोहने का प्रयत्न शुरू कर दिया।
फिर वो बेइन्तेहा जोश से मुझसे चिपकी रही काफी देर तक और वो शायद अभी भी ना हटती अगर कम्मो उसको मुझको छोड़ने के लिए ना कहती।

अब कम्मो ने कहा- चुदाई में अब इंटरवल दिया जाता है, छोटे मालिक के बंधे हाथ खोल दिए जाएँ ताकि वो बाथरूम वगैरह जा सकें।

बाथरूम से आकर मैंने पूछा- कितनी और?
कम्मो बोली- अभी दो और हैं, अगर आप थक गए हैं तो इन दो को रात में चोद देना तो इस तरह सारी चुद जाएंगी।
मैंने कहा- यह ठीक है, इन चारों को अपने कमरे में छोड़ आओ और बाकी दो मेरे बिस्तर की शोभा बढ़ाती रहेंगी।

जब बाकी चारों कपड़े पहनने शुरू कर ही रही थी तो मैंने कहा- इन सबका ब्यूटी कांटेस्ट कर लेती ना लेकिन वो तन्वी भाभी, रेवा और सांवरी भी नहीं हैं तो रहने दो।

सबने अपने नाइटी पहननी शुरू कर दी और थोड़ी देर में वो सब अपनी नाइटी पहन कर तैयार हो गई जाने के लिए। जूही भाभी और बाकी सब लड़कियों ने मुझको जाने से पहले भाव भीनी चुम्मियाँ और टाइट जफ्फी मारी और मेरा शुक्रिया अदा किया और कहा- सोमू यार, तुम तो कमाल की चीज़ हो, तुम जैसा लड़का हमने आज तक नहीं देखा जिसका लंड हमेशा ही खड़ा रहता है? ऐसे कैसे हो सकता है यार?

मेरी जगह कम्मो ने जवाब दिया- ऐसा है भाभी जी, मैंने छोटे मालिक को बड़ी छोटी उम्र से पाला है और मैं इनके साथ काफ़ी समय से हूँ। मैं इनको बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ, इनको एक मेडिकल प्रॉब्लम है जिसके कारण ज़रा सा भी कोई इनके लंड को छूता है तो वो तुरंत खड़ा हो जाता और काफी समय वो ऐसे ही खड़े रहता है चाहे वो इसका इस्तेमाल करें या ना करें।
डॉक्टरों से भी चेक करवाया था लेकिन वो यही कहते हैं कि यह बिमारी लाइलाज है। वैसे छोटे मालिक अगर ना चाहें तो भी इनके खड़ा लंड से वीर्य डिस्चार्ज नहीं होता। आप सब ने नोट किया हो गा कि आप सब की चुदाई करते समय छोटे मालिक के लंड से कोई वीर्य नहीं निकला आप किसी की भी चूत में!
यह इस बात की गारंटी है कि इनके द्वारा चुदाई एकदम सेफ है और किसी भी लड़की या औरत को कभी कोई नुक्सान नहीं होने देते अगर उसकी स्वयं की मर्ज़ी प्रेग्नेंट होने की ना हो तो!

भाभी बोली- अच्छा ऐसा है क्या? मुझ को पहले बतला नहीं सकते थे क्या? उफ्फ्फ मेरे से कितनी बड़ी गलती हो गई।
कम्मो बोली- क्या गलती हो गई भाभी?
भाभी बात छुपाते हुए बोली- कुछ नहीं, लड़कियो, तुम अपना काम करवा चुकी हो, जाओ यहाँ से, जल्दी करो कहीं कोई ना आ जाए यहाँ।

तभी सब लड़कियाँ कपड़े पहनने लगी जल्दी जल्दी और फिर कम्मो उन सबको छोड़ने के लिए उनके साथ चली गई।

अब सिर्फ जूही भाभी ही रह गई और वो मुझको बड़ी प्यार भरी नज़रों से देखने लगी और धीरे धीरे वो मेरे निकट आने लगी, पास आकर मुझसे लिपट गई और मेरे होटों पर प्रगाढ़ चुम्बन देने लगी।

मैं भी भाभी की चूत पर छाई काली ज़ुल्फ़ों के साथ खेलने लगा और उसके मस्त गोल और मोटे स्तनों को मसलने लगा। मैंने मज़ाक में पूछा- क्यों भाभी, अभी और चुदवाने की इच्छा है क्या?
भाभी मेरे गले में बाहें डालते हुए बोली- यार सोमू, कम्मो ने पहले नहीं बताया कि तुम मुझको गर्भवती बना सकते हो, नहीं तो मैंने अभी तक तुमसे गर्भ धारण कर लिया होता।

अब मैं समझा कि जूही भाभी क्यों रुक गई थी, बाकी लड़कियों के साथ नहीं गई थी।

जब कम्मो वापस आई तो दरवाज़ा थोड़ा भिड़ा हुआ था, उसको खोल कर वो कमरे के अंदर आ गई।
जूही भाभी ने झट उसको घेर लिया और शिकायत के लहजे में बहभी बोली- कम्मो बहन, बता देती तो मैं भी सोमू से प्रेग्नेंट होने की कोशिश करती ना! तुम तो जानती हो मेरा पति तो एकदम निकम्मा है साले से कुछ नहीं होता। यह मौका था कि मैं सोमू से गर्भ धारण कर लेती?
भाभी यह कहते हुए एकदम से रोने लगी और तब कम्मो ने उसको मुश्किल से चुप करवाया।
कम्मो बोली- भाभी, अब तो कुछ नहीं हो सकता, आप तो कल वापस जा रही हो ना?
भाभी बोली- अगर मैं कल रुक जाऊँ तो कुछ हो सकता है क्या?

कम्मो भाभी को लेकर एक कोने में चली गई और उससे कुछ पूछताछ करने लगी और फिर वापस आकर कहने लगी- छोटे मालिक, भाभी गर्भ के लिए तैयार है, आप उसको आज रात दो तीन बार चोद दो तो शायद यह भी गर्भवती हो जाए, कोशिश कर देखने में क्या हर्ज है?
मैं बोला- कोई हर्ज नहीं, पर अभी भाभी को मेरे साथ सोना पड़ेगा?
भाभी बोली- वो तुम्हारी मम्मी ने तो यह कमरा मुझको और एक लड़की को सोने के लिए दिया था और तुम्हारे साथ रूम शेयर करने के लिए भी कहा था।
कम्मो बोली- तो फिर ठीक है छोटे मालिक, आज रात को आपको चोदेंगे और आगे आपकी किस्मत है कि आप गर्भवती हो जाती हो या नहीं!
मैंने कहा- कम्मो तुम को भी यहाँ सोना पड़ेगा आज की रात और मैं छोड़ूंगा नहीं तुमको भी!
कम्मो हँसते हुए बोली- मत छोड़ना मुझको और भाभी को भी!

कहानी जारी रहेगी।
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