मौसी ने मुझ पे मौसा चढ़ाया: मेरी पहली चुदाई

(Mausi Ne Mujh Pe Mausa Chadhaya)

दोस्तो, मेरा नाम लवलीन है, मैं गुजरात में रहती हूँ। आपको अपनी बात बताती हूँ, बात तक की है जब मैं 20 साल की थी, तब पहली बार मेरे मौसा ने मेरे साथ सेक्स किया, कैसे किया आपको सुनाती हूँ।

जब मैं छोटी थी, तो मेरी मौसी और मौसा हमारे घर के पास ही रहते थे, हमारे घर बहुत आना जाना था। मौसी मौसा मुझे बहुत प्यार करते थे। मगर मैंने ये बात नोटिस की कि मेरे पे जवानी आने के साथ साथ मौसा की निगाह भी मुझ पर बदलती जा रही थी, कभी उन्होंने मुझे गंदे तरीके से छूआ तो नहीं, मगर उनकी निगाहें हमेशा मेरे बदन पर ही फिसलती रहती थी।

मुझे ये अच्छा तो नहीं लगता था, मगर मौसा मुझे प्यार ही इतना करते थे कि मुझे उनसे कभी कोई खतरा या डर भी नहीं लगा।
उम्र बढ़ने के साथ साथ मेरा बदन भी भरता गया, 20 साल की होते होते, मैं पूरी तरह से हॉट एंड सेक्सी बन चुकी थी।

भगवान ने सुंदरता भी दी थी, इसी लिए कॉलेज में एक बॉय फ्रेंड भी बन गया, वैलंटाइन्स डे को उसने प्रोपोज किया, मुझे फूल, चॉकलेट और गिफ्ट भी दिये।
मैं सब चीजें लेकर छुपा कर घर ले आई, मैं बहुत खुश थी कि अब मेरा भी बॉयफ्रेंड है।

उसके बाद हम अक्सर मिलने लगे, प्रेम आगे बढ़ा तो को एक दिन उसने मुझे चुम्मी देने को कहा। थोड़ा डर रही थी पर मैंने हाँ कर कर दी।
उसने पहले बार मुझे होंठों पर चूमा… लवली! बहुत प्यारा चुम्बन था, पहला था, शायद इसलिए… मगर मुझे बहुत अच्छा लगा।
उसके बाद उसने 4-5 बार मुझे चूमा और हर बार किस और लंबा होता गया, मेरी सारी लिपस्टिक खा गया वो!
मगर ये एहसास बहुत ही प्यारा था।

घर आकर मैंने बहुत बार अपने चेहरे को आईने में देखा और कितनी बार खुद को शीशे पर ही किस किया। उसके बाद किस से आगे बात बढ़ी, अब जब वो मुझे किस करता तो नीचे से मेरे बूब्स भी पकड़ लेता, मैंने उसको भी मना नहीं किया, मुझे खुद अच्छा लगता था, जब वो मेरे बूब्स को बड़े प्यार से हल्के हल्के दबाता था।

एक बूब मूवी देखने गए तो उसने अपना हाथ ही मेरी टी शर्ट में डाल लिया और सारी मूवी के दौरान वो मेरे बूब्स को दबाता रहा, मेरे निप्पलों को मसलता रहा।
उस दिन मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी, मेरे मन में बार बार बहुत से विचार आ रहे थे, मैं सोच रही थी, क्या अब हम किसी दिन सेक्स भी करेंगे।
यह तो पक्का ही था कि होना तो है, पर कब… यह पता नहीं था।

एक बार हम घूमने गए, तो रात को वापिस आते हुए उसने गाड़ी में मुझे बहुत किस किया, मेरी भी हालत खराब हो रही थी, तब उसने मेरे बूब्स मेरी टी शर्ट से बाहर निकाल कर चूसे… मेरी तो सिसकारियाँ निकल गई। बहुत मज़ा आ रहा था।

तब उसने अपनी पेंट खोल कर अपना लंड बाहर निकाला, जैसे कोई 6-7 इंच का मोटा डंडा हो, मुझे हाथ में पकड़ाया, गर्म था।
उसने मुझे लंड चूसने को कहा, मैंने उसका लंड अपने मुँह में लेकर देखा।

और वो मेरी जीन्स के ऊपर से ही मेरे हिप्स और पुसी (बुर) पर हाथ फेरता रहा, फिर बोला- लवली, जीन्स खोल, हम आज ही सेक्स करेंगे।
मगर मैं तो डर गई- अरे नहीं, सेक्स नहीं, सेक्स तो शादी के बाद करते हैं, और अगर मैं प्रेग्नेंट हो गई तो?

उसने मेरी जीन्स खोल कर मेरी बुर में अपनी उंगली डाली, मुझे बहुत मनाया, मगर मैं नहीं मानी। बल्कि मैंने खुद अपने हाथ से हिला हिला कर उसका माल छुड़वाया।

उस दिन मुझे मेरे बॉय फ्रेंड ने बताया कि अगर यह माल लड़की की बुर के अंदर छुड़वाया जाए तो औरत प्रेग्नेंट होती है। नहीं तो इससे पहले मैं यह सोचती थी कि कुछ होता तो है, जिसे सेक्स कहते हैं और जिससे बच्चा औरत के पेट में आ जाता है, पर क्या होता है, कैसे होता है, यह नहीं पता था।

मेरी सेक्स के बारे में जिज्ञासा और जानकारी बढ़ाने के लिए, मेरे बॉयफ्रेंड ने बहुत सी सेक्स क्लिप्स मेरे फोन में डाल दी।
रात को मैंने अकेले लेटे लेटे वो क्लिप्स देखी, उन्हें देखने के बाद तो मेरे बदन में हर तरफ अजीब अजीब से एहसास होने लगे। मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये और बिल्कुल नंगी हो गई, कभी मैं अपने बूब्स दबा रही थी, कभी अपनी बुर में उंगलियाँ डाल रही थी।

उस वक़्त मुझे अपने बॉयफ्रेंड की बहुत ज़रूरत महसूस हुई। तब मेरा दिल कर रहा था, गर रोहित (परिवर्तित नाम) मेरे पास होता, मैं खुद उसे नंगा करती और उसके साथ सेक्स करती, हाँ उसका वो भी अपने मुँह में लेकर चूस जाती।

पर रोहित तो वहाँ नहीं था, सो खुद ही अपने आप से बातें करते करते ‘आ जाओ रोहित, मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ, आ जाओ, मेरे बूब्स दबाओ, मेरी पुसी चाट लो, मैं भी तुम्हारा वो चूसूँगी, लाओ मेरे मुँह में डाल दो यार, नीचे भी डाल दो, मैं मरी जा रही हूँ, प्लीज मत तड़पाओ मुझे, जो चाहो कर लो मेरे साथ पर मुझे सताओ मत, मैंने तुम्हें आज अपना सब कुछ दे देना है, आ जाओ यार, ले लो मेरी! जितनी मार सकते हो मार लो, आओ रोहित, आ जाओ जान!’

और न जाने क्या क्या बोलती रही, और इसी में कब सो गई पता ही नहीं चला।

अगले दिन कॉलेज में मुझे रोहित ने पूछा- वो वीडियोज़ देखी?
मैंने कहा- हाँ देखी।
‘तो क्या सोचा?’ रोहित ने फिर पूछा।
मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा- मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ रोहित, उन वीडियोज़ को देखने के बाद तो मैं खुद पर काबू ही नहीं रख सकी, मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी। जब चाहे मुझे हासिल कर लो।

मेरी बात सुनते ही रोहित खुश हो गया- ओ के, फिर बनाता हूँ प्रोग्राम, मिलते हैं कहीं!

उसके बाद कितने दिन बीत गए मगर कोई प्रोग्राम नहीं बना। मैं रोज़ रात को वीडियोज़ देखती, उनमें जैसे लड़कियां अपनी बुर को सहलाती, मैं भी वैसे ही करती और रोज़ मेरी बुर पानी से लबालब हो जाती, रोज़ मैं हस्तमैथुन करती। मगर सेक्स करने का कोई प्रोग्राम ही नहीं बन पा रहा था।

इसी दौरान शायद मौसी ने मेरी कुछ हरकतें नोट कर ली थी, उन्हें शक सा हो गया था कि मेरा कोई चक्कर चल रहा है।
एक दिन बातों बातों में उन्होंने मेरे मुँह से यह बात मनवा ही ली कि मेरा अफेयर चल रहा है।

फिर मौसी ने दोस्त बन कर एक एक कर सारी बातें पता कर ली। मैंने उन्हें यह भी बता दिया कि हमने अभी सेक्स नहीं किया है, और मैं रोज़ हाथ से करती हूँ।

मौसी बोली- सेक्स करेगी?
मैंने साफ तौर पे हामी भर दी।

मौसी ने मेरे बॉय फ्रेंड का नंबर लिया और उससे बात भी की। मैं तो खुश हो गई कि मौसी कितनी अच्छी दोस्त है, जो मेरी इतनी हेल्प
कर रही है।

एक दिन मौसी बोली- अगर आज रात तू हमारे घर सोने आ जाए तो तेरी सेक्स की इच्छा पूरी हो सकती है, मगर एक सरप्राइज़ है, वो मैं अभी नहीं बताऊँगी।
मैंने झट से हामी भर दी।

सारा दिन इसी ख्याल में बीता कि आज रात को रोहित मौसी के घर आएगा, या क्या होगा, कैसे होगा?
खुशी खुशी में मैंने अपने आगे पीछे के सारे बाल साफ कर लिए, बाल साफ करके अपनी ही बुर से कहा- साली, आज लंड लेगी तू, कमीनी! आराम से लेना, कहीं भुक्खड़ों की तरह मुँह खोल के न लेना!
और पता नहीं क्या क्या सपने सँजोती रही।

रात के खाने के बाद मौसी ने माँ को फोन कर दिया- अरे दीदी, आज ये किसी काम से बाहर गए हैं, तुम लवली को हमारे घर भेज दो, मैं अकेली सोऊँगी, तो सोचा कि लवली को अपने साथ सुला लेती हूँ।
माँ ने मुझे मौसी के घर भेज दिया।

करीब 10 बज चुके थे, मौसी ने मुझे गर्म दूध पिलाया, खुद भी पिया, ऐ सी ऑन किया।
पहले तो कुछ देर हम टी वी देखते रहे, फिर मौसी ने कहा- टीवी बंद कर दूँ, सो जाते हैं।
मैंने मौसी से कहा- अरे आप तो मुझे कोई सरप्राइज़ देने वाली थी?

मौसी बोली- दूँगी, घबराती क्यों हो?
कह कर मौसी ने अपनी साड़ी खोल दी।

मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं थी, मौसी मेरे सामने पहले भी अक्सर कपड़े बदल लेती थी। मगर मौसी ने तो साड़ी के बाद अपना ब्लाउज़ और पेटीकोट भी खोल दिया। मैंने फिर भी कोई खास खयाल नहीं किया।

उसके बाद मौसी ने अपना ब्रा और पेंटी भी उतार दी, आज मैंने मौसी को पहली बार बिल्कुल नंगी देखा था। चूड़ी, कंगन, पायल, कान के, गले के सभी आभूषण मौसी ने उतार दिये।
बिल्कुल नंगी ही वो आई और मेरे पास मेरी ही चादर में घुस गई।

‘अरे आप क्या ऐसे ही सोओगी?’ मैंने पूछा।
वो बोली- क्यों कौन सा किसी ने देखना है, तू भी उतार दे, कितने कपड़े पहन के सोती है।
मौसी ने ज़ोर दिया तो मैंने सिर्फ अपनी टी शर्ट उतारी और सिर्फ ब्रा और निकर पहने रखी।

हम दोनों लेट गई, तो मौसी ने कहा- अरे अपने बॉय फ्रेंड की दी हुई वो वीडियोज़ तो दिखा?
मैंने अपना मोबाइल उठाया और मौसी के साथ लेट कर हम दोनों वो वीडियोज़ देखने लगी।

अब जब ट्रिपल एक्स ब्लू मूवीस देखोगे तो उसका असर तो होगा ही… मौसी भी गर्म हो रही थी और मैं भी! पहले तो मौसी मेरे साथ चिपक कर लेटी हुई थी, जब थोड़ी सी फिल्म देखी तो उसने अपना हाथ मेरे बूब्स पर रख लिया और हल्के हल्के दबाने लगे।
मुझे भी किसी और के हाथ से बूब्स दबवाने में मज़ा आ रहा था।

उसके बाद मौसी अपनी चूत मेरी जांघ पे घिसाने लगी और फिर अपना हाथ मेरी निकर में डाल दिया और मेरी बुर को सहलाने लगी।
यह तो मेरी सब्र की इंतेहा थी।

थोड़ी देर बाद मौसी उठ कर बैठ गई और मेरे सामने ही अपनी चूत को मसलने लगी- हाय लवली, क्या दिखा दिया यार, अब तो सब्र नहीं होता, अब तो मुझे एक लंड चाहिए ही चाहिए। यार अपने बॉयफ्रेंड को बुला ले, हम दोनों को चोद जाए आकर ऐसा बोल!

मगर मैं अपने बॉयफ्रेंड को किसी के साथ शेयर करने को तैयार नहीं थी।

जैसे जैसे हम वीडियोज़ देखते जा रही थी, दोनों की गर्मी बढ़ती जा रही थी।
फिर तो मौसी ने मेरी ब्रा और निकर भी उतार दी, हम दोनों नंगी लेटी एक दूसरी की बुर मसलने लगी।

मौसी बोली- लवली, क्या तू इस वक़्त चुदवाने के लिए तैयार है?
मैंने कहा- हाँ मौसी!
‘किसी से भी चुदवा लेगी?’ मौसी ने पूछा।
मैंने कहा- हाँ मौसी।
‘चाहे कोई भी आ जाए?’ मौसी ने फिर पूछा।

मैंने कहा- हाँ मौसी मैं मरी जा रही हूँ, इस वक़्त तो कोई भी आ जाए, मैं उस से चुद जाऊँगी।
‘और अगर तेरे मौसा इस वक़्त आ जाएँ तो क्या तू उनसे भी चुदवा लेगी?
सेक्स के जोश में मैंने भी कह दिया- हाँ मौसी हाँ, मुझे सिर्फ लंड चाहिए अपनी बुर में चाहे किसी का भी हो।

मेरे इतना कहना था कि दरवाजा खोल कर सामने मौसा जी आ खड़े हुये, बिल्कुल नंगे और काला तना हुआ मोटा लंड, जिसके आगे गुलाबी रंग का टोपा चमक रहा था।

मैं तो देख कर चौंक गई। मगर थी एकदम नंगी, कपड़े भी दूर पड़े थे, जब तक खुद को ढकती, इतनी देर में मौसा ने आ कर मुझे दबोच लिया।
‘आह’ मैं चीखी- मौसा जी क्या कर रहे हो?
वो बोले- अरे अभी तो तू मेरा लंड लेना चाह रही थी, अब क्या हुआ?

मैंने खुद को उनकी पकड़ से छुड़वाना चाहा, मगर मौसा जी ने बड़ी मजबूती से पकड़े रखा।
‘रेणु, मेरा लंड चूस!’ मौसा ने मौसी से कहा तो मौसी झट से मौसा का लंड चूसने लगी।

‘आह, रेणु, कितना मज़ा आता है लंड चुसवाने में!’ कह कर मौसा ने मेरे बूब्स को पकड़ा और चूसने लगे।
मैंने जितनी कोशिश की उनसे छूटने की, मगर वो उतनी ही मजबूती से मुझे पकड़े रहे और मुझे अपने साथ चिपकाए रखा।
अब इस हालत में मैं कहीं जा भी नहीं सकती थी, न शोर मचा सकती थी, मगर इतना ज़रूर था कि मौसा जी की मजबूत पकड़ से मुझे उनके तगड़े मर्द होने का एहसास आ रहा था।

फिर मौसा ने मुझे घुमा दिया और मेरी टाँगें चौड़ी करके अपना मुँह मेरी बुर से लगा दिया।
जैसे ही उन्होंने मेरी सारी की सारी बुर अपने मुँह में लेकर अंदर जीभ फेरी, मैं तो बिलबिला उठी… उम्म्ह… अहह… हय… याह… इतना आनन्द, एकदम से मेरे सारे बदन के रौंगटे खड़े हो गए, सारे बदन में बिजलियाँ दौड़ गई।

एक मिनट भी मुश्किल से उन्होंने मेरी बुर चाटी होगी और मेरा सारा विरोध हवा हो गया, मैं आराम से लेट गई, वो मेरी बुर चाटते रहे, और मैं मौसी को उनका लंड चूसते देखने लगी।

मौसी ने मुझे देखा और मौसा का लंड अपने मुँह से निकाल कर मुझे दे दिया। पता नहीं क्यों मगर मैं उनका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
सच में सेक्स मेरे दिमाग में इतना चढ़ गया था कि जिस मौसा के बारे में मैंने कभी इस नज़रिये से नहीं सोचा था, आज उसका लंड मैं अपने मुँह में लेकर चूस रही थी।

अब जब लंड चूस लिया अपनी बुर भी चटवा ली, तो अब फिर क्या पर्दा रह गया था। मौसी थोड़ा परे हट कर बैठ गई, और हम दोनों मौसा भांजी को ओरल सेक्स करते हुये देख रही थी। बीच बीच में वो हम दोनों के बदन को सहला भी रही थी।

मौसा के चाटने से मुझे मज़ा आ रहा था और मैं खुद अपनी बुर को मौसा के मुँह पर रगड़ रही थी, जैसे चाह रही थी कि मौसा अपना पूरा मुँह मेरी बुर के अंदर घुसा दे।

जब मौसा ने मेरी गर्मी भाँप ली तो उन्होंने मुझे अपने से नीचे उतार दिया, बेड पे सीधा लेटा दिया। मुझे पता था कि अब क्या होने वाला है, और मैं इस सब के लिए पूरी तरह से तैयार थी।

मौसा ने अपने लंड का सुर्ख टोपा मेरी बुर पे रखा और अंदर को घुसेड़ा… गीली बुर में उनका टोपा घुस गया। मुझे हल्का सा दर्द हुआ क्योंकि पहले भी मैं अपनी उंगलियाँ या छोटा मोटा कुछ अपनी बुर में ले लेती थी।

मौसा ने मेरे दोनों बूब्स पकड़े और फिर से ज़ोर लगाया और अपना लंड और मेरी बुर में धकेल दिया। मुझे दर्द सा हुआ, पर इतना नहीं के तड़प जाऊँ, या चीख उठूँ।

मौसी ने बड़े प्यार से मेरे सर पे हाथ फेरा और मेरा माथा चूम लिया।
4-5 बार आगे पीछे करके मौसा ने अपना सारा लंड मेरी बुर में घुसा दिया।

मैंने मौसी से पूछा- मौसी क्या यही था तुम्हारा सरप्राइज़?
वो मुस्कुरा कर बोली- हाँ, तेरे मौसा तो कब कह रहे थे मुझसे, लवली की दिलवा दे, लवली की दिलवा दे, आज इनकी मनोकामना पूरी हुई!
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मैंने कहा- अब अगर मैं ये कहूँ, अगर मेरा बॉयफ्रेंड आपके साथ सेक्स करना चाहता है तो?
मौसी कुछ बोलते इस से पहले ही मौसा बोल पड़े- अरे वाह, क्या मज़ा आएगा, इसी बेड पर आमने सामने चारों एक साथ अपने पार्टनर बदल बदल कर सेक्स करेंगे। लवली, हमारी तरफ से हाँ है, पूछ ले अपने यार से… अगर वो ये सब करना चाहे?
मुझे बड़ी हैरानी हुई, मौसा अपनी पत्नी के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं। पर मैंने वाइफ स्वैपिंग के बारे में भी सुन रखा था।
चलो…

मौसा ने मुझे चोदने में कोई जल्दबाज़ी नहीं दिखाई, बड़े आराम से मेरी हर ‘आह’ हर सिसकारी का उन्होंने ख्याल रखा, बीच बीच में मौसी को भी चूम लेते, उसके बूब्स भी दबा देते।
मौसी भी बार बार मुझे चूमती प्यार करती रही।

मौसा के लंड से मेरी खुजली भी बढ़ रही थी, मैंने कहा- मौसा जी, थोड़ी स्पीड बढ़ाओ।
मौसा जी खुश होकर बोले- अरे वाह, बेबी को मज़ा आने लगा है।

मौसा का लंड मेरी बुर के अंदर तक मार कर रहा था, हर बार ऐसे लगता जैसे पेट के अंदर तक चोट मार रहा था।
बेशक मेरा पहला सेक्स मेरे बॉयफ्रेंड के साथ नहीं हुआ, मगर फिर भी एक ऐसे शख्स के साथ हुआ जो मुझे बहुत प्यार करता है।
यह बात मैंने उनके साथ सेक्स करते हुये देखी, बहुत ही ध्यान से, आराम से सेक्स किया, स्पीड तेज़ होने पर भी उन्होंने जल्दबाज़ी नहीं दिखाई।

मेरे बदन का जैसे टेम्परेचर बढ़ रहा था, सांस तेज़ हो रही थी, मैंने मौसा की कमर पे हाथ रखे और हर बार उन्हें अपने अंदर खींचने के लिए ज़ोर लगाया।
अपनी दोनों टांगें मैंने उनकी जांघों से लिपटा ली मगर मेरी हालत और खराब होती जा रही थी, मैंने मौसा को अपने ऊपर खींच लिया- किस मी मौसा जी, किस मी! मैंने कहा।

तो मौसा जी ने मेरे दोनों होंठ अपने होंठों में ले लिए।
‘लवली का होने वाला है!’ मौसी बोली।

और फिर मेरे सारे बदन में कंपकपी सी छिड़ गई, मैंने मौसाजी के गले में बाहें डाल उन्हें कस लिया और खुद उनके होंठों को अपने होंठो में लेकर चूसने लगी।
मैं खुद नीचे से अपनी कमर ऊपर को उठा रखी थी, मुझे लगा जैसे मेरे बदन की सारी ऊर्जा, मेरी बुर के रास्ते से बाहर निकल रही है।
मैंने मौसा जी के होंठ पे ही काट लिया, बोल नहीं पा रही थी, मगर मुँह से ‘ऊँ, ऊँ- कर रही थी। और फिर मैं नीचे को गिर गई।
यह क्या हुआ मेरे साथ… इतना जोश, इतनी आग जैसे मेरी बुर से गर्म पानी का फव्वारा छूटा हो।

और मैं धप्प से नीचे बेड पे गिर गई… मौसा जी का लंड बाहर निकल गया, जिसे उन्होंने फिर से डाल दिया, और फिर चुदाई करने लगे।
ए सी में भी मुझे लगा जैसे मेरे बदन पे पसीना आ गया हो।

मैं शांत लेटी थी, तो मौसी मेरे बूब्स को पीने लगी और उसने अपना एक बूब मेरे मुँह में भी दे दिया, जैसे मैंने ऐसे चूसने लगी जैसे इसमें से अभी दूध निकल आएगा।

फिर मौसाजी ने जल्दी जल्दी से और भी बहुत से धक्के मारे और फिर एकदम से अपना लंड मेरी बुर से बाहर निकाला और मेरे पेट, और बूब्स पर अपना सारा वीर्य गिरा दिया।

मौसी ने अपनी जीभ से वो वीर्य चाट लिया, थोड़ा सा मुझे भी चटवाया।

शांत हो कर हम लेटे रहे।

करीब 10-15 मिनट बाद मौसी फिर से मौसा का लंड चूसने लगी। जब मौसा का लंड फिर से तन गया तो मौसा ने मौसी को चोदना शुरू कर दिया।
मेरे सामने ही मौसा ने मौसी के साथ पूरा सेक्स किया, दोनों ने एक दूसरे को खूब प्यार किया, बहुत चूमा चाटा, और फिर मौसी के मुँह के अंदर मौसा जी ने अपना वीर्य गिराया, जिसे मौसी खा ही गई।

मुझे बड़ी हैरानी हुई।
मगर मौसी बोली- हैरान मत हो, यह तो हमारा रूटीन का काम है, कभी कभी तो हम सेक्स नहीं करते, सिर्फ ये चाट चाट कर मेरा पानी पीते हैं, और मैं चूस चूस कर इनका पानी पी जाती हूँ’।

दोनों एक दूसरे की आगोश में लेटे लेटे थोड़ी देर में सो गए और मैं अपने मौसा से चुदवा कर अपने बॉयफ्रेंड के साथ रंगीन सपने सोचती सोचती सो गई।

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