लण्डों की होली-2
Lundo Ki Holi-2
ससुर जी ने कहा- अब सब घर की महिलायें घर में छुप जायें, अगर हमने किसी को ढूँढ लिया तो सब मिलकर उसे चोदेंगे।
तब घर की सारी महिलायें भागने लगीं। नीलम अपने साथ मुझे ले गई, पर मैंने देखा वो तो ऐसी जगह पर छुपी थी कि कोई भी इससे ढूँढ लेता।
मुझे डर लग रहा था कि मैं इतने भूखे लोगों के लौड़े कैसे झेल पाऊँगी, तो मैं ऊपर वाले कमरे में जाकर छुप गई, मैं वहाँ से सारे मर्दों को देख सकती थी।
तभी मैंने देखा कि ससुर जी ने सारे तीनों को हुक्म दिया- जाओ, उन्हें ढूँढ कर लाओ।
वो सारे भागे और ससुर जी अपनी नज़रें यहाँ-वहाँ घुमाने लगे। इतने में मैंने देखा कि नवीन और विजय नीलम भाभी को पकड़ कर ला रहे हैं।
तब मुझे अहसास हुआ कि वो जानबूझ कर वहाँ खड़ी थीं ताकि सबसे पहले उसकी चुदाई हो।
विजय ने उनका एक हाथ पकड़ा हुआ था और नवीन उनके मम्मे दबा रहे थे और एक हाथ से उसकी गाण्ड के अन्दर भी उंगली कर रहे थे।
वो तीनों ससुर जी के पास आए।
ससुर जी उसे देखते ही उस पर टूट पड़े, नीलम का ब्लाउज और पेटीकोट फाड़ दिया और उसके बदन पर चुम्बन करने लगे।
हरी उसके मुँह में लंड डाल कर अन्दर-बाहर करने लगे।
नवीन उसकी चूत चाटने में व्यस्त था।
फिर ससुर जी ने नीलम की चूत में लंड डाल कर चोदना शुरू किया।
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नीलम भाभी ने नवीन को भड़वा कहते हुए कहा- अबे भड़वे, सब मुझे ही चोदेंगे या घर की बाकी महिलाओं को भी चोदना है?
तभी अशोक मेरी सास यानि कि सासू माँ को बाल पकड़ते हुए लाया और ससुर जी नीलम को छोड़ उन पर टूट पड़े, उनके मुँह में लंड डाल कर चोदने लगा, कुछ ही देर में उनका पानी गिर गया। सासू माँ उसे मुँह से थूकना चाहती थी, पर उन्होंने सासू माँ को उसे पीने के लिए कहा और सासू अम्मा ने उसे निगल लिया।
यह देख कर मुझे बड़ा अजीब महसूस होने लगा और उसके बाद किरण भाभी की बारी थी।
किरण को लाते ही अशोक और ससुर जी सब छोड़ कर उसके पास चले गए। उधर ससुर जी किरण भाभी की गाण्ड में लंड पेल रहे थे और वो दर्द के मारे चिल्ला रही थीं।
अशोक किरण भाभी को गालियां देते हुआ चोद रहा था- रंडी… मादरचोद …साली..
किरण भाभी भी उसके जबाव में कह रही थीं- साले भडुए की औलाद… चोद मुझे….चोद… तेरा लंड आज टूट जाएगा.. पर मुझको कुछ नहीं होगा…
थोड़ी देर किरण को चोदने के बाद विजय उसे छोड़ कर चला गया और उधर ससुर जी नीलम को चोद कर किरण को चोदने लगे।
मुझे डर लग रहा था कि अब तीनों भाई मुझे ढूँढ रहे हैं।
अचानक मेरे कमरे का दरवाजा खुला तो मेरे सामने मेरे पति नवीन खड़े थे।
मैं उनसे कुछ कहती कि उन्होंने अपने दोनों भाई अशोक और विजय आवाज़ लगाई।
दोनों तुरन्त वहाँ पहुँच गए और नवीन वहाँ से चले गए।
दोनों कुछ समय तक मुझे घूरते रहे, फिर अशोक ने मेरा सिर पकड़ा और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया।
मेरी तो जैसे जान ही निकल गई, उनका लंबा और मोटा लंड मेरे मुँह में नहीं घुस रहा था और दूसरी और विजय मेरी चूत चाट रहा था।
तभी वो दोनों मुझे उठा कर बाहर ससुर जी के सामने ले गए, वहाँ नवीन पहले से ही नीलम भाभी को चोद रहा था।
ससुर जी ने मेरे दोनों मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से दबाया, मैं दर्द के मारे चिल्ला उठी।
अन्दर से सासू माँ और किरण भाभी भी दौड़ कर आ गईं।
वहाँ नवीन और नीलम भी मुझे देख कर हँसने लगे, सबकी नज़रें मुझ पर थीं।
विजय और अशोक ने मेरे ब्लाउज और पेटीकोट को फाड़ कर मुझे नंगा कर दिया। मेरे बाल पकड़ कर मुझे ज़मीन पर गिरा दिया और मेरे ससुर जी ने अपना लंड मेरे मुँह में घुसा दिया।
सभी लोग जम कर होती मेरी चुदाई को देख रहे थे।
विजय ने मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी। मैं वो बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और तड़प रही थी।
तभी ससुर जी विजय को हटा कर अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगे और एक ही झटके में उसे अन्दर डालने की कोशिश करने लगे।
उनके लंड की मोटाई इतनी ज़्यादा थी कि मैं दर्द के मारे चिल्लाने लगी।
मेरी आवाज़ सुन कर नीलम भाभी ने नवीन से पूछा- क्या तुमने इसे आज तक चोदा नहीं है? इसकी तो सील भी टूटी नहीं मालूम होती है।
सभी लोग हँसने लगे।
उधर अशोक अपने लंड से मेरे मुँह में चोद रहा था और किरण भाभी उसकी मदद कर रही थीं। जैसे ही अशोक ने अपने लंड का पानी मेरे मुँह में गिराया, मैंने उसे थूकना चाहा.. पर किरण भाभी ने उसे अपनी ऊँगली से मेरे मुँह में डाल दिया और मुझे उसे पीने पर मजबूर किया।
उधर मेरी चूत का दर्द बढ़ता जा रहा था और मैं भी झड़ गई।
मैं घबरा रही थी अभी तो एक हुआ है और दो लौड़े बाकी हैं। मेरे ससुर ने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और साफ करने के लिए किरण भाभी के मुँह में डाल दिया।
कुछ समय बाद उसने अपना लंड मेरी गाण्ड के छेद में डालना शुरू किया और मैं दर्द से तड़पने लगी क्योंकि अभी तक नवीन ने भी मेरी गाण्ड नहीं मारी थी।
सासू माँ ने उनको रोका और कहा- लंच का समय हो गया है.. सभी लोग आ जाओ।
उन्होंने ससुर जी का लंड मेरी गाण्ड से निकालवा दिया।
अब सभी लोग अन्दर चले गए, मैं दर्द के मारे उठ नहीं पा रही थी।
अशोक ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे उठाया और खाने की मेज की एक कुर्सी पर बिठाया।
सभी लोग टिश्यू पेपर लेकर अपने आप को साफ करने लगे।
सभी सुबह की चुदाई की मेहनत की वजह से थक चुके थे और भर पेट खाना खा रहे थे।
खाने की मेज की मुख्य कुर्सी पर हमेशा की तरह ससुर जी, उनके बाद नीलम भाभी, फिर विजय और फिर सासू माँ, नवीन, किरण, अशोक और मैं बैठी थी।
खाना खत्म होते ही सासू माँ ने मिठाई की बात की, तभी नीलम भाभी ने कहा- हम सब अपना पानी सबसे पहले निशा को टेस्ट करवाएँगे, वही इसकी मिठाई होगी।
नवीन और माँ ने मिल कर खाने की मेज को साफ़ किया और नीलम ने मुझे उस पर लिटा दिया। सबसे पहले किरण भाभी आईं, उन्होंने मेरे मुँह पर अपनी चूत रखी और रगड़ने लगीं।
विजय ने मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में किरण भाभी का पानी मेरे मुँह में गिर गया और मैंने उसे पी लिया।
जो एक-दो बूँद मेरे गालों पर गिरी थीं, उसे माँ ने आकर चाट लिया और वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और अपनी चूत चटवाने लगीं।
उसके बाद नीलम भाभी आईं और नवीन उसकी मदद करने लगे।
थोड़ी ही देर में वो भी झड़ गईं।
मेरा चेहरा उन सबके पानी से भरा हुआ था।
अब हम सभी लोग तरणताल में नहाने चले गए।
नहाते समय मैंने ध्यान दिया कि नवीन और नीलम भाभी पूरे समय साथ में थे और वो भी पूल में भी चुदाई कर रहे थे। अशोक और विजय मेरे आगे-पीछे से मुझे चोद रहे थे। मेरी सासू माँ उन्हें सहयोग कर रही थीं। इसी तरह रात हो गई और हम सब हॉल में नंगे बैठे हुए थे।
नीलम भाभी ने कहा- अब हम एक पॉर्न मूवी देखेंगे।
नवीन ने मूवी शुरू कर दी, और थोड़ी देर सबके लंड फिर खड़े हो गए और माँ ने सभी मर्दों को एक सेक्स पॉवर को बढ़ाने वाली गोलियाँ लाकर दीं, जिससे वो और ज़्यादा उतावले हो गए।
अशोक मेरे पास आकर बैठ गया। नीलम ससुर जी की गोद में बैठ गई, किरण और विजय एक-दूसरे के साथ चुदाई करने लगे।
अशोक हर तरह से मेरी चुदाई कर रहा था, मुझको अपनी लुगाई समझ कर चोद रहा था।
यह चुदाई देर रात तक चली और हम सब वहीं सो गए।
जब मैं सुबह उठी तो वह पर सब मर्दों के बीच सिर्फ़ मैं ही थी।
सभी महिलायें उठकर अपने कमरों में चली गई थीं। मैं जा रही थी कि मैंने नीलम भाभी के कमरे में देखा, तो वहाँ पर नीलम, किरण और माँ नंगे ही एक-दूसरे के साथ सो रही थीं।
ये पूरा वाकिया मेरे लिए एक नया अनुभव था, जिसमें मेरी बहुत रूचि थी क्योंकि मैंने विराट के साथ बहुत बार चुदाई की थी और आज की चुदाई के बाद भी मैं ये मानती हूँ कि विराट से अच्छी चुदाई किसी ने नहीं की।
ये सब होने के बाद मेरी और किरण, नीलम से अपने बारे में बाते होती थीं। तो मैंने विराट के बारें में उनको बताया था। तो उन दोनों ने भी विराट से चुदने की इच्छा जताई।
उनकी और विराट की चुदाई की कहानी मैं अगली कड़ी में लिखूँगी।
आपको कहानी कैसे लगी, मुझे ज़रूर बतायें।
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