उन्मुक्त वासना की मस्ती- 4

(Hot Indian Sex Relations)

हॉट इंडियन सेक्स रिलेशन की कहानी में एक चालू लड़की का रिश्ता तय हुआ. लड़की की माँ चालू थी. माँ ने दामाद को सेक्स के लिए पटा लिया और उसके घर चली गई चूत मरवाने!

कहानी के तीसरे भाग
समधी से चूत चुदवाने पहुंची समधन
में अब तक आपने पढ़ा कि रवि और शालू के रिश्ते के लिए स्वीकृति का बहुत बड़ा कारण यह था कि रवि और उसके पिता सुधीर दोनों सपना के मोहजाल में फंसकर उसको चोदना चाहते हैं।
सपना सुधीर से चुद भी ली.
और कुछ दिन बाद रवि सपना के घर पहुंच गया. रवि ने शालू को अपने घर ले जाने की बात की।

अब आगे हॉट इंडियन सेक्स रिलेशन की कहानी:

इस पर सपना ने शालू के सामने रवि को समझाने का दिखावा करते हुए कहा- हमारे यहां शादी से पहले लड़की, लड़के के घर नहीं जाती। हां, तुम चाहो और शालू की इच्छा हो तो मैं ज़रूर इसका रूम देखने आ सकती हूं।

शालू को क्या समस्या हो सकती थी, उसने सपना को आंख मारते हुए कहा- जरूर जाओ मम्मी … और सब कुछ अच्छे से देख कर आओ।

उसके बाद सपना ने अर्थपूर्ण अंदाज में रवि को कहा- मैं कल शाम को आऊंगी, सब कुछ अच्छे से दिखाना।
रवि ने मुस्कुरा कर जवाब दिया- जरूर मम्मी, तुम आओ तो सही, तुम्हारा विशेष स्वागत होगा।

सपना ने अगले दिन घर से निकलने के पहले रवि को फोन किया और कहा- देखना तुम्हारे पापा घर पर नहीं हों. वरना अपनी सारी मस्ती धरी रह जाएगी।
रवि ने जवाब दिया- तुम निश्चिंत रहो मम्मी, मैं अकेला ही मिलूंगा।

सपना अगले दिन रवि के यहां पहुंची तो रवि उसे मकान के बरामदे में ही मिल गया।
सपना ने ‘मेरा बेटा’ कह के उसे अपने गले से लगा लिया।

रवि ने सपना को बांहों में कसा, सपना के तने हुए बूब्स, रवि के सीने में गड़ के उसके मन को गुदगुदा रहे थे।
अपनी होने वाली सासू मां की चूत में घुसने की सम्भावना से उसका लन्ड हिनहिनाने लग गया था।

रवि ने सपना की कमर में हाथ डाला और उसे अपने बेडरूम में ले गया।
उसने बेडरूम को बहुत सजा रखा था, बिस्तर को गुलाब की पंखुड़ियों से ढक कर सुहाग सेज बनाया हुआ था।
सपना को यह देखकर अपने पहले पति और शेखर के साथ मनाई सुहागरात याद आने लगी।

आज दामाद के साथ तीसरी बार सुहागरात मनने वाली थी।
उसे ऐसा लगने लगा जैसे आज पहली बार उसकी चुदाई होगी और उसकी सील टूटेगी।

सपना ने ऊपर वाले को धन्यवाद दिया जिसने उसके जिस्म में इतनी वासना भरी थी।

रवि ने सिल्क का कुर्ता और लुंगी पहन रखी थी.

तभी सपना वॉशरूम में गई और जब कुछ देर में वापस आई तो उसने एक सैक्सी, पारदर्शी नाइटी पहन रखी थी जिसमें से उसका गदराया हुआ यौवन झलक रहा था।

सपना का यह रति रूप देखकर रवि की लुंगी में तंबू तन चुका था।

रवि बिना समय गंवाए कामक्रीड़ा में लग गया।
वह एक-एक करके उसके सारे कपड़े उतारने लगा।

सपना के लिए किसी गैर मर्द के सामने नंगी होना कोई बड़ी बात नहीं थी लेकिन आज कपड़े उतारने वाला उसका होने वाला दामाद था और उसका लंड उसकी बेटी से पहले उसे मिलने वाला था।

यह सोचते हुए सपना रवि के सामने पूरी तरह नंगी होने पर शरीर में अजीब सी सिहरन महसूस कर रही थी।
कुछ ही पलों में उसके दामाद रवि का विशाल लंड उसकी चूत में घुसकर हलचल मचाने वाला था, उसके मन में बहुत जोरों से गुदगुदी हो रही थी।

आज उसे वैसा ही अनोखा अनुभव मिलने वाला था जैसा कि उसे अपने सौतेले बेटे संजू से पहली बार चुद कर मिला था।

रवि सपना को बाहों में भींच कर उसके होंठ चूमने लगा.
उसका तन्नाया हुआ लंड सपना की चूत पर ठोकर लगा रहा था।

सपना की चूत रवि के लंड के लिए मचलने लगी।
उसने लुंगी में हाथ डालकर रवि का कड़क हो चुका लंड पकड़ लिया।

रवि ने आज की चुदाई की विशेष तैयारी के लिए अपनी झांटें साफ कर ली थी और उसका लंड एकदम चिकना था जिसको पकड़ के सपना की चूत पानी छोड़ने लगी।

सपना ने रवि के कान में कहा- चल बेटा, कस के चोद दे अपनी नई मम्मी को! सासू मां की नई चूत के मजे ले ले।

रवि ने सपना को बिस्तर पर लिटाया और उसकी नाइटी की डोरी खींची।
सपना का नंगा बदन उसके सामने सजा हुआ था।

उसके बाद रवि ने अपनी लुंगी खोली और सपना की छाती पर चढ़कर, अपना कड़क लंड उसके होंठों पर फिराने लगा।

सपना ने पहले तो जुबान से उस के लंड का स्पर्श किया, फिर थोड़ा सा उठकर रवि के लंड को मुंह में लेकर अपनी मुखलार से उसे चिकना कर दिया।

चुदाई शुरू करने के पहले रवि ने झुक कर पहले तो सपना की चूत से बहते हुए रस को खूब मज़े ले कर चाटा।

सपना की चूत में जैसे चीटियां रेंगने लगी.
वह कामावेश में बोली- रवि बेटे, अब डाल दे ना अपना कड़क जवान लंड मेरी प्यासी चूत में!

रवि अभी सपना को और तड़पाना चाहता था।
उसने सपना के नग्न, कोमल, मांसल बदन पर अपने शरारती हाथ फेरते हुए उसके स्तनों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें दबा दबा के चूसने लगा।

सपना की कामातुर चूत, दामाद के लंड से चुदने की उम्मीद में पानी छोड़ने लगी.
उसका हाथ अपने आप रवि के लंड पर चला गया जो पूरी तरह तन्ना चुका था।

रवि ने कुछ सोच कर सपना का हाथ पकड़ा और उसे बिस्तर पर से उठा दिया।

सपना की चूत बिना लंड के तड़प रही थी.
वह घुटनों के बल होकर रवि का लंड चूसने लगी जिससे कि वह जल्दी से जल्दी अपना लंड उसकी चूत में डाले।

सपना के लंड चूषण से मिलने वाली मस्ती के कारण रवि के मुंह से सिसकारियों के साथ निकला- ओह सपना … ओह सपना!

यह सुन कर सपना अचानक लंड छोड़ के खड़ी हो गई और रवि के गालों को अपने हाथ से पकड़ कर बोली- सासू मां बोल … सा..ल्ले, मुझे सासू मां बोल, आज तेरी सासू मां अपने किसी यार से नहीं, अपने दामाद से चुदने वाली है इसलिए तू सासू मां बोल!

रवि ने सपना के बूब्स से खेलते हुए कहा- ठीक है सासू मां, आज तुम्हारा दामाद तुम्हारी बेटी को चोदने से पहले तुम्हारी चूत चोदेगा।

रवि ने फिर सपना के स्तनों पर धावा बोला, उसकी निप्पलों को मसलने, चूसने लगा.
सपना की चूत में हलचल इतनी अधिक बढ़ गई कि उसने रवि को जबरदस्ती घुटनों के बल नीचे झुकाया और उसका मुंह अपनी चूत पर भींच लिया।

रवि दीवानों की तरह सपना की रसीली चूत का मजा लेने लगा।
सपना की गर्म चूत पर रवि के जलते हुए होंठों ने वह असर पैदा किया कि उसकी चूत झड़ने की कगार पर पहुंच गई।

सपना बेसुध होती हुई बोली- बेटे, मेरे अनार दाने को चूस … अनार दाने को चूस!

रवि ने अंगूठी में हीरे की तरह जड़े सपना की चूत के सुर्ख भगनासा को अपने होंठों में जकड़ते हुए जुबान की नोक से उसे चूसना शुरू किया।
कुछ ही देर में सपना खड़ी खड़ी झड़ने लगी।

उसकी चूत इतनी जोर से फड़क रही थी कि उसकी चूत से मूत्र के कुछ कतरे भी रवि के मुंह में निकल गए।

रवि के दिमाग में कामवासना चढ़ी हुई थी जिसके नशे में रवि सपना के मूत्र को भी मादक पेय समझ के निगल गया।

उसके बाद रवि ने सपना को दीवार से सटा दिया।
वह खुद भी अब सासू मां की चूत में लन्ड डालने को बेकरार हो चुका था।

उसने सपना की चूत में अपना लंबा, मोटा और जवान लंड एक ही झटके में घुसेड दिया और फिर उसके दमदार धक्कों ने सपना के मुंह से कभी सिसकारी और कभी चीखें निकलवाना शुरू कर दिया।

रवि के जोरदार झटके, पीछे ठोस दीवार होने से सपना को और भी अधिक दमदार लग रहे थे।
ऐसी पोजीशन में चुदाई में चुदने वाली और चोदने वाला दोनों आरामदेह स्थिति में नहीं रहते इसलिए कुछ देर खड़े-खड़े चोदने के बाद रवि सपना को लेकर फिर फूलों की सेज पर आ गया।

उसके बाद आधे घंटे तक दमदार चुदाई हुई।
कभी रवि ऊपर और कभी सपना, दोनों ने जी भर कर एक दूसरे के वासना भरे शरीर से चरमसुख प्राप्त किया था।

दामाद के लंड से पहली बार उछल उछल के चुदवा रही कामोत्तेजित सपना सोच रही थी कि यदि मर्दों के लंड नई नई चूतों को चोदने की अमिट इच्छा नहीं रखते तो उसके जैसी चुड़ककड़ औरतों की जिंदगी कितनी नीरस हो जाती!

रवि के दमदार रगड़ों और दामाद की चुदाई से मिलने वाली सनसनी के कारण सपना कई बार झड़ी।
उसके बाद रवि ने सपना की चूत को अपने गाढ़े, गर्म और महकदार वीर्य से भर दिया।

सेज पर बिछी हुई गुलाब की मसली जा चुकी सारी पंखुड़ियां सास और दामाद के बीच हुए भीषण प्रेम युद्ध की, हॉट इंडियन सेक्स रिलेशन की कहानी कह रही थीं।

आज की चुदाई से मस्त और तृप्त सपना ने रवि से कहा- मेरी बेटी बहुत सुखी रहेगी, उसको तुम्हारे मजबूत लंड से चुदवाने में बहुत मजा आएगा।

इस पर रवि बोला- मम्मी, तुम शालू की बिल्कुल चिंता मत करो. लेकिन शालू से पहले तुमने मेरा लंड लिया है यदि उसे इस बात का पता चला तो उसको कैसा लगेगा?

इस पर सपना हंसती हुई बोली- मेरी बेटी मुझ से बहुत प्रेम करती है. मुझे विश्वास है कि उसे बिल्कुल बुरा नहीं लगेगा। तुम्हारा लंड पहले मैं लूं या वो ले, क्या फर्क पड़ता है? मैं तो तुम्हारा टैस्ट करना चाहती थी कि तुम्हारा लंड कितना बड़ा और कितना दमदार है. क्योंकि मैं जानती हूं जितनी आग मेरी चूत में है, उससे अधिक मेरी बेटी की चूत में है। मेरी बेटी की चूत की आग इतनी आसानी से ठंडी होने वाली नहीं है, हो सकता है तुम्हारे लंड में दम नहीं बचे।

रवि ने कहा- तुम दोनों मां बेटी बहुत अद्भुत हो।
उसके बाद सपना को आश्वस्त करते हुए रवि ने कहा- मैं शालू को कभी चुदाई की कमी नहीं होने दूंगा। मेरे लंड के अलावा भी यदि उस की इच्छा हुई तो उसे नए-नए लंड दिलवाता रहूंगा।

सपना बोली- बेटा तूने आज मेरे मन से, मन भर का वजन कम कर दिया। मैं यही सोच रही थी कि कहीं तू छोटे दिल का और छोटे लंड का नहीं निकले. लेकिन तेरा लंड और तेरा दिल वास्तव में बहुत बड़े और दमदार है।

इस बात पर दोनों हंस पड़े।

रवि ने फिर सपना से पूछा- अच्छा सासू मां, एक बात तो और बताओ, कहीं ऐसा तो नहीं यह अपनी आखिरी चुदाई हो? क्या शालू से शादी के बाद भी मेरे लंड को तुम्हारे मादक शरीर के भीतर घुसने का अवसर मिलता रहेगा?

सपना ने कहा- क्यों नहीं बेटा? जब भी तुम्हारा लंड अकड़े, तुम मेरे पास आ जाना या मुझे बुला लेना, मैं इसकी सारी अकड़ निकाल दूंगी।
रवि हंस पड़ा।

सपना ने कहा- तुम मेरे साथ जो चाहे वो कर सकते हो, तुम को और तुम्हारे लंड को पूरी छूट रहेगी।

एक बार फिर रवि ने सपना को ‘ओह सासू मां …’ कह के अपनी आगोश में ले लिया।

जब सपना रवि के यहां से लौट कर आई तो सबसे पहले वह शालू के कमरे में गई।

शालू को सपना के चेहरे पर चमक रही प्रसन्नता को देखकर यह अंदाजा हो गया कि उसकी मां रवि के नये लंड से चुद के वापस आई है.
इसलिए उसने पूछा- क्यों मम्मी, कैसी रही रवि के नये और जवान लंड से चुदाई?

सपना ने शालू को गले से लगा लिया और कहा- चुदाई बहुत मस्त रही शालू, बहुत दम है मेरे बेटे में! मुझे संतोष है कि लंड के मामले में तू बहुत खुश किस्मत है। रवि का लंड भी बहुत दमदार है और चुदाई भी! तू बहुत आनन्द उठाएगी. और एक बात बताऊं जिसको सुनके तेरा मन प्रसन्न हो जाएगा.

शालू ने पूछा- जल्दी बताओ न मम्मी क्या बात है?
इस पर सपना ने कहा- रवि ने मुझे विश्वास दिलाया है कि वह तेरे लिए लंड की कमी नहीं होने देगा, जब भी तेरी इच्छा होगी, तू खुलकर नए-नए लंड से चुदवा सकेगी।

शालू मन ही मन अपने प्रण को दोहराने लगी कि रवि के अलावा उसका पहला नया लंड उसके बाप सुधीर का होगा क्योंकि रवि ने उसकी मां चोद डाली है तो वह भी उसके बाप को चोद के हिसाब बराबर करेगी।

विवाह का दिन निश्चित हो चुका था।
दोनों परिवारों को अधिक मेहमान एकत्रित करने नहीं थे।

कोरोना के बाद में उनके अधिकांश रिश्तेदार निपट चुके थे।
और वे लोग जीवन का आनन्द उठाने में इतने मगन रहते थे कि उनको रिश्तेदारी से ज्यादा मतलब भी नहीं था.
इसलिए उन्होंने कोर्ट मैरिज करने का निर्णय लिया।

कोर्ट में कुछ विशिष्ट मित्रों की उपस्थिति में उनका विवाह संपन्न हुआ।
विवाह रजिस्टर में हस्ताक्षर होते ही सबने रवि और शालू को बधाई दी।

यहां पर विदाई जैसा वातावरण तो था नहीं, जिसमें मां-बाप और दुल्हन की आंखों में आंसू आयें।
शालू बहुत उल्लास से भरी हुई अपनी ससुराल रवाना हुई।

शाम को विवाह के उपलक्ष्य में कॉकटेल पार्टी का आयोजन था जिसमें कुछ गिने चुने अतिथी आमंत्रित किए गए थे।

शेखर, सपना, सुधीर और सोनिया ने बच्चों के आनन्द भरे जीवन के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए, मदिरा से भरे गिलास पर गिलास टकराकर चीयर्स किया।

कॉकटेल पार्टी में कई ब्रांड के जाम गटक के, लज़ीज़ खाना खा के सपना, शेखर और संजू, रवि, शालू, सुधीर तथा सोनिया से गले मिल कर, अपने घर की ओर रवाना हो गए।
उनके जाने के बाद रवि कोट उतार के, टाई ढीली कर के, अपने दोस्तों के साथ दारू पीने बैठ गया।

जब रात के 12:00 बज गए तो सुधीर रवि के पास गया और बोला बेटा- आज तुम्हारी सुहागरात है, दुल्हन सुहाग सेज पर तुम्हारा इंतजार कर रही है, अब उठो और कमरे में जाओ।

रवि ने दोस्तों से विदा ली और अपने कमरे में प्रवेश किया।

शालू फूलों से सजी सेज पर दुल्हन के लाल जोड़े में नहीं बल्कि एक सेक्सी पारदर्शी नाइटी में बैठी हुई थी।
रवि ने सोचा कि यह सुहागरात तो पारंपरिक सुहागरात जैसी नहीं है।

उसका ध्यान फिर शालू की तरफ गया, उसने देखा कि वह सेज पर बैठी हुई बीयर पी रही थी।

रवि ने कहा- यदि तुम घूंघट में बैठी होती तो तुम्हें मुंह दिखाई में गिफ्ट देता, अब उस गिफ्ट का क्या करूं?
तो शालू ने हंसकर जवाब दिया- कमीने, याद है न? तुमने होंठ चूमने के बहाने मेरी चूत का चुम्बन लिया था, आज भी चूत को देख कर मुंह दिखाई की रस्म पूरी कर लो।

शालू की बातों से रवि का सुरूर और बढ़ गया।
उसने वास्तव में शालू की नाइटी को ऊपर करके, पैंटी उतार के उसकी चूत के दर्शन किए और उसे एक हीरों का हार उपहार में दिया।

शलाका ने खुश होकर रवि को गले से लगा लिया और उसके होंठों पर एक प्रगाढ़ चुम्बन अंकित कर दिया।

उसके बाद शलाका ने बोला- रात के 12:30 बज रहे हैं, आज अपनी सुहागरात है, क्या यूं बातों में ही सवेरा करोगे या तुम्हारी सुहागरात के लिए चुदाई की भी कुछ विशेष प्लानिंग है?

रवि ने मुस्कुराते हुए पेंट की जेब से एक काली पट्टी निकाली और शालू की आंखों पर बांधने लगा।

शालू ने पूछा- मेरी आंखों पर ये क्यों बांध रहे हो? क्या तुम्हें अंधी औरत को चोदने की इच्छा पूरी करनी है? अभी तो मुझे तुम्हारा नंगा बदन भी देखना है।
रवि ने कहा- यह बात है तो ‘यह ले’

कहते हुए उसने अपनी शर्ट, पेंट उतार दी।
बनियान रवि ने पहना नहीं था अब वह केवल अंडरवियर में खड़ा था।

शालू ने कहा- आज मुझे जिसकी सबसे अधिक आवश्यकता है, जो मेरी प्यासी चूत में रस की बरसात करेगा, मेरा वह जादू का खिलौना भी तो दिखाओ।
रवि ने तुरंत अपनी अंडरवियर भी उतार दी।
उसका लंड अपने पूर्णाकार में आ रहा था।

शालू ने रवि के लंड को निहारा, उसके बाप भाई के सांवले लंड के मुकाबले गोरा, एक डेढ़ इंच अधिक लंबा तथा अधिक मोटा, गदराया हुआ, बड़े सुपारे सा उसका सुर्ख टोपा।
तुरंत शालू के दोनों मुंह में पानी आ गया।

उसने सोचा मम्मी सच कह रही थी, रवि का लंड बहुत सुंदर है। उसने लंड को अपने दोनों हाथों से पकड़ के स्पर्श सुख लिया फिर आगे झुक कर रवि के लंड के सुपारे पर चमक रहे प्रिकम की बूंद को चाटा और सुपारा मुंह में लेकर जुबान को गोल गोल घुमा कर रवि के लंड को तरंगित करने लगी।

रवि के मुंह से सिसकारी निकल गई.
फिर जब वह पट्टी बांधने के लिए आगे बढ़ा तो शालू ने फिर पूछा- अरे यार, इसकी ज़रूरत क्या है?

मेरे प्रिय पाठको, अब तक मेरी इस कहानी से आप लोगों ने भरपूर आनन्द उलीचा होगा।
अभी कहानी में कई रोचक घटनाएं, सनसनी का खज़ाना लिए सामने आने वाली हैं।

हॉट इंडियन सेक्स रिलेशन की कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव अवश्य भेजें।
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हॉट इंडियन सेक्स रिलेशन की कहानी का अगला भाग: उन्मुक्त वासना की मस्ती- 5

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