चाची की दो भानजियों की चुदाई की कहानी- 6
(Hot Girl Ki Porn Chut Ka Maja)
हॉट गर्ल की पोर्न चुत का मजा मैंने उसकी रंडी अम्मी के सामने चोद कर लिया. असल में उसकी अम्मी ने ही उसे मेरे लंड लेने के लिए तैयार किया था.
जीशान आप सभी का स्वागत करता है.
सेक्स कहानी के पिछले भाग
चाची की बहन ने बेटी के सामने चुदवा लिया
में अभी तक आपने पढ़ा था कि मैं अंजुमन और उसकी अम्मी परवीन को एक साथ मजा देने लगा था.
अब आगे हॉट गर्ल की पोर्न चुत का मजा:
हमारे बातें चलती रहीं और मैं परवीन आंटी की चुदाई शुरू करने वाला था.
मैंने अपना लंड आंटी की चूत पर सैट कर दिया और एक ज़ोर से धक्का दे दिया.
सिसकारियां दोनों जगह से आने लगी, आंटी की भी और अंजुमन की भी.
मैं- मैं यहां चोद रहा हूँ और आग वहां पर लगी है?
अंजुमन- तू पहले खत्म तो कर, मैं इन्तजार कर रही हूं.
अंजुमन अपनी चूत में उंगली करने लगी.
परवीन- अरे बेटी तू यहां आ जा.
अंजुमन परवीन आंटी के पास आ गई और आंटी के इशारे से चूत को उनके मुँह पर रख कर बैठने लगी.
मैं ऊपर मिशनरी पोजीशन में आंटी को चोदने लगा और आंटी अंजुमन की चूत चूमने लगीं.
बीच बीच में मैं उसको चूमने लगा और उसके मम्मों को दबाने लगा, एक दूध को चूसने लगा.
उसका मीठा दूध मुझे मस्त करने लगा.
कुछ देर बाद कुछ ऐसा होने लगा था कि जब मैं धक्का देता तो आगे बढ़ जाता और अंजुमन को चूमकर फिर से पीछे आ जाता.
ऐसे ही 20 मिनट तक खूब चुदाई हुई.
कुछ देर बाद परवीन आंटी ने एकदम से अंजुमन को अपने मुँह के ऊपर से हटा दिया और ज़ोर ज़ोर से चीखने लगीं- आआह उम्म … क्या मजा दिया है तूने जीशान.
मैं और ज़ोर जोर से धक्के मारने लगा.
मुझे पता चल गया कि आंटी का होने वाला है.
मैं तेज़ कर रहा था.
इतने में आंटी की चूत से ढेर सारा पानी निकला और इतना तेज से निकला कि मेरा लंड ही बाहर आ गया.
मैं- ये क्या था आंटी … ऐसा कभी नहीं हुआ है.
परवीन- इसे कहते है पूर्ण संतुष्टि.
मैं- वो क्या होता है?
परवीन- बहुत दिनों से चुदाई का सुख नहीं लिया था तो एकदम से माल तेजी से आ गया.
मैं- जब पहली बार किया था, तब भी ऐसा नहीं हुआ था.
परवीन- आज तूने कुछ स्पेशल से किया है.
मैं- अंजुमन के दूध का जादू … बदन में करंट सा दौड़ रहा है. लेकिन मेरा अभी भी नहीं हुआ है.
परवीन- तो तू तेरी फ़ेवरेट गांड मार ले.
अंजुमन- गांड भी?
मैं- अगर मैं चाहूं तो सब कुछ!
अंजुमन- ऐसा भी क्या जादू कर दिया है इसने अम्मी, जो इससे गांड भी मरवा रही है तू?
परवीन- अरे बेटी, जब मर्द औरत को संतुष्ट करता है ना, तो उसके लिए औरत कुछ भी करेगी. मुझे कुछ ज़्यादा सुख दिया ही नहीं तेरे पापा ने कि उसको गांड दे देती. अब ये जीशान ने इतना कुछ किया है, इसके लिए कुछ भी करूंगी. इसी की वजह से इसके लिए तुझे सैट किया है. गलत ना समझ बेटी, तुमको भी ज़िंदगी में एक बार ऐसा आनन्द लेना ही चाहिए.
मैं- मैं तो तुम्हारी भी गांड मारूंगा.
अंजुमन- इतना आसान नहीं है, मेरी इजाजत के बिना तू कुछ नहीं करेगा.
मैं- तुम अपने आप मुझे सब करने दोगी.
अंजुमन- देखती हूँ.
इतने में परवीन आंटी कुतिया की तरह मेरे आगे गांड से लंड को टच करने लगीं- जल्दी कर ले … और कितनी बकचोदी करेगा.
अंजुमन की अकड़ का गुस्सा अब मैं परवीन आंटी पर दिखाने लगा.
मैंने ज़ोर की चमाट उनके चूतड़ों पर मारने लगा और ज़ोर से उनके बाल पकड़कर खींचने लगा.
परवीन- कौन सा भूत चढ़ गया तुझे, अब तक तो ठीक था?
इतने में मैंने गांड के ऊपर थूक दिया और अपनी दो उंगलियां एकदम से आंटी की गांड के अन्दर डाल दीं.
परवीन- अरे ये क्या कर रहा है … अंजुमन, ये सब तेरी वजह से है, तूने उससे ठीक से बात नहीं की तो मुझसे बदला ले रहा है, हरामखोर.
मैं ये सब नहीं सुनते हुए ज़ोर से लंड को आंटी की गांड में पेल दिया.
एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर चला गया.
आंटी मुझसे अलग होने लगीं.
पर मैंने एक हाथ से उनके बाल पकड़े और एक हाथ से मम्मों को दबाने लगा. साथ ही लंड की रफ्तार बढ़ाने लगा.
परवीन- आह आज एकदम जानवर बन गया है तू … उसके ऊपर का गुस्सा मुझ पर क्यों दिखा रहा है कमीने?
मैं- उसको अंदाज़ हो जाएगा.
परवीन- आआआह … मार दिया रे मादरचोद. मेरी गांड को तोड़ दिया रे … जल्दी खत्म कर.
मैं और ज़ोर ज़ोर से करने लगा.
मेरा भी होने वाला ही था तो मैंने एकदम ज़ोर से लंड को बाहर निकाल दिया और परवीन आंटी को लिटाकर उनके मुँह में लंड दे दिया.
बस 2-3 धक्के मुँह के अन्दर करने से मुँह में पूरा माल निकल गया.
आंटी वाशरूम में भागने लगीं.
मैं बेड पर लेट गया.
पूरा नंगा था मैं … मेरी सांसें ज़ोर ज़ोर से चलने लगी थीं.
मैं थक गया था.
अंजुमन बेड पर आने लगी और मेरे ऊपर आ गई.
वो अपने लटकते चूचे मेरे मुँह के ऊपर लाने लगी.
मैं एक को दबा कर चूसने लगा.
उसके बूब्स एकदम नर्म थे और दूध जैसे सफेद, चूसने से मीठा दूध मुझे ताकत दे रहा था.
एक बेटी की मां बनने के बाद, अभी भी कुँवारी लौंडिया की तरह वो मेरे ऊपर चढ़ रही थी.
अंजुमन- देखते हैं साले … तेरे लंड में कितना दम है?
मैं- मैं थक गया हूँ, थोड़ा समय चाहिए.
अंजुमन- तेरे को कौन मेहनत करने बोल रहा है भोसड़ी के … तू बस मजे ले ना.
इतना कहते हुए उसने मेरे हाथ को बेड से बांध दिया.
मैं उसे सहयोग करने लगा पर पूछा- अरे ये क्या कर रही हो?
अंजुमन- मजे दे रही हूं और ले रही हूं.
मैं- कैसे मजे?
अंजुमन- तू चुप रह …. मैं जैसे कहूंगी वैसे करेगा. तब ही तू जो चाहेगा, वो मिलेगा.
इतने में परवीन आंटी वाशरूम से बाहर आईं और मुझे अंजुमन बांधते हुए देख कर पूछने लगीं- अरे अंजुमन, ये क्या कर रही है?
अंजुमन- क्या सिर्फ मर्द ही औरत को कंट्रोल करते हैं? मैं अब इसको मेरा गुलाम बनाऊंगी.
मैं- बहुत सारी ख्वाहिशें हैं तेरे में?
अंजुमन- आगे देखता जा, मेरी सारी ख्वाहिशें सामने आ जाएंगी.
मुझे बांध कर अंजुमन मेरे ऊपर चढ़ गई.
उसने अपनी चूत को मेरे मुँह के ऊपर रख दिया और मुझे चूसने को कहा.
मैं उसकी पोर्न चूत के अन्दर मेरी जीभ डालकर हिलाने लगा.
वो मस्ती में मजे ले रही थी.
अंजुमन- चूस बहन के लौड़े … तूने अपनी चाची को चोदा. मेरी अम्मी को चोदा और अब अपनी बहन जैसी लड़की यानि मुझे भी चोद रहा है. चोद बहन चोद.
परवीन- अरे ये क्या बेटी, इतनी गंदी गालियां शुरू कर दी हैं?
इन सब बातों को अंजुमन ना सुनते हुए गंदे से बात करने लगी और मैं ज़ोर ज़ोर से चूत चूसने लगा.
करीब 15 मिनट चूत को चूसने के बाद वो मेरे मुँह में झड़ने लगी.
मैं अपना मुँह इधर उधर करने लगा.
अंजुमन- तूने अपना माल तो अम्मी के मुँह में डाल दिया, मेरा नहीं लेगा … पूरा अन्दर जाना चाहिए भोसड़ी वाले!
मेरे सर के ऊपर अपनी चूत सैट करके उसने पूरा पानी अन्दर डाल दिया.
मैंने ना चाहते हुए भी उसका पूरा पानी अन्दर ले लिया.
मैं अपने समय के लिए इन्तजार कर रहा था.
इतने में अंजुमन दूसरी राउंड के लिए तैयार हो रही थी.
वो मुझे पागल की तरह चूम रही थी. वो अपने गुलाबी होंठों को मेरे होंठों से लगाकर अन्दर तक चूमने लगी और एक हाथ से मेरा लंड को मसलने लगी.
मेरा लंड उसी के हाथ में एकदम लाल और तगड़ा बन गया था.
अंजुमन- अरे वाह … लंड तैयार हो गया.
मैं- अभी तो हुआ है तेरा … साली इतने में ही फिर से शुरू?
अंजुमन- तेरे जिस्म में जितना करंट है ना … उससे कहीं ज़्यादा मेरे जिस्म में है.
परवीन- बेटी किसकी है!
अंजुमन- तू चुप रह ना अम्मी. इसको इतने मजे देने वाले हम … और तू इसकी गुलाम बन कर रहती है. साला फ्री में सब करके चला जाता है. आज इसको मैं गुलाम बनाऊंगी.
परवीन- ध्यान से बेटी, इसके साथ इतना भी आसान नहीं है.
मैं- फ्री में तुम्हें मजे भी तो देता हूँ.
अंजुमन- मजे तो हर कोई देता है.
मैं- तो अपने मर्द के पास क्यों नहीं जाती?
अंजुमन चुप रह गई.
मैं- क्योंकि वो मजे नहीं देता है. वो दिखने में हैंडसम नहीं है. यहां हम एक दूसरे को मजे दे रहे हैं … और अपने बीच मुहब्बत भी है. हम एक फैमिली हैं बात भी कहीं बाहर नहीं जाएगी.
अंजुमन- जितनी अच्छी तेरी ज़ुबान है, इच्छा करती हूं कि लंड भी उतना ही अच्छा हो.
मैं- एक बार लंड के ऊपर सवार तो करके देखो.
इतने में अंजुमन मेरे लंड को अपने हाथों से चूत के ऊपर सैट करने लगी. लंड का टॉप चूत के ऊपर थोड़ा सा लगने लगा और मैंने नीचे से ऊपर धक्का मार कर लंड का टोपा अन्दर पेल दिया.
अंजुमन- अरे आआआह … इतना जल्दी क्या है, मैं करूँगी.
धीरे धीरे लंड चूत के अन्दर जाने लगा और अंजुमन की चूत फटने लगी.
उसको मुँह के ऊपर के एक्सप्रेशन सब बयान कर रहे थे. कामुक सिसकारियां अन्दर ही दबने लगी थीं.
उससे नहीं हो पा रहा था.
अंजुमन- अरे इतना तगड़ा लंड … आह काफी बड़ा है मेरे पति से … बढ़िया लंड चुना है अम्मी.
परवीन- और क्या देखा है, एक बार उसके हाथ को तो खोल, तब पता चलेगा.
अंजुमन- आआह सही कहा अम्मी, इसको इतना आसानी से कंट्रोल किया नहीं जा सकता है. तुम ही खोल दो अम्मी.
जैसे ही परवीन आंटी मेरे बंधे हुए हाथ खोले, मैं मेरे दोनों हाथों से उसे ज़ोर से अपनी बांहों में खींच कर नीचे से उसकी पोर्न चुत की अन्दर धक्के मारने लगा. इतने तेज धक्के मारने लगा कि उसके मुँह से ज़ोर ज़ोर चीख बाहर आने लगी.
अंजुमन- अरे आआह … ये क्या कर रहा है … आआह … उफ्फ … धीरे करना मेरी जान प्लीज!
मैं और तेज़ करने लगा. इतना तेज करने लग कभी कभी लंड बाहर आ रहा था.
उसको मैंने ऐसे ही बेड पे लिटाया और मैं उसके ऊपर चढ़ गया.
अंजुमन- अरे धीरे करना प्लीज. अम्मी बोलो इसे प्लीज!
मैं- अभी तक तो इतनी अच्छी जुबान चल रही थी, अभी क्या हुआ रंडी?
अंजुमन- माफ कर दे रे भड़वे.
मैं- ले अब मेरा लंड रंडी. मैं बोला ना तू ही अपने आप सब मुझे देगी.
अंजुमन- हां दे दूँगी … सब दे दूँगी. जितना चाहिए उतना, लेकिन ये पेलना थोड़ा कम कर. मुझे प्यार से चोद ना.
मैं- प्यार-व्यार फिर कभी, अभी तुझे मेरा पावर दिखाना है.
मैं ऐसे ही जोरदार धक्के शुरू करने लगा.
उसकी सिसकारियां और तेज होने लगीं.
कभी कभी मैं उसके बूब्स को काटने लगा, दांत के लाल लाल निशान उसके बूब्स के ऊपर दिखने लगे.
अंजुमन- अम्मी, ये दांत के निशान लगा रहा है, मेरे पति को क्या बोलूंगी?
परवीन- वो लाल निशान चले जाएंगे बेटी … तू चिंता ना कर. जीशान थोड़ा धीमे कर बेटा.
मैं अंजुमन को धकापेल चोद रहा था, वो भी अच्छे से मजे लेने लगी.
बस उसकी चूत अभी भी टाइट होने के कारण उसको दर्द हो रहा था.
फिर झड़ने का समय आ गया था, वो कंपकंपाने लगी.
मैं उस समय और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.
अंजुमन- अअह मेरा तो हो गया … क्या चुदाई थी यार … मेरे जीवन में ऐसी चुदाई कभी नहीं हुई है … बाप रे अरे अब रहने से निकाल दे लंड … आह और नहीं होगा मुझसे.
मैं- मेरा अभी तक नहीं हुआ है … कौन करेगा?
अंजुमन- मुझसे नहीं होगा.
परवीन- मैंने कपड़े पहन लिए हैं … मुझसे भी नहीं होगा.
मैं- अंजुमन, अपनी नर्म गांड मार लेने दे ना प्लीज.
अंजुमन- नहीं होगा मुझसे.
मैं- अरे सिर्फ दस मिनट में हो जाएगा प्लीज.!
अंजुमन- नहीं नहीं प्लीज.
परवीन- दे दो ना बेटी.
अंजुमन ना ना कहती हुई वाशरूम में जाने लगी.
मैं भी उसी के पीछे जाने लगा.
अंजुमन- कहां पीछे पीछे आ रहा है?
मैं- मेरा अभी भी नहीं हुआ है.
अंजुमन- जा अपनी आंटी से कुछ जुगाड़ कर ले … मुझे छोड़ दे.
मैं- ऐसे कैसे छोड़ दूं … मुझे तेरी नर्म नर्म गांड चाहिए.
अंजुमन- अरे मुझे छोड़ दे … जो तूने अब तक किया है, उसी से मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा है. मुझे ठीक से नहाना होगा. तुमको चाहिए तो हाथ से कर दूँगी.
मैं- मैं भी तुम्हें साबुन लगाने में मदद करूँगा.
हम दोनों वाशरूम में आ गए, शॉवर के नीचे दोनों नंगे भीगने लगे.
मैं उसको चूमने की कोशिश करने लगा.
वो मना करने लगी.
मैं उसको साबुन लगा रहा था और वो मेरे लंड को मालिश करने लगी.
मुझे हाथ से झड़ना बिल्कुल पसंद नहीं था, मैं उसे पीछे की ओर घूम कर उसके पेट पर और नर्म नर्म चूतड़ पर साबुन लगा रहा था, साथ में लंड को गांड से टच कर रहा था.
अंजुमन- नहीं जीशान, आज नहीं फिर कभी.
मैं- मेरे साथ ये फिर कभी नहीं चलेगा.
इतना कहते हुए मैं साबुन अपने लंड पर भी लगाने लगा और लंड को गांड के अन्दर डालने की कोशिश कर रहा था.
अंजुमन ने तो गांड का छेद एकदम बंद कर लिया था.
मैं उसके चूतड़ पर ज़ोर जोर से चमाट मारने लगा, तब उसकी गांड का छेद खुल गया.
अंजुमन- अरे नहीं जीशान, आज नहीं, फिर कभी!
मैं- आज ही मजे ले लो ना.
मैंने ज़ोर से लंड को गांड के अन्दर डाल दिया. साबुन की चिकनाहट की वजह से लंड तुरंत अन्दर चला गया.
अंजुमन- अरे छोड़ मादरचोद … मर गई! मैं तेरी रंडी नहीं हूँ … आह मर गई.
मैं- एक बार मेरे लंड से लग गई ना तभी मेरी रंडी बन गई साली.
मैंने एक और झटका मार पूरा लंड अन्दर कर दिया.
उसकी गांड से तो थोड़ा खून भी निकलने लगा और उसकी आंखों से आंसू भी निकलने लगे.
मैंने एक ही दिन में इतना करना ठीक नहीं समझा. बस 5-10 धक्कों के बाद मैंने लंड बाहर निकाल दिया.
अंजुमन- थैंक्यू … लेकिन तेरा अभी नहीं हुआ ना?
मैं- तुम ही कुछ करो.
और मैं टॉयलेट सीट पर बैठ गया.
वो मुँह से लंड चूसने लगी और मुझे मज़ा देने लगी.
कुछ मिनट चूसने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
हम दोनों मिलकर नहाने लगे.
फिर हम दोनों एक दूसरे को कपड़े भी पहनाने लगे और फार्म हाउस के प्लान के बारे में बातें करने लगे.
फार्म हाउस की सेक्स कहानी लंबी है. इसमें अंजुमन आलिया चाची सलमा आंटी परवीन आंटी मैं और जीलान सब शामिल थे.
लॉकडॉउन में हम वहां फंस गए थे और दो हफ्ते वहीं ठहरे थे.
उसके बारे में एक और सीरीज लिखूंगा.
हॉट गर्ल की पोर्न चुत की कहानी पर आप अपने कमेंट्स और सजेशन ईमेल और इंस्टाग्राम पे बताइए.
[email protected]
Instagram : @bong_bangalore
What did you think of this story??
Comments