शिल्पा के साथ ट्रेन का सफ़र-5
लेखक: माइक डिसूज़ा
अभी तक आपने अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर मेरी इस कहानी पिछले चार भागों में पढ़ा कि किस तरह मुझे ट्रेन में शिल्पा ने अपनी चुदाई के कई किस्से सुनाये और बीच-बीच में मुझसे भी तरह तरह से चुदवाया।
पिछले किस्से के बाद मैं उसकी चुदाई करके उसकी बगल में लेट गया और उससे पूछा- अच्छा अब आगे बताओ !
वह बोली- फिर शम्पी और राजीव दोनों मुझे आकर रोज़ चोदने लगे। एक दिन मैं बहुत चुदासी हो रही थी तो राजीव को फ़ोन किया।
वो बोला- मेरे घर आ जाओ, यहीं चुदाई करेंगे !
मैं उसके घर पहुँची तो देखा कि घर का दरवाजा खुला हुआ है। अंदर गई तो एक कमरे से जोर जोर से आवाजें आ रही थी। मैंने सोचा कि इस साले राजीव से इतना भी कण्ट्रोल नहीं हुआ? मेरे आने से पहले ही अपनी नौकरानी को चोदने लगा।
मैंने कमरे का दरवाज़ा खोला तो देखा कि एक अधेड़ उम्र का आदमी कामवाली का काम लगा रहा है। मैं कुछ समझ पाती उससे पहले ही राजीव ने पीछे से आकर मुझे अपनी बाहों में ले लिया और बोला- यह मेरे पापा हैं और कामवाली का काम लगा रहे हैं।
मैं सन्न रह गई कि कैसा परिवार है, बाप अपने बेटे के सामने ही कामवाली को चोद रहा है।
राजीव मुझे ड्राइंग रूम में ले गया और हम सोफे पर बैठ गए। उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और सहलाने लगा। इतने में उसका बाप बाहर आ गया। उसने बनियान और धोती पहनी हुई थी जिसके नीचे शायद कच्छा नहीं था क्योंकि उसका लंड हिलता हुआ साफ़ दिख रहा था। राजीव ने मेरी जांघ से अपना हाथ नहीं हटाया। उसका बाप मेरे बगल में आकर बैठ गया। मेरे दिमाग से वो दृश्य नहीं हट रहा था जिसमें मैंने उसके बाप का लंड मैंने उस नौकरानी की चूत में अन्दर-बाहर होते देखा था।
उसके बाप ने मेरे बारे पूछा- यह कौन है?
राजीव बोला- यह वही शिल्पा है जिसके बारे में मैंने आपको बताया था।
वो बोला- अच्छा तो यह है जिसके साथ तुम एक महीने से मस्ती कर रहे हो !
उसने मेरी दूसरी जांघ पर हाथ रख कर कहा- माल तो बहुत सही फंसाया है तूने ! देखें तो चखने में कैसी है यह !
कह कर उसका बाप मेरा मुँह पकड़कर मुझे चूमने लगा। उधर राजीव ने मेरे मम्मे दबाने शुरू कर दिए। मैं सोफे पर पीछे होकर बैठ गई और दोनों बाप बेटों को मज़ा देने लगी। उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और ब्रा के हुक खोल दिए। मैंने हाथ ऊपर किये और उन्होंने मेरी शर्ट और ब्रा दोनों उतार दी। फिर दोनों मेरी एक एक चूची को चूसने लगे।
इतने में अन्दर से कामवाली बाहर निकली और बोली- मैं जा रही हूँ !
उन दोनों ने मेरी चूचियाँ चूसना जारी रखा। कामवाली मेरी तरफ देखकर मुस्कुराकर चली गई। फिर उसका बाप मेरे सामने खड़ा हो गया, उसकी धोती में से उसका लंड खड़ा होकर बाहर झांक रहा था। मैंने उसकी धोती खोल दी और उसका लंड अपने हाथ में लेकर चाटना और चूसना शुरू किया। पीछे से आकर राजीव ने मेरी स्कर्ट नीचे उतार दी और गांड पर हाथ फ़ेरने लगा।
तभी दरवाज़े की घंटी बजी। उसके बाप ने राजीव को दरवाजा देखने को बोला और मुझे कहा- तू मेरा लंड चूसना जारी रख !
तभी पीछे से एक लड़की की आवाज़ आई- क्या बात है भैया ! आज तो पापा को चोदने के लिए नया माल मिला है !
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो राजीव एक लड़की के साथ खड़ा है। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह कैसा चुदासा परिवार है किसी को कोई शर्म नहीं !
मैं खड़ी हो गई। राजीव ने पीछे से आकर मेरी पैंटी उतार दी और बोला- पापा देखो क्या मस्त चूत है इसकी !
उसके बाप ने मुझे कहा- चल भोंसड़ी वाली ! कुतिया बन जा ! अब मैं तुझे चोदूंगा।
मैं कुतिया बन गई और उसके बाप ने मुझे पीछे से चोदना शुरू कर दिया। राजीव और उसकी बहन भी यह सब देख कर गर्म होने लगे। राजीव ने अपनी बहन को चूमना शुरू किया और धीरे धीरे उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिए। दोनों भाई बहन अपने बाप के सामने नंगे होकर चूमा चाटी करने लगे। उसका बाप मुझे पीछे से कुत्ते की तरह चोदता रहा। फिर उसकी बहन भी कुतिया बन गई और अपने भाई से बोली- आ बहनचोद ! चोद मुझे !
राजीव ने पीछे से अपनी बहन की चूत में लंड घुसा दिया और चोदने लगा। इधर थोड़ी देर में उसका बाप मेरी चूत में झड़ गया। उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और घुटनों के बल अपनी बेटी के पास गया। उसने अपने बाप का लंड चाट कर साफ़ कर दिया। फिर उसका बाप सोफे पर बैठ गया। मैं उसकी गोद में जाकर बैठ गई। वो पीछे से मेरे मम्मे दबाने लगा और मैं उसके लंड से खेलने लगी और दोनों भाई बहन की चुदाई का मज़ा लेने लगे।
थोड़ी देर में राजीव अपनी बहन की चूत में झड़ गया। इतनी देर में उसके बाप का लंड फिर खड़ा हो गया और वो उठकर अपनी बेटी के पास चला गया।
उसकी बेटी बोली- बेटीचोद ! तू भी आ ! अपनी बेटी को चोद ! उसकी चूत की प्यास बुझा !
उसके बाप ने कहा- रंडी साली ! अपने भाई से चुदवा कर तेरी चूत की प्यास नहीं बुझी? अब अपने बाप से भी चुदवाना चाहती है?
यह कहकर उसने अपना लंड अपनी बेटी की चूत में घुसा दिया और उसे जोर जोर से मजे ले ले कर चोदने लगा। राजीव मेरे पास आकर बैठ गया। मैंने उससे पूछा- अगर तुम्हारी माँ को यह सब पता चल जाये तो उस पर क्या गुजरेगी।
वो हंसने लगा, बोला- मेरी माँ भी मुझसे कई बार चुदवा चुकी है और वो भी कम चुदासी नहीं है ! अभी ऊपर वाले कमरे में अपने ड्राईवर से चुदवा रही है।
तभी मैंने देखा कि उसकी माँ गाउन पहनकर अपने ड्राईवर के साथ नीचे उतर रही है। वो बोली- तुम लोगों ने मुझे बुलाया क्यों नहीं? हम लोग भी यहीं आ जाते।
फिर उसकी माँ ने सोफे के पास आकर अपना गाउन उतार दिया जिसके अन्दर उन्होंने कुछ नहीं पहना था। वो नंगी होकर अपने बेटे के सामने घुटनों के बल बैठ गई। फिर अपने बेटे का लंड हाथ में लेकर चाटने और चूसने लगी। उधर ड्राईवर ने भी अपने कपड़े उतार दिए और नंगा होकर मेरे सामने खड़ा हो गया। उसका लंड बहुत लम्बा और मोटा था। मैं समझ गई कि इसीलिए उसकी माँ उससे चुदवाती थी।
मैंने उसका लंड चाटना और चूसना शुरू कर दिया। पूरे कमरे में चुदाई का माहौल था। बाप अपनी बेटी को चोद रहा था। माँ अपने बेटे का लंड चूस रही थी और मैं उनके ड्राईवर का लंड चूस रही थी। यह सब देखकर मैं बहुत उत्तेजित हो चुकी थी। थोड़ी देर में बाप अपनी बेटी की चूत में झड़ गया। बेटी ने फिर से अपने बाप का लंड चाट कर साफ़ किया। फिर वो फर्श पर लेट गई और टांगों को मोड़ कर फैला दिया और अपने ड्राईवर को इशारे से बुलाया। ड्राईवर ने मेरे मुँह से अपना लंड निकाल लिया और अपनी छोटी मालकिन की चूत में अपना लंड घुसा दिया।
मैंने सोचा- यह तो साली मुझसे भी बड़ी चुदासी निकली। अपने भाई और बाप से चुदवाकर अब अपने ड्राईवर से चुदवा रही थी।
उसका ड्राईवर भी मज़े ले लेकर अपनी छोटी मालकिन को जोर जोर से धक्के मारकर चोदने लगा। इधर राजीव नीचे लेट गया और उसकी माँ उसके ऊपर चढ़ गई और उसने अपने बेटे का लंड अपनी चूत में घुसा लिया और धक्के मारने लगी। उसके मम्मों को उसका बेटा दबा दबा कर उसे और मजे दे रहा था।
अगले राउंड में मैं ड्राईवर से चुदी। इस तरह बारी बारी से तीनों मर्द हम औरतों को कई घंटों तक चोदते रहे। इस तरह शिल्पा ने अपनी चुदाई का किस्सा ख़त्म किया। थोड़ी देर में एक स्टेशन आने लगा तो हमने अपने कपड़े पहन लिए।
वो बोली- मैं बाथरूम जाकर अपनी सफाई करके और कपड़े बदलकर आती हूँ।
स्टेशन आया तो टीटी दो 40-45 साल के दो आदमियों को लेकर केबिन में आया और बोला- अगर आपको कोई परशानी न हो तो थोड़ी देर मैं इनको यहाँ बिठा दूँ? सीट मिलते ही मैं इनको ले जाऊँगा। इतने में शिल्पा गाउन पहन कर आ गई। उसने उसके नीचे ब्रा नहीं पहनी थी। उसकी चूचियाँ उसमें से बाहर चमक रही थी। वो दोनों उसको घूरने लगे।
मैंने शिल्पा से कहा- ये लोग अभी थोड़ी देर में सीट मिलने के बाद चले जायेंगे।
वो मेरे बगल में आकर बैठ गई। मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था तो मैं एक कम्बल ऊपर से डालकर उसे छेड़ने लगा। मैंने केबिन की लाइट बंद कर दी। अब वहां सिर्फ हलकी सी नाईट बल्ब की रौशनी थी लेकिन उसमें भी बहुत कुछ चमक रहा था। मैंने कम्बल के नीचे ही उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिए। हालांकि सामने से साफ़ पता चल रहा था कि मैं क्या कर रहा हूँ। वे दोनों भी उस नजारे का मज़ा लेने लगे।
फिर मैंने शिल्पा को सीट पर लिटा दिया और कम्बल ऊपर ले लिया। कम्बल के नीचे ही मैं उसका गाउन ऊपर उठाने लगा। इस प्रयास में कम्बल बीच बीच में ऊपर उठ जाता और उनको शिल्पा की टांगों के दर्शन हो जाते।
वो दोनों अपने अपने लंड को पैंट के बाहर से ही सहलाने लगे। फिर मैंने शिल्पा का गाउन उसके मम्मों के ऊपर तक उठा दिया। इस बार फिर उन्होंने एक पल के लिए उसके पूरे नंगे बदन के दर्शन कर लिए। मैंने अपना पजामा खोलकर अपना लंड निकाल लिया। उसकी टाँगे मोड़कर फैला दी और उसके ऊपर चढ़ गया और चोदने लगा। चुदाई का सीन देखकर उन दोनों से रहा न गया और अपना लंड निकालकर हमारे पास आ गए।
पहले ने अपना लंड शिल्पा के मुँह में घुसा दिया और उसका मुँह चोदने लगा, दूसरे ने हमारे ऊपर से कम्बल हटा दिया और नीचे बैठकर शिल्पा के मम्मे दबाने लगा। थोड़ी देर में मैं झड़ गया और
शिल्पा के ऊपर से हट गया। फिर उन दोनों ने एक एक करके शिल्पा को चोदा। तभी मैंने देखा कि टी टी भी पीछे खड़ा है और उसने भी अपना लंड निकाल लिया है। फिर वो भी शिल्पा के ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगा।
तभी उन दोनों का स्टेशन आ गया और वो उतर गए। टी टी भी झड़ गया था। उसका लंड शिल्पा ने चाटकर साफ किया।
वो जाते हुए बोला- मैं फिर आऊंगा।
शिल्पा बोली- साथ में कोई और भी हो तो उसे भी ले आना ! मेरी चूत तुम्हारा इंतज़ार करेगी।
आपको यह कहानी कैसी लगी मुझे बताएँ, इमेल करें !
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