मेरी डार्लिंग सिस्टर-11

डॉली 2013-09-01 Comments

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मम्मी की चूत अपने ही रस से एकदम गीली थी और चूत की भग्न जो मूंगफ़ली की गिरी जैसी लाल दिख रही थीं, मैंने अपनी जीभ को उस क्लिट के ऊपर हल्के से फेरा तो मम्मी का पूरा बदन कंपकंपा गया।

उनकी जाँघें काँपने लगी और वो सिसकारते हुए बोली- ओह बेटे, क्या कर रहे हो? आआआः हह बेटे बहुत अच्छा कर रहे हो.. ओह सही जा रहे हो… ऐसे ही अपनी जीभ मेरी चूत पर फिराते रहो और चूसो मेरी चूत को…

मैंने चूत के होंठों को अपने होंठों से मिला दिया और चूत की क्लिट को अपने होंठों में दबा कर थोड़ी देर तक चूसा, फिर उनके पनियाई हुई चूत के छेद में अपनी जीभ को नुकीला करके पेल दिया और तेज़ी के साथ अपनी जीभ को नचाने लगा।

चूत में जीभ के नचाने पर मम्मी के कूल्हे हवा में उछलने लगे और वो सिसकारते हुई बोलीं- ओह बेटा, माय डार्लिंग, ऐसे ही, डियर ऐसे ही, मेरी चूत में अपने जीभ को घुमाओ, यह मुझे बहुत मजा दे रहा है… चाट मेरे मादरचोद मेरी चूत के राजा, ओह सस्सस्स मेरे लाल, तुम बहुत अच्छी चटाई कर रहे हो।

मैं अपने हाथ को उनके चूतड़ों के नीचे ले गया और अपने हाथों से उनके चूतड़ों को सहलाते हुए उनकी गांड के छेद को अपनी एक अंगुली से छेड़ने लगा। मैं अपनी जीभ को कड़ा करके उनकी चूत में तेज़ी के साथ पेल रहा था और जीभ को बुर के अंदर पूरा ले जाकर उसे घुमा रहा था।

मम्मी भी अपने चूतड़ों को तेज़ी के साथ नचाते हुए अपनी गांड को मेरे जीभ पर धकेल रही थीं और मैं उनकी बुर को जीभ से चोद रहा था। मम्मी अब उत्तेजना की सीमा को पार कर चुकी थीं और वो बहुत तेज सिसकारियाँ ले रही थीं- सीईई एयाया ओह बहनचोद बेटे, तुम मुझे पागल बना रहे हो… ओह डार्लिंग हाय ऐसे… हाय ऐसे ही चूसो मेरी चूत को… मेरी बुर की पुत्तियों को अपने मुँह में भर कर ऐसे ही चाटो राजा… बहुत अच्छा कर रहे हो तुम… इसी प्रकार से मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा दे.. मादरचोद पेल बहन के लौड़े मेरे भोसड़े में अपने जीभ को पेल, और अपने मुँह से चोद अपनी मम्मी को।

मम्मी की उत्साहवर्धक सिसकारियों ने मेरी जीभ पेलने की स्पीड को काफ़ी तेज कर दिया। मैं चूत के रस को पीते हुए अपनी जीभ को घुमा रहा था। चूत के नमकीन पानी और उनका कसैला स्वाद मुझे पागल बना रहा था और हाँफते हुए एक कुत्ते की तरह उस कसैले शहद की सुरंग को चाट रहा था।

‘सस्स्सीईई, इसस्स्स, बहुत अच्छे बेटे, बहुत खूब ऐसे ही, ओह सीए… ओह तुझको मादरचोद बना दूँगी आज, हाय मेरे राजा, अब मेरी चूत को चाटना बंद कर दो साले, चाटते ही रहोगे या फिर अपना लौड़ा भी अपनी मम्मी को दिखाओगे, हरामी, हाय अपनी बहन को चोदने वाले दुष्ट पापी लौंडे अब अपनी मम्मी को चोद दे, चूत के होंठों को फैला और उनमें अपना मादरचोद लंड जल्दी से पेल।’

पर मैंने मम्मी की इस बात को अनसुना कर दिया और चूत चाटता रहा, शायद इस से मम्मी को गुस्सा आ गया और उन्होंने अपने हाथों से मेरे सिर को धकेलते हुए हटा दिया और मुझे लगभग बिस्तर पर पटकते हुए मेरे ऊपर चढ़ गईं फिर मेरे पाजामा के नाड़े को तेज़ी के साथ खोल दिया और खींचते हुए बाहर निकाल दिया।

मैं अब पूरा नंगा हो गया था। मेरा लंड सीधा खड़ा हो कर छत की ओर देख रहा था। मेरे खड़े लंड को अपने हाथों में पकड़ कर उनके ऊपर की चमड़ी को हटा कर मेरे लाल लाल सुपाड़े को देखने लगीं।

मम्मी बोलीं- ओह, कितना बड़ा और मोटा हथियार है तुम्हारा, यस ये बहुत शानदार और ताकतवर लग रहा है, तभी तुम्हारी बहन इस पर मर मिटी। ओह कितना खूबसूरत सुपारा है तेरे लौड़े का, लाल टमाटर की तरह लग रहा है। सच बताओ बेटे क्या तुम्हारी बहन इसे मुँह में लेती है? और चूसती है? क्योंकि मैं तुम्हारे लंड को चूसने जा रही हूँ।

कहते हुए मम्मी ने मेरे सुपारे को अपने मुँह में कस लिया बहुत ज़ोर से चूसने लगी, मुझे लग रहा था जैसे कोई मेरे लंड में से कुछ खींचने की कोशिश कर रहा है। मैंने मम्मी के बालों को पकड़ लिया और उनके सिर को दबाते हुए अपना लंड उनके मुँह में ठेलने की कोशिश करने लगा।

मेरा लंड उनके गले तक जा पहुँचा था। मम्मी को शायद साँस लेने में तकलीफ़ हो रही थीं मगर फिर उन्होंने अपने मुँह को मेरे लंड पर एडजस्ट कर लिया और खूब ज़ोर-ज़ोर से मेरे आधे से अधिक लंड को अपने मुँह में भर कर मेरे अंडकोष की गोलियों के साथ खेलते हुए चूसने लगीं।

मेरे साँसें फूल गई थीं और टूटे फूटे शब्दों मैं सिसकते हुए मैं बोला- ओह मम्मी बहुत अच्छा, ओह तुम बहन से भी अच्छा चूस रही हो, मजा आ गया मम्मी! ये तो बहुत ही मजेदार है। लगता है तुमने डैडी का लंड चूस-चूस कर काफ़ी तजुर्बा प्राप्त कर लिया है। ओह मम्मी, इसी तरह से चूसो अपने बेटे का लण्ड!

मेरा लंड को अपने मुँह से बाहर निकल मम्मी ने फिर मेरे अंडकोषों को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। वो ऐसा कर रही थीं जैसे कोई आम की गुठलियों को चूसता है।

मुझ से अब रहा नहीं जा रहा था, मैंने सिसकारते हुए कहा- साली राण्ड मम्मी, इसी तरह चूसो, मेरा पानी निकल जाएगा, ओह ऐसे ही चूसो साली।

मम्मी की गर्मी भी बहुत बढ़ गई थी और उनको लगा कि मैं पानी निकाल दूँगा तो उनने जल्दी से अपना मुँह मेरे लंड पर से हटा दिया और मेरे लौड़े के सुपारे को अपनी उंगली और अंगूठे के बीच पकड़ कर, कस कर दबा दिया। इससे मुझे कुछ राहत महसूस हुई।

तभी मम्मी अपने दोनों पैरों को मेरे कमर के दोनों तरफ करके मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी झांटदार चूत के होंठों पर रगड़ते हुए बोलीं- अब मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा और मेरी चूत तुम्हारे इस मस्त लौड़े को जल्दी से अपने अंदर लेना चाहती है… तुम तैयार हो जाओ, मैं तुम्हारे लंड के ऊपर बैठने जा रही हूँ और इसे अपनी चूत के अंदर लेकर इसका सारा रस निकालने वाली हूँ।

मम्मी ने मेरे लंड को अपनी बुर के छेद के ऊपर लगा कर अपनी कमर को एक जोरदार झटका दिया। मेरे लंड का लगभग आधे से अधिक भाग एक झटके के साथ उनकी चूत के अंदर समा गया।

मम्मी की चूत अभी भी कसी हुई और उनकी चूत की दीवारों ने मेरे लंड की चमड़ी को उलट दिया था। मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत की दीवारों में रगड़ पैदा कर रहा था।

तेज़ी के साथ लंड के घुसने के कारण मम्मी के मुँह से दर्द भरी सिसकारी निकल गई मगर उन्होंने इसकी परवाह किए बिना एक और झटका तेज़ी से मारा और मेरा पूरा लंड अपनी चूत के अंदर घुसा लिया।

मेरे ऊपर लेट कर अपनी मस्तानी चूचियों को मेरी छाती से रगड़ते हुई वो बोलीं- बहुत मस्त लंड हैं तुम्हारा, यह मेरी चूत में अच्छी तरह से फिट होकर बहुत मजा दे रहा है। डियर, बताओ ना कैसा लग रहा है अपनी मम्मी की चूत में अपना लौड़ा धँसा कर। क्या तुम्हें अच्छा लग रहा है?

‘ओह मम्मी, बहुत अच्छा लग रहा है, तुमने मेरे लंड को अपनी चूत में बहुत अच्छे तरीके से ले लिया है। मम्मी तुम्हारी चूत बहुत मजा दे रही है और इसने मेरे लंड को अपने अंदर कस लिया है।’

मम्मी अब अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर धक्का लगा रही थीं, उनकी चूचियाँ हर धक्के के साथ मेरी छाती से रगड़ खा रही थीं। दूसरी तरफ मेरा लौड़ा उनकी चूत की दीवारों को कुचलते हुए उनकी तलहटी तक पहुँच जाता था। मम्मी अपनी कमर को नचाते हुए पूरा ऊपर तक खींच कर लंड को सुपारे तक बाहर निकाल देती थीं और फिर एक जोरदार धक्के के साथ अपनी चूत के अंदर ले लेती थीं।

मैं अपने हाथों को उनके मोटे-मोटे गोलाकार चूतड़ों पर ले गया और उन्हें मसलते हुए उनके चूतड़ को चौड़ा कर उनकी गांड के छेद में अपनी उंगली को घुसेड़ दिया।

मेरी यह हरकत शायद मम्मी को बहुत पसंद आई और उन्होंने अपनी कमर और तेज़ी के साथ चलानी शुरू कर दी। मेरा लंड अब ‘गपागप फॅक फॅक’ की आवाज़ करते हुए, उनकी सैकड़ों बार की चुदी चूत में घुस रहा।

‘फ़चाफॅच’ का मादक संगीत सोनिया को चोदने पर नहीं निकलता था। हम दोनों अब पूरी तरह से मदहोश होकर मज़े की दुनिया में उतर चुके थे।

कहानी जारी रहेगी।
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